दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, महिला हो या पुरुष, अपने शारीरिक सौन्दर्य को लेकर क्या क्या नहीं करते, हर कोई इस मामले में सक्रिय रहता है। और जब बात सिर के बालों की हो तो समझिये कि इनके प्रति अत्याधिक सक्रिय होना स्वाभाविक है क्योंकि सिर के बाल, सौन्दर्य की पहली निशानी या मापदंड माने जाते हैं। अब जरा उन लोगों के बारे में सोचिये जिनके सिर के बाल उड़ चुके हैं। उनको गंजेपन का अहसास कितना कचोटता होगा। वैसे भी प्रत्येक मौसम में उनको अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि प्रकृति ने शरीर पर बाल हर मौसम से रक्षा करने के लिये दिये हैं। अब प्रश्न उठता है कि ऐसे लोग क्या करें जो अपने सिर के बालों को खो चुके हैं? यूं तो विकल्प के तौर पर सिर पर लगाने के लिये “विग” मिल जाते हैं लेकिन उनका साफ़ पता चलता है कि इसने सिर पर विग लगा रखा है। फिर इसका और क्या विकल्प है कि बाल प्राकृतिक दिखाई दें। जी हां, इसका विकल्प है हेयर ट्रांसप्लांट यानी बाल प्रत्यारोपण। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको हेयर ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि हेयर ट्रांसप्लांटेशन कैसे किया जाता है। तो सबसे पहले जानते हैं कि गंजापन क्या है और हेयर ट्रांसप्लांट क्या है। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
गंजापन क्या है? – What is Baldness?
दोस्तो, हमें जो बाल दिखाई देते हैं उसके ऊपरी यानी बाहर वाले भाग को क्यूटिकल (Cuticle), नीचे वाले भाग को वल्कुट (Cortex) और वल्कुट के नीचे बीच के हिस्से को मध्यांश (medulla) कहा जाता है। त्वचा के भीतर बाल के हिस्से को जड़ (Root) कहा जाता है और जड़ जिस गड्ढे में रहती है उसे पुटक (Follicle) कहा जाता है इससे बाल निकलते हैं। एक पुटक में दो से तीन बाल निकल सकते हैं। जब हम बाल काढ़ते हैं तो कंघे पर 25-30 बाल दिखाई देते हैं, इनकी संख्या प्रतिदिन 50 से 100 के बीच भी हो सकती है। यहां तक की स्थिति सामान्य है लेकिन जब बालों के टूटने की संख्या इससे ज्यादा बढ़ने लगे तो इस स्थिति को “गंजापन” कहा जाता है। यह गंजेपन की स्थिति सामान्यतः 30 वर्ष की आयु के बाद आती है। पुरुषों में गंजेपन को पुरुषों में गंजेपन की समस्या को मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male Pattern Baldness) और महिलाओं में गंजेपन को फीमेल पैटर्न बाल्डनेस (Female Pattern Baldness) कहा जाता है। महिलाओं में पूरे सिर के पूरे बाल कम तो हो सकते हैं लेकिन हेयरलाइन पीछे नहीं हटती। इसी वजह से उनको कभी पूरी तरह गंजेपन की समस्या नहीं होती। जहां तक इसके कारण की बात है तो गंजेपन के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे दवाइयों के साइड इफेक्ट्स, मानसिक तनाव, भोजन में प्रोटीन, जिंक, बायोटीन आदि की कमी, विटामिन-ए की अधिकता, गर्भावस्था में और डिलीवरी के बाद हार्मोन्स् में परिवर्तन, महिलाओं को मासिक धर्म के समय अधिक रक्तश्राव होना, सेक्स हार्मोन्स् में असंतुलन, खोपड़ी में फंगल इंफेक्शन, रेडियोथेरेपी या केमोथ्रेपी आदि। बालों के विषय में विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “बालों को झड़ने से रोकने के उपाय” पढ़ें। पूरी दुनियां में हर 13वां व्यक्ति गंजेपन की समस्या से ग्रस्त है और इस समस्या का उपाय है हेयर ट्रांसप्लांट। अब जानते हैं इसके बारे में कि हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?
