दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। शरीर में “ब्लड सर्कुलेशन” का ठीक रहना उतना ही जरूरी जितना कि हमको जीवित रहने के लिये पोषण युक्त “भोजन” करना और सांस के द्वारा “ऑक्सीजन” लेना। ये तीनों ही अर्थात् ब्लड सर्कुलेशन, भोजन और ऑक्सीजन शरीर की मूलभूत आवश्यक आवश्यकताएं हैं। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन एकदम सही होने के कारण ही हमारे सभी अंग सुचारु रूप से कार्य कर पाने में सक्षम होते हैं। ब्लड सर्कुलेशन के लिये जिम्मेदार रक्त वाहिकाओं और हृदय में किसी भी कारणवश, किसी भी प्रकार की आंशिक या पूर्ण रूप से रुकावट आ जाये तो प्रभावित अंग की कार्य क्षमता तुरन्त प्रभावित होने लगती है। आखिर यह ब्लड सर्कुलेशन है क्या और इसको बढ़ाने के क्या उपाय हैं?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के घरेलू उपाय”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको ब्लड सर्कुलेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसको बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि ब्लड सर्कुलेशन क्या है और खराब ब्लड सर्कुलेशन क्या है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
ब्लड सर्कुलेशन क्या है? – What is Blood Circulation?
दोस्तो, सर्कुलेशन का अर्थ है घूमना। ब्लड सर्कुलेशन के संदर्भ में इसका मतलब है शरीर में बल्ड का घूमना अर्थात् शरीर के प्रत्येक अंग में निरन्तर और निर्बाध गति से ब्लड का प्रवाहित होते रहना। इसे हिन्दी में रक्त परिसंचरण और अंग्रेजी में ब्लड सर्कुलेशन कहा जाता है। ब्लड जिस माध्यम से पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है उनको रक्त वाहिकाएं और साधारण भाषा में नस कहा जाता है। यद्यपि इन वाहिकाओं को अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे हृदय धमनियां (Coronary Arteries), शिराएं (veins)।
हृदय की तीन मुख्य धमनियां होती हैं जो हृदय को ब्लड पहुंचाने का काम करती हैं। हृदय का काम पूरे शरीर के प्रत्येक अंग को, पोषक और ऑक्सीजन युक्त ब्लड उपलब्ध कराना है ताकि सभी अंग सुचारु रूप से अपना काम कर सकें। हृदय यह काम पम्पिंग के जरिये करता है और रक्त वाहिकाएं हृदय से इस रक्त को लेकर शरीर के सभी अंगों को भेज देती हैं। शिराएं (veins) सभी अंगों से ऑक्सीजन रहित ब्लड को शुद्धिकरण के लिये हृदय को भेज देती हैं। फिर यही रक्त हृदय द्वारा पोषित और ऑक्सीजन युक्त होकर रक्त वाहिकाओं द्वारा सभी अंगों में चला जाता है। यह चेन चलती रहती है। इसी प्रक्रिया को ब्लड सर्कुलेशन कहा जाता है।
खराब ब्लड सर्कुलेशन क्या है? – What is Poor Blood Circulation?
