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धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Quit Smoking in Hindi

धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, मेहमान, दोस्त, पड़ोसी तो सभी के यहां आते जाते रहते हैं लेकिन कभी-कभी अजनबी और बिन बुलाये मेहमान भी आ जाते हैं। इन सबका यथायोग्य स्वागत सत्कार किया जाता है और उनको विदा भी किया जाता है। लेकिन जो बिन बुलाया मेहमान या अजनबी घर में ही रह जाये और जाने का नाम ले उसे आप क्या कहेंगे?। दोस्तो, वह एक शत्रु के समान लगता है। हम आज एक ऐसे ही शत्रु की बात करेंगे जो एक बार घर में आ जाये तो फिर यह जाने का नाम नहीं लेता और अन्दर ही अन्दर आपसे शत्रुता निभाता रहता है। जी हां, इस शत्रु का नाम है तंबाकू। आपने यदि इसे एक बार अपने घर यानी शरीर में आने दिया तो फिर यह वापिस जाने का नाम नहीं लेता। यह तंबाकू रूपी शत्रु आपके शरीर में किसी भी रूप में प्रवेश कर सकता है जैसे गुटखा, खैनी के रूप में या हुक्का, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, स्मोकिंग पाईप के जरिये धूम्रपान के रूप में। आखिर शरीर के इस शत्रु से छुटकारा कैसे पाया जाये अर्थात् धूम्रपान को कैसे छोड़ा जाये? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय” देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको धूम्रपान के बारे में विस्तृत जानकारी देगा और इसके नुकसान भी बतायेगा और इसे छोड़ने के उपाय भी बतायेगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि धूम्रपान क्या होता है, कहां से इसकी शुरुआत हुई और भारत में धूम्रपान की शुरुआत कैसे हुई। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय
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धूम्रपान क्या होता है? – What is Smoking?

तंबाकू को जलाकर सांस के जरिये इसे मुंह में खींचा जाता है तो मुंह में तंबाकू का धुआं भर जाता है और फेफड़ों में चला जाता है। फिर अन्दर के धुंऐ को मुंह और नाक के जरिये बाहर निकाल दिया जाता है। मुंह में जलते हुऐ तंबाकू को सांस के जरिये खींचना और बाहर निकाल देने की प्रक्रिया को धूम्रपान कहा जाता है। तंबाकू को जलाना किसी भी रूप में हो सकता है हुक्का, सुलफे वाली चिलम, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, स्मोकिंग-पाईप आदि। हुक्के की चिलम में तंबाकू के ऊपर जलते उपले का टुकड़ा रख दिया जाता है। सुल्फे वाली चिलम, और स्मोकिंग-पाईप के तंबाकू को माचिस की तीली से जला दिया जाता है, बाकी बीड़ी, सिगरेट, सिगार को उनके मुंह से जला दिया जाता है। कहने का तात्पर्य है कि हर सूरत में तंबाकू का धुआं मुंह के रास्ते शरीर में जाता है।

धूम्रपान की शुरुआत कहां से हुई? – Where Did Smoking Start?

दोस्तो, यदि हम तंबाकू के इतिहास में जायें तो पता चलता है कि 5000-3000 ई.पू. दक्षिण अमेरिका में कृषि उत्पादों की खेती से इसकी शुरूआत हुई थी। माना जाता है कि इसका उपयोग, इस पौधे के पदार्थ के जलने से दुर्घटनावश या अन्य प्रकार से उपयोग करने के उद्देश्य से हुआ। संभवतः इसकी खुशबू पसंद आ गई और फिर धार्मिक अनुष्ठानों, अन्य समारोहों में वातावरण सुगंधित करने के लिये जलाया जाने लगा। कालान्तर में इसका उपयोग आनंद के लिये किया जाने लगा। फिर बाद में यह समाज का प्रतिष्ठित वस्तु के रूप में एक महत्वपूर्ण और हिस्सा बन गया।

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भारत में धूम्रपान की शुरुआत – Start of Smoking in India

भारत में धूम्रपान की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में विद्वानों के अलग-अलग मत हैं, परन्तु इन सभी के मत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत में 15वीं शताब्दी में, लगभग सन् 1609 के आस-पास बादशाह अकबर के दरबार से धूम्रपान की शुरूआत हुई।

1. कुछ विद्वान मानते हैं कि सन् 1609 के आस-पास वर्नेल नामक पुर्तगाली आया बादशाह अकबर के दरबार में आया और उसने बादशाह को बहुत सुन्दर बड़ी सी जड़ाऊ चिलम भेंट की और तंबाकू दिया। बादशाह को यह चिलम बहुत पसन्द आई और उसी पुर्तगाली से चिलम पीने का प्रशिक्षण भी लिया। दरबार में बादशाह को चिलम पीते देख अन्य दरबारियों की उत्सुकता बढ़ी और उन्होंने भी चिलम पीना शुरु कर दिया।

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2. कुछ विद्वानों का मत है कि बादशाह अकबर का ही एक उच्च अधिकारी तंबाकू को बीजापुर से लेकर आया था और उसने बादशाह को उपहार स्वरूप तंबाकू भेंट किया था।

भारत में हुक्का, बीड़ी, सिगरेट कब आये? – When Did Hookah, Bidi, and cigarettes Come to India?

