दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। शरीर का एक ऐसा अंग जिसके बारे में कहा जाता है कि ये खुदा की नेमत है। यह केवल अंग ही नहीं बल्कि प्रेरणा श्रोत भी रहा है कवियों, लेखकों के लिये। पूरे विश्व में ना जाने कितने गीत रचे गये, कितनी गज़लें लिखी गयीं। इस अंग के काम ना करने से जीवन तो खत्म नहीं होता परन्तु भावनात्मक रूप से मनुष्य अपने को असहाय समझने लगता है, उसके जीवन में तो अंधकार ही छा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आंखों की। आंखों की रोशनी की। बढ़ती उम्र में रोशनी का कम हो जाना स्वाभाविक है। इसके और भी कारण हो सकते हैं। आखिर आंखों की कम होती रोशनी को कैसे बढ़ाया जाये?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको आंखों की रोशनी के बारे में जानकारी देगा और यह भी बतायेगा की आंखों की रोशनी को कैसे बढ़ाया जाये। तो सबसे पहले जानते हैं कि आंखों की रोशनी कम होने के कारण क्या होते हैं।
आंखों की रोशनी कम होने के कारण – Cause to Poor Eyesight
दोस्तो, आंखों की रोशनी कम होने के अनेक कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
1. भोजन में पोषक तत्वों की कमी से आंखों की रोशनी कम होती है। विटामिन-सी, विटामिन-ए, विटामिन-ई, जिंक, ल्यूटिन, जियाजैक्थीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों की रोशनी बनाये रखने के लिये बहुत जरूरी होते हैं।
2. कामकाज का वातावरण (Work Environment)- धूल, मिट्टी, में ज्यादा रहने अधिक धुएं वाला काम करने, या ज्यादा धूप में रहने से भी आंखों की रोशनी पर फर्क पड़ता है।
3. बारीक काम करने से (By Working Fine)- कढ़ाई, बुनाई, सिलाई, या डिजाइन बनाने का काम, सुनार का काम, प्रूफ रीडिंग, प्रिंटिंग आदि, इनसे नजर का कमजोर होना स्वाभाविक है।
4. लिखाई, पढ़ाई का काम
5. कम्प्यूटर, मोबाइल पर अधिक देर तक लगातार काम करना।
6. ज्यादा टी.वी. देखना।
7. मोतियाबिंद (Cataracts)- यह अधिकतर 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की आंखों में विकसित होता है और रोशनी को बाधित करता है।
8. अधःपतन (Macular Degeneration) – यह आंखों की एक गंभीर रोग होता है जिसमें रेटिना क्षतिग्रस्त होने लगता है और रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग इससे प्रभावित होते हैं।
9. ग्लूकोमा (Glaucoma)- जब आंखों के अंदर द्रव्य का दबाव ऑप्टिक तंत्रिका के लिए अधिक हो जाता है तो ग्लूकोमा विकसित होता है। यह 40 वर्ष से अधिक के लोगों में विकसित हो सकता है। इसमें आंखों की नसें क्षतिग्रस्त होती रहती हैं और एक समय आने पर आंखों की रोशनी चली जाती है।
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10. रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis Pigmentosa) – आंखों के इस रोग के बारे में कहा जाता है कि यह विरासत मे मिला होता है। यह बीमारी आंखों के पिछले भाग में हल्के शंकु और छड़ को क्षति पहुंचाती है। इसका पता अक्सर बचपन में ही रतौंधी के रूप में पता चल जाता है।
11. रेटिनोपैथी (Retinopathy)- यह डायबिटीज से संबंधित रोग है। जब खून में शुगर की मात्रा ज्यादा है जाती है तब आंख के लेंस में द्रव पदार्थ इकट्ठा होने लगता है जो लेंस की वक्रता को परिवर्तित कर देता है, जिसके कारण देखने में दिक्कत होती है। चूंकि डायबिटिक रेटिनोपैथी का शूरूआत में पता नहीं चलता इसलिये डायबिटिक मरीज सलाह दी जाती है कि वह एक वर्ष में कम से कम दो बार आंखों की अच्छे से जांच करवा ले।
12. अधिक धूम्रपान और शराब के सेवन से भी आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचता है।
