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सोडियम क्या है? – What is Sodium in Hindi

सोडियम क्या है

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, जैसे विटामिन और खनिज हमारे जीवन के लिए और स्वास्थ के लिये अति आवश्यक होते हैं उसी प्रकार इलेक्ट्रोलाइट्स भी शरीर की कार्य प्रणाली के लिये बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी होते हैं। जब भी इलेक्ट्रोलाइट्स की बात चलती है तो सोडियम का नाम सबसे पहले आता है जिसका ज्यादातर भाग हमें अपने आहार में नमक से मिलता है। डेयरी उत्पाद, फल, सब्जियां। दालें, ड्राई-फ्रुट्स, मांस, मछली आदि से भी सोडियम मिल जाता है। 

दोस्तो, सोडियम अपने आप में कोई इकलौता तत्व नहीं है बल्कि इसमें सोडियम क्लोराइड, सोडियम कार्बोनेट, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, सोडियम सल्फेट, सोडियम नाइट्रेट आदि कई यौगिक भी सम्मलित होते हैं। सोडियम वस्तुतः एक ऐसा रासायनिक तत्त्व है जो अत्यंत सक्रिय है। यह मुक्त अवस्था में नहीं मिलता बल्कि यौगिक रूप में लगभग सब जगह मिलता है। सोडियम क्लोराइड यानि नमक ही खाने को स्वादिष्ट और खाने लायक बनाता है। सोडियम पानी की मात्रा, अम्ल/क्षार (पीएच) स्तर को संतुलित करने, नसों और मांसपेशियों के कार्य प्रणाली में मदद करने का काम करता है। परन्तु यदि शरीर में सोडियम स्तर अधिक हो जाए या कम हो जाए तो दोनों ही स्थितियों में यह दुखदाई होता है। आखिर यह सोडियम है क्या? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “सोडियम क्या है?”। 

देसी हैल्थ क्लब आज आपको सोडियम के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके अधिक या कम हो जाने पर शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं। 

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सोडियम क्या है? – What is Sodium 

दोस्तो, विज्ञान के अनुसार सोडियम एक ऐसा लवण (Salt) रासायनिक तत्त्व है जो अत्यंत सक्रिय है और मुक्त अवस्था में मिलने के बजाय यौगिक रूप में लगभग सब जगह मिलता है। आवर्त सारणी (periodic table) के प्रथम मुख्य ग्रुप का दूसरा तत्व है जिसमें धातु भी उपस्थित होती हैं। सोडियम के सबसे सामान्य यौगिक नमक या सोडियम क्लोराइड और सोडियम कार्बोनेट हैं। इसमें और भी यौगिक शामिल होते हैं जिनका जिक्र हम आगे करेंगे। 

नमक या सोडियम क्लोराइड की बात की जाए तो पाकिस्तान में इसकी खानें हैं और यह भारत में साँभर झील (राजस्थान) से अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होता है। यदि सोडियम के उपयोग की बात की जाए तो इसका उपयोग सोडियम परऑक्साइड (Sodium Peroxide –  Na2O2), सोडियम सायनाइड (Sodium Cyanide – NaCN), सोडेमाइड (Sodamide – NaNH2) के उत्पादन में किया जाता है। इसके अतिरिक्त सोडियम में फोटो-इलेक्ट्रिक (Photo-electric) गुण होने के नाते इसका उपयोग फोटो इलेक्ट्रिक सेल बनाने के लिए भी किया जाता है। सोडियम को नैट्रियम (Natrium) या Na भी कहा जाता है। 

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सोडियम के यौगिक और उपयोग – Compounds and Uses of Sodium

अब बताते हैं आपको सोडियम में शामिल होने वाले यौगिक के बारे में जिनका संक्षेप में विवरण निम्न प्रकार है – 

1. सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride) – यहां हम स्पष्ट कर दें कि नमक को ही सोडियम क्लोराइड कहा जाता है। यही नमक भोजन को खाने लायक स्वाद प्रदान करता है। नमक में 40% सोडियम और 60% क्लोराइड होता है।

समुद्री जल में घुले कुल ठोस पदार्थ का 75% भाग सोडियम क्लोराइड है। नमक में मैग्नीशियम क्लोराइड मौजूद होने की वजह से यह हवा में नमी को अवशोषित कर लेता है। यही वजह है कि खुले नमक में कुछ दिन बाद पानी दिखाई देने लगता है। इसका रासायनिक सूत्र NaCl है। 

