दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, पिछले लेख में हमने आपको हृदय के बारे में और उससे जुड़ी धमनियों के अवरोध के बारे में विस्तार से बताया था। और इस अवरोध को दूर करने के लिये प्रसिद्ध उपचार बाईपास सर्जरी के बारे में पूरी तरह जानकारी दी थी। उस लेख में हमने बाईपास सर्जरी के सस्ते और सरल विकल्प के बारे में भी जिक्र किया था लेकिन कोई विस्तार से जानकारी नहीं दी थी। हमारा इशारा एंजियोप्लास्टी की तरफ है। जी हां, दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “एंजियोप्लास्टी क्या होती है”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको एंजियोप्लास्टी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि यह एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि एंजियोप्लास्टी किसे कहते हैं और यह क्यों की जाती है। इसके बाद फिर अन्य बिन्दुओं (Points) की जानकारी देंगे।
एंजियोप्लास्टी किसे कहते हैं? – What is Angioplasty?
एंजियोप्लास्टी को परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (Percutaneous Coronary Intervention) या कोरोनरी एंजियोप्लास्टी या आमतौर पर एंजियोप्लास्टी के नाम से जाना जाता है। इसे हिन्दी भाषा में रक्तवाहिकासंधान कहते हैं। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग हृदय की धमनियों (Coronary arteries) के संकुचन या अवरोध के उपचार के लिये किया जाता है। इस शल्य-प्रक्रिया में कोरोनरी धमनियों को चौड़ा कर दिया जाता है जिससे रक्त संचार (Blood circulation) दुबारा से निर्बाध गति से चालू हो जाता है। एंजियोप्लास्टी की तकनीक संकुचित या बाधित हुई कोरोनरी धमनियों में फिर से रक्त चालू करने का सबसे तेज उपाय है। सोसायटी फॉर कार्डियोवस्क्यूलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन्स’ की रिपोर्ट के अनुसार एंजिप्लास्टी से किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। यह बंद पड़ी धमनियों में रक्त प्रवाह को फिर से चालू करने का सबसे तेज तरीका है। एंजियोप्लास्टी जितनी जल्दी होगी, हृदय की मांसपेशियों का नुकसान उतना कम होगा। कई मामलों में डॉक्टर एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी आर्टरी स्टेंट (Coronary Artery Stent) भी रक्त वाहिकाओं में डाल देते हैं जोकि में रक्त प्रवाह को फिर से चालू करने का काम करता है। एंजियोप्लास्टी को बाईपास सर्जरी की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है।आंकड़े बताते हैं कि बाईपास सर्जरी के मरीजों की मृत्यु दर 1% से 2% की तुलना में एंजियोप्लास्टी करवाने वाले मरीजों की मृत्यु दर केवल 0.1% है। एक बात तो है कि एंजियोप्लास्टी बाधित कोरोनरी धमनियों को खोलने का काम सुचारु ढंग से करती है और अस्थायी रूप से छाती के दर्द को कम कर सकती है, लेकिन लम्बी आयु के लिये यह योगदान नहीं करती।
एंजियोप्लास्टी क्यों की जाती है? – Why is Angioplasty Done?
1. ऐथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) नामक रोग के उपचार के लिये। इसे हृदय रोग माना जाता है, जिसमें रक्त वाहिकाओं यानी कोरोनरी धमनियों में प्लाक जमने लगता है। ये धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय तक और हृदय से शरीर के अन्य भागों में लाने, ले जाने का काम करती हैं। यह प्लाक एकदम से नहीं बनता बल्कि समय के साथ धीरे-धीरे बनता है। रक्त में पाये जाने वाले वसा, कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम के कारण बनता है। यह शरीर के सभी भागों में प्लाक ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति और सुचारु प्रवाह को बाधित करता है।
2. हृदय में रक्त ले जाने वाली धमनी का संकुचित और कठोर जाना।
ये भी पढ़े- बाईपास सर्जरी क्या होती है?