आंखों की रोशनी कम होने के लक्षण – Symptoms of Loss of Eyesight
1. किसी भी वस्तु का साफ़ दिखाई ना देना चाहे वो नजदीक ही रखी हो।
2. दूर का भी ठीक से दिखाई ना देना, सही से पहचान ना कर पाना।
3. पढ़ते लिखते समय धुंधला दिखाई देना।
4. पढ़ते समय सिर दर्द होना।
5. कम रोशनी में और रात में धुंधला दिखाई देना।
6. आंखों में दर्द होना।
7. आंखों में सूजन होना या आंखों में लालिमा।
8. आंखों से पानी आना।
9. तेज रोशनी में रंग-बिरंगी रोशनी नजर आना।
10. अंधेरे से रोशनी में जाने पर देखने में दिक्कत होना।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय – Home Remedies to Increase Eyesight
1. गुलाब जल (Rose Water)- आंखों के स्वास्थ के लिये गुलाब जल का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। यह आंखों को शीतलता प्रदान करता है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक गुण आंखों के दर्द को कम करने में मदद करता है। आंखों की समस्या कंजंक्टिवाइटिस से भी छुटकारा दिलाता है। एक कप ठंडे पानी में दो चम्मच शुद्ध गुलाब जल डालकर आंखों को रुई की मदद से धोयें। या हफ्ते में दो बार शुद्ध गुलाब आंखों में डालें। पर सुनिश्चित करें कि गुलाब जल आपकी आंखों को सूट करता हो और उसकी गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिये।
2. फिटकरी और गुलाब जल (Alum and Rose Water)- एक चने के दाने के बराबर फिटकरी को तवे पर गर्म करके 100 मि।ली। गुलाब जल में मिला लें। रात को सोते समय चार-पांच बूंदें आंखों में डालें।
3. त्रिफला (Triphala)- रात को एक चम्मच त्रिफला पाउडर पानी में भिगो दें। सुबह इसे छान लें और इस पानी से आंखों को धोयें। बहुत कम समय में आंखों की रोशनी में सुधार होगा,
4. प्रतिदिन सुबह सुबह सूरज निकलने से पहले हरी घास पर कम से कम आधा घंटा नंगे पैर टहलें। घास की ओस से आंखों का तनाव, दर्द दूर होगा और आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी।
5. आँवला (Amla)- आंखों के लिये आँवला को अमृत समान माना जाता है। कंजेक्टिवाइटिस, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्या से छुटकारा आँवला दिला सकता है। कंजेक्टिवाइटिस में आंखों के सफेद भाग में सूजन आ जाती है और ग्लूकोमा में नसें कमजोर होकर क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। रोजाना, आँवला के जूस में या आँवला के पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर दो बार पीयें। इससे आंखों की रोशनी में बढ़ोत्तरी होगी। आंखों की नसों पर पड़ने वाले दबाव में भी आराम मिलेगा।
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6. आड़ू (Peach)- आंखों के स्वास्थ्य के लिये आड़ू का सेवन अत्यंत लाभदायक होता है। इसमें बीटा-कैरोटीन मौजूद होता है जो आंखों को स्वस्थ रखने में सक्रिय भूमिका निभाता है। यह मोतियाबिंद और बढ़ती उम्र से संबंधित धब्बेदार अध:पतन (age-related macular degeneration) को रोकने में मददगार होता है। आंखों को पोषण देकर मुक्त कणों के कारण होने वाली क्षति से रेटिना को बचाता है। बीटा-कैरोटीन के अतिरिक्त विटामिन-ए और सी की पर्याप्त मात्रा आड़ू में होती है। विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। निष्कर्षतः आड़ू शरीर में रक्त संचार को बढ़ाकर आंखों की रोशनी में सुधार करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार सूखे आड़ू में पाये जाने वाला विटामिन-बी2 (राइबोफ्लेविन) ग्लूकोमा की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।
