स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, कुछ सब्जियां एक जैसी दिखाई देती हैं जैसे कि लंबी पतली सी लौकी और हरे रंग के लंबे बैंगन मगर ध्यान से देखने पर इनमें फ़र्क नजर आता है। ठीक इसी प्रकार परवल और कुंदरु एक जैसे नजर आते हैं और इनमें फ़र्क करना मुश्किल पड़ जाता है। इन दोनों के पोषक मूल्यों में अंतर होता है। स्वास्थ के लिए परवल को कुंदरु से कहीं बेहतरीन माना जाता है। परवल को कब्ज के उपचार में अचूक उपाय माना जाता है तथा यह ब्लड प्यूरिफायर के तौर पर काम करते हुऐ रक्त को साफ़ करता है। औषधीय गुणों से सम्पन्न तथा प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और कई खनिजों से भरपूर परवल स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक होता है। आखिर परवल में ऐसा क्या है जो स्वास्थ के लिए इतना लाभदायक है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “परवल खाने के फायदे “।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको परवल के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि परवल क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
परवल क्या है? – What is a Parwal
परवल एक सब्जी है जो हरी सब्जी की श्रेणी में आती है। इसे भारत में लगभग सभी राज्यों के लोग खाना पसंद करते हैं। प्रोटीन, विटामिनों तथा कई खनिजों से सम्पन्न यह सब्जी स्वास्थ के लिये अत्यंत लाभदायक होती है। परवल औषधीय गुणों से भी समृद्ध होता है। जहां तक परवल के पौधे की बात है तो यह मध्यम गर्म तापमान वाला पौधा है जिस पर बरसात के मौसम में फल (परवल) लगते हैं।
परवल का पौधा बेल के रूप में बढ़ता है। परवल के पौधे की पत्तियां जमीन को नहीं छूनी चाहिएं अन्यथा फंगस, कवक आदि रोग पौधे में पनप सकते हैं जिससे सारी फसल खराब हो जाऐगी। इसीलिए परवल के पौधों को सहारा देने के लिए तथा ठीक से बढ़ने के लिए रस्सी, क्रीपर नेट, ट्रेली या बांस उपयोग किया जाता है। परवल के पौधे की लंबाई 5-6 मीटर होती है और इसे पनपने के लिए गर्म या नमी वाली जलवायु चाहिए। यह सर्दी को सहन नहीं कर पाता, सर्दियों में यह पौधा सूख कर मर जाता है।
इसे दो प्रकार से उगाया जाता है – कटिंग करके और बीज से परवल का पौधा उगाकर। कटिंग करके उगाए गए पौधे में फल लगभग 3 से 4 महीने में आते हैं और बीज से परवल का पौधा उगाने में फल 5 महीने से भी अधिक समय में आता है। परवल का फल गहरे हरे रंग का होता है जिस पर सफेद लाइनें पड़ी होती हैं। इसका आकार 2 से 6 इंच लंबा, गोल और मोटा होता है। कुकुरबिटास (Cucurbitaceae) कुल से संबंध रखने वाले परवल का वानस्पतिक नाम ट्रिकोसैन्थीज डायोइका रोक्सब (Trichosanthes dioica Roxb) है और इसे अंग्रेजी में पॉइन्टड गुअर्ड (Pointed gourd) कहते हैं।
ये पढ़े- कद्दू खाने के फायदे
परवल की खेती – Parwal cultivation
1. परवल की जन्मस्थली भारत है।
2. भारत के अतिरिक्त परवल की खेती चीन, रूस, मिश्र, थाईलैंड, पोलैंड, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, श्रीलंका, तथा म्यानमार में होती है।
3. भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, मद्रास, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल तथा तामिलनाडु राज्यों में परवल की खेती की होती है।
परवल और कुंदरु में अंतर – Difference Between Parwal and Kundru
देख कर परवल और कुंदरु में अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। दोनों का रंग हरा होता है और दोनों पर ही लंबी सफेद धरियां होती हैं। बस, इनके बीच अंतर यह है कि परवल का साईज ज्यादा बड़ा होता है और कुंदरु का साईज छोटा। परवल का रंग गहरा हरा होता है और कुंदरु का हल्का हरा। दोनों का स्वाद एक जैसा लगता है परन्तु पोषण मूल्यों में काफी अंतर होता है।
परवल के गुण – Properties of Parwal
1. परवल की तासीर गर्म होती है।
2. परवल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटीट्यूमर, एंटीहाइपरलिपिडेमिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीडायरियल गुण उपस्थित होते हैं।
3. परवल में विटामिन-ए, विटामिन-बी1, विटामिन-बी2, विटामिन-सी तथा प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
परवल के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Parwal (quantity per 100 grams)
- पानी : 92 प्रतिशत
- कैलोरी : 20 किलो कैलोरी
- प्रोटीन : 2 ग्राम
- वसा : 0.3 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल : 0 मिलीग्राम
- शुगर : 2 ग्राम
- विटामिन-ए : 255 आईयू
- विटामिन-सी : 29 मिलीग्राम
- फाइबर : 3 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 4.2 ग्राम
- फास्फोरस : 40 मिलीग्राम
- कैल्शियम : 30 मिलीग्राम
- सोडियम : 5 मिलीग्राम
- आयरन : 1.7 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम : 9 मिलीग्राम
- पोटेशियम : 83 मिलीग्राम
