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हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Hiccups in Hindi

हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम किसी बीमारी का जिक्र नहीं करेंगे और ना ही किसी विकार का बल्कि शरीर के अंदर की एक ऐसी स्थिति के बारे में बतायेंगे जो सामान्य और अस्थाई होती है। ऐसी स्थिति जिसमें कोई दर्द नहीं होता और ना ही डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ती है। यह बहुत ही कम समय में अपने आप ठीक हो जाती है। हमारे देश भारत में इसे किसी के प्यार से जोड़कर देखा जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं हिचकी की, जब किसी को हिचकी आती है तो कहते हैं कि कोई याद कर रहा है। हिचकी आना, किसी के द्वारा याद करने का संकेत माना जाता है। लेकिन यदि यह जल्दी खत्म ना होकर लंबी चल जाये तो; तो निश्चित रूप से यह परेशानी का सबब बन जाती है, जिसे रोकने के लिये कुछ ना कुछ करना पड़ता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको हिचकी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसको रोकने के क्या घरेलू उपाय हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि हिचकी क्या होती है और हिचकी आने के क्या कारण होते हैं। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय
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हिचकी क्या होती है? – What is Hiccups

हिचकी डायफ्राम के संकुचन की सामान्य और अस्थाई स्थिति है। डायफ्राम के संकुचन या इस पर दबाव पड़ने के कारण स्वरतंत्र (vocal cords) बंद हो जाता है जिससे ‘हिच’ ध्वनि बनती है। यह बच्चे, व्यस्क, वृद्ध किसी को भी हो सकती है। डायफ्राम एक मांसपेशी है, जो फेफडों को अपने स्थान पर रखती है। डायफ्राम के सिकुड़ने पर फेफड़ों में हवा भरती है जो हिचकी का रूप ले लेती है। हिचकी आने पर नर्वस सिस्टम डायफ्राम को कसता है,  इस वजह से हवा गले के अंदर भर जाती है। 

जब शरीर इस हवा को अपने भीतर लेने की कोशिश करता है, तो गले में मौजूद वोकल कॉर्ड एकदम से बंद हो जाती है तभी यह ‘हिच’ की ध्वनि निकलती है। इसी को हिचकी कहा जाता है। दोस्तो, हिचकी आमतौर पर बहुत ही कम समय में अपने आप खत्म हो जाती है लेकिन यदि यह  48 घंटों से ज्यादा चले तो इसे “परसिस्टेंट हिकप्स” (Persistent hiccups) कहा जाता है। और यदि यह बहुत लंबी चले यानी एक महीने या इससे भी अधिक तो इसे “इंटरेक्टेबल हिकप्स” (Intractable hiccup) कहते हैं। ये दोनों ही प्रकार हिचकियां स्वास्थ के लिये खतरे का संकेत होती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिये।

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हिचकी के कारण – Cause of Hiccups

दोस्तो, हिचकी आने के कारण निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

1. डायफ्राम का संकुचन या इस पर पड़ने वाला दबाव तो हिचकी आने का मुख्य कारण है।

2. भोजन सावधानी पूर्वक और आराम से ना करना। ऐसी स्थिति में भोजन के साथ हवा भी अंदर चली जाती है।

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3. भोजन बहुत अधिक कर लेना।

4. भोजन के साथ खाई जाने वाली कच्ची हरी मिर्च का बहुत तेज होना।

5. भोजन का तेज तीखा, मिर्च मसाले वाला होना।

6. गैस बनाने वाले खाद्य/पेय पदार्थों का सेवन।

7. पेट फूलना। 

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8. कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन।

9. शराब या अलकोहल वाले अन्य पदार्थों पेय का सेवन। 

10. तनाव होने पर भी हिचकी की संभावना हो सकती है।

11. विषाक्त धुएं और जहरीली गैसों से भी हिचकी की संभावना हो सकती है।

12. कुछ चिकित्सिय स्थिति में भी हिचकी की संभावना हो सकती है जैसे एन्सेफलाइटिस, स्ट्रोक और ब्रेन ट्यूमर आदि।