हेयर ट्रांसप्लांट क्या है? – What is Hair Transplant?
हेयर ट्रांसप्लांट सौन्दर्यकरण के लिये की गयी एक सर्जरी प्रक्रिया है जिसमें सिर के गंजे भाग पर बालों को प्रत्यारोपित किया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया को त्वचा विशेषज्ञ सर्जन (Dermatological surgeon) लोकल एनेस्थेसिया देकर अपने क्लीनिक में अंजाम देते हैं। इसमें प्रत्यारोपण करने के लिये अधिकतर सिर के पिछले और साइड वाले हिस्से से बाल निकाले जाते हैं क्योंकि सिर के पिछले और साइड वाले हिस्से से बाल नहीं झड़ते। यदि जरूरत समझी जाये तो दाढ़ी और छाती से भी बाल निकाले जाते हैं। हेयर ट्रांसप्लांटेशन प्रक्रिया दो प्रकार से की जाती है – एक स्लिट ग्राफ्ट्स जिसमें प्रति ग्राफ्ट 4 से 10 बाल होते हैं और दूसरी माइक्रोग्राफ्ट्स, इसमें प्रति ग्राफ्ट एक या दो बाल होते हैं। ग्राफ्ट्स बालों की जड़ों के जीवित ऊतकों को कहते हैं जिनको ट्रांसप्लांट किया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांटेशन की कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाये यह इस बात पर निर्भर करता है कि इच्छुक व्यक्ति को कितने घने बाल चाहियें। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लगभग दो हफ्ते बाद बाल उगने शुरू होते हैं और 6 से 9 महीने बाद लगभग 60 प्रतिशत बालों का विकास दिखाई देने लगता है। एक ट्रांसप्लांट सेशन में चार घंटे से अधिक समय लगता है। इसके कई सेशन हो सकते हैं लगभग 3 या चार, यह निर्भर करता है इच्छुक व्यक्ति की इच्छा पर कि वह किस तरह के बाल चाहता है। प्रत्येक सेशन में कई महीनों का अंतर रखा जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जो बाल उगते हैं यद्यपि वे प्राकृतिक नहीं होते केवल नकल होती है लेकिन देखने में प्राकृतिक ही लगते हैं।
बालों को निकालने की तकनीक – Hair Removal Techniques
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिये सिर के पिछले और साइड वाले भाग से निकाले जाते हैं, तो बाल निकालने के लिये निम्नलिखित दो प्रकार की तकनीक का उपयोग किया जाता है। दोनों ही तकनीक में लोकल एनेस्थेसिया दिया जाता है जिससे सिर सुन्न हो जाये फिर सिर के पीछे वाले और साइड वाले भाग से स्वस्थ बालों के फॉलिकल्स निकाले जाते हैं –
1. फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT) – इस तकनीक को स्ट्रिप प्रक्रिया भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सिर के पीछे से बालों की 1.6 से 1.7 सेंटीमीटर चौड़ी पट्टी (स्ट्रिप) निकाली जाती है। इस स्ट्रिप में लगभग दो, ढाई हज़ार फॉलिकल्स होते हैं और एक फॉलिकल में दो से तीन बाल होते हैं। स्ट्रिप लेने के बाद, वहां टांके लगा दिये जाते हैं लेकिन हमेशा के लिये निशान रह जाता है जो की बाद बालों से ढंक जाता है। इस प्रक्रिया में दर्द फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन की प्रक्रिया से ज्यादा होता है।
2. फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE) – इस तकनीक में किसी प्रकार की कोई स्ट्रिप काटने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि मोटोराइज्ड पंच (Motorized Punch) तकनीक से एक-एक हेयर फॉलिकल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में ना कोई कट लगता है और ना कोई टांका इसीलिये व्यक्ति को कोई दर्द भी नहीं होता। एक हफ्ते में वह स्थान सामान्य हो जाता है जहां से हेयर फॉलिकल्स निकाले जाते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट कैसे करते हैं? – How to do a Hair Transplant?
