दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, प्रकृति और नारी अनूठी और अद्भुत रचनाएं हैं। प्रकृति स्वयं “सुंदर” है तो नारी “सुंदरता की परिभाषा”। चाहे वह शारीरिक सौन्दर्य हो, आत्मिक शारीरिक सौंदर्य हो या ममता का सौन्दर्य। नारी शाश्वत (Perpetual) सुंदर है। दोस्तो, आज के टॉपिक के अनुसार हमें नारी के शारीरिक सौन्दर्य की बात करनी पड़ेगी। चेहरे के अतिरिक्त नारी का वक्षस्थल आकर्षण का केन्द्र होता है। पुष्ट, सुडौल, उभरे हुऐ, उन्नत स्तन उसकी सुंदरता को निखार देते हैं। परन्तु यदि किसी कम उम्र की महिला के स्तन पूरी तरह विकसित ना हों या ढीलेपन की वजह से लटक गये हों तो समझिये कि उसकी सुंदरता को ग्रहण लग गया और कोई भी महिला नहीं चाहेगी कि उसके स्तन ढीले पड़ जायें। और यदि किसी कारणवश ढीले पड़ भी गये तो उस स्तनों का ढीलापन दूर करने के उपाय के लिये क्या किया जाये?
दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “स्तनों का ढीलापन दूर करने के उपाय“। जी हां, आज के लेख में हम आपको नारी के स्तनों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे और स्तनों के ढीलापन दूर करने के उपाय भी बतायेंगे। सबसे पहले जानते हैं कि स्तन क्या होते हैं?
स्तन क्या होते हैं ? – What are Breasts
दोस्तो, स्तन शरीर का वह भाग होते हैं जो कई जटिल ग्रंथियों, वसा ऊतकों और दूध उत्पादन ग्रंथियों से बनते हैं। इनमें मांसपेशियां नहीं होतीं। ये पुरुष और स्त्री दोनों के ही होते हैं। परन्तु किशोर आयु में अनेक प्रकार के हार्मोन के कारण लड़के और लड़कियों के शरीर में परिवर्तन होते हैं। लड़कों के दाड़ी, मूंछ निकलनी शुरु होती हैं तो, लड़कियों के स्तन बड़े होने लगते हैं। लड़कियों के स्तनों का विकास, एस्ट्रोजन नामक सेक्स हार्मोन के कारण होता है। इनका औसत वजन लगभग आधा किलो हो सकता है जो शरीर की कुल वसा (Fat) का 4 से 5 प्रतिशत है।
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दोस्तो, एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों स्तनों का आकार एक समान नहीं होता जैसे दोनों हाथ और दोनों पैर में भिन्नता होती है जो नजर भी नहीं आती। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि स्तनों की ग्रंथियों में से हार्मोन और तरल वस्तु का स्राव होता है। इनमें कोलोस्ट्रम पदार्थ होता है बच्चे के जन्म के बाद निकलता है। यह पीला और चिपचिपा होता है जो नवजात शिशु के लिये सर्वश्रेष्ठ आहार होता है। स्तनों की ग्रंथियों में से दूध भी निकलता है जो गाय के दूध से भी ज्यादा मीठा होता है।
स्तनों का ढीलापन क्या होता है – What is Breast Loosening
उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा के Tissues टूटना, त्वचा में कसावट का कम हो जाना प्राकृतिक प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया स्तनों पर भी काम करती है। महिलाओं में 40 वर्ष की उम्र के बाद स्तनों में ढीलापन आकर लटक जाना प्राकृतिक नियम के अनुसार है। परन्तु यदि किसी कम उम्र की महिला किसी लड़की के स्तनों में ढीलापन आ जाये और वे लटक जायें या लड़की के स्तनों का आकार छोटा रह जाये, इसके पीछे कारण चाहे कुछ भी हो, तो आप इसे क्या कहेंगे? दोस्तो, इसे “स्तनक्षय” कहा जाता है अर्थात् स्तनों की हानि होना। इसे रोग कहना उचित नहीं होगा। बल्कि इसके पीछे कारणों के आधार पर “स्तन समस्या” कहना ज्यादा ठीक होगा। इस समस्या के क्या कारण हो सकते हैं, जानते हैं इनको।
स्तनों में ढीलापन के कारण – Causes of Loose Breasts