ये पढ़े- भिंडी खाने के फायदे
परवल का उपयोग – Use of Parwal
परवल को निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है –
- दक्षिण भारत में परवल को सांभर बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- उत्तरी भारत में परवल की सूखी सब्जी बनाई जाती है।
- परवल की पानी वाली (रसादार) सब्जी भी बनाई जा सकती है।
- परवल को मिठाई बनाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
परवल की मात्रा – Quantity of Parwal
परवल खाने की मात्रा निर्धारित नहीं है। फिर भी इसका कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए क्योंकि किसी भी वस्तु की अधिकता नुकसानदायक होती है। देसी हैल्थ क्लब के अनुसार एक कटोरी परवल की सब्जी खाने के लिए काफी है।
परवल खाने के फायदे – Benefits of Eating Parwal
दोस्तो, अब जानते हैं कि परवल के फायदों के बारे में जो निम्न प्रकार हैं –
1. इम्युनिटी बढ़ाए (Increase Immunity)- दोस्तो, परवल खाने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि इससे इम्युनिटी मजबूत होती है। यदि इम्युनिटी मजबूत होगी तो बदलते मौसम की बीमारियां और संक्रमण, वायरस आदि के कारण होने वाली बीमारियां होने की संभावना नहीं होगी। क्योंकि रोग प्रतिरोधक प्रणाली जीवाणुओं, रोगाणुओं, वायरस आदि के विरुद्ध लड़ने में सक्षम होगी और हमारे शरीर की रक्षा करेगी।
जहां तक परवल की बात है तो परवल में विटामिन-सी की उच्च मात्रा पाई जाती है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स से होने वाली क्षति से इम्युनिटी की रक्षा करते हैं। इसके अतिरिक्त परवल में मौजूद फास्फोरस, मैंगनीज, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम जैसे खनिज भी इम्युनिटी को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
2. पाचन तंत्र के फायदेमंद(Beneficial for the Digestive System) – पाचन प्रणाली में फाइबर अहम भूमिका निभाता है। जिस खाद्य पदार्थ में फाइबर नहीं होगा वह बहुत देर से और कठिनाई से पचेगा। फाइबर युक्त भोजन बहुत सरलता से और जल्दी पच जाएगा। इसकी वजह है फाइबर।
फाइबर भोजन को रसादार बनाकर द्रव रूप में परिवर्तित कर देता है, तो इसे पचाने के लिए पाचन तंत्र को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती और समय भी कम लगता है। इस प्रकार फाइबर पाचन प्रणाली के कार्य में सहयोग देता है। परवल में, विशेषकर इसके बीज में जो कि सब्जी के साथ ही पकते हैं, उच्च मात्रा में फाइबर होता है। जो भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता है।
3. कब्ज में फायदेमंद (Beneficial in Constipation)- जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है उनको परवल अवश्य खाना चाहिए क्योंकि परवल कब्ज के उपचार में एक अचूक औषधी के रूप में काम करता है। कब्ज की समस्या वाले लोगों को मल त्यागने में बेहद दिक्कत होती है क्योंकि मल सख्त होकर सूख चुका होता है।
परवल में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जोकि मल को नरम करने का काम करता है। इससे मल प्राकृतिक रूप से आसानी से “शरीर” से बाहर निकल जाता है और व्यक्ति राहत महसूस करता है।
ये पढ़े- कब्ज के घरेलू उपाय
4. शरीर को हाइड्रेट रखे (Keep the Body Hydrated)- जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि परवल की तासीर ठंडी होती है और पानी की मात्रा 92 प्रतिशत (प्रति 100 ग्राम परवल में) तो गर्मी के मौसम में परवल शरीर को ठंडा रखता है और शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। इससे शरीर में नमी बनी रहती है। परवल खाने का यह बहुत बड़ा फायदा है। यहां हम एक बात और बताना चाहेंगे कि शरीर में पानी कमी से भी कब्ज की समस्या बनती है और परवल कब्ज को भी दूर करता है।
5. रक्त को साफ़ करे (Clean the Blood)- परवल खाने का एक अद्भुत फायदा यह है कि इसके खाने से रक्त का शुद्धिकरण होता है। परवल में ब्लड प्यूरिफायर गुण उपस्थित होता है जो प्राकृतिक रूप से रक्त की तथा ऊतकों सफाई करता है। इससे रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाले गंभीर रोगों से, बचाव होता है क्योंकि शुद्ध रक्त स्वास्थ के लिये अति आवश्यक होता है। इसके लिए आप रोजाना परवल की सब्जी खा सकते हैं और हफ्ते में केवल तीन दिन 20 मिलीलीटर परवल का जूस पी सकते हैं।
6. सर्दी और फ्लू से बचाव (Cold and Flu Prevention)- सर्दी के मौसम में गला खराब हो जाना, सर्दी, जुकाम, फ्लू जैसी बीमारियां आमतौर पर होती रहती हैं। यद्यपि परवल की तासीर ठंडी होती है, इसके बावजूद भी परवल इन सब बीमारियों से बचाव करता है क्योंकि परवल में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी मौजूद होता है जोकि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह एंटीऑक्सीडेंट इम्युनिटी को बूस्ट करते हुए इन मौसमी बीमारियों से रक्षा करता है।
