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मेनिनजाइटिस क्या है? – What is Meningitis in Hindi

मेनिनजाइटिस क्या है?

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, बदलते मौसम में बैक्टीरिया, वायरस, फंगल आदि से संक्रमित होकर बीमार पड़ना स्वाभाविक है। परन्तु इनके कारण जान चली जाना स्वाभाविक नहीं है, यह गंभीर मामला है, विशेषतौर पर संक्रमण यदि शरीर के उस हिस्से पर हो जाए जो शरीर के विशेष अंगों की रक्षा करता है तो। हम बात कर रहे हैं ऊतकों के उन तीन परतों की जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करके इनकी रक्षा करती हैं। ऊतकों की इन परतों को मेनिन्जेस के नाम से जाना जाता है। 

यदि ये बैक्टीरिया, वायरस, फंगल आदि के कारण संक्रमित हो जाती हैं तो इनमें सूजन आ जाती है। इस रोग को मेनिनजाइटिस कहा जाता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण मेनिनजाइटिस में मृत्यु भी हो जाती है। इसका वर्तमान में उदाहरण है प्रसिद्ध रॉक गिटारिस्ट जेफ्री अर्नोल्ड बेक का 10 जनवरी 2023 को 78 वर्ष की आयु में बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के कारण निधन। इसके बाद मेनिनजाइटिस रोग पर जानकारी निकल कर आई। दोस्तो, हमारा आज का टॉपिक भी यही है “मेनिनजाइटिस क्या है?”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मेनिनजाइटिस के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसका उपचार क्या है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि मेनिनजाइटिस क्या है और मेनिनजाइटिस संक्रमण कैसे फैलता है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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मेनिनजाइटिस क्या है? – What is Meningitis?

दोस्तो, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढक कर रखने के लिये ऊतकों की तीन परतें होती हैं। ये ऊतकों की परतें इनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। ऊतकों की इन परतों को मेनिन्जेस (Meninges) कहा जाता है। जब इन परतों के आसपास तरल पदार्थ संक्रमित हो जाता है तो मेनिन्जेस में सूजन आ जाती है। मेनिन्जेस में आई सूजन को मेडिकल भाषा में मेनिनजाइटिस (meningitis) कहा जाता है। 

यह किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है परन्तु शिशुओं और छोटे बच्चों में यह संक्रमण होने का जोखिम अधिक रहता है। यदि समय रहते इसका उपचार ना कराया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। आंकड़े बताते हैं कि विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार पिछले बीस वर्षों में मेनिनजाइटिस के 20 लाख संदिग्ध मामले जो रिपोर्ट किये गए उनमें से अब तक एक लाख मरीजों की जान जा चुकी है।

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मेनिनजाइटिस संक्रमण कैसे फैलता है? – How is Meningitis Infection Spread?

मेनिनजाइटिस का संक्रमण निम्न लिखित माध्यम के द्वारा फैलता है – 

  1. संक्रमण व्यक्ति के छींकने और खांसने से
  2. चूमने से
  3. बलगम से
  4. नाक के म्यूकस से
  5. मल संदूषण से 
  6. फंगल बीजाणुओं का सांस के जरिये अंदर जाने से।
  7. पक्षियों या चमगादड़ों की बूंदों द्वारा
  8. कृन्तकों (rodents) द्वारा लाई मिट्टी का अंदर चले जाना।

मेनिनजाइटिस के प्रकार – Types of Meningitis

मेनिनजाइटिस के मुख्य चार प्रकार होते हैं। विवरण निम्न प्रकार है –

1. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस (Bacterial Meningitis)- यह मेनिनजाइटिस सबसे आम और सामान्य प्रकार है जो किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है। इसमें बैक्टीरिया रक्त में अंदर जाकर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी तक पहुंचकर बहुत ही कम समय में संक्रमण फैला देता है। 

यह कितना खतरनाक है इस बात का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें मौतें 24 से 48 घंटे के अंदर हो जाती हैं या स्थाई अक्षमता आ जाती है। इसमें अधिकतर निसेरिया मेनिनजाइटिस (मेनिंगोकोकस), स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (न्यूमोकोकस) तथा हैमोफिलस इन्फ्लुएन्जा टाइप बी (एचआईबी) बैक्टीरिया, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की वजह बनते हैं। 

