स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, सर्दियां आने वाली हैं और सर्दियों में आपके खाने के लिए हम लेकर आए हैं एक तौफा जो आपको पसंद आएगा। खुली धूप में छत पर बैठ कर मूंगफली खाने का आनन्द ही कुछ और है। मूंगफली के अलावा मूंगफली और गुड़ की पट्टी (गज्जक) या तिल की गज्जक का भी मजा लिया जा सकता है परन्तु शकरकंद खाने का मजा सबसे अलग है। शकरकंद ना केवल आपको स्वाद का आनन्द देती है बल्कि आपके स्वास्थ का भी ध्यान रखती है। विटामिन-ए, बी, सी, डी, ई और के से भरपूर शकरकंद अनेक खनिजों से समृद्ध होती है। पोषक तत्वों से सम्पन्न शकरकंद, विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिये अत्यंत लाभकारी होती है। इसे सुपर फूड की संज्ञा दी जाती है आखिर ऐसा क्या है इस शकरकंद में। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “शकरकंद खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शकरकंद के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके फायदे क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि शकरकंद क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
शकरकंद क्या है? – What is Sweet Potato?
दोस्तो, शकरकंद एक ऐसी जड़ है जो प्राकृतिक मिठास से भरपूर होती है। इसे कंद भी कहते हैं और शकर (शक्कर का अपभ्रंश) का अर्थ है मीठा। इस प्रकार इस जड़ का नाम पड़ा शकरकंद जो खाने के काम आती है। यह एक ऐसी जड़ है जिसमें पानी और खनिजों को सोखने लिए रेशे (Fiber) जैसी संरचनाएं होती हैं।
शकरकंद का पौधा बेल के रूप में बढ़ता है, और इसकी जड़ भूमि के अंदर विकसित होती है। यही जड़ इस पौधे का फल माना जाता है। शकरकंद लाल, गुलाबी और सफेद तीन प्रकार की होती है। इसका रंग भूरा, कुछ-कुछ कॉपर जैसा होता है और गूदा इसकी किस्मों के आधार पर नारंगी, पीला, सफ़ेद, गहरा बैंगनी और क्रीम रंग का हो सकता है।
शकरकंद कॉन्वॉल्वुलेसी (Convolvulaceae) परिवार से संबंध रखती हो और इसका वैज्ञानिक नाम ईपोमोएआ बातातास् (Ipomoea batatas) है और इसे अंग्रेजी में स्वीट पोटैटो (sweet potato) कहते हैं। कई विटामिनों और खनिजों से समृद्ध शकरकंद स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होती है विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए।
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शकरकंद की खेती – Sweet Potato Cultivation
1. शकरकंद का मूल जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है।
2. दक्षिण अमेरिका के अतिरिक्त शकरकंद का उत्पादन चीन, नाईजीरिया, तंज़ानिया, इण्डोनेशिया, युगांडा, इथियोपिया तथा अन्य देशों में होता है।
3. भारत में लगभग सभी शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु वाले प्रदेशों शकरकंद की खेती होती है परन्तु बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश राज्यों में बड़े पेमाने पर इसकी खेती की जाती है।
शकरकंद के गुण – Properties of Sweet Potato
- शकरकंद की तासीर गर्म होती है। इसीलिए अधिकतर इसे सर्दियों में खाया जाता है।
