स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, जब कभी पेट खराब हो जाता है तो आज भी लोग डॉक्टर के पास जाने के बजाय एक पारम्परिक और लोकप्रिय औषधि को अपनाते हैं क्योंकि डॉक्टर की मंहगी फीस होती है और दवाईयां भी बहुत मंहगी होती हैं। इस लोकप्रिय औषधि का नाम है “ईसबगोल“। ईसबगोल का उपयोग सदियों से होता चला आ रहा है क्योंकि यह पेट के रोगों के उपचार के लिये एकदम परफैक्ट औषधि है और सस्ती भी पड़ती है। इससे आराम भी जल्दी आ जाता है। यह कब्ज, दस्त, गैस, बवासीर जैसी बीमारियों के उपचार में काम आती है। आज इसी पर हम प्रकाश डालेंगे और यही है हमारा आज का टॉपिक “ईसबगोल के फायदे और नुकसान”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको ईसबगोल के बारे में जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि ईसबगोल क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
ईसबगोल क्या है? – What is a Lsabgol
ईसबगोल एक झाड़ी वाला पौधा है जिसके बीज के ऊपर सफेद झिल्ली (भूसी) होती है, इसी को ईसबगोल भूसी कहा जाता है। यही ईसबगोल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग में लाई जाती है विशेषकर कब्ज और दस्त के उपचार के लिए। इस पौधे के बीज को संस्कृत में “स्निग्धबीजम्” कहा जाता है। ईसबगोल का पौधा लगभग एक मीटर तक ऊंचा हो जाता है। इसके पत्ते लंबे परन्तु कम चौड़े होते हैं।
इन पत्तों की आकृति घोड़े के कान के समान होती है। फारसी में ईसबगोल शब्द का अर्थ ही “घोड़े का कान” होता है। संभवतः इसीलिये इस पौधे का नाम ईसबगोल रखा गया है। ईसबगोल के पौधे के सिरों पर गेहूँ के समान बालियाँ लगती हैं, इन बालियों में बीज होते हैं। जब इन बीजों के ऊपर सफेद झिल्ली यानि भूसी आती है तब इस पौधे को काट लिया जाता है, मिट्टी नम होने पर इसे उखाड़ दिया जाता है। फिर इस पौधे को धूप में सुखाया जाता है। पौधे के सूख जाने पर बालियों से इसके बीजों को अलग कर लिया जाता है। भूसी को बीजों से अलग करने के लिए बीजों को 6-7 बार पीसा जाता है। तब जाकर ईसबगोल “भूसी” के रूप में प्राप्त होती है।
औषधि के अतिरिक्त ईसबगोल का उपयोग रंग-रोगन, आइस्क्रीम और अन्य चिकने पदार्थों के उत्पादन में किया जाता है। ईसबगोल के बीज दो रंग के होते हैं – सफेद और काले। सफेद बीज औषधि की दृष्टि से अच्छे माने जाते हैं परन्तु काले बीजों का उपयोग औषधि के लिए नहीं किया जाता। ईसबगोल प्लैन्टैजिनेसी (Plantaginaceae) कुल का पौधा है और इसका वैज्ञानिक नाम प्लान्टेगो ओवेटा (Plantago ovata) है। इसे अंग्रेजी में साइलियम (Psyllium), ब्लौन्ड साइलियम (Blondpsyllium) और इसबगोल (Isabgol) स्पोजेल सीड्स (Spogel seeds) कहा जाता है।
ये भी पढ़े- नीम के फायदे
ईसबगोल की खेती कहां होती है? – Where is Lsabgol Cultivated?