2. सोडियम कार्बोनेट (Sodium Carbonate) – इसे सोडा ऐश, वाशिंग सोडा, सोडा क्रिस्टल, सोडियम ट्राइऑक्सोकार्बोनेट के नाम से जाना जाता है। इसे गर्म करने पर यह बेकिंग सोडा में परिवर्तित हो जाता है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन, लेब्लैंक विधि (Leblanc method), सॉल्वे विधि (Solvay method)  (अमोनिया – सोडा विधि ammonia-soda method) तथा वैद्युत विधि (electrochemical method) के जरिये किया जाता है। शीशा, कास्टिक सोडा, कागज, साबुन आदि के उत्पादन में और पानी का खारापन खत्म करने में इसका उपयोग किया जाता है। 

3. सोडियम बाइकार्बोनेट (Sodium Bicarbonate) – इसका निर्माण पेट की अम्लीयता दूर करने, दवाओं के रूप में बेकिंग पाउडर बनाने और अग्निशामक यंत्रों के लिए किया जाता है। इसे बेकिंग सोडा या खाने वाला सोडा कहा जाता है।

4. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (Sodium Hydroxide) – इसे कास्टिक सोडा भी कहा जाता है। इसका उपयोग पेट्रोलियम को साफ़ करने, कृत्रिम रेशे के निर्माण में, साबुन बनाने में, रेयॉन व रंग बनाने में, सूती कपड़ों में चमक लाने में किया जाता है। 

5. सोडियम सल्फेट (Sodium Sulfate) – सोडियम सल्फेट एक रंगहीन तथा रवेदार ठोस पदार्थ है। इसे ग्लोबर साल्ट (Glauber’s salt) के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग शीशा, कागज, दवा और सोडियम सल्फाइड के उत्पादन में किया जाता है। 

6. सोडियम नाइट्रेट (Sodium Nitrate) – सोडियम नाइट्रेट का उपयोग खाद बनाने और नाइट्रिक अम्ल के उत्पादन में किया जाता है। इसे चिली साल्टपीटर भी कहा जाता है। यह चिली व पेरु में अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। 

7. सोडियम पराक्साइड (Sodium Peroxide) – यह एक हल्के पीले रंग का पाउडर है जो खुली हवा में जम जाता है और पीले रंग से सफेद रंग में परिवर्तित हो जाता है। सोडियम पराक्साइड, हाइड्रोजन पराक्साइड के उत्पादन में रंगाई में, प्रयोगशाला में ऑक्सीकारक के रूप में काम आता है। इसका अधिकतर उपयोग जलपोत, पनडुब्बियों और अस्पतालों की बंद हवा को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। 

8. सोडियम थायोसल्फेट (Sodium Thiosulphate) – पहले इसका उपयोग फोटोग्राफी में नेगेटिव और पॉजिटिव के स्थायीकरण के लिए किया जाता था। अब तो डिजिटल युग में नेगेटिव का कोई अर्थ नहीं रह जाता। अनपघटित सिल्वर ब्रोमाइट को दूर करने में सिल्वर और गोल्ड के निष्कर्षण (extraction) में इसका उपयोग किया जाता है। इसे हाइपो (Hypo) भी कहा जाता है।

9. सोडियम टेट्राबोरेट डेकाहाइड्रेट (Sodium Tetraborate Decahydrate) – इसे बोरेक्स (Borax) या सुहागा कहा जाता है। यह क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है। इसका रंग सफेद होता है। यह पानी में घुलनशील होता है और यह काँच, साबुन व मोमबत्ती, चमड़ा उद्योग में काम आता है तथा इसका उपयोग पानी को मीठा  करने के लिए भी किया जाता है। 

10. माइक्रोकॉस्मिक लवण (Microcosmic Salt) – इसे सोडियम अमोनियम हाइड्रोजन फॉस्फेट (Sodium Ammonium Hydrogen Phosphate) के नाम से भी जाना जाता है। माइक्रोकॉस्मिक से नौसादर प्राप्त किया जाता है जिसे अमोनियम क्लोराइड (Ammonium Chloride) कहा जाता है। 

11. सोडियम हेक्सा मेटाफ़ॉस्फ़ेट (Sodium Hexametaphosphate)- को केल्गन (Calgen) भी कहा जाता है। इसका उपयोग मिट्टी-आधारित सिरेमिक कणों के निर्माण में डिफ्लोकुलेंट के रूप में होता है। मिट्टी की बनावट का आकलन करने के लिए मिट्टी और अन्य प्रकार की मिट्टी को तोड़ने के लिए एक फैलाव एजेंट के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त टूथपेस्ट में दाग-रोधी और टार्टर रोकथाम घटक के रूप में एक सक्रिय घटक के रूप में इसका उपयोग किया जाता है।

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सोडियम के गुण – Properties of Sodium