1. दोस्तो, हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया शुरु करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ सर्जन इच्छुक व्यक्ति के बालों की हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेते हैं और यह भी अध्ययन करते हैं कि गंजेपन की वजह क्या है। फिर गंजेपन के एरिया को और जहां से बाल निकालने हैं उस एरिया को भी साफ़ करते हैं। फिर हेयर ट्रांसप्लांटेशन की शुरूआत की जाती है।
2. यह हम ऊपर बता ही चुके हैं कि हेयर ट्रांसप्लांटेशन के लिये लोकल एनेस्थेसिया देकर सिर के पीछे और साइड से हेयर फॉलिकल निकाले जाते हैं। FUT तकनीक से निकाली गई स्ट्रिप को मैग्नीफाइंग लेंस लेकर सर्जिकल नाइफ से छोटे-छोटे हिस्से करके गंजेपन के एरिया में इंप्लांट कर दिये जाते हैं। इंप्लांट करने के बाद पट्टियां कर दी जाती हैं जिनको अगले दिन खोल दिया जाता है।
3. FUE तकनीक से निकाले गये हेयर फॉलिकल्स को इंप्लांट करने के लिये सुईं की मदद ली जाती है। सर्जन सुईं से सिर के उस भाग में छेद कर देते हैं फिर एक-एक हेयर फॉलिकल को छेद में इंप्लांट करते हैं। इस प्रक्रिया में एक सेशन में हजारों फॉलिकल ट्रांसप्लांट कर दिये जाते हैं। कुछ दिनों के लिये पट्टी कर दी जाती है। एक सिटिंग में लगभग 2000 से 3000 फॉलिकल्स लगा जा सकते हैं और इसमें 6 से 8 घंटे लग जाते हैं और तीन या चार सेशन की जरूरत पड़ती है।
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हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद देखभाल – Care After Hair Transplant
हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद सिर की त्वचा के खराब होने की संभावना रहती है इसलिये कुछ दवाओं की जरूरत पड़ती दी जा सकती हैं। अतः निम्नलिखित समस्याओं से राहत पाने के लिये दवाऐं दी जाती हैं –
1. दर्द से राहत पाने के लिये दर्द निवारक दवा।
2. संक्रमण को रोकने के लिये एंटीबायोटिक्स।
3. सूजन रोकने के लिये, सूजन-रोधी एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा।
4. ट्रांसप्लांटेशन के बाद सिर को धूप से बचाना होता है।
5. सिर की साफ-सफाई डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
हेयर ट्रांसप्लांट किसे नहीं करवाना चाहिये? – Who Should not get a Hair Transplant?