स्तनों में ढीलेपन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं परिणाम स्वरूप स्तन लटकने लगते हैं-
1. ब्रा ना पहनना या उचित ब्रा ना पहनना।
2. मल्टीपल प्रेगनेंसी यानी बिना लंबे समय अंतराल के बार-बार प्रेगनेंट होने से उम्र से पहले ही लटक जाते हैं।
3. स्तनपान।
4. भोजन में पोषक तत्वों की कमी।
5. तेजी से वजन का कम होना या बढ़ना।
6. बहुत बड़े और भारी स्तन होना।
7. Support ब्रा पहने बिना व्यायाम करना या दौड़ना।
8. अधिक ताकत लगाने वाले व्यायाम करना।
9. बढ़ती हुई उम्र लगभग 40 वर्ष से ऊपर।
10. रजोनिवृत्ति
11. धूम्रपान करना – धूम्रपान करने से त्वचा ड्राई और लचीली हो जाती है।
12. शराब या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स लेना।
स्तनों का ढीलापन दूर करने के उपाय – Home Remedies For Breast Tightening
कुछ मूल (Basic) उपाय जो इस प्रकार हैं –
1. ब्रैसियर (Brassieres) – यह सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक है आपकी ब्रा एकदम Perfect होनी चाहिये। ब्रा का आकार सही हो, ना ढीला और ना कसा हुआ, आपको आपकी ब्रा आरामदायक लगनी चाहिये। स्तन ब्रा के कप में Fit बैठने चाहियें। आप यह भी सुनिश्चित करें कि कुछ महीनों बाद लगभग 4 या 5 महीने बाद अपनी ब्रा बदल दें क्योंकि नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर यह अपना लोच (Elasticity) और स्तनों को समुचित फायदा देने की क्षमता खो देती है।
इस बात को इस तरह समझिये कि दांत साफ करने वाले ब्रुश का रोजाना इस्तेमाल करने से दो या तीन महीने बाद ही ब्रुश के बाल फैल जाते हैं वह दांतों को सही से साफ करने में असमर्थ होता है। ऐसी स्थिति में नया ब्रुश लेना पड़ता है। इसी प्रकार आपको अपनी ब्रा भी समय समय पर बदलनी चाहिये।
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देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि ब्रा केवल वक्षस्थल को ढकने का मात्र आवरण नहीं है बल्कि स्तनों के स्वास्थ का “रक्षा कवच” भी है जो काफी हद तक स्तनों को “स्तनों के केंसर” (Breast Cancer) रोग से बचाती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चीन में “ब्रा स्टडीज” की डिग्री स्तर की पढ़ाई होती है। और हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में ब्रा से संबंधित एक पूरा विभाग है। ब्रा निर्माता कंपनी टॉप फॉर्म द्वारा स्थापित लैब भी है। इस लैब में ब्रा से संबंधित शोध और विकास के कार्यक्रम चलते रहते हैं।
2. सही मुद्रा से स्तनों का ढीलापन दूर होगा (Correct Posture will Relieve Breasts) – यह बहुत ही आवश्यक है कि चलते-फिरते, टहलते-घूमते, उठते-बैठते, इधर-उधर, दायें-बांये, नीचे की ओर झुकते हुये, यहां तक कि सोते समय भी आपकी सही मुद्रा (Right Posture) रहनी चाहिये। आपने नोटिस भी किया होगा कि गलत Posture से कई बार कमर या गर्दन में नचका (कई लोग चनका भी बोलते हैं) आ जाता है। ठीक इसी प्रकार आपके गलत Posture में उठना-बैठना, चलना-झुकना, सोना आदि का प्रभाव स्तनों पर पड़ता है विशेष रूप से Young लड़कियों के स्तनों पर। क्योंकि गलत Posture से स्तनों पर अधिक स्ट्रेस पड़ता है जिससे स्तनों के चारों ओर के मसल्स कमजोर हो जाते हैं परिणाम स्वरूप स्तनों में कसावट खत्म हो जाती है।
इसलिये यह जरूरी है महिलाएं अपना Posture सही रखें ताकि स्तनों में ढीलापन ना आने पाए। और यदि आ चुका है तो यह ढीलापन विकसित नहीं होगा, यह यहीं रुक जायेगा जिसे अन्य उपायों से दूर किया जा सकता है।