यदि सोडियम के गुणों की बात की जाए तो इसके निम्नलिखित गुण देखने को मिलते हैं –

  1. सोडियम कारआपेक्षिक घनत्व 0.97 होता है। 
  2. सोडियम का रंग एकदम चांदी की तरह सफेद होता है।
  3. यह इतनी मुलायम है कि इसे चाकू से आराम से काट सकते हैं।
  4. यह धातु वजन में इतनी हल्की होती है कि यह पानी पर तैर जाती है।
  5. सोडियम एक विद्युत का सुचालक है।
  6. साधारण ताप पर शुष्क वायु अथवा शुष्क ऑक्सीजन सोडियम को प्रभावित नहीं करती। 
  7. नम वायु में सोडियम की सतह फीकी पड़ जाती है।
  8. सोडियम, अमोनिया के साथ प्रतिक्रिया करके सोडामाइड बनाता है। 
  9. सोडियम, अल्कोहल के साथ प्रतिक्रिया करके सोडियम एलकोक्साइड बनाता है। 
  10. सोडियम, एसिड्स के साथ प्रतिक्रिया करके लवण का निर्माण करता है।

भोजन में सोडियम क्या है? – What is Sodium in Food?

दोस्तो, भोजन से मिलने वाले सोडियम की बात करें तो यह समझिए कि सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है जैसे कि अन्य इलेक्ट्रोलाइट होते हैं। ये इलेक्ट्रोलाइट हैं कैल्शियम, पोटेशियम, क्लोराइड, फॉस्फेट और मैग्नीशियम। ये सभी हमें खाद्य और पेय पदार्थों से प्राप्त होते हैं जो कि शरीर में पानी की मात्रा, अम्ल/क्षार (पीएच) स्तर को संतुलित करने, नसों और मांसपेशियों के कार्य प्रणाली में मदद करने का काम करते हैं।

जहां तक सोडियम की बात है तो ये पोटेशियम, क्लोराइड तथा बाइकार्बोनेट (कुल CO₂) के साथ मिलकर काम करता है। व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 2.3 ग्राम सोडियम की जरूरत होती है जिसका अधिकांश भाग भोजन में नमक (सोडियम क्लोराइड) के जरिए मिलता है। सोडियम को नैट्रियम (Natrium) या Na भी कहा जाता है।

सोडियम के कार्य – Functions of Sodium

सोडियम शरीर की कार्य प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोडियम के कार्यों को शरीर के लिए फायदे भी कह सकते हैं। यह शरीर के लिये आवश्यक आवश्यकता है। इसके प्रमुख कार्य निम्न प्रकार हैं – 

  1. सोडियम शरीर को हाइड्रेट रखने और शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है। 
  2. शरीर में पानी की अधिकता को पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकलने का काम करता है।
  3. शरीर के सभी द्रवों तथा अन्य इलेक्ट्रोलाइट में संतुलन बनाए रखता है। 
  4. यह रक्त और ऊतक कोशिकाओं में संतुलन बनाये रखने का काम करता है।
  5. मांसपेशियों के संकुचन को उत्तेजित करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। सोडियम की कमी से मांसपेशियों के कठोर होने की संभावना रहती है। 
  6. नाड़ियों की उत्तेजना बनाये रखने के लिए, शरीर में सोडियम की औसत उपस्थिति बेहद जरूरी है। यह नाड़ी तंत्र (vascular system) की संवेदनशीलता को नियंत्रित करता है। 
  7. सोडियम हमारे शरीर में अम्ल (Acid) तथा क्षारीय (Alkaline) में संतुलन बनाये रखने का काम करता है।
  8. ऊतक द्रवों तथा प्लाज्मा के रसाकर्षण दबाब (Osmose pressure ) को कंट्रोल करने का काम में मदद करता है।
  9. शरीर के अंगों से मस्तिष्क तक सूचनाओं का प्रसारण तथा आदान-प्रदान करने में मदद करता है। 
  10. सोडियम, हृदय की धड़कन की गति को सामान्य बनाये रखने का काम करता है।

सोडियम के स्रोत – Sources of Sodium

सोडियम के स्रोत निम्नलिखित हैं –

  • नमक, सोडियम का सबसे उत्तम और प्राकृतिक स्रोत है। सोडियम का अधिकांश भाग भोजन में नमक (सोडियम क्लोराइड) से प्राप्त होता है। 
  • डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध , दही, पनीर, मक्खन। 
  • सब्जियां जैसे कि चुकन्दर, पालक, गाजर, शलजम, मूली, ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी, मशरूम, टमाटर आदि।
  • आचार विशेषकर खीरे का अचार।
  • फल जैसे कि तरबूज, नाशपाती, एवोकाडो, पपीता, अमरूद, सेव, केला, आम, अनानास आदि।
  • सूखे मेवे।
  • दालें।
  • मांसाहार – लाल मांस, चिकन तथा मछलियां विशेषकर सैल्मन, स्नैपर, रो। मैकेरल झींगा। इनके अतिरिक्त केकड़ा। 