ब्लड सर्कुलेशन के लिये जिम्मेदार रक्त वाहिकाओं और हृदय में किसी भी प्रकार की रुकावट आने के कारण बल्ड का शरीर में सुचारु रूप से, बिना रुकावट के और सामान्य प्रवाह गति से प्रवाहित ना हो पाना, खराब ब्लड सर्कुलेशन कहलाता है। अधिकतर यह रुकावट रक्त वाहिकाओं, विशेषकर हृदय धमनियों में (किसी एक या तीनों में) Blockage के कारण होती है। यह Blockage हृदय धमनियों में फैट जमा होने से, प्लॉक बनने से और संकुचन के कारण होता है जिससे हृदय तक रक्त बिना रुकावट के नहीं पहुंच पाता।
परिणामस्वरूप हृदय को पम्पिंग के लिये अधिक जोर लगाना पड़ता है, जिससे हृदय की मांसपेशियां चोटिल होती हैं, सीने में दबाव और दर्द उत्पन्न होता है जोकि हार्ट अटैक कहलाता है। हृदय धमनियों में, किसी एक या तीनों में Blockage को हृदय धमनी रोग (Coronary Artery Disease – CAD) कहा जाता है। खराब ब्लड सर्कुलेशन के और भी कारण होते हैं जिनका जिक्र हम आगे करेंगे। हार्ट अटैक पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “हार्ट अटैक से बचने के घरेलू उपाय” पढ़ें।
ब्लड सर्कुलेशन कम होने के कारण – Cause of Low Blood Circulation
दोस्तो, खराब ब्लड सर्कुलेशन यानि किसी रुकावट की वजह से ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाने के हो सकते हैं निम्नलिखित कारण –
1. एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)- यह ब्लड सर्कुलेशन कम होने का सबसे आम कारण है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें रक्त वाहिकाओं के अंदर रूकावट उत्पन्न हो जाती है। यह रुकावट, रक्त में फैट जमा होने, खराब कोलेस्ट्रॉल LDL का स्तर बढ़ जाने, कैल्शियम और अन्य तत्वों के जमाव की वजह से होती है। इस वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक होने का जोखिम रहता है।
2. वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins)- वैरिकोज वेन्स एक ऐसा रोग है जिसमें हृदय के वाल्व खराब होने के कारण नसें बढ़ जाती हैं। इस वजह से ब्लड सर्कुलेशन में कमी आती है। स्वस्थ और सामान्य नसों की तुलना में खराब नसें ब्लड को सुचारु रूप से सर्कुलेट कर पाने में सक्षम नहीं हो पाती हैं।
3. पेरिफेरल वैस्कुलर रोग (Peripheral Vascular Disease)- पेरिफेरल वैस्कुलर को ब्लड सर्कुलेशन डिस्ऑर्डर के रूप में जाना जाता है। इसमें धमनियांऔर रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आती है। परिणामस्वरूप ब्लड पैरों तक सही से नहीं पहुंच पाता।
4. शुगर (Sugar)- जिन लोगों को ब्लड शुगर की शिकायत है उनको ब्लड सर्कुलेशन की कमी की संभावना बन जाती है। इस समस्या को डाइबटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। इस समस्या के रहते शरीर के कुछ हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन कम होता है।
5. रक्त के थक्का जमना (Blood Clotting)- रक्त का गाढ़ा होना या रक्त का थक्का जमना, खराब ब्लड सर्कुलेशन का स्पष्ट संकेत है। इसीलिये जिन लोगों का रक्त गाढ़ा होता है, डॉक्टर उनको रक्त पतला करने की दवा देते हैं। रक्त के थक्के आंशिक रूप से या पूरी तरह से ब्लड सर्कुलेशन में बाधा डाल सकते हैं। रक्त के थक्के हाथ, पैर या शरीर के जिस हिस्से में जमते हैं, उसी हिस्से में बल्ड सर्कुलेशन कम होता है। हाथ, पैरों में सुन्नता होने लगती है।
6. मोटापा (Fatty)- जिन लोगों की शारीरिक गतिविधियां नहीं होतीं या बहुत कम होती हैं, अधिकतर एक ही जगह बैठे रहने से उनका वजन बढ़ता जाता है और वे मोटापे की गिरफ्त में आ जाते हैं। इसी मोटापे के कारण उनमें फैट बढ़ जाता है। यही फैट रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है जिससे उन में ब्लड सर्कुलेशन डिसऑर्डर हो जाता है।
7. स्टेरॉयड का सेवन (Steroid Use) – कोर्टिकोस्टेरॉयड की हाई डोज लेते रहने से में सेवन ब्लड में फैट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन में कमी आ सकती है और साथ ही एवैस्कुलर नेक्रोसिस की भी समस्या हो सकते हैं।
8. शराब का अधिक सेवन (Moor Alcohol Consumption)- लंबी अवधि तक अर्थात् कई वर्षों तक और अधिक मात्रा में शराब पीते रहने से रक्त वाहिकाओं में फैट जमा होने की काफी संभावना रहती है जो ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है।
