दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, कभी ना कभी आपको बचपन में चोट लगी होगी, कटना, फटना या गुम चोट, पैर में मोच आ जाना या कोई अन्य प्रकार की समस्या। उस समय, मां ने, या दादी ने या नानी ने या पड़ोस की किसी बुजुर्ग महिला ने दूध में हल्दी मिलाकर पीने को कहा होगा। क्यों? इसलिये नहीं कि यह कि ये परम्परागत उपचार है बल्कि इसलिए कि यह आयुर्वेदिक उत्तम उपचार है। सारा दर्द खींच कर रख देता है यह हल्दी वाला दूध। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हल्दी दूध” (Golden Milk)। देसी हेल्थ क्लब आपको हल्दी दूध पीने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। जानते हैं इस बारे में कि हल्दी दूध क्या होता है?
हल्दी दूध क्या होता है? – What is Turmeric Milk
दोस्तो, अत्यंत सरल शब्दों में कहा जाये तो यह समझिये कि दूध उबालते समय यदि उसमें साबुत हल्दी की गांठ डाल दी जाये या एक चम्मच हल्दी पाउडर डाल दिया जाये तो दूध उबलने पर उसमें हल्दी के गुण भी आ जाते हैं और दूध का रंग भी पीला हो जाता है, यही हल्दी दूध कहलाता है।
हल्दी जिसे “दि गोल्डन स्पाइस ऑफ इंडिया” (The Golden Spice of India) कहा जाता है, मसालों की महारानी और व्यंजनों की शान तो है ही, यह औषधीय गुणों से भी सम्पन्न होती है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं, इसे ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ कहा जाता है। जहां तक दूध का प्रश्न है, तो दूध को कैल्शियम का खजाना कहा जाता है जो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूती के लिये सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक तत्व है। दूध और हल्दी के संगम से अत्यंत शक्तिशाली पेय पदार्थ बनता है। इसे सोने पे सुहागा कहा जा सकता है।
हल्दी दूध कैसे बनाएं – How to Make Turmeric Milk
दोस्तो, हल्दी वाला दूध बहुत ही सरल है। एक गिलास दूध को भगौने में डालकर इसमें एक साबुत हल्दी का टुकड़ा या एक चम्मच हल्दी पाउडर, चुटकी भर दालचीनी पाउडर डाल दें। आप चाहें तो इसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और थोड़ी सी अदरक डाल सकते हैं इसे हल्की आग पर लगभग 10 मिनट तक उबालें। इसे छानकर लें। मीठे के लिये इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर हल्का सा ठंडा करके गर्म-गर्म ही पी लें।
हल्दी दूध के गुण – Properties of Turmeric Milk
1. हल्दी दूध की तासीर गर्म होती है।
2. हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं।
3. हल्दी का करक्यूमिन (curcumin) कंपाउंड पॉलीफेनोल शरीर को कई रोगों से बचाता है।
4. दूध में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है।
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5. हल्दी और दूध के मेल से शक्तिशाली टॉनिक बनता है।
6. हल्दी दूध के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100ml)।
ऊर्जा 33kcal
प्रोटीन 0.28g
कुल फैट 1.94g
फाइबर 0.8g
कार्बोहाइड्रेट 3.89g
आयरन 100000.U
शुगर 3.06g
कैल्शियम 6mg
आयरन 100000.U
सोडियम 19mg
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड 1.670g
हल्दी दूध पीने के फायदे – Benefits of Drinking Turmeric Milk
1. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाएं (Boost Immune System)- हल्दी दूध एक अद्भुत शक्तिशाली टॉनिक है जो शारीरिक ताकत को तो बढ़ाता ही है साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। हल्दी दूध में पाये जाने वाला करक्यूमिन इम्यूनोमॉड्यूलेटर की तरह काम करता है। यह शरीर में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ाता है, जिसके कारण हम कई रोगों जैसे गठिया, हृदय रोग, डायबिटीज और अल्जाइमर और हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों से बचे रहते हैं। यह टी और बी कोशिकाओं सहित शरीर में अन्य कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है। इसके एंटीवायरल गुण सर्दी, गले की खराश और फ्लू से रक्षा करते हैं।
