दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, गर्मियों में पसीना आना शरीर की स्वाभाविक क्रिया है। पसीने के द्वारा शरीर तापमान को नियंत्रित करता है। सामान्य रूप से सभी को पसीना आता है मगर किसी-किसी को हाथ में पसीना बहुत ज्यादा आता है। यहां तक कि सर्दियों में भी हाथों और तलवों से बेहिसाब पसीना आता है। बहुत अधिक पसीना आना बेवजह भी हो सकता है और किसी कारणवश भी हो सकता है। दोनों ही स्थितियों में बहुत ज्यादा पसीना आना ठीक नहीं है। यह एक रोग है जिसे हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) कहा जाता है। आखिर हाथ में पसीना आने को कैसे रोका जाये। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हाथ में पसीना आने के घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको पसीना के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि हाथ में पसीना आने को रोकने के क्या उपाय हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पसीना क्या है और हाथों में पसीना आना क्या है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
पसीना क्या है? – What is Sweat?
पसीना, मानव की त्वचा में मौजूद ग्रंथियों से निकलने वाला द्रव है जिसमें 99 प्रतिशत पानी, अमोनिया, यूरिया और नमक होते हैं। शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाने पर पसीने की ग्रंथियां तापमान को नियंत्रित करने के लिये सक्रिय हो जाती हैं और शरीर से पानी को सोखकर त्वचा की ऊपरी सतह पर छोटी छोटी बूंदों के रूप में पहुंचाती हैं। त्वचा की सतह पर पानी की ये छोटी-छोटी बूंदें ही पसीना कहलाती हैं। मानव शरीर में 20 लाख से 40 लाख तक पसीने की ग्रंथियां होती हैं। ये तलवों, हथेली, माथा, गाल और बगल (Armpit) में सबसे अधिक होती हैं।
हाथों में पसीना आना क्या है? – What are Sweating Hands?
जब बिना किसी कारण के या कारण के द्वारा हाथों से सामान्य से अधिक पसीना आता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हाइपरहाइड्रोसिस रोग कहा जाता है। इस बीमारी में ना केवल हाथों की हथेलियों से बल्कि पैर के तलवों, माथा, चेहरा, गर्दन, बगल (Armpit) से भी अधिक पसीना आता है। हाइपरहाइड्रोसिस के कारणों में चिकित्सा स्थिति या दवाओं के साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं जिनका जिक्र हम आगे करेंगे।
हाइपरहाइड्रोसिस के प्रकार – Types of Hyperhidrosis
हाइपरहाइड्रोसिस के दो प्रकार होते हैं – एक प्राइमरी और दूसरा सेकेंडरी। विवरण इस प्रकार है –
1. प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस – बिना किसी बीमारी या अन्य किसी कारण से अधिक पसीना आता है तो इसे फोकल या प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। इसमें हथेलियों, चेहरा, गर्दन, बगलों (Armpit) और तलवों से पसीना आता है। इसमें पसीने की ग्रंथियां अति सक्रिय हो जाती हैं।
2. सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस – इसमें अधिक पसीना आने का निश्चित कारण होता है। किन्हीं विशेष बीमारियां के कारण या बीमारियों के उपचार के लिये दी जाने वाली दवाओं की प्रतिक्रिया (Reaction/sideeffects) स्वरूप अधिक पसीना आता है। सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस में शरीर के हर अंग से पसीना आता है और रात को नींद में भी पसीना आता है। अधिकतर यह समस्या व्यस्क होने पर शुरु होती है।
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हाथों में अधिक पसीना आने के कारण – Cause of Excessive Sweating of Hands
दोस्तो, हाथ ही क्या हाइपरहाइड्रोसिस रोग में अन्य अंगों से भी अधिक पसीना आता है जैसे, बगल, गर्दन, चेहरा, पैरों के तलवे, गुप्तांग आदि। अधिक पसीना आने के निम्नलिखित कारण होते हैं –