- शकरकंद का स्वाद मीठा और मनभावन होता है।
- शकरकंद को छिलका सहित खाने पर मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है।
- शकरकंद का छिलका हटा कर खाने में यह मीठी लगती है।
- शकरकंद में विटामिन-ए, बी, सी, डी, ई और विटामिन के, के अतिरिक्त प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबय, आयरन, ज़िंक, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे कई खनिज उपलब्ध होते हैं।
- शकरकंद में एंटीएथेरोस्क्लोरोटिक, एंटीमुटाजेनिक, एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेटिव, एंटीइंफ्लामेटरी, एंटीकैंसर, एंटीहाइपरग्लिसेमिक, एंटीहाइपरटेंसिव आदि गुण होते हैं।
शकरकंद के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Sweet Potato Nutrients (Amount per 100g)
पानी : 76.61 ग्राम
कैलोरी : 108 kcal
प्रोटीन : 1.31 ग्राम
फैट : 4.23 ग्राम
शुगर : 5.45 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट : 16.82 ग्राम
फाइबर : 2.4 ग्राम
आयरन : 0.69 मिलीग्राम
कैल्शियम : 26 मिलीग्राम
फास्फोरस : 31 मिलीग्राम
मैग्नीशियम : 17 मिलीग्राम
पोटैशियम : 219 मिलीग्राम
सोडियम : 188 मिलीग्राम
ज़िंक : 0.19 मिलीग्राम
कॉपर : 0.089 मिलीग्राम
सेलेनियम : 0.2 माइक्रोग्राम
विटामिन-सी : 12.1 मिलीग्राम
थियामिन : 0.053 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन : 0.045 मिलीग्राम
नियासिन : 0.511 मिलीग्राम
विटामिन-बी6 : 0.192 मिलीग्राम
फोलेट : 6 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, RAE : 764 माइक्रोग्राम
बीटा कैरोटिन : 8968 माइक्रोग्राम
विटामिन-ई : 1.4 माइक्रोग्राम
विटामिन-के : 5.8 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड
टोटल सैचुरेटेड : 1.2 ग्राम
फैटी एसिड
टोटल मोनोअनसैचुरेटेड : 1.476 ग्राम
फैटी एसिड
टोटल पोलीअनसैचुरेटेड : 1.329 ग्राम
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शकरकंद के उपयोग – Uses of Sweet Potato
शकरकंद का निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है –
- शकरकंद को भूनकर खा सकते हैं। भुनी हुई शकरकंद का स्वाद और अधिक मीठा लगता है तथा इसकी खुश्बू मन मोह लेती है।
- शकरकंद को उबालकर खा सकते हैं। इसका स्वाद भी अच्छा लगता है।
- शकरकंद छीलकर कई लोग कच्चा ही खा लेते हैं। इसका स्वाद मीठा तो होता है मगर मन को नहीं भाता।
- भुनी हुई या उबली हुई शकरकंद की चाट बनाकर खा सकते हैं।
- शकरकंद का हलुआ बनाकर खा सकते हैं।
- व्रत में भी शकरकंद खा सकते हैं।
- नाश्ते में दूध में मिक्स करके पी सकते हैं या दूध के साथ ऐसे ही खा सकते हैं।
- दक्षिण भारत में शकरकंद की सब्जी भी बनाई जाती है।
शकरकंद खाने का सही समय – Right Time to Eat Sweet Potatoes
1. शकरकंद खाने का कोई विशेष समय निर्धारित नहीं है। इसे किसी भी समय खाया जा सकता है।
2. रात के समय शकरकंद खाने को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि रात के समय शकरकंद खाने से वजन में वृद्धि हो सकती है।
शकरकंद कितनी खानी चाहिए? – How Much Sweet Potato Should One Eat?
