स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, दुनियां में एक अद्भुत फल ऐसा भी है जिसे सब्जी के रूप में भी खाया जाता है और फल के रूप में भी। इसकी सब्जी के अतिरिक्त मीठा व्यंजन भी बनाया जाता है। यह फल लगभग 25 किलो तक का हो जाता है, वैसे सामान्य तौर पर औसतन इसका वजन 3।5 किलो होता है। जी हां हम बात कर रहे हैं कटहल की जो बांग्लादेश और श्रीलंका की शान है। इन देशों ने इसे अपने देश का राष्ट्रीय फल घोषित किया है। पश्चिमी देशों में कटहल मांस के विकल्प के रूप में प्रसिद्ध है।
इसीलिए इसे “सब्जी मांस” कहा जाता है। कटहल मूलतः भारत की ही उपज है। दक्षिण भारत के कर्नाटक और केरल राज्यों के अलावा मध्य भारत के महाराष्ट्र में, कटहल की खेती लगभग 3,000 से 6,000 साल पहले से की जा रही है। कई विटामिन और प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर जैसे खनिजों से भरपूर कटहल स्वास्थ के लिये अत्यंत लाभकारी है। इसीलिये इसे सुपरफूड कहा जाता है। मगर इसके कुछ साइड इफैक्ट भी होते हैं। आखिर यह कटहल है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “कटहल खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कटहल के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि कटहल क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
कटहल क्या है? – What is Jackfruit?
कटहल एक उष्णकटिबंधीय फल है जिसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम भारत में की जाती है। भारत के अतिरिक्त कई देशों में भी इसकी खेती की जाती है। कटहल एक ऐसा फल है जिसका उपयोग भारत में फल के रूप में कम और सब्जी के रूप में बहुत अधिक होता है। पश्चिमी देशों में कटहल को मांस के विकल्प के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि वहां इसने लोकप्रियता हासिल की है। इसकी वजह यह है कि कटहल, शाकाहारी व्यंजनों में पकाए जाने पर खींचे गए सूअर के मांस या कटे हुए चिकन की बनावट अख्तियार कर लेती है।
डिब्बाबंद हरे कटहल स्वाद में हल्का और मांस जैसी बनावट वाला लगता है। इस कारण इसे “सब्जी मांस” भी कहा कहा जाता है। विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर जैसे खनिजों से समृद्ध कटहल को स्वास्थ के लिए सुपरफूड कहा जाता है। वृक्षारोपण के पश्चात् वृक्ष तीन से चार साल में फल देने लगता है। इसका फल औसतन 3.5 किलो वजन का होता है जो 25 किलो तक वजनी हो सकता है। कटहल का कच्चा फल अंदर से भूरे रंग का होता है और पकने पर यह पीले रंग का हो जाता है।
कटहल का छिलका बहुत मोटा, सख्त और कांटेदार होता है। इस कारण कटहल को काटने के लिए तेज धारदार चाकू की जरूरत पड़ती है। इसे काटने के लिए पहले हाथों पर सरसों का तेल लगाना पड़ता है क्योंकि इसे काटते समय इसमें से दूध निकलता है। यह दूध हाथ पर लग जाए तो बहुत मुश्किल से छुटता है, इसलिए हाथों पर तेल लगाना जरूरी होता है। कटहल को काटते समय बहुत सावधान रहना पड़ता है क्योंकि चाकू फिसल कर हाथ को भी घायल कर सकता है।
कटहल को बांग्लादेश और श्रीलंका ने अपने देश का राष्ट्रीय फल घोषित किया हुआ है। दक्षिण भारत में कटहल की खेती 3,000 से 6,000 साल पहले से की जा रही है। केरल और तमिलनाडू ने कटहल को अपने राज्य का राज्य फल घोषित किया है। मोरेसी (Moraceae) परिवार से संबंध रखने वाले कटहल का वैज्ञानिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरोफिलस (artocarpus heterophyllus) है। इसे अंग्रेजी में जैकफ्रूट (jackfruit) कहा जाता है।
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कटहल की खेती कहां होती है? – Where is Jackfruit Cultivated?