1. पसीने की ग्रन्थियों का अति सक्रिय (Overactive) हो जाना, मुख्य कारण है।
2. स्मोकिंग
3. तनाव
4. गर्भावस्था
5. रजोनिवृति
6. रीढ़ की हड्डी में चोट लगना
7. संक्रामक रोग जैसे टीबी, एचआईवी आदि
8. मोटापा
9. कैंसर – जैसे ल्यूकेमिया या लिम्फोमा
10. फेफड़ों का रोग
11. पार्किंनसन रोग (मानसिक विकार)
12. डायबिटीज
13. हृदय रोग
14. ऐड्रिनल ग्लैंड से संबंधित रोग
15. एंटीडिप्रेसेंट या बीटा ब्लॉकर जैसी दवाइयों की प्रतिक्रियाऐं।
अधिक पसीना आने के लक्षण – Symptoms of Excessive Sweating
दोस्तो, ज्यादा पसीना आने के लक्षणों की बात करें तो निम्नलिखित संकेत प्रकट हो सकते हैं –
1. बिना किसी तनाव या घबराहट के भी पसीना आता है।
2. गर्मी न होने के बावजूद भी अधिक पसीना आता है कि कपड़े भी गीले हो जाते हैं।
3. हाइपरहाइड्रोसिस में सबसे अधिक पसीना बाजू, चेहरे, हथेलियां, पांव और गुप्तांग पर पसीना आता है।
4. कभी-कभी शरीर के केवल एक हिस्से से पसीना आता है जैसे बगल से।
5. रात को भी पसीना आता है और आपकी नींद खुल जाती है। चादर और तकिया भी नम हो जाता है।
6. पसीना आने पर थकावट महसूस करना, फिर नींद ना आना, अधिक प्यास लगना, खांसी आना, बार-बार मूत्र विसर्जन की इच्छा होना जैसे लक्षण भी शामिल हो जाते हैं।
7. बिना किसी कारण के छः महीने से अधिक पसीना आने की समस्या रहना।
हाइपरहाइड्रोसिस का परीक्षण – Hyperhidrosis Test
पसीना आने की समस्या जानने के लिये डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं –
1. स्टार्च-आयोडीन टेस्ट (Starch-Iodine Test)- इसमें ज्यादा पसीना आने वाली जगह पर आयोडीन का घोल लगाते हैं फिर आयोडीन के सूख जाने के बाद उस जगह पर स्टार्च छिड़क दिया जाता है। इससे अधिक पसीना आने वाले हिस्से में वहां का रंग गहरे नीले से काला हो सकता है।
2. पेपर टेस्ट (Paper Test)- इस टेस्ट के लिये पेपर का उपयोग किया जाता है। एक पेपर को अधिक पसीना आने वाली जगह पर लगा देते हैं, इससे पेपर पसीने को सोख लेता है। फिर पेपर का वजन किया जाता है। पेपर का वजन जितना अधिक होता है, उतना ही पसीना अधिक आता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पसीना कितना ज्यादा आ रहा है।
3. ब्लड टेस्ट (Blood Test)- थायराइड या किसी तरह की अन्य समस्या के संदेह निवारण के लिये कुछ ब्लड टेस्ट भी करवाये जा सकते हैं।
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4. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test)- अधिक पसीना आने पर, ट्यूमर की आशंका के निवारण के लिये इमेजिंग टेस्ट कराये जा सकते हैं।
ज्यादा पसीना आने का इलाज – Too Much Sweating Treatment
ज्यादा पसीना आने की समस्या के उपचार के लिये डॉक्टर निम्नलिखित विधि अपना सकते हैं –
1. एंटीपर्सपिरेंट्स (Antiperspirants)- एंटीपर्सपिरेंट्स में 10% से 20% तक एल्यूमीनियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट होता है। पसीने की नलिकाओं को बंद करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है। इसे अंडरआर्म के पसीने का पहला उपचार माना जा सकता है।
2. आयनोफोरेसिस (Ionophoresis)- इसमें पसीने की ग्रंथि को अस्थायी रूप से बंद करने के लिये बिजली का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में 10 से 30 मिनट तक का समय लगता है।
3. बोटुलिनम टॉक्सिन (Botulinum Toxin)- इस विधि का इस्तेमाल गंभीर अंडरआर्म, हथेली और तलवे के पसीने के उपचार के लिये किया जाता है। यह पसीने को उत्तेजित करने वाली नसों को अस्थायी रूप से बंद कर देता है। इस प्रक्रिया में बोटुलिनम टॉक्सिन को अंडरआर्म में इंजेक्ट किया जाता है।