2. दमा में फायदेमंद (Beneficial in Asthma)- दमा रोग के उपचार में हल्दी दूध उत्तम उपाय है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सांस नलिकाओं में आयी सूजन को कम कर देते हैं जिससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन निर्बाध गति से पहुंचती है। हल्दी में मौजूद विशेष तत्व करक्यूमिन दमा के लक्षणों के प्रभाव को कम कर रोगी को राहत देता है। हल्दी दूध के एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण संक्रमणों को खत्म कर फेफड़ों में कंजैशन और साइनस से राहत पहुंचाते हैं। सीने में जमी बलगम को ढीला कर बाहर निकालने में मदद करता है। यह गले के दर्द, खराश आदि से भी राहत देता है।
3. पाचन-तंत्र को मजबूत करें (Strengthen the Digestive System)- हल्दी दूध के एंटीसेप्टिक गुण आंतों को स्वास्थ्य को ठीक रखने और पाचन प्रक्रिया में सुधार करने का काम करते हैं। यह पेट में अल्सर और कोलाइटिस को भी ठीक करने में मदद करते हैं। हल्दी पित्त के प्रवाह को बढ़ा देती है, जो वसा पाचन में मदद करता है। हल्दी दूध कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाता है। हल्दी में पाये जाने वाला करक्यूमिन एंटी इंफ्लेमेटरी गुण की तरह काम करता है, जो आंत की सूजन और आंत संबंधी अन्य समस्या को दूर करती है।
4. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करें (Improve Blood circulation)- प्राचीन काल से ही हल्दी दूध को रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह लिवर के द्वारा पूरे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। यह हानिकारक रसायनों और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। रक्त की अशुद्धियों को दूर कर परिसंचरण को सुधारता है। कभी चोट, मोच, मांस फटने, दर्द आदि के कारण उस विशेष जगह पर ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। हल्दी दूध उस जगह पर ब्लड को निर्बाध गति से पहुंचाने का काम करता है और दर्द को भी खींच लेता है।
5. अनिद्रा (Insomnia)- भागदौड़ भरी ज़िन्दगी, बदलती जीवन शैली, काम का बढ़ता बोझ और उसे तय समय सीमा में पूरा करने लक्षय, मानसिक तनाव आदि अनेक पहलू हैं जिनकी वजह से नींद नहीं आती, और आती भी है तो नींद ठीक से नींद नहीं आती या पूरी नहीं हो पाती। यह समस्या बढ़ती जा रही है। इसका एक उत्तम उपाय है हल्दी दूध। दूध में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन होते हैं जो मस्तिष्क रसायन हैं और ये नींद चक्र में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। हल्दी तनावमुक्त करती है और शरीर को आराम देती है। हल्दी में मौजूद अमिनो एसिड अच्छी नींद में सहायक होता है। सोने से एक घंटे पहले गर्म-गर्म हल्दी दूध पीयें। बहुत अच्छी नींद आयेगी।
6. हड्डियों को मजबूत बनाये (Make Bones Strong)- हड्डियों के स्वास्थ्य के लिये कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक रासायनिक तत्व होता है। दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता हो और हल्दी में एंटीबायोटिक प्रभाव। दोनों के मिल जाने पर हड्डियों में मजबूती आती है। हड्डी में यदि बाल आ जाये या और कोई हानि होती है तो डॉक्टर भी हल्दी दूध पीने की सलाह देते हैं। हल्दी दूध के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) नामक अस्थि रोग की संभावना नहीं रहती।
7. सर्दी और खांसी (Cold and Cough)- तासीर गर्म होने के कारण हल्दी दूध सर्दी के मौसम में तुरंत प्रभाव दिखाता है। यह शरीर को अंदर से ताप देकर गर्म रखता है और ठंड से बचाता है। इसके एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण जुकाम, सामान्य और सूखी खांसी, गले की खराश, सूजन, श्वास नलिकाओं की समस्या आदि से जल्दी छुटकारा दिलाते हैं। यदि हल्दी दूध में अदरक को भी शामिल कर लिया जाये तो यह ज्यादा प्रभावकारी हो जायेगा। बदलते मौसम में इम्यूनिटी पावर को बनाये रखने के लिये हल्दी दूध अच्छा विकल्प है।
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8. जोड़ों का दर्द (Joint Pain)- हल्दी दूध में करक्यूमिन के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-अर्थराइटिस गुण होते हैं, जो हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करते हैं, उनको लचीला बनाते हैं, जोड़ों और गठिया के दर्द को खत्म करने में मदद करते हैं। हल्दी दूध जोड़ों में आई सूजन को भी खत्म करता है।