1. भारत के अतिरिक्त कटहल की खेती फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, वियतनाम, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों में होती है।
2. भारत के उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, केरल, चैन्नई, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में कटहल की खेती होती है।
कटहल के गुण – Properties of Jackfruit
- कटहल की तासीर गर्म होती है।
- वृक्ष पर पकी हुई कटहल का स्वाद बहुत मीठा होता है।
- डिब्बाबंद हरे कटहल स्वाद में हल्का और मांस जैसी बनावट वाला लगता है।
- कटहल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-अल्सर, एंटी-एजिंग, एंटीडायबिटिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायरिया, एनलजेसिक आदि गुण मौजूद होते हैं।
- कटहल में विटामिन-ए, बी, सी और ई से भरपूर होती है तथा प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर जैसे खनिज, उपस्थित होते हैं।
कटहल के पोषक तत्व, मात्रा ( प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Jackfruit, quantity (per 100 grams)
पानी : 73.5 ग्राम
एनर्जी : 95 kcal
प्रोटीन : 1.72 ग्राम
कुल फैट : 0.64 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट : 23.25 ग्राम
कुल डायटरी फाइबर : 1.5 ग्राम
फ्रुक्टोज : 9.19 ग्राम
सुक्रोज : 0.42 ग्राम
ग्लूकोज़ : 9.48 ग्राम
कैल्शियम : 24 मिलीग्राम
पोटेशियम : 448 मिलीग्राम
फास्फोरस : 21 मिलीग्राम
आयरन : 0.23 मिलीग्राम
सोडियम : 2 मिलीग्राम
मैग्नीशियम : 29 मिलीग्राम
मैंगनीज : 0.043 मिलीग्राम
जिंक : 0.13 मिलीग्राम
कॉपर : 0.076 मिलीग्राम
विटामिन-सी, कुल एस्कॉर्बिक
एसिड : 13.7 मिलीग्राम
थायमिन : 0.105 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन : 0.055 मिलीग्राम
नियासिन : 0.920 मिलीग्राम
विटामिन-बी6: 0.329 मिलीग्राम
फोलेट, डीएफई : 24 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, आरएई : 5 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए : 110 आईयू
विटामिन-ई
(अल्फा-टोकोफेरॉल) : 0.34 मिलीग्राम
फैटी एसिड,
कुल सैचुरेटेड : 0.195 ग्राम
फैटी एसिड,
कुल मोनोअनसैचुरेटेड : 0.155 ग्राम
फैटी एसिड,
कुल पॉलीअनसैचुरेटेड : 0.94 ग्राम
कटहल के उपयोग – Uses of Jackfruit
- कटहल को निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है –
- कच्चे कटहल को सब्जी के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
- वृक्ष पर पके कटहल को फल के रूप में खाया जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है।
- कटहल का अचार भी बनाया जाता है।
- दक्षिण भारत में कटहल के चिप्स बनाए जाते हैं। इनको जैकफ्रूट्स चिप्स कहा जाता है।
- कटहल के बीजों को चीनी के साथ उबालकर कैंडी बनाई जा सकती है।
- कटहल के बीजों को बेक करके खाया जा सकता है।
- कटहल को नारियल के दूध में पकाकर मिठाई बनाई जा सकती है।
- कटहल को अन्य सब्जियों के साथ मिक्स करके बनाया जा सकता है। इसके पके बीजों को सलाद के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।
- कटहल के फल, बीज, पत्ता, तना और छाल का उपयोग औषधियों में किया जाता है।
- टिम्बर इंडस्ट्री कटहल के पेड़ का उपयोग बिजनेस के लिए करती है।
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कुछ सावधानियां – Some Precautions
अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित सावधानियां जो कटहल के विषय में अपनानी चाहिएं –
1. सबसे बड़ी सावधानी तो कटहल को काटने में बरतनी चाहिए क्योंकि इसका छिलका कांटेदार बहुत मोटा और सख्त होता है। इसलिए इसे तेज धारदार चाकू से काटना पड़ता है। चूंकि इसे काटने के लिए हाथों में सरसों का तेल लगाना पड़ता है, इसलिए हाथ चिकने होते हैं। ऐसे में चाकू फिसलकर वापिस हाथ में लग सकता है।