1. ईसबगोल का उत्पत्ति स्थान मिस्र तथा ईरान को माना जाता है।
2. ईसबगोल की खेती मिस्र, ईरान, ईराक, अरब, अमीरात और फिलीपीन्स में की जाती है।
3. विश्व में ईसबगोल के उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है।
4. भारत के गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा मध्य प्रदेश राज्यों में ईसबगोल की खेती की जाती है।
ईसबगोल के गुण – Property of Lsabgol
1. ईसबगोल की तासीर ठंडी होती है।
2. ईसबगोल का स्वाद फीका होता है।
3. ईसबगोल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
4. ईसबगोल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, पोटेशियम आदि खनिज मौजूद होते हैं।
ईसबगोल के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Isabgol (Quantity per 100 grams)
- उर्जा : 375 kcal
- प्रोटीन : 5.0 ग्राम
- शुगर, कुल : 30.00 ग्राम
- कुल लिपिड (वसा) : 6.25 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 75.00 ग्राम
- फाइबर, कुल डाइटरी : 10.0 ग्राम
- कैल्शियम : 50 ग्राम
- आयरन : 1.80 मिलीग्राम
- पोटेशियम : 262 मिलीग्राम
- सोडियम : 288 मिलीग्राम
- फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड : 2.500 ग्राम
ईसबगोल खाने का सही तरीका – The Right Way to Eat Lsabgol
ईसबगोल का निम्न प्रकार से सेवन कर सकते हैं –
1. भोजन करने के बाद ईसबगोल को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे एसिडिटी नहीं होगी।
2. जो लोग वजन कम करना चाहते हैं वे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और ईसबगोल मिलाकर पीएं।
3. रात को खाना खाने के बाद गुनगुने पानी से या त्रिफलाचूर्ण के साथ गुनगुने पानी से या गुनगुने दूध के साथ ईसबगोल का सेवन करें। इससे कब्ज नहीं होगी और पाचन भी सही रहेगा।
4. रात को खाना खाने के बाद गुनगुने पानी से ईसबगोल लेने से बवासीर की समस्या में आराम लगेगा।
5. हृदय से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए, दिन में दो बार भोजन करने के बाद ईसबगोल का पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
6. दस्त की समस्या में ईसबगोल का सेवन दही के साथ करना चाहिए। दही में अपनी इच्छानुसार चीनी या मिश्री मिला सकते हैं। ईसबगोल और दही के सेवन के थोड़ी देर बाद एक गिलास पानी जरूर पीएं।
ये भी पढ़े- बाजरा खाने के फायदे
कुछ सावधानियां – Some Precautions
ईसबगोल के सेवन के बारे में निम्नलिखित सावधानियां बरतें –
1. ईसबगोल का सेवन पानी, दूध या दही के साथ करना चाहिए। पानी के साथ सेवन करने के लिये पानी की मात्रा काफी होनी चाहिये। कम पानी होने पर यह गले में चिपक सकती है।
2. दो वर्ष की आयु तक के छोटे बच्चों को ईसबगोल नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनको इसे निगलने में दिक्कत हो सकती है।
3. वैसे तो ईसबगोल को गर्भावस्था में और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित माना गया है परन्तु इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
4. यदि किसी को एपेंडिसाइटिस की समस्या रही है या है या पेट से जुड़ी कोई अन्य समस्या है तो ईसबगोल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
ईसबगोल के सेवन की मात्रा – Dosage of Lsabgol
1. ईसबगोल भूसी : 5 से 10 ग्राम, यानि एक या दो चम्मच, पानी, दूध या दही के साथ।
2. ईसबगोल कैप्सूल : एक या दो कैप्सूल दिन में एक या दो बार पानी के साथ वह भी डॉक्टर की सलाह पर।
ईसबगोल के फायदे और नुकसान – Benefits and Side Effect of Lsabgol
अब बताते हैं आपको ईसबगोल के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. कब्ज से राहत दिलाए (Relieve Constipation)- ईसबगोल का सबसे मुख्य फायदा यह है कि इसके सेवन से, कब्ज से राहत मिल जाती है। ईसबगोल को कब्ज के लिए रामबाण उपाय माना जाता है। ईसबगोल में 70% घुलनशील और 30% अघुलनशील फाइबर उपस्थित होता है।
ईसबगोल के लैक्सेटिव प्रभाव मल को नरम ढीला करता है जिससे इसको त्यागने में आसानी रहती है। रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर पीएं। या रात को एक चम्मच त्रिफला पाउडर और एक चम्मच ईसबगोल मिलाकर गर्म पानी के साथ लें।