हिचकी के लक्षण – Symptoms of Hiccups

हिचकी की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं –

1. बार-बार हिच-हिच की आवाज आना।

2. सही से बोल ना पाना। बोलने में हिचकी अवरोध उत्पन्न करती है।

3. डायाफ्राम के नीचे नसों में खिंचाव से दर्द होना।

4. सीने में, सिर में भी दर्द बन जाना।

5. कंधों में भी दर्द होना। हिचकी आने के साथ कंधों की भी ऊपर नीचे मूवमेंट होती है।

6. रात को सोने में भी परेशानी होना। बहुत देर बाद नींद आना।

7. सुबह उठने पर हिचकियों का अपने आप शुरु हो जाना। 

8. खाने पीने में भी दिक्कत होना।

हिचकी में क्या ना खाएं? – What not to Eat in Hiccups?

जब हिचकी की समस्या हो निम्नलिखित खाद्य/पेय पदार्थों के सेवन को अवॉइड करना चाहिये –

1. तीखा तेज मिर्च मसालेदार भोजन।

2. पेट में गैस बनाने वाले पदार्थ जैसे मूली, पत्ता गोभी, भिंडी आदि।

3. सोडावाटर या ऐसे ही अन्य कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन ना करें। 

4. शराब या अन्य अलकोहल वाले पेय पदार्थों का सेवन ना करें। 

हिचकी दूर के घरेलू उपाय – Home Remedies for Hiccups

दोस्तो अब बताते हैं आपको हिचकी बंद करने के उपाय जो निम्न प्रकार हैं –

1. पानी (Water)- जब भी हिचकी बंद करने की बात आती है तो सबसे पहले उपाय के रूप में पानी की याद आती है। मगर लोग सामान्य तरीके से पानी पीते हैं जिसका कोई फायदा नहीं होता। हिचकी में पानी पीने के लिये सबसे पहले अपनी नाक बंद करें फिर पानी का घूंट मुंह में भर कुछ सैकंड के लिये पानी को रोकें, फिर पानी को गले से नीचे उतार लें। इससे गले की मांसपेशियां को आराम मिल जाता है और हिचकी जल्दी ही बंद हो जाती है। 

2. झुककर पानी पिएं(Bend Down and Drink Water) – हिचकी बंद करने के लिये पानी पीने का एक और विशेष तरीका है जिसमें झुककर पानी पीया जाता है। इसके लिये अपनी कमर झुकायें, कानों को बंद करें और स्ट्रॉ की मदद से पानी पीयें। इस तरह 9 से 10 घूंट लगातार पानी पीना है। इससे गले की तंत्रिका पर दबाव पड़ेगा। 

3. बर्फ़ (Ice)- हिचकी रोकने के लिये बर्फ़ का सेवन किया जा सकता है। ठंडा पानी पाचन तंत्र हिचकी को तुरंत बंद करने में मदद करता है। इसके लिये बर्फ़ का टुकड़ा लेकर मुंह में रखकर चूसें। जब यह बहुत छोटा टुकड़ा बचे तो इसे निगल लें। या पानी में बर्फ़ के कुछ टुकड़े डालकर पीयें। इससे गले की मांसपेशियों को आराम लग जाता है और डायफ्राम का तनाव भी कम हो जाता है। इसे दिन में तीन, चार बार करें। विकल्प के तौर पर बर्फ़ के कुछ टुकड़ों को कपड़े में रखकर गर्दन के पीछे रखें इससे भी हिचकी बंद हो जायेगी। 

4. सेब का सिरका (Apple Vinegar)- सेब का सिरका बहुत खट्टा होता है, इसका खट्टापन स्वाद कलिकाओं को उत्तेजित करता है जिससे गले के अंदर की मांसपेशियों का खिंचाव कम होने पर हिचकियां रुक जाती हैं। इसके लिये बस जीभ पर सेब के सिरके की कुछ बूंद डाल लें। यदि किसी भी उपाय से हिचकी नहीं रुक रही है तो इस उपाय को अपनाकर देखें। सेब के सिरके की जगह आम का अचार भी जीभ पर रख सकते हैं। 