(i) हुक्का (Hookah)- 15वीं सदी में ही बादशाह अकबर के शासनकाल में अब्दुल नामक एक कारीगर ने हुक्के का आविष्कार किया और उसका दावा था, चूंकि तंबाकू का धुआं पानी में से होकर गुजरता है इसलिये हुक्का पीने से सेहत को कोई नुकसान नहीं होता। बाद में इस प्रकार के दावे, शोधों में गलत सिद्ध हुऐ।

(ii) बीड़ी (Bidi)- भारत में बीड़ी, सिगरेट कब आये इस संबंध में कोई प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है परन्तु एक अनुमान के अनुसार सन् 1776 के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में पदार्पण के बाद ही बीड़ी, सिगरेट आये। बीड़ी अमेरिका से आई। अमेरिका के लोग तंबाकू को तंबाकू के पत्ते में ही लपेटकर पीया करते थे। भारत में इसे बीड़ी का नाम मिला क्योंकि यह पान का बीड़ा के समान लिपटी हुई थी। इस बीड़ा शब्द से बीड़ी का नाम प्रचलित हुआ।

(iii) सिगरेट(Cigarette) – सिगरेट भारत में पहुंची इंग्‍लैंड से। इंग्लैंड के लोग तंबाकू को कागज में लपेट कर पीया करते थे जो सिगरेट के नाम से प्रसिद्ध हुई। सिगरेट के साथ ही सिगार और स्मोकिंग पाईप भी, जिसे शेरूट या चुरट भी कहा जाता है अंग्रेजों के साथ भारत आये। भारत में सबसे पुराने सिगरेट ब्रांड पासिंग-शो, पनामा, चार मीनार और केवेन्डर्स हैं। इनमें से पासिंग-शो को छोड़कर बाकी ब्रांड्स की सिगरेट आज भी मिल जाती हैं।

भारत में तंबाकू की स्थिति – Status of Tobacco in India

दोस्तो, यह तो तय है कि भारत में धूम्रपान की शुरुआत 15वीं शताब्दी में बादशाह अकबर से और उसके दरबारियों से हो चुकी थी तो जाहिर है तंबाकू की खेती भी उस समय होती होगी। परन्तु सन् 1776 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत आने के बाद अंग्रेजों ने नकदी फसल के रूप में तंबाकू उगाना शुरू किया। वर्तमान में भारत के पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा, चेन्नई आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार राज्यों में तंबाकू की खेती की जाती है। सबसे ज्यादा आंध्रप्रदेश तंबाकू का उत्पादन करता है। अन्य तंबाकू उत्पादक और निर्यातक देशों की तुलना में भारत की विशेष स्थिति है क्योंकि तंबाकू की खेती और तंबाकू उद्योग से 4।6 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। भारत में लगभग 7।3 करोड़ से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं।

धूम्रपान के पक्ष में दिये जाने वाले तर्क – Arguments in Favor of Smoking

दोस्तो, सभी जानते हैं कि धूम्रपान स्वास्थ के लिये हानिकारक है, इसके बावजूद धूम्रपान करने वाले लोग धूम्रपान के पक्ष में ऐसे-ऐसे तर्क देते हैं कि सामने वाला निरुत्तर हो जाये। कुछ तर्क निम्न प्रकार हैं –

1. धूम्रपान यदि बंद कर दिया जाता जाये तो देश के लाखों किसान और मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे, वे और उनके परिवार वाले भूख से मर जायेंगे।

2. धूम्रपान नहीं करेंगे तो हम बीमार कैसे होंगे और जब हम बीमार नहीं होंगे तो डॉक्टर्स, अस्पताल की रोजी रोटी कैसे चलेगी।

3. धूम्रपान के बिना सुबह को प्रैशर नहीं आता।

4. धूम्रपान मानसिक तनाव को कम करता है।

5. इससे दिमाग की थकावट उतर जाती है।

6. शारीरिक थकावट भी कम हो जाती है। इससे एनर्जी मिलती है, लगता है शरीर रीचार्ज हो गया है।

7. काम में तेजी आती है, शरीर में चुश्ती बनी रहती है।

8. मैंने तो आजतक किसी को धूम्रपान से मरते नहीं देखा।

9. इससे खाना जल्दी पचता है।

10. यह भारत की संस्कृति, सभ्यता, मेजबानी का हिस्सा है।

11. गांवों में समाज द्वारा आज भी किसी का हुक्का पानी बंद करने को सबसे बड़ी सजा माना जाता है।