2. दूसरी सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह बरतें कि कटहल खाने से एक घंटा पहले और कटहल खाने के एक घंटा बाद तक दूध ना पीएं। क्योंकि इनकी प्रतिक्रिया स्वरूप चर्मरोग होने की संभावना रहती है जैसे कि त्वचा पर खुजली लगना, दाद, एग्जिमा आदि। इसके अतिरिक्त त्वचा पर रैशेज भी पड़ सकते हैं।
3. कटहल खाने के बाद पान भी ना खाएं, यह जानलेवा हो सकता है।
4. कटहल खाने के बाद पपीता भी ना खाएं, इससे शरीर पर सूजन छा सकती है।
5. कटहल खाने के बाद भिंडी भी नहीं खानी चाहिए। इनका संयोजन विष बन सकता है।
6. कटहल खाने के बाद विटामिन-सी वाले फल भी ना खाएं। इससे त्वचा की एलर्जी हो सकती है।
7. लेटेक्स या बर्च पोलन एलर्जी वाले लोग कटहल का सेवन ना करें तो बेहतर होगा क्योंकि इनका क्रॉस-रिएक्शन हो सकता है।
8. किडनी की पुरानी या लंबे समय से चल रही बीमारी या एक्यूट किडनी फेलियर वाले मरीजों को कटहल को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
9. गर्भवती महिलाओं और शिशु को स्तनपान कराने वाली माताएं डॉक्टर से पूछ कर ही कटहल का सेवन करें। क्योंकि कटहल की तासीर गर्म होती है। यह गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु तथा स्तनपान करने वाले शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है।
10. यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, कटहर का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करें क्यों कि इससे रीएक्शन हो सकता है।
कटहल खाने के फायदे – Benefits of Eating Jackfruit
अब बताते हैं आपको कटहल के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. इम्युनिटी बढ़ाए (Increase Immunity)- कटहल खाने का यह मुख्य फायदा है कि यह इम्युनिटी को बढ़ाती है। इम्युनिटी का मुख्य स्रोत विटामिन-सी होता है। कटहल में विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हुए इम्युनिटी को बूस्ट करता है। इसके अतिरिक्त कटहल में मौजूद फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, ज़िंक, कॉपर जैसे खनिज इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
2. पाचन के लिए फायदेमंद (Beneficial for Digestion)- यद्यपि कटहल स्वयं देर से पचने वाला पदार्थ है परन्तु इसमें मौजूद फाइबर इसे पचाने में मदद करता है। फाइबर भोजन को पतला और रसादार द्रव के रूप में परिवर्तित कर देता है जिससे पाचन तंत्र को भोजन पचाने के लिये अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। दूसरी बात यह है कि कटहल में मौजूद फाइबर मल को नरम और ढीला करता है जिससे मल त्याग आसानी से हो जाता है। पाचन तंत्र सही रहने से कब्ज़, गैस बनना, पेट में दर्द जैसी समस्याएं नहीं होतीं।
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3. वजन कम करे (Lose Weight)- कटहल वजन कम करने में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है। इस काम में कटहल में मौजूद फाइबर मदद करता है। कटहल में कैलोरी बहुत कम होती है और पानी की मात्रा अधिक। इसके खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जल्दी भूख नहीं लगती। इसमें मौजूद विटामिन-ए, सी और कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज भी वजन कम करने में मदद करते हैं।
4. रक्त की कमी पूरी करे (Make up for Blood Loss)- शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया कहा जाता है जो कि अधिकतर महिलाओं में होती है। कटहल में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हीमोग्लोबीन में सुधार होता है। इस तरह कटहल के सेवन से रक्त की कमी पूरी होती है।
5. आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- कटहल का सेवन नेत्र स्वास्थ के लिये लाभकारी होता है। इसमें मौजूद विटामिन-ए आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है। इसके सेवन से आंखों में मोतियाबिंद होने की संभावना दूर होती है। साथ ही उम्र बढ़ने के साथ होने वाली एजिंग मैक्यूलर डिजनरेशन की संभावना भी कम हो जाती है।