9. धूम्रपान (Smoking)- धूम्रपान करना या तंबाकू किसी भी रूप में सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में संकुचन की समस्या हो जाती है जो सीधे तौर पर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है।
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10. बढ़ती उम्र (Growing Old)- बढ़ती उम्र के फैक्टर को नकारा नहीं जा सकता। बढ़ती उम्र के साथ रक्त वाहिकाएं कठोर होने लगती हैं, इनका लचीलापन खत्म हो जाता है। इनको रक्त प्राप्त करने और शरीर के अंगों तक पहुंचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। परिणामस्वरूप ब्लड सर्कुलेशन में कमी आती है।
ब्लड सर्कुलेशन कम होने के दुष्परिणाम – Side Effects of Low Blood Circulation
दोस्तो, अब बताते हैं आपको ब्लड सर्कुलेशन कम होने या ठीक से ना होने के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जो निम्नलिखित हैं। इनको आप ब्लड सर्कुलेशन की कमी के लक्षण भी कह सकते हैं –
1. हृदय संबंधी रोग (Heart Disease)- ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आने की वजह से हृदय को पम्पिंग के लिये अधिक मेहनत करनी पड़ती है। परिणामस्वरूप हृदय से संबंधित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां तक कि हार्ट अटैक से मृत्यु भी हो सकती है। इस बारे में ऊपर विस्तार से बताया जा चुका है।
2. सुन्नत (Sunnah)- आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से शरीर के जिस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन कम होगा, वह हिस्सा सुन्न रहने लगेगा, उसकी गतिविधि, कार्य करने की क्षमता कम हो जायेगी। चाहे वह अंग हाथ पैर हों या कोई और। हाथ पैर ठंडे रह सकते हैं।
3. मांशपेशियों में दर्द रहने या ऐंठन की शिकायत हो सकती है।
4. त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे सूजन, मुंहासे निकलना, त्वचा में रूखापन आदि।
5. आंखों के नीचे काले घेरे बन जाना।
6. आंखों की पुतलियां एकदम सफेद पड़ जाना।
7. थकावट और कमजोरी महसूस करना।
8. बालों की जड़ें कमजोर हो जाना जिससे बाल झड़ने लगते हैं।
9. पाचन संबंधी समस्याएं होना।
10. हड्डियों का गलाव (Contusion of Bones)- हड्डियों तक रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं में रुकावट आने से हड्डियों के ऊतक मरने लगते हैं, इसे हड्डियों का गलाव कहते हैं। इसे एवैस्कुलर नेक्रोसिस रोग कहा जाता है। इस बारे में विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “एवैस्कुलर नेक्रोसिस क्या है?” पढ़ें।
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के उपाय – Home Remedies to Increase Blood Circulation
अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जिन्हें अपनाकर आप ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकते हैं और इसे बढ़ा सकते हैं –
1. ज्यादा पानी पियें (Drink More Water)- शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है, इसके लिये डॉक्टर सारे दिन में सात से आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं ताकि शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ निकल जायें। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और सारे अंग भली-भांति कार्य करते हैं। शरीर में पानी की कमी को डिहाइड्रेशन की समस्या कहा जाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है।
यदि सात से आठ गिलास सादा पानी नहीं पी सकते तो पानी में नींबू, नमक, शहद या चीनी डालकर पीया जा सकता है। एक बात का ध्यान अवश्य रखिये सात-आठ गिलास पानी एक साथ नहीं पीना बल्कि पूरे दिन में पीना है।
2. नमक कम कीजिए (Reduce Salt)- अपने आहार में नमक की मात्रा बहुत कम रखिये क्योंकि नमक की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर बढ़ता है और उच्च बल्ड प्रेशर स्वास्थ के लिये हानिकारक है इससे तनाव भी बढ़ता है। कई खाद्य पदार्थों में सोडियम अधिक मात्रा में होता है विशेषकर बाहर आने वाले खाद्य पदार्थों में जैसे सूप, मीट आदि।
इनमें नमक भी अधिक होता है। नमक की अधिक मात्रा से रक्त वाहिकाएं कठोर हो जाती हैं जिससे स्मूद ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आती है। अतः ब्लड सर्कुलेशन में सुधार के लिये नमक का कम मात्रा में सेवन करें।