5. नींबू (Lemon)- नींबू चूसने से हिचकी बंद हो जाती है। नींबू चूसना भी हिचकी को दूर भगाने का एक अच्छा उपाय है। नींबू में 88 प्रतिशत तक हिचकी दूर करने की क्षमता होती है। इसका खट्टापन पाचन तंत्र को शांत कर ऐंठन पैदा करने वाली नसों को उत्तेजित करता है। हिचकी बंद करने के लिये नींबू काटकर, इसपर नमक छिड़क कर चूसें, बाद में पानी से मुंह अच्छी तरह साफ़ कर लें क्योंकि इसका सिट्रिक एसिड दांतों की सुरक्षा परत को प्रभावित कर सकता है। इसे दिन में दो बार से ज्यादा ना करें। यदि इससे हिचकी बंद नहीं हो रही है तो नींबू पर नमक के बजाय चीनी छिड़क कर चूसें, हिचकी तुरंत बंद हो जायेगी। 

6. दही (Curd)- पेट फूलने से भी हिचकी की समस्या होती है। दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है, जो पेट फूलने की समस्या को ठीक करती है, यह डायफ्राम को शांत करती है। परिणामस्वरूप हिचकी से राहत मिल जाती है। इसके लिये एक कप दही में एक चम्मच नमक मिलाकर धीरे-धीरे खायें। उच्च रक्तचाप के मरीज इस उपाय को ना  अपनायें।

7. आइसक्रीम (Ice-Cream)- आइसक्रीम भी बर्फ़ की तरह ही काम करती है। इससे गले की मांसपेशियों को आराम लग जाता है और डायाफ्राम भी शांत हो जाता है। आइसक्रीम को सामान्य रूप से ही खायें। बीच-बीच में आइसक्रीम का टुकड़ा काटकर मुंह में रखे और इसे अपने आप घुलने दें, गला ठंडा होने दें। इससे हिचकी की समस्या में आराम लग जायेगा। डायबिटीज़ के मरीज इस उपाय को ना अपनायें। 

8. चीनी (Suger)- हिचकी रोकने के लिये चीनी का उपयोग करना बहुत पुराना उपाय है जो आज भी लोगों को राहत देता है। यह मुंह में मिठास घोलती है जिससे हिचकी बंद होने में मदद मिलती है। एक चम्मच चीनी को 30 सैकंड के लिये मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबायें, इसको निगलना नहीं है। इसे दिन में दो बार कर सकते हैं। डायबिटीज़ के मरीज इस उपाय को भी ना अपनायें। 

9. शहद और अरंडी का तेल (Honey and Castor oil)- हिचकी रेकने के लिये शहद और अरंडी के तेल का उपयोग किया जा सकता है।  इससे हिचकी फौरन बंद हो जाती है। एक चम्मच शहद में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलायें। इसमें उंगली डुबोकर चाटें। इसे दिन में तीन बार कर सकते हैं। अरंडी के तेल पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “अरंडी के तेल के फायदे और नुकसान” पढ़ें। 

10. इलायची (Cardamom)- इलायची एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ये गुण डायफ्राम की गतिविधि में राहत देने का काम कर सकते हैं। इलायची पाउडर से डायफ्राम की मांसपेशियों को आराम मिल सकता है, परिणामस्वरूप हिचकी की समस्या से राहत मिल जायेगी। डेढ़ कप पानी में एक चम्मच ताजा पिसा हुआ इलायची पाउडर मिलाकर अच्छे से उबाल लें। इसे थोड़ा ठंडा करके छानकर पीयें।

11. अदरक (Ginger)- हिचकी रोकना के लिये अदरक को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण डायफ्राम की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में मदद करते हैं। हिचकी की समस्या होने पर अदरक के दो से तीन छोटे-छोटे टुकड़ों को मुंह में रख लें और इन टुकड़ों को कुछ देर तक चूसते रहें।  हिचकी बंद हो जायेगी। अदरक पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “अदरक के फायदे और नुकसान” पढ़ें।  