3. योगासन (Yogasan)- योगासन से हमारे शरीर की कार्य प्रणाली सुचारू रूप से कार्य करती है और शरीर की अनेक बीमारियां दूर होती है। कुछ ऐसे शक्तिशाली और प्रभावशाली योगासन होते हैं जिनके नियमित रूप से करने पर स्तनों का ढीलापन खत्म हो जायेगा और वापिस अपनी कड़े रूप में आ सकते हैं। आप निम्नलिखित योगासन करके स्तनों के ढीलापन की समस्या से राहत पा सकती हैं –
(i) भुजंगासन
(ii) वृक्षासन
(iii) धनुरासन
(iv) वीरभद्रासन
(v) उस्ट्रासाना
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(vi) त्रिकोणासन
(vii) चक्रासन
4. व्यायाम (Exercise)- व्यायाम आपके शरीर को चुस्त दुरुस्त रखता है। जहां तक स्तनों के ढीलेपन की बात है तो आप व्यायाम करके इस समस्या से राहत पा सकती हैं। व्यायाम ढीले स्तनों को उठाने, उनमें स्थिरता लाने और वापस सही शेप और कठोरता लाने में मदद करता है। देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि व्यायाम करने के लिये आप स्तनों को Support देने वाली ब्रा या स्पोर्ट्स ब्रा अवश्य पहनें। स्तनों के ढीलेपन को दूर करने के लिये आप निम्नलिखित व्यायाम कर सकती हैं। ये व्यायाम स्तनों के Tissues को मजबूत बनायेंगी और आपके स्तनों को उभार देंगी।
(i) चेस्ट प्रेस
(ii) पुश-अप
(iii) चेस्ट फ्लाई
(iv) बेंच-प्रेस
(v) प्लांक-अप्स
(vi) आर्म कर्ल्स
(vii) आर्म रेसेस
(viii) राउंड अबाउट पुश अप्स
(ix) डंबल फ्लाईज़
(x) तैराकी (swimming
अन्य उपाय – Others
1. जैतून का तेल (Olive oil)- स्तनों में कसावट लाने के लिये जैतून का तेल बहुत बेहतरीन उपाय है। इसका निम्न प्रकार उपयोग कर सकते हैं :-
(i) जैतून के तेल से स्तनों मालिश करें 10 मिनट तक, दिन में दो बार, सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले मालिश कर लें। जैतून के तेल से मालिश से कोई नुकसान नहीं होगा। यह स्तनों में कसावट लायेगा।
(ii) जैतून के तेल में आप थोड़ी सी फिटकरी पीसकर भी मिला सकती हैं। यह और ज्यादा प्रभावशाली होगा।
(iii) जैतून के तेल में गाय दूध मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को स्तनों पर लगायें। कुछ दिनों बाद स्तन कठोर और सुंदर हो जायेंगे।
2. बरगद का दूध (Banyan milk)- बरगद के पेड़ की टहनी या जटा के बारीक नर्म रेशों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को स्तनों पर लगायें। इससे स्तनों का ढीलापन खत्म हो जायेगा और वे कठोर होने लगेंगे।
3. अनार(Pomegranate) – स्तनों में कड़ापन और स्थिरता लाने के लिये अनार अच्छा विकल्प है। इसका प्रयोग इस प्रकार से कर सकते हैं :-
(i) अनार के छिलकों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। रात को सोने से पहले, इस पेस्ट को स्तनों पर लगायें। सुबह गुनगुने पानी से धो लें। इस पेस्ट को नियमित रूप से लगाने से स्तनों में कठोरता आ जायेगी।
(ii) अनार के छिलकों का पाउडर (छिलकों को सुखाकर, पीसकर पाउडर बना सकते हैं) सरसों के गर्म तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। रात को सोने से पहले इस पेस्ट को लगाकर दस मिनट तक मसाज करें। बाद में ठंडे पानी से साफ कर लें।
(iii) अनार के छिलकों के पाउडर में तीन, चार चम्मच नीम का तेल मिलाकर गर्म कर लें। फिर इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने दिन में दो बार स्तनों पर लगाकर मसाज करें।
(iv) अनार की जड़ और छोटी कटेरी (कटेरी कांटेदार झाड़ी नुमा जमीन में फैला हुआ पौधा होता है) की जड़ को पानी के साथ घिसकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को स्तनों पर लगायें। कुछ ही दिनों में स्तनों का कड़ापन आ जायेगा।