2. वायरल मेनिनजाइटिस (Viral Meningitis)- यह भी एक सामान्य प्रकार का मेनिनजाइटिस है जो कि वायरस के कारण फैलता है। इसमें कई वायरस शामिल हो सकते हैं जिनमें मुख्य रूप से “एन्टेरो विरुसेस” वायरस समूह है जो श्वसन और आंत्र पथ में रहता है, मेनिन्जेस को संक्रमित करके मेनिनजाइटिस की वजह बनता है। 

इसमें बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण प्रकट होते हैं। बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की तुलना में यह कम खतरनाक है। इसमें मरीज बिना कोई स्थाई नुकसान के, ठीक हो जाता है। जिन लोगों की इम्युनिटी शक्तिशाली है, वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। 

3. फंगल मेनिनजाइटिस (Fungal Meningitis)- मेनिनजाइटिस का यह प्रकार सामान्य नहीं है, यह बहुत कम देखने को मिलता है। यह फंगस के कारण फैलता है। यह संक्रामक नहीं है, यह तब फैलता है जब पर्यावरण से फंगल बीजाणु सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।  कमजोर इम्युनिटी वाले लोग और एड्स से पीड़ित मरीज फंगस मेनिनजाइटिस का शिकार होते हैं।

4. गैर-संक्रामक मेनिनजाइटिस (Non-Infectious Meningitis)-  मेनिनजाइटिस कुछ ऐसी स्थितियों से भी बनते हैं जिनके लिए संक्रमण जिम्मेदार नहीं होता। सिर पर चोट लगना, कैंसर, ल्यूपस यानि आटो-इम्यून डिजीज़, ब्रेन सर्जरी, रीढ़ की हड्डी, खोपड़ी की वर्तमान स्थिति, ड्रग्स या कुछ दवाएं  मेनिनजाइटिस के इस प्रकार की वजह बन सकती हैं।

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मेनिनजाइटिस के कारण – Causes of Meningitis

मेनिनजाइटिस के प्रकार से इसके कारण भी स्पष्ट हो जाते हैं जो निम्नलिखित हैं –

1. बैक्टीरिया (Bacteria)- निसेरिया मेनिनजाइटिस (मेनिंगोकोकस), स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (न्यूमोकोकस), हैमोफिलस इन्फ्लुएन्जा टाइप बी (एचआईबी), लिस्टेरिया मोनोसाइटोजीन (लिस्टेरिया), माइकोबैक्टीरिया(तपेदिक) आदि। 

2. वायरस (Virus)- एन्टेरो विरुसेस” वायरस समूह, हर्पीज सिंप्लेक्स वायरस, वैरिकाला-जोस्टर वायरस, इन्फ्लुएन्जा वायरस आदि।

3. पर्यावरण से फंगल

4. रासायनिक प्रतिक्रियाएं, परजीवी, कुछ दवाएं, ड्रग्स, ल्यूपस, कैंसर, ब्रेन सर्जरी,  रीढ़ की हड्डी, खोपड़ी की वर्तमान स्थिति।

मेनिनजाइटिस के जोखिम कारक – Risk Factors for Meningitis

निम्नलिखित कारक मेनिनजाइटिस के जोखिम को ट्रिगर कर सकते हैं –

  1. 5 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे।
  2. ऐसे बच्चे जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या रुक गया है।
  3. प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना।
  4. ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर।
  5. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना।
  6. एचआईवी या एड्स।
  7. कीमोथेरेपी।
  8. अंग या बोन मैरो प्रत्यारोपण।
  9. गर्भावस्था – इसमें गर्भवती महिला को लिस्टोरिया बैक्टीरिया के संक्रमण से लिस्टरियोसिस होने का जोखिम रहता है।
  10. सामूहिक आवास जैसे कि होस्टल, सैनिकों के बैरेक, बोर्डिंग स्कूल आदि।

बच्चों में मेनिनजाइटिस के लक्षण – Symptoms of Meningitis in Children

बच्चों में मेनिनजाइटिस के निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं –

  1. तेज बुखार
  2. अत्यधिक चिड़चिड़ापन और रोना
  3. गर्दन में अकड़न
  4. कुपोषण यानि पर्याप्त पोषण न मिलना
  5. सुस्ती और उदासी
  6. सिर के अगले हिस्से पर कोमल छिद्र
  7. त्वचा पर दाने (कुछ मामले में)।
  8. कुछ गंभीर मामलों में सदमा।

व्यस्कों में मेनिनजाइटिस के लक्षण – Symptoms of meningitis in adults

व्यस्कों में 25 प्रतिशत मामलों में 24 घंटे से अधिक समय लग सकता है मेनिनजाइटिस के लक्षण प्रकट होने में। वैसे सात दिनों में आमतौर पर लक्षण देखे जा सकते हैं। व्यस्कों में मेनिनजाइटिस के लक्षण निम्नलिखित हैं –

  1. बुखार और सर्दी लगना
  2. सिर दर्द
  3. गर्दन में अकड़न
  4. मितली, उल्टी
  5. त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते पड़ जाना
  6. नींद में परेशानी
  7. व्यवहार में परिवर्तन, चिड़चिड़ापन
  8. सुस्ती
  9. तीव्र प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  10. भ्रम की स्थिति 
  11. मरीज को दौरे पड़ना
  12. श्वसन तंत्र में संक्रमण के लक्षण

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मेनिनजाइटिस की जटिलताएं – Complications of Meningitis

उपचार रहित मेनिनजाइटिस की निम्नलिखित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं –

  1. सुनने से संबंधित समस्याएं, बहरापन
  2. सीखने की स्थाई अक्षमता
  3. संज्ञानात्मक हानि
  4. हाइड्रोसेफालस यानि मस्तिष्क में द्रव (पानी) भरना
  5. मस्तिष्क की क्षति 
  6. मिर्गी जैसे दौरे
  7. व्यवहार संबंधी समस्याएं
  8. मृत्यु की संभावना

मेनिनजाइटिस का निदान – Diagnosis of Meningitis

मेनिनजाइटिस के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं –

1. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination)- शारीरिक परीक्षण में बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, हार्ट बीट, रक्तचाप, गर्दन की अकड़न, चेतना आदि शामिल हैं।

2. लम्बर पंकचर (Lumbar Puncture)- डॉक्टर लम्बर पंकचर की भी सलाह दे सकते हैं। यह एक ऐसी विधि है जिसमें पहली और दूसरी काठ कशेरुकाओं (lumbar vertebrae) के बीच एक सुई डालकर सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (cerebrospinal fluid – CSF) को इकट्ठा किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए रीढ़ की हड्डी में उपस्थित द्रव में सूजन और बैक्टीरिया का पता चल जाता है।

3. ब्लड टेस्ट (Blood Test)- ब्लड टेस्ट में कम्प्लीट ब्लड काउंट (complete blood count – CBC) के जरिए लाल तथा सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता चल जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिए ही रक्त में बैक्टीरिया का पता लगाया जाता है।

4. एक्स-रे (X-Ray)- छाती का एक्स-रे किया जाता है। इससे टीबी और फंगल इंफेक्शन का पता चल जाता है।

5. सीटी स्केन (CT Scan)- चूंकि बैक्टीरिया साइनस से मेनिनजेस तक पहुंच सकता है, इसलिए सिर का सीटी स्केन किया जाता है। इससे मस्तिष्क में फोड़े और साइनसाइटिस का पता चल जाता है। 

मेनिनजाइटिस में क्या खाना चाहिए? – What to Eat in Meningitis?