12. धूम्रपान से शान बढ़ती है, व्यक्तित्व निखरता है।

दोस्तो, ये सब तर्क नहीं, कुतर्क हैं। धूम्रपान से यदि शरीर में एक भी रोग होता है तो सारे गुण, फायदे, तर्क बेमानी हैं। इनका कोई अर्थ नहीं रह जाता। अब हम बताते हैं कि तंबाकू क्यों हानिकारक है।

तंबाकू के विषैले तत्वों का प्रभाव – Effects of Tobacco Toxins

दोस्तो, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तंबाकू में  अनेक प्रकार के 4,000 से अधिक रसायन होते हैं जिनमें से 60 से अधिक रसायन कैंसर का कारण बनते हैं। हम आपको बता रहे हैं तंबाकू में पाये जाने वाले कुछ विषैले तत्वों के नाम और उनसे शरीर पर पड़ने वाले कुप्रभाव जो निम्न प्रकार हैं –

1. निकोटिन      : कैंसर, ब्लड प्रैशर

2. कार्बन मोनोक्साइड : हृदय रोग, अस्थमा, अंधापन, गैस, शक्तिह्रास, नपुंसकता

3. अमोनिया     :  पाचन प्रणाली कमजोर होना, पित्ताशय विकार

4. कोलोडान    : स्नायु दुर्बलता, सिर में दर्द

5. पापरीडीन   : आंखों में शुष्कता

6. कार्बोलिक एसिड : अनिद्रा, चिड़चिड़ापन

7. परफैरोल    : दांतों का कमजोर होना, पीलापन

8. ऐजालिन सायनोजोन : रक्त विकार

9. फास्फोरल प्रोटिक एसिड : टीबी, खांसी, उदासी, थकान।

धूम्रपान की लत कैसे लगती है? – How Does Smoking Become Addictive?

दोस्तो, धूम्रपान की लत लगने की अनेक वजह हो सकती हैं जिनमें कुछ प्रमुख वजह निम्नलिखित हैं –

1. पारिवारिक परिवेश (Family Environment)- पारिवारिक परिवेश धूम्रपान के लिये आधार बनता है। जिस परिवार में परिवार का मुखिया या अन्य सदस्य धूम्रपान करते हैं, उस परिवार के बच्चों के लिये धूम्रपान की राह आसान हो जाती है क्योंकि बच्चे जो अपने घर में देखते हैं, वही करते हैं। कई बार बड़े लोग लाड़-प्यार में छोटे-छोटे बच्चों के मुंह में बीड़ी, सिगरेट, हुक्का दे देते हैं और प्रेरित करते हैं धूम्रपान के लिये। यह देहाती परिवेश में बहुत देखने को मिलता है।

2. सामाजिक परिवेश (Social Environment)- पारिवारिक परिवेश के ही समान सामाजिक परिवेश भी बहुत मायने रखता है कि जहां  आप रह रहे हैं वहां के लोग किस प्रकार के हैं। यदि नशेड़ियों का समाज है तो धूम्रपान और अन्य नशे के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं आपके धूम्रपान से बचने की संभावना नहीं के बराबर हो जाती है।

3. दोस्तों की संगत/अनुरोध/दबाव (Friendship / Request / Pressure)- धूम्रपान की शुरुआत अधिकतर किशोरावस्था (Teenage) में होती है। स्कूल में यदि कोई एक ही दोस्त ऐसा हो, जो धूम्रपान करता हो वही दूसरे बच्चों के लिये धूम्रपान का श्रोत बन जाता है। उसकी मिन्नतें, अनुरोध, कसमें, वादे बच्चों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं और इस तरह सिगरेट पीने की शुरुआत हो जाती है।

4. कॉलेज का माहौल (College Atmosphere)- यदि स्कूल से बच भी गये तो कॉलेज का माहौल धूम्रपान के लिये आकर्षित करता है। यह वह अवस्था होती है जब बच्चा किशोरावस्था को छोड़कर युवावस्था में प्रवेश करता है।  कॉलेज में शोऑफ़ ज्यादा होता है। कोई अपनी रईसी दिखाने के लिये सिगरेट पीता है तो कोई लड़कियों को इंप्रैस करने के लिये तो कोई स्टाइल मारने के लिये। ऐसे माहौल में दोस्तों का अनुरोध कम, दबाव बहुत ज्यादा होता है और ना चाहकर भी, दोस्तों की बात रखने के लिये नवयुवक धूम्रपान को अपना लेता है जो आगे चलकर लत बन जाती है।

