स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, लोग नशा करने के लिए नये-नये विकल्प ढूंडते हैं। इन्हीं विकल्पों में से एक है ताड़ी। ताड़ी वस्तुतः प्राकृतिक मिठास लिए दूधिया रंग का स्वास्थवर्धक पेय पदार्थ है। इसका उपयोग गर्मी से राहत पाने के लिये तथा पेट से जुड़ी समस्याओं से निवारण के लिए किया जाता है। ताड़ी, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के जीवन का एक अहम हिस्सा है, ताड़ी पीना उनकी संस्कृति में शामिल है। केरल में तो पारंपरिक व्यंजनों तथा स्नैक्स के साथ इसका सेवन किया जाता है। इसी प्रकार बिहार और गुजरात में भी ताड़ी का सेवन करना उनके जीवनशैली का एक हिस्सा है। परन्तु लोगों ने ताड़ी का फरमेंटशन करके इसे अल्कोहलिक बना डाला परिणाम स्वरूप ताड़ी शराब का विकल्प बनकर रह गई। माननीय न्यायालय ने शराब के साथ ताड़ी पर भी कुछ राज्यों में प्रतिबंध लगा दिया। यद्यपि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अब तक 3,078 ताड़ी निकालने वालों पर प्रतिबंध खत्म कर दिया है, परन्तु मामले की अंतिम स्थिति की जानकारी उपलब्ध नहीं है, आखिर यह ताड़ी है क्या? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “ताड़ी पीने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको ताड़ी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा ताड़ी पीने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं ताड़ी क्या है और ताड़ी कहां पाई जाती है। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
ताड़ी क्या है? – What is a Tadi
दोस्तो, ताड़ी एक प्राकृतिक पेय पदार्थ है जो ताड़ के वृक्ष की प्रजातियों जैसे खजूर, नारियल, तथा पाल्मीरा वृक्ष से प्राप्त होती है। यह दूधिया सफेद रंग का तथा स्वाद में मीठा और सामान्य होता है परन्तु यदि इसे स्टोर करके रख दिया जाए तो 24 घंटे बाद यह खट्टा और मादक हो जाता है। ऐसा फरमेंटशन प्रक्रिया अर्थात् खमीर बनने की वजह से ऐसा होता है। इसमें अल्कोहल की मात्रा 3 से 6 प्रतिशत तक उपस्थित हो जाती है।
इसे अंग्रेजी में पाम वाइन (Palm Wine) कहा जाता है। दक्षिण भारत में इसे कल्लू तथा उत्तर भारत में पाम ताड़ी, ताड़ी या नीरा के नाम से पुकारा जाता है। जहां तक ताड़ वृक्ष की बात है तो जान लीजिए कि ताड़ वृक्ष नारियल के समान लगभग 30 से 35 मीटर लंबा और सीधा होता है। इस पर शाखाएं नहीं होतीं। एकदम ऊपर तने से ही डंठल निकलते हैं जिन पर लंबे-लंबे पत्ते होते हैं। ताड़ी निकालने के लिए प्रोफेशनल लोग ही रात को ताड़ के वृक्ष पर चढ़कर डंठल और तने के जोड़ पर कट लगाकर, मटकी को लटका देते हैं। सारी रात मटकी में तरल पदार्थ जमा होता रहता है।
फिर सुबह सूरज निकलने से पहले मटकी उतार ली जाती है। माना जाता है कि सूरज निकलने के बाद, सूरज की किरणें तरल पदार्थ पर पड़ने से यह खट्टा हो जाता है। ताड़ी एक प्राकृतिक आइसोटोनिक पेय पदार्थ है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बशर्ते कि इसको कम मात्रा में पीया जाए तो। क्योंकि इसमें कई विटामिन और पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।
ताड़ी कहां पाई जाती है? – Where is Tadi Found?