निम्नलिखित परिस्थितियों में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से बचना चाहिये –
1. वे व्यक्ति जो लंबे समय तक दवाओं के कारण या कीमोथेरेपी प्रक्रिया के कारण अपने बाल खो चुके हैं।
2. जिन व्यक्तियों के सिर के पीछे या साइड में या सीने पर भी बाल नहीं हैं।
4. चोट या सर्जरी के बाद घने रेशेदार केलोइड निशान सिर पर हों।
5. जिन महिलाओं में बालों के झड़ने का पैटर्न हो। यह पूरे सिर में फैल जाता है।
6. डायबिटीज़ या उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को हेयर ट्रांसप्लांट से बचना चाहिये क्योंकि इनको एनेस्थीसिया देना खतरनाक हो सकता है।
7. चयापचय विकार (Metabolic disorder) वाले व्यक्ति क्योंकि हेयर ग्राफ्टिंग के दौरान आने वाली कई चुनौतियां खतरनाक हो सकती हैं।
8. एलर्जी की दवा लेने वाले व्यक्ति भी हेयर ट्रांसप्लांट से बचें क्योंकि हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जो दवाऐं दी जा जाती हैं वे एलर्जी वाले व्यक्ति के लिये खतरनाक हो सकती हैं।
9. ऐसे व्यक्ति जो हृदय रोग से पीड़ित हों या जिनको हृदय में पेसमेकर लगा है या अन्य कोई आर्टिफिशियल उपकरण लगा हो, हेयर ग्राफ्टिंग प्रक्रिया के दौरान यह जानलेवा हो सकती है।
हेयर ट्रांसप्लांट कराने का खर्च – Hair Transplant Cost
दोस्तो, यद्यपि हमारे देश भारत में हेयर ट्रांसप्लांट कराने का खर्च तीस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक आता है। लेकिन इसकी वास्तविक लागत निम्नलिखित बातों पर निर्भर करती है –
1. जिस क्लीनिक से आप हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं वहां की रेपुटेशन कैसी है, वहां क्या-क्या सुविधाऐं उपलब्ध हैंऔर वहां के त्वचा विशेषज्ञ सर्जन की रेपुटेशन कैसी है।
2. आप कितने घने बाल चाहते हैं।
3. आप किस तकनीक से हेयर ट्रांसप्लांट चाहते हैं। FUT तकनीक में प्रति ग्राफ्ट 20 से 40 रुपये का खर्च आता है जबकि FUE में प्रति ग्राफ्ट 40 से 70 रुपये।
4. गंजेपन का एरिया कितना है जिसमें ट्रांसप्लांट होना है।
5. डीएचआई आधुनिकतम तकनीक है जिसमें कोई दर्द नहीं होता। इसमें माइक्रो सर्जिकल टूल्स का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक के द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट कराने पर दो से तीन लाख रुपये का खर्च आता है।
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हेयर ट्रांसप्लांट कराने के फायदे – Benefits of Hair Transplant
1. सबसे बड़ा फायदा तो यही है की सिर की सुन्दरता बढ़ जाती है।
2. आपका लुक निखर जाता है। आप अपने अन्दर से ही संतुष्टी महसूस करते हैं।
3. आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। यद्यपि गंजापन कोई बीमारी नहीं है, यह एक विकार है, कोई शर्मनाक स्थिति नहीं है फिर भी मन में एक कसक बनी रहती है कि मैं गंजापन हूं। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद ये सब खत्म हो जाता है और आप अपने अन्दर दृढ़ आत्मविश्वास का अनुभव करते हैं।
5. आप लोगों के मजाक और बेहूदे चुटकुलों से बच जाते हैं।
6. आप अपनी वास्त्विक आयु से कम दिखते हैं, सुन्दर दिखते हैं।
7. आप बालों का मनचाहा स्टाइल बना सकते हैं, इनको कलर कर सकते हैं। ये प्राकृतिक ना होकर भी प्राकृतिक लगते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान – Side Effects of Hair Transplant
हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते हैं और जो भी होते हैं वे अस्थाई होते हैं। कुछ दिनों/हफ्तों बाद ये खत्म भी हो जाते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स/जटिलताऐं प्रकट हो सकते हैं –
1. खोपड़ी पर सूजन
2. रक्तश्राव
3. संक्रमण
4. आंखों के आसपास नील पड़ जाना।
5. सिर की त्वचा में संवेदना (Sensation) की कमी।
6. सिर की त्वचा में खुजली।
7. बाल निकाले और लगाये जाने वाले स्थान पर एक परत का बन जाना।
8. फॉलिकल्स में सूजन या संक्रमण
9. बालों का अचानक से झड़ना। इसे “शॉक लोस” कहा जाता है।
10. बालों में विचित्र से गुच्छे बन जाना।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको हेयर ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गंजापन क्या है, हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?, बालों को निकालने की तकनीक, हेयर ट्रांसप्लांट कैसे करते हैं, हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद देखभाल, हेयर ट्रांसप्लांट किसे नहीं करवाना चाहिये, हेयर ट्रांसप्लांट कराने का खर्च, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के फायदे और हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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