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एक दिन में कितना सोडियम लेना चाहिए? – How much Sodium Should you Consume in a Day

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रतिदिन शरीर को केवल 2।3 ग्राम सोडियम की ही जरूरत होती है जो कि भोजन में रोजाना 5 ग्राम नमक से मिल जाता है। इसीलिए विश्व स्वास्थ संगठन भी प्रतिदिन केवल 5 ग्राम नमक खाने की सलाह देता है।

सोडियम की अधिकता के प्रभाव – Effects of Excess Sodium

दोस्तो, कुछ लोगों की आदत होती है कि वे भोजन करते समय सब्जी को चखे बिना ही सब्जी में अतिरिक्त नमक डाल लेते हैं। इससे उनके रक्त/मूत्र में सोडियम अधिक मात्रा में जमा हो रहता है। किडनी खराब होने पर या इससे जुड़ी कोई समस्या होने पर किडनी, सोडियम को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती है। 

परिणामस्वरूप सोडियम का स्तर बढ़ने लगता है। सोडियम की अधिकता की स्थिति को मेडिकल भाषा में हाइपरनेट्रेमिया (Hypernatremia) कहते हैं। शरीर पर सोडियम की अधिकता से पड़ने प्रभाव निम्न प्रकार हैं –

  1. सबसे मुख्य प्रभाव तो यही है कि इससे रक्तचाप बढ़ने लगता है जो हृदय से जुड़ी समस्याओं का कारण बनता है। 
  2. शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगती है। 
  3. रक्त की मात्रा (Blood Volume) बढ़ जाती है जो कि एक खतरनाक स्थिति साबित हो सकती है।
  4. मोटापा बढ़ने लगता है।
  5. शरीर में सूजन आ सकती है विशेषकर टखनों में।
  6. नसों और जोड़ों में दर्द रहने लगता है।
  7. मांसपेशियों में कमजोरी।
  8. मांसपेशियों में ऐंठन।
  9. थकावट और कमजोरी।
  10. सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  11. हड्डियों में पतलापन आने लगता है जो ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis ) नामक अस्थि रोग का कारण बन सकता है।
  12. पेट के कैंसर, किडनी से जुड़ी बीमारियों और अस्थमा जैसी समस्याओं की संभावना बन सकती है।

सोडियम की कमी के प्रभाव – Effects of Sodium Deficiency

दोस्तो, हमने ऊपर सोडियम की अधिकता के प्रभाव जाने। अब इससे एकदम उलट स्थिति बनती है और वह है कि यदि रक्त/मूत्र में सोडियम की कमी हो जाए तो क्या होता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि वे लोग जिनको शारीरिक मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है और गर्म प्रदेश के निवासी, इनमें अक्सर सोडियम की कमी हो जाती है जो कि स्वाभाविक है। 

क्यों कि इन लोगों को पसीना बहुत अधिक आता है जिससे सोडियम पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है। सोडियम की कमी की स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) कहते हैं। सोडियम की कमी से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव निम्नलिखित हैं –

  • सोडियम की कमी से मुख्य रूप से किडनी पर प्रभाव पड़ता है। किडनी की मांसपेशियों में तीव्र पीड़ादायक संकुचन होने लगता है जिससे मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं। इसे मेडिकल भाषा में Heat Cramps कहा जाता है।
  • बार-बार मूत्र विसर्जन को जाना पड़ता है। इससे और अधिक सोडियम शरीर से बाहर निकलता रहता है।
  • बार-बार उल्टी होना।
  • डायरिया होना।
  • पेट में दर्द रहना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन।
  • कमजोरी और थकावट।
  • बैचेनी और घबराहट।
  • सिर में दर्द रहना।
  • अक्सर भ्रमित होना।

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सोडियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सोडियम क्या है?, सोडियम के यौगिक और उपयोग, सोडियम के गुण, भोजन में सोडियम क्या है, सोडियम के कार्य, सोडियम के स्रोत और एक दिन में कितना सोडियम लेना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से सोडियम की अधिकता के प्रभाव बताए और सोडियम की कमी के प्रभाव भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सोडियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सोडियम क्या है?, सोडियम के यौगिक और उपयोग, सोडियम के गुण, भोजन में सोडियम क्या है, सोडियम के कार्य, सोडियम के स्रोत और एक दिन में कितना सोडियम लेना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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