1. ताड़ी हमारे देश भारत के उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, केरल तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में मिलती है। छत्तीसगढ़ में तो ताड़ी आदिवासियों की संस्कृति और आदत का एक हिस्सा है।
2. यदि विदेशों की बात की जाए तो अफ्रीका, घाना, केन्या, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, नाइजीरिया, मैक्सिको, फिलीपींस और इंडोनेशिया में ताड़ी को बड़े चाव से पीया जाता है। ताड़ी पीना वहां आम बात है।
ताड़ी के गुण – Properties of Tadi
1. एकदम ताजा ताड़ी का स्वाद मीठा होता है। फरमेंटशन करने पर यह खट्टी और नशीली हो जाती है।
2. ताजा ताड़ी में अल्कोहल 0।2 प्रतिशत होता है। फरमेंटशन करने पर इसकी मात्रा 3 से 6 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। अतः इसे लोग शराब के विकल्प के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
3. ताड़ी में विटामिन-सी, बी1, बी2, बी3 और बी6, सुक्रोज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, केल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, एमिनो एसिड आदि पोषक तत्व होते हैं।
4. ताड़ी में विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) नामक एंटीऑक्सीडेंट उपस्थित होता है।
5. ताड़ी का पीएच स्तर 8 से 9 होता है।
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ताड़ी पर वैधानिक स्थिति – Legal Status of Tadi
दक्षिणी राज्य के ताड़ी श्रमिकों और दुकान मालिकों द्वारा दायर याचिकाओं, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के भीतर शराब की बिक्री पर देशभर में लगी रोक में छूट की मांग की गई है, की भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ की सुनवाई के दौरान केरल सरकार ने अपने हलफनामे (Affidavit) में कहा है कि “ताड़ी में उच्च पोषक मूल्य है और चीनी और विटामिनों में भरपूर है और वास्तविक अर्थों में शराब नहीं है। यह एक स्वस्थ पेय है और पारंपरिक केरल के व्यंजन और स्नैक्स के साथ पिया जाता है।
ताड़ी रक्त की गुणवत्ता में सुधार और शरीर के सभी अंगों, तंत्रिकाओं और ऊतकों के लिए आवश्यक विटामिन प्रदान करती है। उचित मात्रा में इसके पीने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है”। हलफनामे में यह भी कहा गया कि “जिस दिन जिस पर शराब की बिक्री पर रोक होती है उन दिनों भी ताड़ी को छूट दी गई है”। आदर्णीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अगर ताड़ी शराब या शराब की श्रेणी में नहीं आती है तो केरल सरकार क्यों नहीं अबकारी अधिनियम को संशोधित करती। सरकार को इस संबंध में निर्देश लेने के लिए कहा गया है। इसके पश्चात की स्थिति के बारे में सूचना उपलब्ध नहीं है।
ताड़ी पीने का सही तरीका – The Right way to Drink Tadi
आधा गिलास गर्म पानी में इमली और ताड़ी अच्छी तरह मिला लें, फिर इसे छानकर पीएं। स्वाद में कड़वापन होने पर इसे ना पीएं। आप चाहें तो स्वाद के लिये चुटकी भर काला नमक मिला सकते हैं।
ताड़ी पीने का सही समय – Right time to Drink Tadi
ताड़ी पीने का सही समय सुबह का माना जाता है। सुबह खाली पेट ताड़ी पीने से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस बनना, दर्द होना आदि की संभावना नहीं होती। इससे पाचन तंत्र भी सुधरता है।
ताड़ी कितनी पीनी चाहिए ? – How much Tadi Should I drink?
आधा गिलास ताड़ी पीई जा सकती है।
ताड़ी का नशा उतारने के उपाय – Ways to Get rid of Tadi Addiction
माना जाता है कि यदि ताड़ी बहुत ज्यादा पी ली जाए तो इसका नशा शराब से भी ज्यादा तेज होता है। ताड़ी का नशा उतारने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं –
1. अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर इसे उबालकर, छानकर, थोड़ा ठंडा करके पिलाएं।
2. ब्लैक कॉफी पिलाएं।
3. धनिया पीसकर इसमें थोड़ी सी शक्कर मिलाकर खिलाएं।
4. संतरे के जूस का भी सेवन किया जा सकता है, इससे मितली और उल्टी से राहत मिलेगी।
5. नींबू का पानी पिलाएं।
6. आम का अचार खिला सकते हैं।
7. दही की लस्सी बनाकर पिलाएं।
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ताड़ी पीने के फायदे – Benefits of Drinking Tadi
दोस्तो, अब बताते हैं आपको ताड़ी पीने के फायदे जो निम्नलिखित हैं –
1. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखे (Keep the Digestive System Healthy)- दोस्तो पाचन तंत्र के लिए फाइबर महत्वपूर्ण और आवश्यक तत्व है जो कि हमें फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है। परन्तु ताड़ी एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसमें फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है।
इसके पीने से फाइबर मिलता है जिससे भोजन पचने में आसानी रहती है। ताड़ी पीने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और सही से काम करता है। इसके पीने से अपच और कब्ज की शिकायत भी नहीं रहती।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए (Strengthen the Immune System)- ताड़ी में विटामिन-सी (एस्कॉर्बिक एसिड) पाया जाता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त ताड़ी में आयरन, फाइबर, प्रोटीन जैसे तत्व भी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
ताड़ी में ब्राउन शुगर मिलाकर पीने से मौसमी बुखार उतर जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने का कारक होता है। इसके अतिरिक्त सर्दी, जुकाम से भी राहत मिलती है।
3. एनीमिया को दूर करे (Cure Anemia)- एनीमिया यानि शरीर में रक्त की कमी अक्सर महिलाओं को होना एक आम समस्या है। ताड़ी पीने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि रक्त की कमी का सीधा संबंध आयरन से है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाता है। ताड़ी में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है जो रक्त की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