3. एंजाइना (Angina) पर दवाईयों का असर ना हो पाना। छाती में दर्द को एंजाइना कहा जाता है। इसे एंजाइना पेक्टोरिस या इस्केमिक चेस्ट पेन भी कहते हैं। जब छाती में दर्द बार-बार उठे और दवाओं से भी ठीक ना हो रहा हो तो यह गंभीर लक्षण की ओर संकेत करता है।
4. हृदय की मांसपेशियों का कमजोर पड़ जाना, सिकुड़ जाना या धमनी का किसी रोगों से ग्रस्त हो जाना। शरीर के किसी भाग के ऊतकों में रक्त की कमी हो जाना। ऊतकों को जीवित रखने के लिये रक्त में ऑक्सीजन और ग्लूकोज बहुत जरूरी होते हैं जो उनको नहीं मिल पाते। इस स्थिति को इस्कीमिया ( Ischemia या Ischaemia) कहा जाता है।
5. हृदयाघात (Heart attack) होने पर स्टेंटिंग के साथ या इसके बिना एंजियोप्लास्टी की जरूरत होती है।
कोरोनरी धमनियों में रुकावट आने के कारण – Cause of Blockage of Coronary Arteries
निम्नलिखित कारणों से धमनियों में रुकावट आ सकती है-
1. संतृप्त वसा (Saturated Fat) वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करना।
2. रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा होना।
3. कोलेस्ट्रॉल में असंतुलन यानी खराब वाले कोलेस्ट्रॉल एल।डी।एल। का स्तर बढ़ जाना और अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल एज।डी।एल। का कम कम हो जाना।
4. हाई ब्लड प्रैशर
ये भी पढ़े- हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू इलाज
5. डायबिटीज।
6. शारीरिक गतिविधि का ना होना या नहीं के समान होना।
7. धूम्रपान करना। धूम्रपान को धमनियों का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है।
8. हृदय संबंधी कोई रोग।
एंजियोप्लास्टी से पहले होने वाले टेस्ट – Tests Before Angioplasty
1. इमेंजिंग टेस्ट, जिसे धमनी एंजियोग्राम कहा जाता है। हृदय की धमनी संकुचित हो गई है या उसमें कोई अन्य प्रकार की बाधा है और क्या इसका उपचार एंजियोप्लास्टी से हो पायेगा, यह जानने के लिये यह टैस्ट किया जाता है। इसमें कैथेटर को जांघ, बाजू या कलाई से हृदय धमनी तक पंहुचाया जाता है, इसके माध्यम से एक तरल रंग को धमनी में भेजा जाता है। इसके जाते ही धमनियां एक्स-रे और वीडियो में दिखाई देने लगते हैं। धमनी का अवरोध या कोई अन्य समस्या और उसके उपचार का निर्णय डॉक्टर तभी कर लेते हैं।
2. उपचार की प्रक्रिया के लिये कुछ और निम्नलिखित टैस्ट किये जाते हैं –
(i) सीने का एक्स-रे।
(ii) इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम।
(iii) कुछ ब्लड टैस्ट।
एंजियोप्लास्टी से पहले की तैयारी – Preparation Before Angioplasty
1. सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की जांच की जाती है।
2. सर्जरी की योजना बनाई जाती है।
3. सर्जरी से पहले दवाईयां निर्धारित की जाती हैं।
4. सर्जरी से पहले खाली पेट रहना होता है। कुछ भी खाने पीने की मनाही होती है।
5. सर्जरी के दिन डॉक्टर मरीज को सलाह/दिशा निर्देश देते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है।
एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती है? – How is Angioplasty Done?
दोस्तो, सामान्यतः जिन रोगियों को हृदयाघात होने की आशंका होती है उनके उपचार के लिये एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया को चुना जाता है। कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला (Cathetarization Laboratory) में एंजियोप्लास्टी की जाती है जिसमें हाथ या पैर की धमनी में पहले से ही म्यान डाल दी जाती है। इस म्यान के माध्यम से कैथेटर डाला जाता है। कैथेटरएक पतली और ट्यूब होती है। मरीज को इंजेक्शन से एक रेडियो-अपारदर्शी डाई (Radio-Opaque Dye) दी जाती है जिससे कोरोनरी धमनियों को और अच्छी तरह देखा जा सके। मरीज की स्थिति को देखते हुऐ एंजियोप्लास्टी के प्रकार का निर्णय लिया जाता है क्योंकि एंजियोप्लास्टी के तीन प्रकार होते हैं – बैलून एंजियोप्लास्टी, लेज़र एंजियोप्लास्टी और अथेरेक्टॉमी। विवरण निम्न प्रकार है –
ये भी पढ़े- फेफड़ो को मजबूत बनाने के घरेलू उपाय
1. बैलून एंजियोप्लास्टी (Balloon Angioplasty)- इस प्रक्रिया में एक खाली और पिचके गुब्बारे को, जिसे बैलून कैथेटर कहा जाता है, ब्लॉक हो चुकी धमनी में डाला जाता है। डॉक्टर एक्स-रे या वीडियो की मदद से धमनी में जाने वाली बैलून कैथेटर को मॉनिटर करते रहते हैं। फिर इस बैलून को सामान्य रक्तचाप (6 से 20 वायुमण्डल) से 75-500 गुना अधिक जल दवाब का उपयोग करते हुए उसे एक निश्चित आकार में फुलाते हैं। यह फूला हुआ बैलून धमनी में जमे प्लाक को दबाकर चपटा कर देता है जिससे धमनी का मार्ग चौड़ा हो जाता है और रक्त प्रवाह फिर से चालू हो जाता है। बैलून एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में सामान्यतः स्टेंट (धातु से बने छोटा उपकरण, जो तार की जाली से बने छल्ले की तरह लगता है) डाल दिया जाता है। यह स्टेंट धमनी की दीवारों को सपोर्ट देता है ताकि धमनी फिर से संकुचित ना हो जाये। फिर इस बैलून को पिचका कर कैथेटर के जरिये खींच कर बाहर निकाल दिया जाता है।