यद्यपि शकरकंद खाने के बारे में कोई निश्चित मात्रा मुकर्रर नहीं है परन्तु इसे कम ही यानि छोटे साइज की दो और बड़े साइज की केवल एक ही शकरकंद खाना उचित होगा। क्योंकि अधिक मात्रा में खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जिनका जिक्र हम आगे करेंगे।
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शकरकंद खाने के फायदे – Benefits of Eating Sweet Potatoes
दोस्तो, अब जानते हैं शकरकंद के फायदों के बारे में जो निम्न प्रकार हैं –
1. ऊर्जा प्रदान करे (Provide Energy)- शकरकंद में कैलोरी की उच्च मात्रा होती है। एक्सरसाइज करने या कोई श्रम वाला काम करने के बाद शरीर में थकावट होने लगती है। एक शकरकंद खाने के बाद तुरन्त आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जिससे आप फिर से एक्टिव हो जाते हैं। इस कार्य में शकरकंद में मौजूद विटामिन और खनिज मदद करते हैं।
2. सर्दी जुकाम से बचाए (Protect from Cold and Cough)- शकरकंद में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं तथा विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा होती है जो स्वयं में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। विटामिन-सी सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी मौसमी बीमारी से राहत दिलाता है। कार्ब्स, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन ज़िंक जैसे खनिज शरीर में एनर्जी बनाए रखते हैं। चूंकि शकरकंद की तासीर गर्म होती है, सर्दियों में यह शरीर को अंदर से गर्म रखती है।
3. अस्थमा में फायदा (Benefit in Asthma)- शकरकंद में कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति होती है जो अस्थमा के विरुद्ध लड़ने में सक्षम होता है। इससे अस्थमा के मरीजों को बड़ी राहत महसूस होती है। शकरकंद में मौजूद एंटीइंफ्लामेटरी गुण फेफड़ों की सूजन से राहत दिलाते हैं। इससे मरीज को सांस लेने में आसानी रहती है।
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4. ब्रोंकाइटिस में फायदा (Benefit in Bronchitis)- शकरकंद ब्रोंकाइटिस से भी राहत दिलाती है। यह फेफड़ों में जमे बलगम को ढीला कर बाहर निकालने में मदद करती है। इससे मरीज को सांस लेने में आसानी रहती है। शकरकंद में मौजूद विटामिन-सी, मैग्नीशियम, आयरन तथा अन्य खनिज ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने का काम करते हैं।
5. गर्भवती महिलाओं को फायदा (Benefit to Pregnant Women)- गर्भावस्था में महिला और अतिरिक्त विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है, विशेषतौर पर आयरन की। शकरकंद इन सभी जरूरतों को पूरा करती है। शकरकंद में विटामिन-ए और आयरन की उच्च मात्रा होती है।
विटामिन-ए की कमी दृष्टि में कमी का कारण बन सकती है और गंभीर मामलों में यह जानलेवा हो सकती है। यद्यपि शकरकंद गर्भवती महिला के लिये जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करती है फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से शकरकंद खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
6. बच्चों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Children)- आज के समय में अधिकतर बच्चों को नजर का चश्मा लगा हुआ है। कारण स्पष्ट है विटामिन-ए की कमी। बीटा-कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट शरीर में विटामिन-ए में परिवर्तित हो जाता है। विटामिन-ए से दृष्टि में सुधार होता है।
शकरकंद में बीटा-कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है। इसके अतिरिक्त शकरकंद में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन नामक पोषक तत्व उपस्थित होते हैं। ये तत्व आंखों को हानिकारक किरणों बचाते हैं। अतः बच्चों को शकरकंद अवश्य खिलाना चाहिए।
7. आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- ऊपर से यह तो स्पष्ट हो ही चुका है कि शकरकंद में विटामिन-ए तथा ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो आंखों के स्वास्थ के लिए जरूरी हैं। ल्यूटिन और जेक्सैंथिन हानिकारक किरणों से आंखों का बचाव करते हैं।
शकरकंद में मौजूद एस्कॉर्बिक एसिड आंखों को अनेक रोगों से बचाता है। विटामिन-ए, लाइट डिटेक्टिंग रिसेप्टर्स के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाता है जिससे आंखों की दृष्टि में सुधार होता है। अतः शकरकंद बच्चों के साथ-साथ बड़ों की आंखों के लिये भी फायदेमंद है।
