दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक है पीलिया। जी हां पीलिया, एक ऐसी बीमारी जिसे शुरुआत में ही कन्ट्रोल कर लिया जाये तो बेहतर है अन्यथा यदि यह बिगड़ जाये तो जानलेवा सबित हो सकती है। तो जानते हैं पीलिया से छुटकारा पाने के देसी उपाय के बारे में और क्या है ये पीलिया।
क्या है पीलिया? – What is jaundice
देसी हैल्थ क्लब यह स्पष्ट करना चाहता है कि वायरल हैपेटाइटिस को ही पीलिया (Jaundice) कहते हैं। रक्तरस (plasma) में पित्तरंजक (Billrubin) नामक एक रंग की अधिकता से त्वचा और श्लेष्मिक कला (Mucous art) में पीला रंग आ जाता है। इस अवस्था को पीलिया (Jaundice) कहते हैं। साधारण भाषा में कहें तो ये समझिये कि बिलीरुबीन (Billrubin) एक पीले रंग का पदार्थ होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये रक्त कोशिकाऐं टूटने लगती हैं तो लिवर प्रक्रिया में बाधा आने लगती है, लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता तब बिलीरुबीन की मात्रा बढ़ने लगती है और यह शरीर में फैलने लगता है, यह बाहर नहीं निकल पाता। इस कारण त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है।
बहुत सीधा सा फार्मूला है कि जब लाल रक्त कोशिकाऐं (Red blood cells) टूटने लगेंगी तब बिलीरुबीन बढ़ने लगेगा। यदि रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा 2.5 से ज्यादा हो जाती है तो लिवर के गंदगी साफ करने का काम रुक जाता है। यह शरीर से बाहर नहीं निकल पाता तब त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ जाता है। इसी को पीलिया कहते हैं। पीलिया बहुत ही सूक्ष्म विषाणु (वाइरस) से होता है जो आरम्भ में तो इसकी गति धीमी होती है और लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन बाद में भयंकर रूप ले लेता है।
पीलिया के प्रकार – Type of Jaundice
पीलिया तीन प्रकार का होता है –
1. वायरल हैपेटाइटिस ए
2. वायरल हैपेटाइटिस बी
3. वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी
वायरल हैपटाइटिस A तथा नान A व नान B
वायरल हैपटाइटिस Aतथा नाए व नान B एक व्यक्ति से दूसरे में नजदीकी सम्पर्क से होता है। ये वायरस मल से, दूषित जल, दूध अथवा भोजन द्वारा फैलता है। यह सारे संसार में पाया जाता है। भारत में भी इसके महामारी के रूप में फैलने की घटनायें देखी गयीं हैं। यह रोग कभी भी हो सकता है परन्तु अगस्त से अक्टूबर महिनों में यह अधिक फैलता है। इसके लक्षण तीन से छः सप्ताह के बीच ही प्रकट हो जाते हैं।
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वायरल हेपेटाइटिस बी – Viral Hepatitis B
वायरल हैपटाइटिस बी खून व खून से निर्मित पदार्थों के आदान प्रदान से अथवा सैक्स द्वारा फैलता है। यह वायरल व्यावसायिक खून देने वाले व्यक्ति से खून चढ़ाये जाने वाले व्यक्ति को, सुई और सिरेंज से इन्जेक्शन लगाने से, नशीली दवाओं का सेवन करने वाले तथा अनजान व्यक्ति से असुरक्षित सैक्स करने से फैलता है।
वायरल हैपेटाइटिस बी प्रकार का पीलिया अधिक गम्भीर होता है इसमें जटिलताएं भी अधिक होती हैं। इसकी मृत्यु दर भी बाकी अन्य प्रकार के पीलिया से अधिक होती है।
बी प्रकार के पीलिया के लक्षण छः सप्ताह बाद ही नजर आते हैं।
पीलिया किसे हो सकता है?