2. लेज़र एंजियोप्लास्टी (Laser Angioplasty)- इस प्रक्रिया में भी कैथेटर का उपयोग किया जाता है। बस, फर्क इतना है कि बैलून के स्थान पर लेज़र का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में लेज़र को प्लाक तक ले जाया जाता है और लेज़र से ब्लॉकेज भाप बन जाता है। इसका प्रयोग सख्त और बैलून से बचे हुऐ प्लाक को नष्ट करने के लिये किया जाता है। बैलून और लेज़र दोनों प्रक्रियाओं का अंतर कार्डियोलॉजिस्ट तय करते हैं। लेज़र एंजियोप्लास्टी का इस्तेमाल बैलून एंजियोप्लास्टी की तुलना में बहुत कम किया जाता है।
3. एथेरेक्टॉमी (Atherectomy) – जब बैलून या लेजर एंजियोप्लास्टी से सख्त प्लाक ना हट पाये तब इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जिकल ब्लेड की मदद से प्लाक को पूरी तरह काट दिया जाता है। इसके निम्न प्रकार हैं –
(i) रोटेशनल अथेरेक्टॉमी (Rotational Atherectomy)- डाइमंड-टिप वाले तेज़ गति के ड्रिल की सहायता से बहुत ही ज्यादा सख्त प्लाक को हटा दिया जाता है।
(ii) एक्सट्रैक्शन अथेरेक्टॉमी (Extraction Atherectomy) – इसमें एक छोटे घूमने वाला ब्लेड, का इस्तेमाल धमनी की दीवारों से प्लाक को हटाने के लिये किया जाता है।
(iii) डायरेक्शनल अथेरेक्टॉमी (Directional Atherectomy) – इस प्रक्रिया में बैलून और शेविंग ब्लेड का उपयोग प्लाक को हटाने के लिये किया जाता है।
एंजियोप्लास्टी के बाद की स्थिति – Status After Angioplasty
1. एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक या दो दिन के लिये मरीज को आई।सी।यू। में निगरानी में रखा जाता है जिससे उसके स्वास्थ की स्थिति का पता चलता रहे।
2. फिर मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। यदि कोई जटिलता नहीं होती तो मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
3. हृदयाघात के मामले में हुई एंजियोप्लास्टी वाले रोगी की अस्पताल में रहने की अवधि बढ़ सकती है।
4. सामान्यतः रोगी एक सप्ताह बाद अपने काम/दैनिक दिनचर्या पर वापस लौट सकता है।
5. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डॉक्टर द्वारा लिखी गईं दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिये। सर्जरी के बाद एंजियोप्लास्टी रोगियों को अनिश्चितकाल के लिये एस्पिरिन (Aspirin) लेने की सलाह जाती है।
6. स्टेंट वाले रोगियों के लिये रक्त को पतला करने वाली दवाऐं दी जाती हैं। अपनी मर्जी से इनको बन्द ना करें।
ये भी पढ़े- कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय
कुछ सावधानियां – Some Precautions
एंजियोप्लास्टी के बाद, अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। इसलिये निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें –
1. घर आने के बाद ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें ताकि कंट्रास्ट डाई शरीर से बाहर निकल जाये।
2. नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम करें।
3. भारी वजन ना उठायें/खींचें।
4. अपने वजन को नियन्त्रित करें।
5. कोलेस्ट्रॉल स्तर बनाये रखें।
6. अपनी शुगर को कन्ट्रोल करें।
7. अपने बल्ड प्रैशर का ध्यान रखें।
8. धूम्रपान ना करें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको एंजियोप्लास्टी क्या होती है? के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एंजियोप्लास्टी किसे कहते हैं, यह क्यों की जाती है, कोरोनरी धमनियों में रुकावट आने के क्या कारण होते हैं, एंजियोप्लास्टी से पहले होने वाले कौन से टैस्ट होते हैं, एंजियोप्लास्टी से पहले की क्या तैयारी होती है और एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती है, इन सबके बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको एंजियोप्लास्टी के बाद की स्थिति से अवगत कराया और कुछ सावधानियां भी बताईं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
Excellent Article
एंजियोप्लास्टी क्या होती है? के बारे में आप ने बहुत प्रशंसनीय जानकारी लिखी है। आप का दिल से धन्यवाद ! एक नजर हार्ट अटैक से कैसे बचे ? प्रथम उपचार क्या है? इस आर्टिकल पर भी डाले।