5. शान-ओ-शौकत के लिये (For Glory)- अब तक तो बात रही बच्चों की, यदि बड़ों की बात की जाये तो समझिये कि किसी ने कह दिया कि यार तुम्हारा लुक तो बहुत शानदार है यदि सिगरेट हाथ में हो तो माशा-अल्लाह तुम्हारी पर्सनेलिटी में चार चांद लग जायेंगे। और बस, चढ़ गये आसमान में, लगा ली सिगरेट। एक शुरुआत ऐसे भी हो जाती है। अपनी शान, रुआब और दबंगई दिखाने के लिये।

6. शौक के लिये (Hobby)- कोई कोई आदमी धूम्रपान का आदी नहीं होता लेकिन कभी-कभी पी लेता है। उसे लगता है कि वह अपना शौक पूरा करने के लिये पी रहा है लेकिन यही शौक धीरे-धीरे उसकी आदत में बदल जाता है और उसे पता भी नहीं चलता। मगर कैसे? इसका उत्तर हम आगे देंगे।

7. तनाव (The Stress)- बहुत बार आदमी मानसिक तनाव से गुजरता है ऐसे में उसे कुछ ऐसी वस्तु की आवश्यकता पड़ती है जो उसे राहत दे। फिर वह शराब और सिगरेट को चुनता है। नतीजा यह निकलता है कि जब भी वह तनाव महसूस करता है सिगरेट पीता है जोकि सब जगह आसानी से उपलब्ध होती है। फिर वह बिना तनाव के ही रोजमर्रा में सिगरेट पीने लगता है।

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8. काम का दबाव (Work Pressure)- कई बार काम के कारण भी शारीरिक और मानसिक दबाव बनता है जिससे शारीरिक और मानसिक थकावट होती है। शारीरिक परिश्रम करने वाले अक्सर बीड़ी पीते हैं, उनके अनुसार बीड़ी शारीरिक थकान को दूर कर उनको रीचार्ज करती है, उनको एनर्जी मिलती है। इसी प्रकार, जो ऑफिस में काम करते हैं या जिनका काम दिमाग से जुड़ा है, लेखक आदि, वे दिमाग की थकावट दूर करने के लिये सिगरेट का सहारा लेते हैं। उनको एक सिगरेट पीने के बाद अपना दिमाग तरो-ताजा लगता है। नतीजा यह होता है कि वे हर आधा घंटा या एक घंटा बाद सिगरेट के बुरी तरह आदी हो जाते हैं।

9. जानकारी का अभाव (Lack of Information)- अधिकतर लोगों को धूम्रपान के नुकसान का अच्छी तरह पता होता है, वे सब जानते हैं लेकिन मानते नहीं। मगर कुछ लोगों को वास्तव में धूम्रपान से नुकसान की जानकारी नहीं होती, वे पीना शुरु कर देते हैं। शुरु-शुरु में उनको हल्की फुल्की खांसी रहती है पर वे इसकी परवाह नहीं करते, जब यह खांसी कोई भयंकर रूप ले लेती है या कोई और बीमारी बन जाती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

10. निकोटीन का असर (Effect of Nicotine)- दोस्तो, धूम्रपान की शुरुआत चाहे जैसे भी हुई हो, शौक-शौक में या अन्य रूप में इसकी लत लग ही जायेगी, यह आदत का रूप ले लेती है। क्योंकि तंबाकू में पाये जाने वाला निकोटीन तत्व ही तंबाकू की लत की ओर ले जाता है। यही निकोटीन धूम्रपान की आदत के लिये जिम्मेदार होता है क्योंकि यह मनुष्य के रक्त में रम जाता है इसीलिये धूम्रपान से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन याद रखिये यह मुश्किल जरूर है, असंभव नहीं। यदि निकोटीन को कंट्रोल कर लिया तो समझिये धूम्रपान की आदत को कंट्रोल कर लिया। इसके लिये बहुत सरल उपाय है कि “शरीर में निकोटीन को जाने ही ना दिया जाये”

धूम्रपान से नुकसान – Side Effects of Smoking

दोस्तो, अब आपको बताते हैं धूम्रपान करने से होने वाले नुकसान जो निम्नलिखित हैं – 

1. फेफड़े का कैंसर। धूम्रपान करने से सबसे ज्यादा फेफड़े प्रभावित होते हैं। ये बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। 90 प्रतिशत से भी अधिक मामले धूम्रपान के कारण फेफड़े के कैंसर वाले होते हैं।

2. फेफड़ों के कैंसर के अतिरिक्त शरीर के अन्य हिस्सों में भी कैंसर की संभावना रहती है जैसे कि मुंह, होंठ, गला, कण्ठनली, घेघा (मुंह और पेट बीच की ट्यूब), पेट, किडनी, मूत्राशय आदि।