9. त्वचा के स्वास्थ्य के लिए (Skin Health)- हल्दी दूध पीना त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट्स मुक्त कणों (Free Radicals) को खत्म करते हैं, ये मुक्त कण अनेक बीमारियों का कारण होते हैं। हल्दी त्वचा की अशुद्धियों को भी खत्म करती है। हल्दी दूध पीने से मुंहासों और एक्जिमा में राहत मिलती है। यह त्वचा के हानिकारक बैक्टीरिया से भी लड़कर त्वचा की रक्षा करता है। हल्दी दूध पीने के साथ-साथ इसे रुई की सहायता से चेहरे पर भी लगा सकते हैं, इससे चेहरे पर चमक आ जायेगी। पर ध्यान रहे इसके लिए दूध गर्म नहीं होना चाहिए।
10. वजन कम करने के लिये (To lose weight)- वजन कम करने के लिये हल्दी दूध एक अच्छा विकल्प है। इसके लिये हल्दी दूध में एक चम्मच शहद मिलाना पड़ेगा। हल्दी दूध में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स शरीर के वसा को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी भी वसा को तोड़ देती है। इस प्रकार हल्दी दूध शरीर का वज़न कम करने में मदद करता है।
11. मासिक धर्म में फायदेमंद (Beneficial in Menstruation)- हल्दी दूध मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द, ऐंठन से राहत देता है। इसमें पाये जाने वाला करक्यूमिन दर्द-निवारक प्रभाव छोड़ता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को जल्दी रिकवरी के लिये हल्दी दूध दिया जाता है। इससे उनके स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
हल्दी दूध पीने का समय – Time to Drink Turmeric Milk
1. हल्दी दूध पीने का सही समय रात का होता है, सोने से पहले। क्योंकि रात में दूध पीने से शरीर की सारे दिन की थकावट उतर जाती है और नींद भी अच्छी आती है।
2. वैसे सामान्य दूध अलग-अलग समय पर पीने से क्या होता है यह जानना भी जरूरी है –
(i) सुबह – सुबह दूध पीने से सारे दिन एनर्जी बनी रहती है। लेकिन चूंकि दूध पचने में भारी होता है इसलिये सुबह के समय दूध पीने को मना किया जाता है।
(ii) दोपहर – दोपहर को दूध पीने से बुजुर्गों को फायदा होता है क्योंकि इससे उनके शरीर को एनर्जी मिलती है।
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(iii) शाम – आंखों के लिए शाम के समय दूध पीना अच्छा माना जाता है।
(iv) रात – रात को दूध पीने सारे दिन की थकावट उतर जाती है और नींद भी अच्छी आती है। दूध पीने के लिए यह सबसे अच्छा समय माना जाता है।
मात्रा अर्थात हल्दी दूध कितना पीना चाहिए – How Much Turmeric Milk Should be Drunk
प्रतिदिन 6 ग्राम हल्दी दूध में डालकर पी सकते हैं। चूंकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिये चार से सात हफ्ते सुरक्षित माना जा सकता है। फिर कुछ अंतराल के बाद दोबारा शुरू कर सकते हैं।
हल्दी दूध के नुकसान – Side Effects of Turmeric Milk
1. पहले अपने आप को जांच लें कि आपको कोई दूध से कोई एलर्जी तो नहीं है। एलर्जी की स्थिति में गर्दन और चेहरे पर हल्की खुजली या चकत्ते हो सकते हैं।
2. तासीर गर्म होने के कारण हल्दी दूध ज्यादा पीने से कब्ज, दस्त, मिचली, उल्टी जिगर की परेशानी आदि की समस्या हो सकती है।
3. आंतरिक रक्तस्राव, low ब्लड प्रेशर, पित्ताशय का संकुचन, आदि हो सकता है।
4. सीने में जलन, पेट में गैस बनना, पेट फूलना और पेट की अन्य समस्या हो सकती है।
5. यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं तो हल्दी दूध पीने के बारे में डॉक्टर से सलाह ले लें क्योंकि कुछ दवाओं के साथ हल्दी दूध के घातक परिणाम हो सकते हैं।
Conclusion-
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको हल्दी दूध पीने के फायदे और नुकसान के विषय में विस्तृत जानकारी दी। हल्दी दूध क्या होता है, इसे कैसे बनाया जाता है, इसके क्या गुण होते हैं, इसमें कौन से पोषक तत्व होते हैं इन सबके बारे में बताया। दोस्तो, इस लेख के माध्यम से हल्दी दूध पीने के फायदे, पीने का सही समय, मात्रा और अधिक पीने के नुकसान भी विस्तार पूर्वक बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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