पीलिया किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है। गर्भवती महिलाऐं तथा नवजात शिशुओं में यह रोग जल्दी फैलता है।
पीलिया के लक्षण – Symptoms of Jaundice
1. पीलिया का सबसे बड़ा और मुख्य लक्षण यह है कि त्वचा और नाखूनों का रंग पीला पड़ जाता है।
2. आंखों का सफेद भाग भी पीला हो जाता है।
3. लिवर में सूजन के वजह से पेट में दर्द।
4. बुखार
5. भूख कम लगना
6. वजन कम होना
7. शरीर में कमजोरी, थकावट महसूस करना।
8. उल्टी और मतली आना
9. पेशाब में अधिक पीलापन आ जाना
10. सिर में दर्द रहना
11. कभी सिर के दाहिने हिस्से में दर्द रहना
12. चिकनाई वाले भोजन के लिये मन ना करना।
पीलिया होने के कारण – Cause of Jaundice
पीलिया की निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में ये मुख्य कारण होते हैं –
1. प्री-हिपेटिक पीलिया (Pre-Hepatic Jaundice)- लाल रक्त कोशिकाओं के जल्दी टूटने से बिलीरुबिन के स्तर में बढोत्तरी हो जाना। इसके कई दिनों तक मलेरिया रहने , थैलासीमिया, स्किल सेल एनीमिया, गिल्बर्ट सिंड्रोम आदि या आनुवांशिक कारण हो सकते हैं।
2. हेपैटोसेलुलर पीलिया (Hepatocellular Jaundice)- लिवर में संक्रमण होना या कोशिकाओं का नुकसान हो जाना। एसिडिटी बढ़ जाना, शराब का ज्यादा सेवन, ज्यादा नमक और तीखे मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना।
3. पोस्ट-हिपेटिक पीलिया (Post-Hepatic Jaundice)- पित्त नलिका (Bile duct) में बाधा आ जाने के कारण। लिवर में घाव, पित्ताशय की पथरी, हेपेटाइटिस, किसी दवाई की अधिक मात्रा से प्रतिक्रिया होना, इसका कारण हो सकते हैं।
कुल मिलाकर उपरोक्त अवस्थाओं के निम्नलिखित कारण सामने आते हैं –
1. मलेरिया।
2. स्किल सेल एनीमिया
3. गिल्बर्ट सिंड्रोम
4. थैलेसीमिया
5. एसिडिटी
6. शराब का ज्यादा सेवन
7. नमक का ज्यादा सेवन
8. तीखे मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थ
9. लिवर में घाव
10. पित्ताशय की पथरी
11. दवाईयों का रिऐक्सन
पीलिया से छुटकारा पाने के देसी उपाय – Home Remedies of Jaundice
1. पानी (Water)- कहते हैं जल ही जीवन है क्योंकि जीवन के लिये जल अमृत है। जल तत्व के बिना जीवन संभव ही नहीं है। किसी भी रोग में किसी भी चिकित्सा पद्यति की औषधियां तभी पूरी तरह अपना काम करती हैं जब शरीर को पानी की पर्याप्त मात्रा मिलती रहे। पीलिया में भी पानी औषधी की तरह काम करता है। शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिये। यह शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है। बाहर का पानी ना पीयें। पानी उबालकर पीयें।
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2. नारियल पानी (Coconut Water)- पानी के बाद यदि किसी पेय पदार्थ का स्थान है तो वो है नारियल पानी। जल यदि अमृतधारा है तो नारियल अमृतकलश। अपार औषधी गुणों से सम्पन्न। पीलिया की समस्या में मरीजों के लिये प्राकृतिक उपहार। नारियल पानी पीना लिवर के लिये लाभप्रद होगा और पीलिया से भी छुटकारा मिल जायेगा।
3. गन्ना (Sugarcane)- गन्ना पीलिया का सबसे उत्तम और रामबाण उपचार है। हो सके तो गन्ना को चूसें। गन्ने को को चूसने का प्रभाव गन्ने का रस पीने से ज्यादा होता है। प्रतिदिन तीन-चार बार गन्ने का जूस पीयें। पीलिया बहुत जल्दी ठीक हो जायेगा।
4. गिलोय (Giloy)- पीलिया के उपचार में गिलोय बहुत अच्छा विकल्प है। गिलोय के पत्तों का रस निकालकर छाछ में मिलाकर पीने से पीलिया में आराम मिलता है। गिलोय के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
5. त्रिफला (Triphala)- रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी जायें। नियमित रूप से दो सप्ताह तक त्रिफला का पानी पीयें। पीलिया में आराम लग जायेगा।
6. धनिया (Coriander)- खड़ा धनिया या धनिया रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी जायें। धनिया के पानी को हरी सब्जी बनाने और रोटी बनाने में भी इस्तेमाल करें सकते हैं।
7. नीम (Neem)- नीम को अपार औषधीय गुणों के कारण वृक्षराज कहा जाता है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को नष्ट कर बाहर निकालने में सक्षम होता है। प्रतिदिन एक चम्मच नीम के पत्तों का रस पीने से पीलिया से राहत मिलेगी। दिन में तीन-चार बार एक चम्मच रस पी सकते हैं। आप चाहें तो रस में एक बूंद शहद भी मिला सकते हैं। यह वायरल विरोधी घटक होने के कारण हेपेटाइटिस के उपचार में उपयोगी सिद्ध होता है।