3. थायरॉयड की समस्या।

4. डायबिटीज।

5. उच्च रक्तचाप की समस्या।

6. हृदय से जुड़ी समस्याऐं हो सकती हैं जैसे, कॉरोनरी हार्ट डिजीज़, हार्ट अटैक, पेरिफेरल वस्कुलर रोग आदि।

7. सेरेब्रोवस्कुलर रोग। यह उन धमनियों को क्षति  पहुंचाता है जो मस्तिष्क में रक्त पहुंचाती हैं।

8. अस्थमा रोग या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट संक्रमण।

9. पाचन तंत्र का कमजोर हो जाना।

10. प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर हो जाना।

11. नेत्र रोग जैसे आंखों का लाल रहना, आंखों में जलन होना, धुंधला दिखाई देना, आंखों की रोशनी कम हो जाना आदि।

12. मोतियाबिंद होने की संभावना अधिक होना।

13. पुरुषों में काम क्षमता कम हो जाना क्योंकि धूम्रपान से रक्त प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता। इसीलिये उत्तेजना में कमी आ जाती है।

14. पुरुषों में नपुंसकता की संभावना बन जाती है।

15. महिला और पुरुष दोनों में प्रजनन क्षमता की कमी हो सकती है।

धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Quit Smoking

दोस्तो, अब बताते हैं आपको धूम्रपान छोड़ने के सरल और घरेलू उपाय जो निम्न प्रकार हैं –

1. संकल्प और ईमानदारी (Determination and Honesty)- यदि आप वास्तव में धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं तो कोई दिन, कोई समय निश्चित ना करें बल्कि “अभी से” धूम्रपान छोड़ने का संकल्प कर लीजिये। धूम्रपान छोड़ने के लिये कोई दबाव, कसमें, वादे, दृढ़ इच्छा शक्ति आदि काम नहीं करते, केवल आपकी ईमानदारी काम करती है। आप अपने प्रति, अपने संकल्प के प्रति कितने ईमानदारी हैं, कितने वफादार हैं, यह मायने रखता है।

2. अपने को मजबूत करें (Strengthen Yourself)- जब आप “अभी से” धूम्रपान छोड़ने का निश्चय कर लेते हैं तो इस पर अडिग रहिये। अपने को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत कीजिये। इसके लिये मुस्कराकर अपने आप से कहिये कि “हम ना तो कभी धूम्रपान करते थे, ना करते हैं और ना कभी करेंगे”। यह मूल मंत्र आपके संकल्प को बल देगा और आपको मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत करेगा। जब भी आपको धूम्रपान की इच्छा होने लगे, इसी मंत्र को बोलिये।

3. अपने को व्यस्त रखें (Keep Yourself Busy)- जब आप धूम्रपान छोड़ने का निश्चय कर लेते हैं तो कई बार समय गुजारना बहुत मुश्किल हो जाता है, विशेषकर उस समय जब आप किसी का इंतजार कर रहे होते हैं। इसलिये आप वहां जाने से बचिये जहां आपको किसी का इंतजार करना पड़े। ऐसे में सबसे पहले आप यह सोचिये कि जो लोग स्मोकिंग नहीं करते वे भी तो अपना समय गुजारते हैं। इसलिये कुछ ऐसा कीजिये जिसमें आप बिजी हो जायें जैसे मोबाइल पर गेम खेल सकते हैं या कोई छोटा चैप्टर पढ़ सकते हैं या अपनी पसंद का म्युजिक सुन सकते हैं या वीडियो देख सकते हैं। जब आप किसी का इंतजार नहीं कर रहे होते तब आप अपने को किसी काम में बिजी रख सकते हैं, कोई खेल सकते हैं, बच्चों के साथ समय बिता सकते हैं, पढ़ाई, लिखाई का काम कर सकते हैं। कहने का तात्पर्य है कि आप अपने को इतना बिजी रखें कि आपको बीड़ी, सिगरेट के बारे में सोचने का मौका ही ना मिले।

4. पानी (Water)- दोस्तो, धूम्रपान छोड़ने का अर्थ केवल “धूम्रपान ना करना” ही नहीं है अपितु शरीर में रमे हुऐ “निकोटीन को बाहर निकालना” भी होता है जो बहुत ही आसान है। अपने शरीर को  “निकोटीन की खुराक” देना बंद कर दो और पानी ज्यादा पीना शुरु कर दो तो निकोटीन के विषैले पदार्थ मूत्र के जरिये बाहर निकल जायेंगे। निकोटीन अपने आप शरीर में कम होने लगेगा। यदि आपको यह डर है कि स्मोकिंग छोड़ने के चक्कर में किसी और चीज की आदत ना लग जाये तो आप सिर्फ़ पानी पीजिये।  जब भी आपको धूम्रपान की इच्छा हो तो एक या आधा गिलास गुनगुना (गर्मियों में सामान्य तापमान वाला) पानी पीजिये, इससे धूम्रपान की इच्छा तुरंत मर जायेगी और आपके शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी, अर्थात् एक पंथ दो काज। पानी पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय” पढ़ें।