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4. वजन बढ़ाए (Gain Weight)- जो लोग बहुत दुबले पतले हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए ताड़ी एक अच्छा विकल्प है। ताड़ी में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन तथा अन्य पोषक तत्व वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके लिए ताड़ी में, नारियल का दूध और थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाकर, उबालकर, थोड़ा सा ठंडा करके गर्म-गर्म ही पी लें। यह इतना भी गर्म नहीं होना चाहिए कि जीभ और गला ही जल जाए। इसलिये इस मामले में सावधान रहिए।
5. कैंसर से बचाव करे (Prevent Cancer)- दोस्तो, ताड़ी कैंसर विरोधी है तथा कैंसर से बचाव करने में समर्थ है। यह बात आश्चर्यजनक है परन्तु सत्य है। ताड़ी में विटामिन-बी2 मौजूद होता है जो रिबोफ्लाविन के नाम से जाना जाता है।
यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो कि एंटी कैंसर के रूप में कार्य करते हुए कैंसर कोशिकाओं को पनपने और विकसित होने से रोकता है। यह कैंसर उत्पन्न करने वाले फ्री रेडिकल से लड़कर कैंसर से बचाव करता है। अतः ताड़ी पीने वाले लोग ताड़ी के जरिए विटामिन-बी2 को प्राप्त करते हैं।
6. हृदय स्वास्थ के लिए फायदेमंद (Beneficial for Heart Health)- एक शोध के बताती है कि यदि ताड़ी का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह हृदय स्वास्थ के लिए लाभकारी हो सकती है। इसके पीछे का तर्क (logic) यह है कि ताड़ी में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है।
हाई ब्लड प्रेशर हृदय के लिए घातक होता है। इसके अतिरिक्त ताड़ी पीने से स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक जैसी घातक स्थितियों की संभावना को कम करने में मदद करती है।
7. हड्डियों को मजबूत बनाए (Strengthen Bones)- अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density – BMD), हड्डियों की मजबूती का आधार होता है। BMD के लिये विटामिन के अतिरिक्त केल्शियम जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
ताड़ी में कई विटामिन तथा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, केल्शियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हड्डियों को मजबूती देते हैं। हड्डियां मजबूत होने पर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे अस्थि रोग होने की संभावना नहीं रहती।
8. आंखों की दृष्टि बढ़ाए (Improve Eyesight) – पश्चिम और मध्य अफ्रीका के निवासी आंखों की दृष्टि बढ़ाने के लिए ताड़ी पीने की सलाह देते हैं। दरअसल ताड़ी में विटामिन-B1 उपस्थित होता है जो दृष्टि में सुधार करने में सक्रिय भूमिका निभाता है।
इसके अतिरिक्त ताड़ी में मौजूद एस्कॉर्बिक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट भी आंखों की दृष्टि बढ़ाने में मदद करता है। यह एस्कॉर्बिक एसिड अधिकतर फलों और सब्जियों से मिलता है। यह अच्छी बात है कि यहां ताड़ी पीने से एस्कॉर्बिक एसिड मिल रहा है।
9. पेट के लिए फायदेमंद (Good for Stomach)- पेट से जुड़ी समस्याओं तथा रोगों के निवारण के लिए ताड़ी को रामबाण उपाय माना जाता है। पेट के स्वास्थ के लिए ताड़ी बहुत ही बेहतरीन पेय पदार्थ है। सुबह खाली पेट ताड़ी पीने से पेट में गैस नहीं बनती, अपच और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
असंतुलित तथा विरोधी भोजन करने से कई बार पेट में दर्द हो जाता है। इससे राहत पाने के लिये ताड़ी पीएं। ताड़ी पीने का तरीका हम ऊपर बता चुके हैं।
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10. स्तनों में दूध की समस्या से राहत दिलाए (Relieve the Problem of milk in Breasts)- जो माताएं अपने शिशु को अपना दूध पिलाती हैं मगर उनके स्तनों में दूध पूरी तरह नहीं उतरता या दूध से संबंधित कोई भी समस्या है तो विशेषज्ञ उनको ताड़ी पीने की सलाह देते हैं।
इससे उनके स्तनों में दूध प्रक्रिया में सुधार होगा। इसके पीछे कौन सा logic काम करता है, इस बारे में प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है परन्तु माना जाता है कि इसे कई लोगों ने सिद्ध किया है कि ताड़ी, दूध प्रक्रिया को सुचारू बनाने में उपयोगी होती है।
ताड़ी पीने के नुकसान – Side Effects of Tadi
दोस्तो, ताड़ी का सेवन यदि उचित मात्रा में किया जाए तो यह कोई नुकसान नहीं देती परन्तु ज्यादा पीने पर कुछ तो नुकसान होना लाजिमी है। ये नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं –
1. सिर में दर्द
2. चक्कर आ सकते हैं।
3. लिवर डैमेज हो सकता है।
4. हृदय, अग्न्याशय, मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इन अंगों की क्षति हो सकती है।
5. पुरुषों में नपुंसकता की समस्या हो सकती है।
6. गर्भवती महिलाओं के अधिक सेवन करने पर गर्भपात की संभावना हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं के अधिक सेवन करने पर बच्चों में कुछ असामान्यताएं हो सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको ताड़ी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ताड़ी क्या है, ताड़ी कहां पाई जाती है, ताड़ी के गुण, ताड़ी पर वैधानिक स्थिति, ताड़ी पीने का सही तरीका, ताड़ी पीने का सही समय, ताड़ी कितनी पीनी चाहिए और ताड़ी का नशा उतारने के उपाय, इन सब के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से ताड़ी पीने के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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