3. चीनी कम करें (Reduce Suger)- जिस प्रकार अधिक नमक खाना सेहत के लिये हानिकारक है उसी प्रकार चीनी का अधिक सेवन करना भी स्वास्थ के लिये ठीक नहीं है। चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज की संभावना बन सकती है और डायबिटीज स्वयं एक कारण है ब्ल्ड सर्कुलेशन कम होने का। इसे डाइबटिक न्यूरोपैथी कहते हैं। इसलिये ब्ल्ड सर्कुलेशन को बेहतर करने और बढ़ाने के लिये चीनी युक्त खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन कम कीजिये।
4. कैफीन कम करें (Reduce Caffeine)- यद्यपि कम मात्रा में कॉफी का सेवन हृदय स्वास्थ के लिये लाभकारी होता है परन्तु अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से यह शरीर में पानी को सोखता है यानि पानी की कमी होने लगती है।
ब्लड सर्कुलेशन सही बनाये रखने के लिये शरीर का हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है इसलिये कैफीन युक्त खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन कम करना चाहिये। कुछ शोध यह बताती हैं कि ने कैफीन की अधिक मात्रा मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर इसे कम कर सकती है।
5. शराब कम करें, धूम्रपान ना करें (Cut Down on Alcohol, don’t Smoke)- शराब किस तरह ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है, इस बारे में हम ऊपर बता चुके हैं। यह सीधे तौर पर रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। इसलिये यदि ब्लड सर्कुलेशन को सुधारना चाहते हैं तो शराब का सेवन कम करें। इसी प्रकार धूम्रपान करने से या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जो ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। अतः धूम्रपान या तंबाकू का सेवन तो बिल्कुल भी ना करें।
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6. व्यायाम और योगा करें (Do Exercise and Yoga)- ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिये प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम और योगा सर्वोत्तम उपाय हैं। व्यायाम करने से हृदय तेजी से ब्लड को पम्प करना शुरु कर देता है। भागना-दौड़ना, जॉगिंग, तैराकी, साइकिलिंग, डांसिंग, एक्सरसाइज आदि अच्छे विकल्प हैं। यदि आप यह सब नहीं करना चाहते तो सुबह-सुबह केवल 30-45 मिनट की मॉर्निंग वॉक ही कर लीजिये।
मॉर्निंग वॉक से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। जहां तक योगा की बात है तो कुछ योगासन ऐसे हैं जो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर इसे बढ़ाने का काम करते हैं। योगासन, योग गुरू या विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिये। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिये सूर्य नमस्कार, शीर्षासन, ताड़ासन, उत्कटासन, अधोमुख श्वानासन, वीरभद्रासन, त्रिकोणासन, उत्तानासन, विपरीत करणी योगासन आदि कर सकते हैं।
7. ग्रीन टी का सेवन करें (Drink Green Tea)- ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ग्रीन टी पीने के केवल आधे घंटे में ही यह अपना प्रभाव दिखा देती है और बल्ड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। प्रतिदिन दो कप ग्रीन टी के सेवन से रक्त बल्ड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
8. खट्टे फल खाएं (Eat Citrus Fruits)- खट्टे फलों में विटामिन-सी की प्रचुर मात्रा होती है। विटामिन-सी स्वयं एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। ये हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। इनमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण शरीर के आंतरिक अंगों की सूजन कम करने का काम करते हैं।
ये खट्टे फल ब्लड का शुद्धीकरण करने में सक्षम होते हैं। इनके सेवन से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और ब्लड सर्कुलेशन में बढ़ोत्तरी होती है। इन फलों में नींबू, संतरा, मौसमी, कमरख, आम, अंगूर, अनानास, अनार आदि ले सकते हैं।
9. ड्राई-फ्रूट्स (Dry Fruits)- ड्राई-फ्रूट्स में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रक्त वाहिकाओं के संकुचन (सिकुड़ना) को रोकने में मदद करते हैं। ड्राई-फ्रूट्स रक्त वाहिकाओं की दशा सामान्य बनाये रखते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन में कोई कमी नहीं आती। ड्राई-फ्रूट्स में आप काजू बादाम, अखरोट आदि ले सकते हैं।
10. हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Leafy Vegetables)- हरी पत्तेदार सब्जियों में नाइट्रेट मौजूद होता है जिसे शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित कर देता है। इसे एक शक्तिशाली वासोडिलेटर माना जाता है जो सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में मदद करता है। इससे बिना किसी रुकावट के ब्लड सर्कुलेट होता रहता है। हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक सरसों का साग, मेथी का साग, कोलार्ड साग आदि का सेवन कर सकते हैं।
11. प्याज (Onion)- प्याज एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ये गुण सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का काम करते हैं और प्याज के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण रक्त वाहिकाओं में आई सूजन को कम करते हैं। परिणामस्वरूप रक्त वाहिकाओं में सुधार होता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। प्याज को लेकर कुछ व्यक्तियों पर किये गये एक्सपेरिमेंट के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
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12. लहसुन (Garlic)- लहसुन में एलिसिन (allicin) होता है जो एक सल्फर यौगिक है और अपने आप में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। इसके नियमित सेवन से रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है और लहसुन के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अतः रक्त वाहिकाएं सामान्य रहती हैं और ब्लड निर्बाध गति से बहता है। प्याज की ही तरह लहसुन के एक्सपेरिमेंट के भी सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
13. हल्दी (Turmeric)- हल्दी औषधीय गुणों से समृद्ध होती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक यौगिक नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। इसके नियमित सेवन से रक्त का शुद्धीकरण होता है, नसें खुल जाती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है।
14. चुकंदर (Beetroot)- चुकंदर स्वास्थ के लिये बेहद लाभकारी होता है। चुकंदर के जूस या पाउडर का इस्तेमाल खिलाड़ी अपनी परफोर्मेंस सुधारने के लिये करते हैं। यह ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर में रक्त की कमी को भी पूरा करता है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट को शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित करता है जिससे रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है। इसके सेवन से बल्ड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
15. टमाटर (Tomato)- टमाटर में पाये जाने वाले गुण एंजियोटेंसिन परिवर्तित एंजाइम की गतिविधि को कम करने में मदद करते हैं। ये गतिविधियां रक्त वाहिकाओं के संकुचन के लिये जिम्मेदार होती हैं। इन गतिविधियों पर लगाम लगने के कारण रक्त वाहिकाएं सामान्य रूप से काम करने लगती हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है।
16. अदरक (Ginger)- अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं और की सूजन को कम करते हैं। रक्त को शुद्ध करते हैं और रक्त के सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं। अतः आहार में अदरक को शामिल करना जाहिये।
17. दालचीनी (Cinnamon)- दालचीनी भी औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती है। यह अनेक रोगों के निवारण में काम आती है। इसे भोजन में शामिल करना चाहिये। यह संकुचित रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। दालचीनी डायबिटिक मरीजों को भी राहत देती है और हाई ब्ल्ड प्रेशर को कम करने में मदद करती है जिससे तनाव कम होता है। तनाव कम होने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्लड सर्कुलेशन क्या है, खराब ब्लड सर्कुलेशन क्या है, ब्लड सर्कुलेशन कम होने के कारण और ब्लड सर्कुलेशन कम होने के दुष्परिणाम, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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