5. नींबू पानी (Lemon Water)- सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू निचोड़कर, एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन पीयें, इससे धूम्रपान की इच्छा दब जायेगी। इससे पेट की तकलीफें, गैस आदि छुटकारा मिलेगा और वजन भी कम हो जायेगा यानी एक पंथ दो काज। इसे बीच में दिन में भी पी सकते हैं। हमारा पिछला आर्टिकल “निम्बू पानी के फायदे और नुकसान” पढ़ें।

6. प्याज का रस (Onion Juice)- प्रतिदिन सुबह, खाली पेट 4 चम्मच प्याज का रस निकालकर पीयें। इससे धूम्रपान और गुटका खाने की लत छूट जायेगी।

7. लाल मिर्च (Red Chilly)- लाल मिर्च का उपयोग भोजन में तो किया ही जाता है, आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी यह काम करती है। दिन में दो या तीन बार एक गिलास पानी में केवर एक चुटकी लाल मिर्च मिलाकर पीयें। शुरुआत में यह तीखी लगेगी परन्तु बाद में इसका तीखापन सहन होने लगेगा। इससे धूम्रपान की इच्छा तुरंत खत्म हो जायेगी।

8. बेकिंग सोडा(Baking Soda) – बेकिंग सोडा निकोटीन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करेगा। इसके लिये एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर खाना खाने के बाद पीयें। इससे खाना या कुछ भी खाने के बाद, स्मोकिंग की इच्छा खत्म हो जायेगी। इसे दिन में तीन बार लें।

9. मल्‍टी विटामिन युक्त खाद्य/पेय पदार्थ लें(Take Multivitamin Foods/Drinks)- अपने भोजन में विटामिन-ए, सी और विटामिन-ई युक्त खाद्य/पेय पदाथों को सम्मलित करें ताकि धूम्रपान से होने वाली इस क्षति को पूरा किया जा सके।  विटामिन-ए क्षतिगस्‍त श्‍लेष्‍म (damaged mucus) को रिपेयर करने में मदद करता है तो विटामिन-ई कोशिकाओं की हुई क्षति को पूरा करने में मदद करता है। विटामिन-सी धूम्रपान की इच्छा को खत्म करने में मदद करेगा। इसके लिये विटामिन-सी युक्त फल खायें या मौसमी, संतरा और अंगूर का जूस पीयें। विटामिन-सी पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “विटामिन-सी के फायदे और नुकसान” पढ़ें।

10. जई पाउडर (Oats Powder)-  यह पाउडर आयुर्वेदिक दवा के रूप में काम करते हुऐ ना केवल धूम्रपान की इच्‍छा को कम करता है बल्कि शरीर से निकोटीन के विषैले पदार्थों को भी बाहर निकालने में मदद करता है। इसके लिये एक बड़ा चम्‍मच जई पाउडर को दो कप गर्म पानी में मिलाकर रात भर के लिये छोड़ दें। अगले दिन सुबह इस मिश्रण को लगभग 10 मिनट तक उबालें और रोजाना खाना खाने के बाद इस मिश्रण का सेवन करें। 

11. दालचीनी और शहद (Cinnamon and Honey)- दालचीनी को बारीक पीस कर इसमें शहद मिला लें। जब भी धूम्रपान की या गुटका खैनी खाने की इच्छा हो, इस मिश्रण का सेवन का करें। इससे सिगरेट, बीड़ी आदि पीने की लत जल्दी ही छूट जायेगी। दालचीनी पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल दालचीनी के फायदे और नुकसान” पढ़ें। 

12. अदरक और आँवला (Ginger and Amla)- अदरक और आँवला को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें, बेहतर होगा कि इनको कद्दू-कस कर लिया जाये, फिर इनको धूप में सुखा लें। इसमें नींबू और नमक डाल कर किसी डिब्बे में भरकर अपने पास रखें। जब भी धूम्रपान की इच्छा हो, इस मिश्रण को थोड़ा सा खायें। धूम्रपान की इच्छा तुरंत खत्म हो जायेगी। आँवला पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला “आँवला के फायदे और नुकसान” आर्टिकल पढ़ें।

13. अजवाइन और सौंफ़ (Celery and Fennel)- अजवाइन और सौंफ़ को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इसमें थोड़ा सा काला नमक पाउडर मिलाकर थोड़ा सा नींबू का रस मिला लें और रात भर रख दें।   सुबह इस मिश्रण को तवे पर हल्का सा भून लें और किसी एयर टाइट डिब्बे में भर लें। जब भी धूम्रपान की इच्छा जगे, थोड़ा सा इस पाउडर को खा लें।  बहुत देर तक धूम्रपान की इच्छा नहीं होगी। अजवाइन पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “अजवाइन के फायदे” पढ़ें। 