8. नींबू (Lemon)- नींबू विटामिन-सी बहुत अच्छा श्रोत है। प्रतिदिन सुबह पानी में एक नींबू निचोड़कर खाली पेट पीयें। इससे पेट सफ रहेगा और पीलिया में भी आराम लगेगा।
9. अनानास (Pineapple)- अनानास का सेवन पेट के लिये बहुत फायदेमंद होता है। यह पेट की सफाई कर अंदर के सिस्टम को दुरुस्त करता है। पीलिया में लाभदायक है। चाहे इसे ऐसे ही खायें या इसका जूस पीयें ।
10. नारंगी (Orange)- नारंगी यानि संतरा पाचन प्रणाली में सुधार कर पाचन तन्त्र को स्वस्थ बनाती है। यह बिलीरुबिन की मात्रा कम दुरुस्त करती है जिससे पीलिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और लिवर मजबूत होता है। अतः नारंगी को ऐसे ही खाना या इसका जूस पीना निश्चित रुप से पीलिया में लाभदायक होता है।
11. पपीता (Papaya)- पपीते का सेवन पीलिया में लाभकारी है। इसको काट कर चाहे ऐसे ही खायें या इसका जूस पीयें। कच्चे पपीता की सब्जी बनाकर खायें लेकिन सब्जी बिना मसाले की होनी चाहिये। पीलिया में बहुत आराम मिलेगा।
12. मूली (Radish)- मूली का जूस और मूली के पत्तों का जूस पीलिया के उपचार के लिये बेहतरीन उपाय है। मूली के रस में खून और लीवर से फालतू के बिलिरूबीन को निकालने की क्षमता होती है। प्रतिदिन मूली का जूस दो-तीन बार पीयें। मूली को पत्तों का जूस भी पीलिया में चमत्कारी प्रभाव दिखायेगा। मूली को पत्तों का एक कप जूस निकाल कर, इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और थोड़ी सी चीनी मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीयें। पीलिया में बहुत जल्दी आराम लगेगा।
13. टमाटर (Tomatoes)- टमाटर में लाइकोपीन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। यह कैंसर-निवारक फाइटोन्यूट्रिएंट एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट टमाटर का जूस पीयें। जूस में थोड़ी सी काली मिर्च और नमक मिक्स करलें। टमाटर को दूसरे तरीके से भी सेवन कर सकते हैं। टमाटर को पानी में उबाल लें। इससे यह नरम हो जायेगा, फिर इसका छिलका उतार कर फैंक दें और गूदे को अच्छी तरह मिक्स करके पी जायें। पीलिया रोग को खत्म करने के साथ-साथ लिवर को भी स्वस्थ रखेगा।
14. गोभी और गाजर (Cabbage and Carrots)- गोभी और गाजर दोनों ही पीलिया में लाभकारी हैं। प्रतिदिन गोभी और गाजर का जूस बराबर मात्रा में मिक्स करके पीयें। पीलिया से बहुत जल्दी राहत मिलेगी।
15. आंवला (Gooseberry)- आंवला विटामिन-सी का श्रोत है। आंवला में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। पीलिया में आंवला का जूस पीयें, इसे कच्चा ही खायें या सुखा कर खायें। हर सूरत में यह पीलिया में लाभ पहुंचायेगा।
16. हल्दी (Turmeric)- हल्दी के साथ यह मिथक जुड़ा हुआ है कि पीलिया के मरीज को हल्दी नहीं देनी चाहिये क्योंकि हल्दी का रंग भी पीला होने के कारण पीलिया और बिगड़ सकता है। जबकि वास्तविकता यह है कि हल्दी एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से सम्पन्न होने के कारण पीलिया रोग में अत्यधिक प्रभावकारी, सरलता से उपलब्ध होने वाला, बेहतर उपाय है। यह बिलीरुबिन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है और खून की सफाई भी। इससे शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ खत्म हो जायेंगे। यहां हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि हल्दी एकदम पीलिया के शुरुआत में ना दें क्योंकि हल्दी antibiotic होती है और antibiotic देने से Red Blood Cells और टूट जायेंगे और पीलिया बिगड़ जायेगा। इसलिये बेहतर होगा कि पीलिया के स्पष्ट लक्षण प्रकट होने के कुछ दिनों बाद हल्दी का सेवन किया जाये।
17. दही (Curd)- पीलिया के मरीजों को प्रतिदिन दही का सेवन अवश्य करना चाहिये। इससे सीरम बिलीरुबिन का स्तर नीचे आ जाता है। दही हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाव करती है। इसके प्रोबायोटिक्स प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। पीलिया से जल्दी ही निजात मिल जाती है।