4. एलोवेरा है फायदेमंद (Aloe Vera)- एलोवेरा स्तनों को लटकने से रोकता है और उनमें स्थिरता लाकर कठोर बनाता है। एलोवेरा को स्तनों पर लगा कर दस मिनट तक मसाज करें और लगा रहने दें। 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। इसके अतिरिक्त एलोवेरा के साथ एक चम्मच मेयोनीज़ (Mayonnaise) और शहद भी मिला सकती हैं। ये सब मिलाने के बाद इसे स्तनों पर लगाकर मालिश कीजिये और छोड़ दीजिये। 15 मिनट बाद ठंडे या गर्म पानी से धो लीजिये।
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5. फिटकरी, कपूर, राई और गज पीपली (Alum, camphor)- 5 ग्रा. फिटकरी, 2 ग्रा. कपूर, 50 ग्रा. राई और 30 ग्रा. पीपली को पानी में धीरे-धीरे अच्छे से मिलायें। यह गाढ़ा पेस्ट बन जायेगा। इस पेस्ट को सुबह नहाने के बाद स्तनों पर लगाकर मालिश इस तरह करें कि यह त्वचा में जज्ब (Absorb) हो जाये। रात को सोने से पहले स्तनों को धो कर फिर से यह पेस्ट लगायें। नियमित रूप से लगाने पर तीन महीने में स्तन कठोर हो जायेंगे।
6. मेथी (Fenugreek)- मेथी पाउडर को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनायें और इसे स्तनों पर लगाकर छोड़ दें। 15 मिनट बाद स्तनों को गुनगुने पानी से धो लें। हफ्ते में तीन, चार दिन लगायें।
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7. अंडा (Egg)- स्तनों का ढीलापन दूर करने और कसावट लाने के लिये अंडे का उपयोग आप निम्न प्रकार से कर सकती हैं –
(i) अंडे के सफेद भाग को खूब फेंटिये। इसमें झाग बन जायेंगे। इसे स्तनों पर लगाकर आधे घंटे के लिये छोड़ दीजिये। बाद में इसे प्याज के रस से साफ करके ठंडे पानी से धो लें।
(ii) अंडे के सफेद भाग में एक चम्मच दही और शहद मिलाकर खूब फेंटिये। इसे स्तनों पर लगाकर आधे घंटे के लिये छोड़ दीजिये। बाद में ठंडे पानी से धो लें।
(iii) अंडे को थोड़े से दूध में डालकर, थोड़ा सा बेसन और दो चम्मच नींबू का रस मिलाकर खूब अच्छे से मिक्स करके गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे लगाकर आधे घंटे के लिये छोड़ दीजिये। बाद में ठंडे पानी से धो लें।
(iv) अंडे की जर्दी में एक चम्मच बटर और मिक्स किया हुआ खीरा (मिक्सर में खीरा मिक्स कर सकते हैं) अच्छी तरह मिक्स करके पेस्ट बना लें। इसे स्तनों पर लगाकर आधे घंटे के लिये छोड़ दीजिये। बाद में ठंडे पानी से धो लें।
8. रहसोल क्ले (Rhassoul clay) – रहसोल क्ले को रसूल मिट्टी भी कहा जाता है। यह मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम आदि खनिज पदार्थों से समृद्ध होती है। इसका त्वचा और बालों के स्वास्थ के लिये कॉस्मेटिक उत्पाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह एक भूरी मिट्टी केवल मोरक्को की एटलस पहाड़ियों में एक घाटी में पाई जाती है। यह त्वचा में स्थिरता और कसावट लाती है। इस मिट्टी का पेस्ट बनाकर स्तनों पर लगाकर और छोड़ दें। जब यह पेस्ट सूख जाये तब स्तनों को गुनगुने पानी से धो लें।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको नारी के स्तनों का ढीलापन दूर करने के उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। स्तन क्या होते हैं? स्तनों का ढीलापन क्या होता है? ढीलेपन के क्या कारण होते हैं?, इस बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से स्तनों का ढीलापन दूर करने के उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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