मेनिनजाइटिस से ग्रस्त लोगों को विटामिन, खनिज, आवश्यक फैटी एसिड, जैसे पोषक तत्वों से युक्त भोजन करना चाहिए। इनसे एंटीऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं। ये सब हमें फलों और सब्जियों से मिल जाते हैं। इस प्रकार के भोजन प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहेगी। आहार विशेषज्ञ आहार में निम्नलिखित पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं –

  • फल –  पपीता, बेरी, चकोतरा, तरबूज।
  • सब्जियों में – गाजर, बंदगोभी, शिमला मिर्च (लाल), ब्रोकली, सेम, हरे पत्तेदार सब्जियां।
  • मांसाहार – सैल्मन मछली, चिकन (देसी मुर्गी), कम फैट वाला मांस।
  • ड्राईफ्रूट्स और बीजों में – अखरोट, चिया के बीज, सूरजमुखी के बीज और कद्दू के बीज।

क्या नहीं खाना चाहिए? – What Should Not be Eaten?

मेनिनजाइटिस के मरीजों को निम्नलिखित खाद्य/पेय पदार्थों का सेवन वर्जित माना जाता है –

  1. मैदा वाले खाद्य पदार्थ
  2. प्रोसेस्ड फूड
  3. जंक फूड
  4. मीठे खाद्य पदार्थ 
  5. भोजन में अधिक नमक
  6. अधिक फैट वाला मांस 
  7. तंदूरी मछली
  8. तले, भुने खाद्य पदार्थ 
  9. चाय, कॉफी, चॉकलेट
  10. अल्कोहलिक पेय पदार्थ।
  11. ड्रग्स, नशीले पदार्थ
  12. धूम्रपान, तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन

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मेनिनजाइटिस का उपचार – Treatment of Meningitis

यहां हम स्पष्ट कर दें कि मेनिनजाइटिस चाहे बच्चे को हो या बड़े व्यक्ति को, इसका उपचार मैनिंजाइटिस के प्रकार के आधार पर किया जाता है। विवरण निम्न प्रकार है –

1. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस (Bacterial Meningitis)- बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के रोगियों को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। इन रोगियों को मस्तिष्क की सूजन और दौरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक या कॉर्टिकोस्टेराइड दवाएं दी जाती हैं।

2. वायरल मेनिनजाइटिस (Viral Meningitis)- वायरल मेनिनजाइटिस का कारण यदि हर्पीस वायरस है तो मस्तिष्क की सूजन कम करने और दौरे को कंट्रोल करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। अन्यथा आम तौर पर वायरल मेनिनजाइटिस के मरीजों को घर पर बैड रेस्ट करने की और पेय पदार्थ अधिक पीने सलाह दी जाती है। बुखार और बदन दर्द से छुटकारा पाने के लिये सामान्य दवाएं लेने की सलाह दी जा सकती है जो मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले मरीज कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। 

3. अन्य प्रकार के मेनिनजाइटिस (Other Types of Meningitis)- अन्य प्रकार के मेनिनजाइटिस में इसके कारणों के अनुसार इलाज किया जाता है जैसे कि यदि कारण फंगल है तो एंटीफंगल दी जा सकती हैं और यदि कारण ट्यूबरकुलस है तो एंटीट्यूबरकुलस ड्रग्स के साथ उपचार किया जाता है। जहां मेनिनजाइटिस के कारण उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे मामलों में कारण स्पष्ट होने तक एंटीबायोटिक और एंटीवायरल दवाएं दी जा सकती हैं।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको मेनिनजाइटिस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मेनिनजाइटिस क्या है?, मेनिनजाइटिस संक्रमण कैसे फैलता है?, मेनिनजाइटिस के प्रकार, मेनिनजाइटिस के कारण, मेनिनजाइटिस के जोखिम कारक, बच्चों में मेनिनजाइटिस के लक्षण, व्यस्कों में मेनिनजाइटिस के लक्षण, मेनिनजाइटिस की जटिलताएं, मेनिनजाइटिस का निदान, मेनिनजाइटिस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से मेनिनजाइटिस के उपचार भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको मेनिनजाइटिस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मेनिनजाइटिस क्या है?, मेनिनजाइटिस संक्रमण कैसे फैलता है?, मेनिनजाइटिस के प्रकार, मेनिनजाइटिस के कारण, मेनिनजाइटिस के जोखिम कारक, बच्चों में मेनिनजाइटिस के लक्षण, व्यस्कों में मेनिनजाइटिस के लक्षण, मेनिनजाइटिस की जटिलताएं, मेनिनजाइटिस का निदान, मेनिनजाइटिस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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