हैलो दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे रस से भरे हुए अनोखे फल के बारे में जिसके पौधों को किसान खरपतवार समझ कर उखाड़ फेंक देते हैं क्योंकि ये उनकी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। जी हां, ये फल है रसभरी। आज हम आपको रसभरी के फायदे के बारे में विस्तार से बताएं, जो बहुत ही कम लोगो को पता होता हैं। रसभरी एक छोटा सा पीले और लाल रंग का खट्टा मीठा स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक फल है। रसभरी की फसल के लिए लगभग सभी प्रकार की जमीन ठीक है पर बलुई दोमट मिट्टी में इसकी पैदावार अधिक एवं अच्छी होती है। और औसत 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान अपेक्षित होता है। इसके स्वास्थ्यवर्धक और रोग निवारक गुणों को देखते हुए वैज्ञानिक शोधों ने इसे एक उत्तम वनस्पति माना है।
रसभरी के फायदे – Benefits of Rasbhari
1. डायबिटीज में फायदेमंद (Diabetes)- रसभरी न सिर्फ मीठा खाने की इच्छा को पूरा करती है, बल्कि ब्लड ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित रखने में मदद कर डायबिटीज के जोखिम को कम करती है। रसभरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट डायबिटीज टाइप 2 के लिए अच्छा घरेलू उपचार माना जाता है। रसभरी डायबिटीज के मरीजों के लिए तो बहुत लाभदायक फल है। दो कप पानी में थोड़ी सी रसभरी को डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाए। रोजाना सुबह खाली पेट इसे पीने से डायबिटीज से निजात मिल सकती है।
2. पीलिया में करे फायदा (Jaundice)- रसभरी की पत्तियों को पीसकर दो चम्मच पानी के साथ सेवन करने से पीलिया में आराम मिलेगा।
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3. बालों के लिए (For Hair)- डर्मल आईजीएफ (Dermal IGF-I) एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो त्वचा और बालों के लिए काम करता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार कैप्साइसिन (Capsaicin) का उपयोग डर्मल IGF को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ऐसे में रास्पबेरी कीटोन (Raspberry Ketone, रास्पबेरी में पाया जाने वाला घटक) फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह कैप्साइसिन की तरह काम कर; ना सिर्फ त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार करता है, बल्कि बालों को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है।
4 . हड्डियों में फायदेमंद (Bones)- यदि हड्डियां कमजोर हो गई हैं या उसमें दर्द रहता है तो रोजाना रसभरी का सेवन करने से लाभ होगा। रसभरी में प्रैक्टिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा को सही बनाए रखता है।
5. दिल के लिए (Heart)- दिल के लिए रसभरी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो दिल के लिए फायदेमंद होता है। रसभरी में उच्च पॉलीफेनोल सामग्री भी प्लेटलेट्स के गठन को रोककर और विरोधी भड़काऊ तंत्र के माध्यम से रक्तचाप को कम करके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकती है।
6. कैंसर के खतरे को कम करे (Cancer)- रसभरी में एनेलाइड्स पाए जाते हैं। ये अनूठे ऑर्गेनिक यौगिक, शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और सूजन को कम करने वाले एजेंट पाए जाते हैं जो एपोपोटिकिस या स्वत: कोशिका मृत्यु को प्रेरित कर सकते हैं और पूरे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार को धीमा या वापस कर सकते हैं।
रसभरी में पॉलीफिनॉल और कैरोटेनॉयड्स की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
7. प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक रखे (Immune System)- रसभरी में विटामिन-सी उपयुक्त मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है और इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।
8. पाचन प्रक्रिया को ठीक रखे (Digestion System)- फाइबर से भरपूर रसभरी आपकी पाचन प्रक्रियाओं को सामान्य करने में मदद करती है। अध्ययनों से पता चला है कि आहार फाइबर प्रतिरक्षा प्रणाली और सूजन को विनियमित करने में एक भूमिका निभाता है। पर्याप्त फाइबर अनियमितता को बढ़ावा देता है, जो पित्त और मल के माध्यम से विषाक्त पदार्थों के दैनिक उत्सर्जन के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त पेक्टिन फाइबर में यह गैस्ट्रोएंटेरेटिस पथ की परेशानी को शांत करने और कब्ज ख़त्म करने में मदद करता है।
9. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद (High Blood Pressure)- फाइटोकेमिकल्स जैसे पॉलीफेनोल और कैरोटीनॉयड के कारण, रसभरी उच्च रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है। रसभरी में एंथोसाइनिन और उच्च फाइबर सामग्री उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती है।
10. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे (Cholesterol Control)- खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर रक्तचाप बढ़ता है जोकि दिल के लिये हानिकारक होता है। अच्छा कोलेस्ट्रॉल दिल को स्वस्थ रखता है। रसभरी में पाए जाने वाले ओलिक और लिनोलिक एसिड हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और अलग-अलग तरीकों से हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए कोलेस्ट्रॉल संतुलन को पुनः स्थापित करता है।
11. गठिया में फायदा (Arthritis)- रसभरी में विटामिन-सी के साथ-साथ एंथोसायनिन,क्वेरसेटिन जैसे पॉलीफेनोल मौजूद होते हैं, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया का एक प्रकार से बचने में मदद कर सकते हैं। रसभरी में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो सूजन को कम करने में सहायता करते हैं। गठिया, मांसपेशियों में दर्द, क्रोनिक दर्द आदि में रसभरी का सेवन करना फायदेमंद होता है। रसभरी धमनियों और रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने और दांतों की रक्तस्रावी और कोरोनरी हृदय रोग के विकास को रोकने के द्वारा हृदय स्वास्थ्य में सुधार करती है।
12. वजन कम करे (Weight Loss)- कम कैलोरी भोजन (100 ग्राम प्रति केवल 53 कैलोरी) के रूप में, रसभरी वजन कम करने में मदद कर सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर लाल रसभरी (कीटोन) को विटामिन-सी के साथ लिया जाए, तो यह मोटापा घटाने में मददगार साबित हो सकती है। इसके अलावा, इसमें एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जो मोटापा और फैटी लिवर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
13. स्मरण शक्ति बढ़ाये (Memory Power)- रसभरी में मौजूद फॉइटोन्यूट्रिएंस स्मृति बढ़ाने और बनाए रखने में मदद करते हैं। कई लोगों की भूलने की आदत होती है, जो शुरुआत में तो बहुत सामान्य लग सकती है, बाद में लेकिन यह अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी का रूप ले लेती है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी पॉलीफेनोलिक युक्त रसभरी के सेवन से स्मरण शक्ति में सुधार किया जा सकता है।
14. त्वचा के लिए (Beauty Skin)- रसभरी में टमाटर से 10 गुना अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा पर एंटी-एजिंग प्रभाव डालकर बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकते हैं। इसका सेवन त्वचा के कैंसर से बचा सकता है। रसभरी सूर्य की हानिकारक किरणों से भी बचाव कर सकने में मददगार हो सकती है।
15. महिलाओं के लिए (For Ladies)- एक अध्ययन से पता चलता है रसभरी की पत्तियों का सेवन करने पर महिलाओं को प्रसव के दौरान दर्द से राहत मिलती है। रसभरी के पौधे की पत्तियां गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके मां और बच्चे पर किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। महिलाएं प्रसव के दर्द को कम करने के लिये रसभरी के पत्तियों की चाय पी सकती हैं।
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16. पीरियड्स की समस्याओं में मददगार (Periods)- मासिक धर्म के समय महिलाओं को पेट में दर्द, ऐंठन और जी मिचलाना, उल्टी आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में रसभरी की पत्तियों की चाय का सेवन इन समस्याओं से निजात दिला सकती है। ऐंठन, दर्द कम न हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
रसभरी के गुण – Rasbhari ke Gud in Hindi
1. जिस को खरपतवार समझ कर फेंक दिया जाता है वह वास्तव में औषधीय गुणों और पोषक तत्वों का भंडार है।
2. यह फल विटामिन ‘ए’ तथा ‘सी’ का उत्तम स्रोत है।
3. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, लोहा, फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं।
4. 140 ग्रा। की आहार मात्रा में रोजाना की जरूरत का Vitamin-B 3, 24।50%।
5. Vitamin-B1, 12।83%।
6. Vitamin-C, 17।11% यानी नींबू से दुगना।
7. आयरन, 17।50%।
8. Vitamin-A, B-2, प्रोटीन, फास्फोरस और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होते हैं ।
रसभरी के नुक़सान – Side Effects of Rasbhari in Hindi
1. यदि आपको फूड विशेषकर बैरी एलर्जी है तो रसभरी खाने से बचना चाहिये। अथवा खाने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
2. कच्ची यानी बिना पकी रसभरी नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये जहरीली हो सकती है।
3. जंगली रसभरी का सेवन भी हानिकारक हो सकता है।
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4. एंटीबायोटिक दवाओं के साथ रसभरी नहीं खानी चाहिये क्योंकि इस फल में ट्रामराइ नामक एक यौगिक होता है जो रक्तचाप के स्तर को बढ़ा सकता है।
5. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रसभरी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं में यह गर्भाशय संकुचन को उत्तेजित कर सकता है।
Conclusion
दोस्तो, आज इस Article के माध्यम से हमने आपको रसभरी के फायदे के बारे में जानकारी दी हैं। आशा है आपको यह अवश्य पसन्द आयेगा। कृपया अपनी राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Nice and beneficiary information on an un-popular fruit.