4. एंडोस्कोपिक थोरेसिस सिंपैथेक्टोमी (Endoscopic Thoracic Sympathectomy)- पसीने के गंभीर मामलों में सिम्पैथेक्टोमी नामक मिनिमली इन्वेसिव सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इस विधि में उस तंत्रिका को काट दिया जाता है, जो शरीर को अधिक पसीना आने के लिये संकेत भेजती है। यह उपचार हथेलियों से अधिक पसीना आने और चेहरे पर अधिक पसीना आने के लिये किया जाता है। अंडरआर्म्स से अधिक पसीना आने के मामले में यह इलाज काम नहीं करता।
5 दवाएं (Medicines)- अधिक पसीना आने के उपचार के लिये दवाईयों का उपयोग भी किया जा सकता है। दवाई पसीने की ग्रंथियों की उत्तेजना को रोकने का काम कर सकती हैं। दवाईयों की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुऐ, हर किसी को दवाईयां लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
6. अंडरआर्म सर्जरी (Underarm Surgery)- अंडरआर्म्स से अधिक पसीना आने की समस्या के इलाज के लिये सर्जरी की जाती है। इस प्रक्रिया में बगल के पसीने की ग्रंथियों को हटा दिया जाता है। इसके लिये लेजर, स्क्रैपिंग और लिपोसक्शन आदि विधियां उपयोग में लाई जा सकती हैं।
हाथ में पसीना आने के उपाय – Home Remedies to Stop Sweating in Hands
दोस्तो, अब कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जिनको अपनाकर हाथ में पसीना आने की समस्या से राहत पा सकते हैं –
1. हाथ धोएं (Wash Hands)- हाथों को सूखा रखने के लिये सामान्य से कहीं ज्यादा यानी अधिक बार हाथ धो कर सुखाने पड़ेंगे। जब भी आपको लगे कि हाथों में पसीना आ रहा है तभी आप हाथ धोऐं और साफ़ रुमाल या तौलिया से अच्छी तरह से सुखा लें। हर वक्त सब जगह हाथ धोने के लिये ना तो पानी उपलब्ध होता है और ना मौका। इसलिये अपने पास हैंड सेनिटाइज़र रखें और टिशू पेपर्स भी, आप हाथ सेनिटाइज़ करके या बिना सेनिटाइज़ करे भी टिशू पेपर से हाथ का पसीना साफ़ कर सकते हैं। इससे आपके हाथ सूखे रहेंगे।
2. हाथों को ठंडा रखें (Keep Hands Cool)- हाथों के पसीने से राहत पाने के लिये हाथों को ठंडा रखना भी जरूरी है विशेषकर गर्मी में। जब भी आपको लगे कि पसीना आने वाला है, अपने हाथों को, पंखा, कूलर, एसी के सामने रखकर ठंडा करें ताकि पसीना ना बने। यह बेहद सरल और प्रभावकारी उपाय है।
3. टेलकम पाउडर छिड़के (Sprinkle Talcum Powder)- घर में रहते हुऐ, आप हाथों पर टेलकम पाउडर छिड़क लें। यह पाउडर हाथों की नमी को सोख लेगा और पसीना नहीं आयेगा। इसका फायदा यह होगा कि आप अपने उन कामों को आसानी से कर सकते हैं जिनमें हाथों के पकड़ की आवश्यकता होती है जैसे वजन उठाना या रस्सी कूदना आदि। बाहर भी हाथों को सूखा रखने के लिये टेलकम पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। टेलकम पाउडर को अपने बैग में आसानी से ले जा सकते हैं
4. भोजन में बदलाव करें (Change the Diet)- पसीने की समस्या से राहत पाने के लिये अपने भोजन में बदलाव कीजिये। तीखे तेज मिर्च मसालेदार भोजन को अवॉइड करें। लाल मिर्च, लहसुन, प्याज, अदरक आदि को जितना हो सके अवॉइड कीजिये क्योंकि इनकी तासीर गर्म होने के कारण, इनसे पसीना ज्यादा आता है। यदि इनका उपयोग करना ही पड़े तो इनकी मात्रा बेहद कम होनी चाहिये। आप सब्जी में लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं। हरी मिर्च तीखी होने के बावजूद शरीर को यह ठंडा रखने का काम करती है ।
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5 टमाटर (Tomato)- आप भोजन में टमाटर का उपयोग करें। यह पसीने के छिद्रों को कम करता है और आपके आंतरिक तापमान को रेगुलेट करके पसीने को कम करने में मदद करता है। अंडर आर्म्स में पसीने की समस्या से छुटकारा पाने के लिये इसे अंडर आर्म्स में दस मिनट तक रगड़िये। आप प्रतिदिन एक गिलास टमाटर का जूस पीयें। इससे आपके हाथों का पसीना भी नियंत्रित हो जायेगा। टमाटर का जूस शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