7. कीवी (kiwi)- मैक्यूलर डिजनेरेशन (Macular degeneration) आंखों की एक गंभीर रोग होता जिसमें रेटिना क्षतिग्रस्त होने लगता है और रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस रोग का चिकित्सा जगत में कोई उपचार नहीं है परन्तु विटामिन्स, लेजर थेरेपी और दवाओं की मदद से इस रोग को कंट्रोल किया जा सकता है। कीवी में ल्यूटिन (lutein) और जियाजैंथिन (zeaxanthin) नामक फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं जिनके कारण मैक्यूलर डिजनेरेशन होने का खतरा 36% तक कम हो जाता है। ये फाइटोकेमिकल्स हरी सब्जियों में भी पाये जाते हैं जो आंखों को स्वस्थ्य रखते हैं। अतः कीवी का सेवन कीजिये और आंखों के रेटिना को बचाइये और आंखों की रोशनी में बढ़ोत्तरी कीजिये। कीवी आंखों के स्वास्थ के लिये वरदान है।
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8. एवोकाडो (Avocado)- कीवी की तरह एवोकाडो में भी ल्यूटिन (Lutein) और जेक्सैथिन (Zeaxanthin) जैसे कैरोटीनॉइड होते हैं जो मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनेरेशन के खतरे को दूर करने में मदद करते हैं। और आंखों को स्वस्थ बनाये रखते हैं। ये बढ़ती हुई उम्र के साथ होने वाली हल्की पड़ने वाली रोशनी के प्रभाव को रोक कर रोशनी को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है की एवोकाडो के सेवन से रोशनी में इजाफा होता है। की समस्या को दूर करते हैं।
9. कमरख (kamarkha)- खट्टे मीठे स्वाद वाली कमरख में मैग्नीशियम और विटामिन-बी 6 के गुण होते हैं जो आंखों के स्वास्थ के लिये बहुत फायदेमंद होते हैं। कमरख खाने से आंखों में सूजन, दर्द, पानी निकलना और कम दिखाई देने आदि की समस्या से राहत मिलती है। कमरख के खाने से नजर में सुधार होता है।
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10. चुकंदर (Sugar Beets)- चुकंदर को विटामिन और मिनरल का खजाना कहा जाता है। इसमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि विटामिन-सी युक्त आहार का सेवन मोतियाबिंद की समस्या से बचाने में मदद कर सकता है। अतः चुकंदर का सेवन मोतियाबिंद होने की संभावना से बचा सकता है। चुकंदर के एंटीऑक्सीडेंट नजर को कमजोर करने वाले कारकों से लड़ते हैं। चुकंदर और गाजर का जूस रोशनी को बढ़ाने में मदद करते हैं।
11. सौंंफ़ (Fennel)- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये सौंंफ़ का सेवन उत्तम विकल्प है। सौंंफ़ में विटामिन-ए और विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं जोकि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये जरूरी माने जाते हैं। आप रात को दूध में एक चम्मच सौंंफ़ में आधा चम्मच मिश्री का पाउडर मिलाकर पीयें, इससे आंखों की रोशनी में बढ़ जायेगी। साथ ही आंखों से जुड़ी समस्याओं के संभावित खतरे भी दूर होंगे। दूसरा विकल्प यह है कि एक कप बादाम, सौंंफ़ और मिश्री को मिक्सी के द्वारा पीसकर पाउडर बना लें। रात को एक गिलास गर्म दूध के में यह एक चम्मच पाउडर मिलाकर पीयें, 40 दिन तक। सौंंफ़ के पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों को स्वस्थ रखते हैं और मोतियाबिंद के प्रभाव को भी कम करने में मदद करते हैं। प्राचीन रोम में भी रोशनी बढ़ाने के लिये सौंंफ़ का उपयोग किया जाता था।