8. हड्डियों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Bone)- हड्डियों की मजबूती, अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density – BMD) के स्तर पर निर्भर करती है। इसके लिए विटामिन-डी, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। शकरकंद में ये सभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो अस्थि खनिज घनत्व के स्तर में वृद्धि करते हैं और परिणामस्वरूप हड्डियां मजबूत बनती हैं।
9. डायबिटीज में फायदा (Benefit in Diabetes)- शकरकंद मीठी होने के बावजूद डायबिटीज के मरीजों के लिये फायदेमंद होती है क्योंकि शकरकंद लो ग्लाइसेमिक है। यह इंसुलिन की मात्रा को उचित रखते हुए ग्लुकोज लेवल को कंट्रोल करती है।
डायबिटीज के मरीज शकरकंद का सेवन कर प्राकृतिक मिठास का आनन्द ले सकते हैं। मगर जिन लोगों का शुगर लेवल लो में रहता है उनको शकरकंद खाने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि उनमें शुगर लेवल और कम करके उनकी समस्या बढ़ा सकती है।
10. मस्तिष्क स्वस्थ के लिए फायदेमंद (Beneficial for Brain Health)- शकरकंद खाने से ना केवल शारीरिक स्वास्थ में सुधार होता है बल्कि यह मस्तिष्क स्वास्थ के लिए भी लाभकारी होती है। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा सीखने की क्षमता में भी इजाफा होता है। शकरकंद में मौजूद एंथोसायनिन नामक कंपाउंड एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को खत्म करने का काम करता है। इससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
11. गठिया में फायदा (Benefit in Arthritis)- बीटा-कैरोटीन, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन-बी, गठिया के उपचार के लिए जरूरी तत्व माने जाते हैं। शकरकंद में ये सभी तत्व उपस्थित होते हैं। गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन प्रमुख लक्षण होते हैं। शकरकंद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-अर्थराइटिस गुण जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं।
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12. पेट और आंतों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Stomach and Intestines)- शकरकंद में स्टार्च उपस्थित होता है जो पेट और आंतों के लिए अच्छा माना जाता है। स्टार्च शकरकंद को सरलता से पचने में मदद करता है। शकरकंद में फाइबर और मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होती है जो भोजन को रसादार बनाते हैं जिससे पाचन तंत्र को पचाने के लिये अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। फाइबर मल को भी ढीला करता है जिससे मल त्याग भी आसानी से हो जाता है। शकरकंद खाने से कब्ज की भी समस्या नहीं रहती।
शकरकंद खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Sweet Potatoes
अब नजर डालते हैं शकरकंद खाने के नुकसान के बारे में जो निम्न प्रकार हैं –
1. शकरकंद अधिक खाने से शरीर में मैनिटोल (चीनी का एक प्रकार) की मात्रा बढ़ जाने से –
- पेट में दर्द हो सकता है,
- पेट में गैस बन सकती है।
- दस्त लग सकते हैं।
- सूजन हो सकती है।
2. मैनिटोल इंटॉलरेंस वाले व्यक्तियों को शकरकंद को अवॉइड करना चाहिए अन्यथा उपरोक्त समस्याएं हो सकती हैं।
3. शकरकंद अधिक खाने से शरीर में ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ जाती है जो दानों में परिवर्तित हो जाता है। इससे कैल्शियम-ऑक्सलेट किडनी में पथरी बनाने का काम करने लगता है।
4. यद्यपि उबली हुई शकरकंद का ग्लासेमिक इंडेक्स स्तर 44 होता है परन्तु 45 मिनट तक उबालने पर इसका ग्लासेमिक इंडेक्स स्तर 94 हो जाता है जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए शकरकंद को कम मात्रा में खाने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है और ज्यादा खाने से नुकसान।
5. लो ब्लड शुगर वाले लोगों को शकरकंद खाने को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि शकरकंद उनके ब्लड शुगर लेवल को और कम कर सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको शकरकंद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शकरकंद क्या है?, शकरकंद की खेती, शकरकंद के गुण, शकरकंद के पोषक तत्व, शकरकंद के उपयोग, शकरकंद खाने का सही समय और शकरकंद कितनी खानी चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से शकरकंद खाने के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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