6. बेकिंग सोडा या मकई का आटा (Corn Starch) – बेकिंग सोडा या मकई के आटे के इस्तेमाल से भी हाथों के पसीने की समस्या से राहत पा सकते हैं। इसके लिये गर्म पानी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा मिलाकर इसमें अपने हाथों को पांच मिनट तक डुबाये रखिये। फिर बाहर निकालकर साफ़ तौलिये से हाथ पोंछकर सुखा लें। कई घंटों तक हाथों में पसीना नहीं आयेगा। विकल्प के तौर पर मकई के आटे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. गुलाब जल (Rose Water)- गुलाब जल का उपयोग अक्सर सौंदर्यीकरण के लिये किया जाता है। परन्तु यह पसीने को भी नियंत्रित करने में सक्षम होता है। यह हाथ, पैरों से निकलने वाले पसीने से राहत दिला सकता है। इसके लिये गुलाब जल को हथेलियों और तलवों पर लगायें, इससे ठंडक मिलेगी। इसके अतिरिक्त गुलाब जल की कुछ बूंदें ठंडे पानी में मिलाकर हाथ और पैरों को इस पानी में दस मिनट तक डुबोये रखें। इससे पसीने की मात्रा और गति में कमी आयेगी।
8. सेब का सिरका (Apple Vinegar)- सेब का सिरका अनेक बीमारियों को दूर करने में काम आता है। पसीना आने की स्थिति में भी इसके फायदे देखे जा सकते हैं। यह शरीर में पीएच स्तर में संतुलन बनाये रखता है। पसीने की समस्या को दूर करनू के लिये रुई की मदद से हथेलियों और तलवों पर सेब का सिरका लगायें, अपने भोजन में भी इसको शामिल करें। इसे सलाद में डाल सकते हैं और एक चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। हर तरीके से यह फायदा करेगा।
9. नींबू का छिलका (Lemon Peel)- अधिक पसीना आने की स्थिति में नींबू का छिलका भी राहत दिला सकता है। नींबू का रस तो आप एक गिलास पानी में डालकर, चुटकी भर नमक मिला लें। इस नींबू पानी को हथेलियों और तलवों पर लगायें और नींबू के छिलके को हथेलियों और तलवों पर अच्छी तरह रगड़िये। थोड़ी देर में सूख जाने पर पानी से धो लें। इससे त्वचा भी मुलायम हो जायेगी।
10. तेजपत्ता (Bay Leaf)- तेजपत्ता एक मसाला है, इसे अपने भोजन में शामिल करें और तेजपत्ता की चाय बनाकर भी पीयें। इसमें मौजूद ऐस्ट्रिन्जेंट प्रॉपर्टी त्वचा के अतिरिक्त तेल को सोखकर अधिक पसीना आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करती है और पसीने की दुर्गंध को भी खत्म करती है। तेजपत्ता का सेवन करने के अतिरिक्त, मुट्ठी भर तेजपत्ते को पानी में डालकर हथेलियों को इस पानी में 20 मिनट तक डुबोकर रखें।
11. ग्रीन टी (Green Tea)- ग्रीन टी में मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन बी पसीने के ग्रंथियों को बांधने का काम करते हैं। सुबह के समय कॉफी या सामान्य चाय पीने की अपेक्षा ग्रीन टी पीयें। दिन में दो, तीन बार ग्रीन टी जरूर पीयें। इसे पसीना आने की समस्या में आराम लगेगा।
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12. ब्लैक टी (Black Tea)- ब्लैक टी भी बहुत ज्यादा पसीना आने की समस्मा से राहत दिला सकती है। यह प्राकृतिक रूप से हाथों के पसीने को नियंत्रित करती है। इसके लिये एक कटोरा गर्म (गुनगुना सा, सहन करने लायक) पानी में 2-3 टी बैग डाल दें, इनके घुलने पर हथेलियों को दस मिनट तक इस पानी में डुबोकर रखें। अंडरआर्म के पसीने की समस्या के लिये इस पानी में एक कपड़ा भिगोकर अंडरआर्म पर रगड़ें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने हाथ में पसीना आने के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पसीना क्या है, हाथों में पसीना आना क्या है, हाइपरहाइड्रोसिस के प्रकार, हाथों में अधिक पसीना आने के कारण, अधिक पसीना आने के लक्षण, हाइपरहाइड्रोसिस का परिक्षण और ज्यादा पसीना आने का इलाज, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से हाथ में पसीना आने से रोकने के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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