14. सौंफ़ (Fennel)- सौंफ़ धूम्रपान की लत को छुड़ाने का सबसे सरल और आसानी से सब जगह उपलब्ध होने वाला घरेलू उपाय है। जब भी धूम्रपान की इच्छा हो, थोड़ी सी सौंफ़ मुंह में डाल लें। इसकी सोंधी खुश्बू धूम्रपान की इच्छा को दबा देगी। सौंफ़ पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला “सौंफ़ खाने के फायदे और नुकसान” आर्टिकल पढ़ें। 

15. मूली(Radish) – धूम्रपान की लत छुड़ाने में मूली सक्रिय भूमिका निभाती है। धूम्रपान की इच्छा होने पर मूली खायें। इसका हल्का चरपरा स्वाद धूम्रपान की इच्छा को खत्म कर देता है। वैसे मूली के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से भी धूम्रपान की इच्छा मर जाती है।

16. मुलेठी (Mulethi)- धूम्रपान की लत को खत्म करने का मुलेठी बहुत बेहतरीन उपाय है। इसका हल्का मीठा स्वाद और खुश्बू ना केवल धूम्रपान की इच्छा खत्म करती है बल्कि खांसी में भी आराम देती है। धूम्रपान की इच्छा होने पर मुलेठी का छोटा सा टुकड़ा लेकर मुंह में दबाकर हल्के-हल्के चूसें।

17. चुइंग गम (Chewing Gum)- धूम्रपान की लत छोड़ने के लिये मिंट चुइंग गम का सहारा लिया जा सकता है। वैसे बाजार में कई ऐसी चुइंग गम मिल जाती हैं जो धूम्रपान की लत छुड़ाने में मदद करती हैं।

18. अगर कोई मिल जाये (if Anyone finds)- दोस्तो, यह सच्चाई है कि नशा करने वाला व्यक्ति किसी की नहीं सुनता। ना अपनी, ना अपने बीवी-बच्चों की और ना सगे संबंधियों की। उस पर किसी की कसम, वायदा, धमकी, दबाव आदि का कोई असर नहीं होता। किसी के समझाने का तो कोई मतलब ही नहीं बनता क्योंकि वह ना तो कुछ समझ पायेगा और ना ही समझना चाहेगा। ऐसे में अगर उसकी ज़िन्दगी कोई ऐसा आ जाये या पहले से ही हो जिसे वह खोने से डरता हो, वो यदि यह कह दे कि “आपको धूम्रपान ही करना है तो करो, लेकिन कभी मुझसे बात मत करना” तो निश्चित रूप से वह उसकी बात सुनेगा भी, मानेगा भी और धूम्रपान छोड़ देगा। क्योंकि उसकी यह बात सुनकर वह भावनात्मक (Emotionally) रूप से टूट चुका होता है, और वह उसे किसी भी कीमत पर नहीं खोयेगा।

धूम्रपान छोड़ने पर शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव – Effects of Quitting Smoking on the Body

दोस्तो, अब जानते हैं कि धूम्रपान छोड़ने के बाद, समय-समय पर हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। विवरण निम्न प्रकार है –

1.  1 घंटे से 12 घंटे के बीच (Between 1 Hour to 12 Hours)- याद रखिये जब आप अपने मन में ठान लेते हैं कि मुझे अब धूम्रपान नहीं करना तो दुनियां की कोई ताकत आपसे धूम्रपान दुबारा शुरु नहीं करवा सकती। पहले घंटे में शरीर को निकोटीन ना मिलने के कारण आपकी हृदय गति बढ़ने लगेगी फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जायेगी। 12 घंटे बाद शरीर में कार्बन मोनोऑक्‍साइड का स्तर घट कर सामान्य हो जायेगा और ऑक्‍सीजन में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। कार्बन मोनोऑक्‍साइड फेफड़ों और रक्‍त में मिलकर ऑक्‍सीजन को रोकने का काम करता है।

2.  1 दिन से 3 दिन के बीच (Between 1 Day to 3 Days)- पहला दिन गुजरने पर ब्लड प्रैशर कम होने लगेगा, इससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना खत्म हो जाती है। क्योंकि धूम्रपान से हाई ब्लड प्रैशर रहने लगता है और अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल (HDL) कम होकर खराब कोलेस्‍ट्रॉल (LDL) बढ़ने लगता है, ये दोनों ही हृदय रोग का कारण होते हैं। दो दिन बाद, गंध और स्‍वाद की समस्या कम होने लगती है क्योंकि धूम्रपान गंध और स्‍वाद की इन्द्रियों की तंत्रिका और संवेदनशीलता को क्षति पहुंचाता है। तीन बाद शरीर को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, चिड़चिड़ाहट, सिरदर्द और खराब मनोदशा का अनुभव हो सकता है। क्योंकि शरीर को निकोटीन नहीं मिल पा रहा होता है और इसी स्थिति से शरीर से बाहर निकोटीन निकलने की अच्छी शुरुआत हो जाती है।