6. हड्डियों को मजबूती दे (Strengthen Bones)- हड्डियों के स्वास्थ के लिए कैल्शियम एक महत्वपूर्ण तत्व है जो कि कटहल से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। इसके अतिरिक्त कटहल में मौजूद फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, ज़िंक जैसे खनिज अस्थि खनिज घनत्व के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। अस्थि खनिज घनत्व का स्तर सही रहने पर हड्डियों को मजबूती मिलती है।
7. दर्द और सूजन को खत्म करे (Eliminate Pain and Swelling)- कटहल और कटहल के बीजों में दर्द निवारक गुण उपस्थित होते हैं। इन को एनाल्जेसिक (analgesic) गुण कहा जाता है। चाहे बॉडी में सामान्य दर्द हो या सिर में दर्द अथवा जोड़ों में दर्द, कटहल के सेवन से दर्द में राहत मिलती है। जोड़ों में दर्द के कारण सूजन भी हो जाती है। कटहल में उपस्थित एंटीइंफ्लामेटरी गुण सूजन को खत्म करने का काम करते हैं।
8. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- कटहल के फायदे डायबिटीज में भी देखे जा सकते हैं। कटहल में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। इसके अतिरिक्त कटहल विटामिन-बी भी मौजूद होता है जो इंसुलिन को बढ़ाता है और ग्लुकोज को कंट्रोल करने का काम करता है। कटहल को खाने के अतिरिक्त इसके पत्तों को पानी में उबालकर पीने से भी ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है।
9. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे (Control Blood Pressure)- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई में रहता है उनको कटहल का सेवन करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है। वस्तुतः, कटहल में पोटेशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है और सोडियम की मात्रा बहुत कम। पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है जबकि सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है।
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10. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy)- कटहल के बीज में मौजूद रिबोफ्लेविन जिसे विटामिन-बी2 के नाम से जाना जाता है और मैग्नीशियम उपस्थित होते हैं। ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL की मात्रा में वृद्धि करते हैं जिससे हृदय रोगों की संभावना नहीं रहती। वैसे भी कटहल में फैट बहुत कम होता है। ब्लड में होमोसिस्टीन नामक एक ऐसा तत्व है जो हृदय रोगों के खतरों को बढ़ाता है जबकि कटहल में विटामिन-बी6, होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने का काम करता है। हाई ब्लड प्रेशर और डाइबिटीज भी हृदय रोगों के कारण बनते हैं। कटहल के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और डाइबिटीज भी कंट्रोल में रहते हैं।
कटहल खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Jackfruit
- कटहल खाने के फायदे होते हैं तो इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। इनका विवरण निम्न प्रकार है –
- संवेदनशील व्यक्तियों को कटहल के सेवन से मौखिक (oral) एलर्जी हो सकती है।
- कटहल के अधिक खाने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
- कटहल अधिक खाने से डायबिटिक मरीजों में ग्लूकोज स्तर असंतुलित हो सकता है।
- कटहल के अधिक सेवन से पुरुषों में बांझपन हो सकता है।
- कटहल का अधिक सेवन इम्युनिटी सिस्टम में बाधक बन सकता है।
- कटहल के अधिक सेवन से पेट की समस्याएं हो सकती हैं जैसे पेट में गैस बनना, पेट में दर्द होना, दस्त लगना, उल्टी आदि।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको कटहल खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कटहल क्या है?, कटहल की खेती कहां होती है, कटहल के गुण, कटहल के पोषक तत्व, कटहल के उपयोग और कुछ सावधानियां इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से कटहल खाने के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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