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12. दक्खिनी मिर्च (South Pepper)- दक्खिनी मिर्च को दखनी या सफ़ेद मिर्च भी कहा जाता है। इसमें को फ्लेवोनोइड, विटामिन, आयरन जैसे कई अनेख पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त दक्खिनी मिर्च में विटामिन-सी और जिंक की भी पर्याप्त मात्रा होती है। ये दोनों आंखों के स्वास्थ्य के लाभदायक होते हैं। पिसी हुयी शक्कर में शुद्ध देसी घी और बहुत कम मात्रा में (जितनी आप आसानी से खा सकें) दक्खिनी मिर्च मिलाकर सुबह नाश्ते में सेवन करें। ड्राई फ्रूट्स के लड्डू में मिलाकर खा सकते हैं। बादाम, चीनी, सौंफ और त्रिफला पाउडर में भी दक्खिनी मिर्च पाउडर मिलाकर खा सकते हैं। निश्चित तौर पर रूप से इसके नियमित सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ेगी।
13. किशमिश (Raisins)- किशमिश में विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, सेलीनियम, आयरन तथा एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होते हैं जो आंखों के स्वास्थ को बनाये रखने में मदद करते हैं। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये रोजाना 5-10 किशमिश खायें।
14. पिस्ता (Pistachio)- पिस्ता में ल्यूटिन (lutein) और जियाजैंथिन (zeaxanthin) जैसे फाइटोकेमिकल्स पाये जाते हैं जो मैक्यूलर डिजनेरेशन की संभावना को खत्म करते हैं जिससे आंखों का रेटीना सुरक्षित रहता है। नियमित रूप से पिस्ता खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
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15. बादाम (Almond)- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये बादाम का सेवन अत्यंत लाभदायक है। बादाम को विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना कहा जाता है। यह आंखों के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ रखता है। रोशनी बढ़ती है और दिमाग तेज होता है। रात को 5-7 बादाम पानी में भिगो दें। सुबह इनको छीलकर, पीसकर पेस्ट गर्म दूध में मिला कर पींयें।
16. भीगे हुए बादाम, किशमिश और अंजीर (Soaked Almonds)- रात को बराबर मात्रा में बादाम, किशमिश और अंजीर भिगो दें। सुबह इनको पीसकर पानी में मिलाकर पीयें। आपकी कमजोर होती नज़र रुक जायेगी और कुछ दिनों बाद आंखों की रोशनी बढ़ने लगेगी। किशमिश और अंजीर आंखों के स्वास्थ के लिये बहुत लाभदायक माने जाते हैं।
17. बादाम, सौंफ और मिश्री (Almonds, fennel and sugar candy)- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये आप बादाम का सेवन सौंफ और मिश्री के साथ भी कर सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्यति में ये तीनों तत्व आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये जाने जाते हैं। यहां बादाम को भिगोना नहीं है बल्कि मिश्री और सौंफ़ के साथ पीसना है। और एक चम्मच इस पाउडर को रात को सोने से पहले गर्म दूध में मिलाकर पीना है। एक सप्ताह तक सेवन करने के बाद आंखें चैक करा लें।
18. गाजर (Carrot)- गाजर में मौजूद बीटा कैरोटीन आंखों की रोशनी बढ़ाता है और गाजर का विटामिन-ए, आंखों के रेटिना को आसानी ओर सही से काम करने में मदद करता है। गाजर में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो हमारे शरीर में पोषक तत्वों को की कमी को पूरा करता है। नाश्ते में गाजर का जूस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ेगी। इसे आप सब्जी के रूप में या सलाद के रूप में या ऐसे ही कच्ची खा सकते हैं।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको आंखों की रोशनी कम होने के कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको आंखों की रोशनी कम होने के लक्षण विस्तारपूर्वक बताये और आंखों की रोशनी बढ़ाने के बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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