3. 1 महीने से 3 महीने तक (1 month to 3 months)- एक महीने तक धूम्रपान ना करने पर फेफड़ों की कार्य कुशलता बढ़ जाती है। जो पहले खांसी और सांस की समस्या रहती थी वह कम हो जाती है और कार्डियोवैस्‍कुलर क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होती है। तीन महीने बीत जाने पर ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। निकोटीन ना मिलने पर शरीर की सहनशक्ति बढ़ जाती है।

4. 9 माह बाद की स्थिति (Status After 9 Months)- फेफड़े स्वस्थ होने लगते हैं और उनकी कार्य कुशलता और अधिक बढ़ जाती है जिससे वे संक्रमण से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। व्यक्ति को फेफड़ों की बेहतर स्थिति का स्वयं पता चलता है। सांस खुलकर आती है।

5. 1 वर्ष बाद (After 1 year)- तंबाकू के विषाक्‍त पदार्थों के कारण हृदय धमनियां और रक्तवाहिकाओं में बाधा आने लगती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। ये हृदय धमनियां और रक्तवाहिकाऐं सिकुड़ने लगती हैं और दिल के दौरे का खतरा बना रहता है। एक वर्ष तक धूम्रपान ना करने पर हृदय धमनियां और रक्तवाहिकाऐं खुलने लगती हैं, इनमें सुधार होने लगता है। उसे सिगरेट बीड़ी के धुऐं से भी नफरत होने लगती है।

6. 5 वर्ष पश्चात (After 5 Years)- तंबाकू के विषाक्‍त पदार्थ रक्‍त के थक्‍के के विकास की संभावना को बढ़ाने का काम करते हैं जो हृदय के लिये घातक होते हैं। यदि शरीर को पांच वर्ष तक निकोटीन ना मिले तो धमनियां और रक्तवाहिकाओं की संकीर्णता खत्म होने लगती है ये चौड़ी होकर पहले जैसी सामान्य स्थिति में आ जाती हैं। बल्ड सर्कुलेशन निर्बाध गति से होने लगता है। हृदयाघात की संभावना अगले दस वर्ष तक कम हो जाती है।

7. 10 वर्ष के बाद (After 10 Years)- दस वर्ष तक धूम्रपान न करने से फेफड़ों के कैंसर की संभावना नहीं रहती और साथ ही मुंह, गले और अग्‍नाशयी कैंसर (Pancreatic Cancer) की भी संभावना कम हो जाती है।

8. 15 वर्ष बाद(After 15 Years)-  कोरोनरी हृदय रोग के विकास और अग्‍नाशयी कैंसर (Pancreatic Cancer)  की संभावना की स्थिति, धूम्रपान ना करने वाले व्यक्तियों के समान हो जाती है। 

9. 20 वर्ष बाद की स्थिति (After 20 Years)-  दोस्तो, 20 वर्ष का बहुत लंबा समय होता है। 20 वर्ष तक धूम्रपान ना करने वाले को निकोटीन के विरुद्ध लड़ने वाला योद्धा ही कहा जायेगा। फेफड़ों का तथा अन्य प्रकार के कैंसर और हृदय रोगों की संभावना समाप्त हो जाती है और वह अन्य व्यक्तियों जो धूम्रपान नहीं करते, उनके समान स्वस्थ रहता है।

Conclusion –

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। धूम्रपान क्या होता है, धूम्रपान की शुरुआत कहां से हुई, भारत में धूम्रपान की शुरुआत, भारत में हुक्का, बीड़ी, सिगरेट कब आये, भारत में तंबाकू की स्थिति, धूम्रपान के पक्ष में दिये जाने वाले तर्क, तंबाकू के विषैले तत्वों का प्रभाव, धूम्रपान की लत कैसे लगती है, धूम्रपान से नुकसान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से धूम्रपान छोड़ने के बहुत सारे घरेलू उपाय और धूम्रपान छोड़ने पर शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय
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दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। धूम्रपान क्या होता है, धूम्रपान की शुरुआत कहां से हुई, भारत में धूम्रपान की शुरुआत, भारत में हुक्का, बीड़ी, सिगरेट कब आये, भारत में तंबाकू की स्थिति, धूम्रपान के पक्ष में दिये जाने वाले तर्क, तंबाकू के विषैले तत्वों का प्रभाव, धूम्रपान की लत कैसे लगती है
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