18. अदरक (Ginger)- भारतीय मसालों की बात ही कुछ और है। व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के अतिरिक्त अपने औषधीय गुणों के कारण रोगों को ठीक करने में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। यही अंदाज अदरक का भी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह हाइपोलिपिडेमिक भी है जो लिवर के लिये लाभदायक भी है। अदरक की चाय बनाकर पीने से पीलिया में अच्छे परिणाम मिलेंगे। अदरक की चाय का मतलब है अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर हल्का सा कूट कर पानी में उबालना। इसमें ना तो दूध पड़ेगा और ना ही चीनी। बिना किसी रोग के भी इस चाय को पी सकते हैं, शरीर ठीक रहेगा।
19. लहसुन (Garlic)- अदरक के समान ही लहसुन भी अत्यन्त शक्तिशाली और प्रभावकारी एंटीऑक्सीडेंट है जो लिवर को डिटॉक्सिफाई करके पीलिया को खत्म करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है।
20. छाछ (Buttermilk)- दही के समान ही छाछ भी सेंधा नमक के साथ मिलकर अपना सक्रिय प्रभाव पीलिया पर छोड़ती है। रोजाना सुबह और शाम एक गिलास छाछ सेंधा नमक के साथ मिला कर पीयें। निश्चित रूप से लाभ होगा।
21. प्याज (onion)- पीलिया में प्याज का सेवन नींबू के साथ लाभदायक है। मिट्टी या शीशे के बर्तन में नींबू के रस में प्याज के छोटे-छोटे टुक़ड़े काटकर डाल दें। इसमें थोड़ी सी कालीमिर्च पाउडर और थोड़ा सा सेंधा नमक मिला दें। इसका प्रतिदिन सेवन करें। पीलिया में आराम लगेगा।
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22. तुलसी (Basil)- तुलसी के सेवन से पीलिया रोग में लाभ होगा। तुलसी के पांच पत्तों को पुनर्नवा (Hogweed – एक औषधीय पौधा) की जड़ 5 ग्राम, के साथ पीस कर रोजाना सुबह-शाम खायें।
पीलिया में खान-पान कैसा होना चाहिए? – What should be the food in Jaundice?
1. भोजन हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन होना चाहिये जैसे पतली खिचड़ी, दलिया, उबला आलू, शकरकंद आदि।
2. गुड़, चीनी, मूली, दही और छाछ को भी भोजन में सम्मलित करें।
3. पपीता (कच्चा पक्का जो भी हो), मूली का रस, आंवला, टमाटर, गोभी, नींबू, संतरा, जौ, आमला, तुलसी, ग्लूकोज और अनानास आदि का सेवन करें।
4. साफ पानी पीयें, उबाल कर।
पीलिया में क्या ना खाएं – What not to Eat in Jaundice
1. फैट वाले आहार से बचें।
2. ज्यादा नमक ना खायें जैसे अचार आदि। नमक का सेवन जितना करेंगे पीलिया ठीक होने में उतनी ही देर लगेगी।
3. मैदा, मिठाइयां, खोया, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थ।
4. दालें और बींस। दालों से आंतों में सूजन बन सकती है।
5. शराब। शराब का कुप्रभाव लिवर पर पड़ता है।
6. चाय और कॉफी। कैफीन से पीलिया को ठीक होने में देर लगती है।
7. मीट, चिकन, मछली और अंडे का सेवन ना करें। इनमें प्रोटीन और फैट बहुत अधिक होता है।
8. मक्खन। मक्खन में भी बहुत फैट होता है इससे रोगी का तनाव बढ़ता है।
9. जंक फूड का सेवन ना करें। ये बहुत अधिक तैलिय और तीखे मसाले वाले हो सकते हैं।
सावधानियां
1. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिये। रोगी का कमरा, बिस्तर, चादर आदि साफ होने चाहियें।
2. मेहनत करने से बचना चाहिये। ज्यादा शारीरिक मेहनत से समस्या और बढ़ जायेगी। इसलिये पीलिया के रोगी को पूरी तरह आराम करना चाहिये।
3. हाथों की सफाई रखनी चाहिये। खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिये।
4. दिन में थोड़ा-थोड़ा कई बार खायें। इससे लिवर पर दबाव नहीं पड़ेगा।
5. हमेशा ताजा और शुद्ध भोजन ही करें।
6. पानी उबाल कर पीयें।
7. सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें जैसे सार्वजनिक शौचालय, स्वीमिंग पूल, भीड़भाड़ वाले स्थान।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको पीलिया से छुटकारा पाने के देसी उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पीलिया के प्रकार, इसके लक्षण, कारण सब के विषय में बताया। पीलिया में आहार कैसा होना चाहिये, क्या नहीं खाना चाहिये, क्या सावधानियां बरतनी चाहियें ये भी बताया। दोस्तो, हमने आपको इस लेख के माध्यम से पीलिया से छुटकारा पाने के लिये बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer- यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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