ये भी पढ़ें- कब्ज के घरेलू उपाय
2. पाचन के लिए फायदेमंद (Beneficial for Digestion)- ईसबगोल पाचन प्रक्रिया को भी ठीक रखती है। इसका लैक्सेटिव प्रभाव पाचन तंत्र को सही प्रकार से काम करने में मदद करता है। चिकित्सीय एजेंट के तौर पर ईसबगोल का उपयोग आंतों से जुड़ी समस्याओं के निवारण तथा कब्ज, दस्त जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। ईसबगोल में मौजूद फाइबर गैस्ट्रिक एसिड स्राव को कम करते हुए पाचन तंत्र की रक्षा करता है।
फाइबर भोजन को रसदार बनाता है जिससे पाचन तंत्र को इसे पचाने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। भोजन के ठीक से पचने पर सुबह मल त्याग में भी कोई दिक्कत नहीं होती। इसके लिए रात को गुनगुने दूध में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर पीएं या एक-एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और ईसबगोल लेकर गुनगुने पानी के साथ पी लें।
3. एसिडिटी से राहत दिलाए (Relieve Acidity)- ईसबगोल एसिडिटी के लिये एक प्राकृतिक उपचार है। यदि पेट में जलन होती है तो समझ लेना चाहिए कि यह एसिडिटी की समस्या है। यह एसिडिटी को खत्म करके पेट में होनेवाली जलन से राहत दिलाती है। इसके भोजन-नली और पेट के माध्यम से गुजरने पर यह झिल्लीदार दीवारों के लिए चिकनाई का कम करती है। यह एसिड को अवशोषित करके आंतों से अधिक एसिड को बाहर निकालने का काम करती है।
4. बवासीर से राहत दिलाए (Relieve Hemorrhoids)- ईसबगोल का यह बहुत बड़ा फायदा है कि यह बवासीर की समस्या से राहत दिलाती है। कब्ज, बवासीर का मुख्य कारण है। ऊपर हमने बताया है कि ईसबगोल के सेवन से कब्ज से छुटकारा पाया जा सकता है।
जब कब्ज ही नहीं रहेगी तो बवासीर होने का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। फिर भी ईसबगोल के सेवन से बवासीर से छुटकारा मिल जाएगा। इसके लिये ईसबगोल का शर्बत बनाकर पीएं इससे खूनी बवासीर में भी आराम लग जाएगा, खून आना बंद हो जाएगा।
ये भी पढ़ें- बवासीर का देसी इलाज
5. मूत्र-विकार में लाभदायक (Beneficial in Urinary Disorders)- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन (urinary tract infection) के कारण मूत्र विसर्जन के समय बहुत जलन होती है या रुक-रुक कर पेशाब आता है। ईसबगोल इस समस्या से राहत दिलाती है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच ईसबगोल डाल दें। थोड़ी देर बाद अपने स्वाद के अनुसार मिश्री डाल दें। इसे अच्छी तरह मिक्स करके पी लें। इससे पेशाब में जलन नहीं होगी और पेशाब भी खुल कर आएगा।
6. स्वप्ननदोष में लाभदायक (Beneficial in Nightmare)- स्वप्नदोष पुरुषों में होने वाला एक यौन विकार है जो कि एक आम समस्या है। इसमें रात को सोते समय पुरुष स्खलित हो जाता है जिससे शारीरिक कमजोरी बहुत आ जाती है। ईसबगोल इस समस्या से राहत दिलाती है। इसके लिए रात को सोने से एक घंटा पहले एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच ईसबगोल और एक चम्मच मिश्री पाउडर मिलाकर पीएं तथा मूत्र विसर्जन करके सोएं।
7. नपुंसकता दूर करे (Remove Impotence)- ईसबगोल नपुंसकता और शीघ्रपतन जैसे यौन विकार के उपचार में अत्यंत लाभदायक होती है। इसके लिए रोजाना सुबह के समय पांच-पांच ग्राम ईसबगोल और मिश्री पाउडर लेकर दूध के साथ सेवन करें या 20-20 ग्राम मात्रा में ईसबगोल और गोखरू तथा 5 ग्राम छोटी इलायची पाउडर को दो चम्मच गाय के दूध के साथ सेवन करें। इससे ये दोनों समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
8. सूखी खांसी में फायदा (Benefits in Dry Cough)- ईसबगोल सूखी खांसी के उपचार लिये एक प्राकृतिक उपाय है। ईसबगोल की भूसी की पुडिंग गले में खराश और सूखी खांसी से राहत दिला सकती है। विकल्प स्वरूप एक या दो चम्मच ईसबगोल को सुबह पानी में भिगोकर रख दें और शाम को सेवन करें। इसी प्रकार शाम को भिगोई हुई ईसबगोल को सुबह सेवन करें।
9. डायरिया से राहत दिलाए (Relieve Diarrhea)- ईसबगोल का यह भी एक मुख्य फायदा है कि यह पेट खराब होने पर साधारण दस्त होने पर और गंभीर स्थिति के डायरिया की समस्या से राहत दिलाता है। वस्तुतः ईसबगोल पाचन तंत्र से पानी को अवशोषित करता है, इससे पतला मल बंधकर सख्त होने लगता है।