12. हींग (Asafoetida)- हींग पेट से जुड़ी समस्याओं के लिये बहुत बेहतरीन पदार्थ है विशेषतौर पर पेट फूलने की समस्या में। यह अत्यंत शक्तिशाली एजेंट के रूप में काम करती है जो डायफ्राम की मांसपेशियों में आराम पहुंचाती है। हींग पाचन एंजाइम और न्यूरोप्रोटेक्टिव के रूप में काम करती है,  एक बहुत ही छोटे से हींग के टुकड़े (लगभग दाल के बराबर) एक चम्मच मक्खन में मिलाकर निगल लें। हिचकी बंद हो जायेगी। जरूरत पड़े तो इसे दुबारा भी ले सकते हैं। 

13. जीभ बाहर निकालें (Stick out Tongue)- हिचकी की समस्या होने पर  जीभ को जितना हो सके उतना बाहर निकालें, ऐसा करने से गले का वो हिस्सा खुल जायेगा जो नाक के रास्ते और वोकल कोर्ड को जोड़ता है। इससे हिचकी बंद हो जायेगी।

14.  ध्यान भटाकायें (Distract)- कनाडा के रीडर्स डायजेस्ट में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार हिचकी आने पर अपना ध्यान भटका लेना चाहिये इसके लिये बताया गया है कि आप अपनी मुठ्ठी भींच लें, इससे नवर्स सिस्टम का ध्यान हिचकी से हट जायेगा और थोड़ी देर में हिचकी अपने आप ही बंद हो जायेगी। 

15. गहरी सांस लें (Take a Deep Breath)- गहरी सांस भर कर भी हिचकी को रोका जा सकता है ठीक उसी प्रकार जैसे बढ़ते रक्तचाप या तनाव को कम किया जाता है। हिचकी रोकने के लिये गहरी सांस भरें और कुछ देर के लिये रोककर रखें, फिर एकदम से सांस बाहर निकाल दें। इससे हिचकी बहुत जल्दी बंद हो जायेगी। तनाव पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “तनाव से छुटकारा पाने के उपाय” पढ़ें। 

16. घुटने हिलायें (Kneel Shake)- हिचकी रोकने का यह बहुत ही सरल उपाय है। आप आरामदायक जगह पर बैठकर घुटनों को अपनी छाती पर लगायें और इसी पोजीशन में दो मिनट के लिये बैठे रहिये। घुटनों द्वारा छाती पर बनाए गये दबाव से डायफ्राम की ऐंठन कम हो जाती है जिससे डायफ्राम में आराम लग जाता है। परिणामस्वरूप हिचकी बंद हो जाती है। इसे दिन में दो, तीन बार कर सकते हैं। 

कुछ सावधानियां – Some Precautions

यदि कुछ निम्नलिखित सावधानियां बरती जायें तो हिचकी की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता   है –

1. भोजन करते समय ध्यान भोजन की तरफ ही रहना चाहिये। मोबाइल आदि का उपयोग ना करें। 

2. भोजन के छोटे टुकड़े (छोटा कौर) बनाकर अच्छी तरह चबा-चबाकर खायें। 

3. भोजन बैठकर, तसल्ली में आराम से करें। जल्दबाजी ना करें 

4. भोजन उतना ही करें जितनी भूख है। पेट भर जाने पर भोजन ना करें। बेहतर होगा कि भूख का 75 प्रतिशत ही भोजन करें। 25 प्रतिशत पेट खाली रखें। 

5. खाते, पीते समय बात ना करें। ऐसा करने से अक्सर भोजन की नली में हवा चली जाती है।

6. भोजन करते समय यदि हिचकी आती है तो भोजन तुरंत रोक दें, थोड़ी देर बाद भोजन करें।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हिचकी क्या होती है, हिचकी के कारण, हिचकी के लक्षण और हिचकी में क्या ना खायें, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से हिचकी दूर के बहुत सारे घरेलू उपाय बताये और कुछ सावधानियां भी बताईं। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको हिचकी दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हिचकी क्या होती है, हिचकी के कारण, हिचकी के लक्षण और हिचकी में क्या ना खायें, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है।
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