7. पीलिया के उपचार में लाभकारी (Beneficial in the Treatment of Jaundice)- एक शोध बताती है कि भारत में पारंपरिक रूप से परवल की जड़ों का उपयोग पीलिया के उपचार में किया जाता रहा है। पीलिया सहित कई अन्य रोगों जैसे कि बुखार, शरीर की सामान्य सूजन, पेट में सूजन आदि के उपचार में परवल के पत्तों और फल के अर्क के उपयोग का उल्लेख, चरक संहिता में भी मिलता है।
यदि पीलिया की बात करें तो पीलिया से ग्रस्त व्यक्ति को परवल की सब्जी खिलाने के अतिरिक्त परवल की पत्तियों का रस निकालकर पिलाना चाहिए। इससे लिवर की कार्य प्रणाली में सुधार आएगा और पीलिया से छुटकारा मिलेगा।
8. बुखार से राहत दिलाए (Provide relief from Fever)- हमने ऊपर बताया है कि चरक संहिता में बुखार, शरीर की सामान्य सूजन, पेट में सूजन आदि के उपचार में परवल के पत्तों और फल के अर्क के उपयोग का उल्लेख मिलता है।
यदि किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार आता है अथवा पुराना बुखार है तो उसे परवल की सब्जी दोनों टाइम सुबह-शाम खिलाएं। इसके अतिरिक्त परवल को उबालकर इसका पानी पिलाएं। इससे शरीर के अंदर के बैक्टीरिया मर जाएंगे और व्यक्ति को बुखार से राहत मिल जाएगी।
9. सिरदर्द/शरीर में दर्द से राहत (Relief from Headache/Body Ache)- परवल सिरदर्द में भी फायदा पहुंचाता है। इसके लिए परवल की पत्तियों या बीजों या जड़ का उपयोग किया जाता है। परवल के बीजों या उसकी पत्तियों को पीसकर, इस पेस्ट को माथे पर लगाएं। आराम लग जाएगा। इसके अतिरिक्त शरीर में कहीं भी दर्द है, इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। परवल की जड़ को पीसकर, माथे पर लगाने से भी सिर दर्द में आराम आ जाएगा।
10. हड्डियों को स्वस्थ्य रखे (Keep Bones Healthy)- हड्डियों का स्वास्स्थ तब सुधरता है जब अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density – BMD) का स्तर अच्छा हो। इसके लिए फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। परवल में ये सभी तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो अस्थि खनिज घनत्व के स्तर में वृद्धि करते हैं। परिणामस्वरूप हड्डियां मजबूत बनती है और इनका स्वास्थ, स्वस्थ बना रहता है। हड्डियों के स्वस्थ्य के लिए परवल को अपने भोजन में सम्मलित करना चाहिए।
11. डायबिटीज को कंट्रोल करे (Control Diabetes)- परवल में मौजूद एंटी ग्लाइसेमिक इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। परवल में उपस्थित एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण, ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को कम करने का काम करते हैं।
परवल के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों को राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त फ्लेविनोइड्स, कॉपर, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व भी ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। अतः डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों को परवल को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
12. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करे (Control Cholesterol)- परवल में एंटीहाइपरलिपिडेमिक गुण उपस्थित होता है जो खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करता है और ट्राइग्लिसराइड यानि रक्त में उपस्थित फैट को भी कम करता है। इसके साथ ही इसके गुण अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल HDL के स्तर में बढ़ोतरी करते हैं। खराब वाला कोलेस्ट्रॉल और फैट दोनों ही हृदय के लिए घातक होते हैं। इस प्रकार परवल कोलेस्ट्रॉल और फैट दोनों के स्तर को कम करके हृदय की रक्षा करता है।
ये पढ़े- कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय
परवल खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Parwal
परवल खाने के हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. परवल की तासीर गर्म होने के कारण इसके अधिक सेवन से पेट खराब हो सकता है, उल्टी दस्त लग सकते हैं और पेट में गैस बन सकती है।
2. परवल में पानी की मात्रा बहुत हो सकती है इसलिये इसके अधिक सेवन से पेट में पानी की मात्रा बढ़ सकती है। इससे भी पेट खराब हो सकता है।
3. जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल लो में रहता है उनको इसके अधिक सेवन से समस्या हो सकती है। यह ब्लड शुगर लेवल को और कम कर सकता है।
4. सेंसिटिव त्वचा वाले लोगों को एलर्जी होने की संभावना हो सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको परवल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। परवल क्या है?, परवल की खेती, परवल और कुंदरु में अंतर, परवल के गुण, परवल के पोषक तत्व, परवल का उपयोग और परवल की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से परवल के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।