यह आंतों से बैक्टीरिया को खत्म कर आंतों की सफाई करके उन्हें संक्रमण से बचाता है। हल्के दस्त और गंभीर डायरिया में दही में दो चम्मच ईसबगोल और एक चम्मच मिश्री डालकर दिन में तीन बार सेवन करें। चूंकि दही प्रोबियोटिक होती है इसलिये यह भी संक्रमण को दूर करती है और दस्त से राहत दिलाती है। या 50 लीटर पानी में एक-एक चम्मच ईसबगोल और मिश्री पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार पीएं।
10. वजन कम करे (Lose Weight)- जो लोग अपना मोटापा कम करना चाहते हैं उनके लिए ईसबगोल एक अच्छा ऑप्शन है। ईसबगोल फैट को गलाने का काम करती है। यह अपने वजन से 14 गुना पानी को सोखती है, पाचन प्रक्रिया को सही रखती है। इसमें मौजूद फाइबर भूख नहीं लगने देता। लंबे समय तक पेट भरा-भरा रहता है। वजन कम करने के लिये एक गिलास पानी में या नींबू पानी में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर पी सकते हैं।
11. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे (Control Cholesterol)- ईसबगोल पित्त ऐसिड को बांधकर खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करती है और अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाने का काम करती है। इस प्रकार यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में मददगार होती है।
एक अध्ययन से पता चलता है कि ईसबगोल LDL कोलेस्ट्रॉल और प्लाज्मा (AIP) के एथेरोजेनिक इंडेक्स को काफी कम करने में सक्षम होती है। 3 से 6 माह लगातार इसका सेवन करने से इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। रात को सोने से पहले एक चम्मच ईसबगोल गुनगुने पानी या दूध के साथ ली जा सकती है।
ये भी पढ़ें- कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय
12. डाइबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- फाइबर युक्त भोजन ग्लुकोज के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। ईसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही प्रकार के फाइबर मौजूद होते हैं। घुलनशील फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को लगभग 12 प्रतिशत तक कम कर देता है। परिणामतः शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है। डाइबिटीज के जोखिम से बचने के लिए भोजन करने के बाद ईसबगोल को पानी के साथ ले सकते हैं।
ईसबगोल से नुकसान – Side Effect of Lsabgol
ईसबगोल के हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. ईसबगोल के अधिक सेवन से भूख में कमी आ सकती है।
2. जंगली ईसबगोल, बेचैनी और त्वचा संबंधी विकार का कारण बन सकती है।
3. ईसबगोल के अधिक सेवन से ब्लडप्रेशर काफी कम हो सकता है जो समस्या बन सकता है।
4. अधिक सेवन से दस्त लग सकते हैं।
5. ईसबगोल नाड़ी को कमजोर कर सकती है।
6. ईसबगोल से एलर्जी बहुत कम मामलों में नोटिस की गई है। एलर्जी से त्वचा पर चकत्ते पड़ना, खुजली, चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
7. ईसबगोल के अधिक सेवन से पेट में भारीपन, पेट भरा-भरा सा लगना, गैस बनना जैसी समस्या हो सकती हैं।
8. ईसबगोल को अधिक पानी या अन्य पेय पदार्थ के साथ लिया जाता है। इनकी मात्रा कम होने पर निगलने में दिक्कत, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, सीने में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
9. दो वर्ष की आयु तक के बच्चों को ईसबगोल का सेवन नहीं कराना चाहिए, उनको निगलने में दिक्कत हो सकती है।
10. ईसबगोल के कैप्सूल या ईसबगोल के बारीक पाउडर को अवॉइड करना चाहिए, इनसे आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है। ईसबगोल भूसी की तुलना में इनका समान लाभ नहीं मिल पाता।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको ईसबगोल के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी दी। ईसबगोल क्या है, ईसबगोल की खेती कहां होती है, ईसबगोल के गुण, ईसबगोल के पोषक तत्व, ईसबगोल खाने का सही तरीका, कुछ सावधानियां और ईसबगोल के सेवन की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से ईसबगोल के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
Nice article