स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, सेक्स पावर बढ़ाने के योगासन सुनने में बहुत अविश्वसनीय लगता है परन्तु सत्य है कि यह उपाय बिना पैसे खर्च किए लाभ देता है। सेक्स जीवन की आवश्यक आवश्यकता है। जीव उत्पत्ति के लिये भी और चरमसुख आनन्द के लिए भी। इसके लिए शक्ति चाहिए, जिसे सेक्स पावर कहते हैं।
जब यह शक्ति कमजोर पड़ने लगती है तो समझिए कि सेक्स लाइफ़ बिखरने लगती है और मनुष्य तनाव में रहने लगता है। इस बिखराव को समेटने के लिए हम डॉक्टर्स के पास जाते हैं, कुछ लोग वैद्यों, हकीमों और सड़क पर मजमा लगाकर “दवाई” बेचने वालों के पास जाते हैं और खूब पैसे खर्च करते हैं। परन्तु इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं हो पाता।
यौन समस्याओं और सेक्स पावर बढ़ाने के लिये सबसे उत्तम विकल्प है योगासन जो प्राकृतिक रूप से आपको फायदा पहुंचाएगा वह भी बिना कोई पैसा खर्च किए। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “सेक्स पावर बढ़ाने के योगासन”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको सेक्स पावर के बारे में विस्तार से जानकारी देगा यह भी बताएगा कि इसे बढ़ाने के लिए कौन-कौन से योगासन हैं।
तो, सबसे पहले जानते हैं कि सेक्स पावर क्या है और सेक्स पावर को बढ़ाना क्या होता है? फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे। सेक्स पावर पर विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “सेक्स पावर बढ़ाने के उपाय” पढ़ें।
सेक्स पावर क्या है? – What is Sex Power
दोस्तो, हर काम को करने के लिए ऊर्जा अर्थात् पावर लगती है यानि जब हम चलते हैं तो भी शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है। यही बात सेक्स पर भी लागू होती है। अपने साथी के साथ सेक्स करते समय जो ऊर्जा लगती है, उससे चरम सुख प्राप्त करने और अपने साथी को चरम सुख देने के लिये कितने समय तक इस ऊर्जा को लगाये रख पाने में हम सक्षम हैं,
इसी को सेक्स पावर कहा जाता है। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि एक बार के सेक्स करने में 400 से 500 कैलोरी तक बर्न हो जाती हैं। यहां तक कि एक मिनट के चूमने से 3 से 6 कैलोरी तक बर्न हो जाती है।
सेक्स पावर को बढ़ाना क्या है? – What is it to Increase Sex Power?
दोस्तो, महिला के जननांग की बनावट के कारण, महिला को सेक्स के लिये पूरी तरह “फॉर्म” में आने के लिये अर्थात् सेक्स के लिए उत्तेजित होने, तैयार होने में कम से कम 20 मिनट का समय लगता है। यह समय महिला के बिस्तर पर आने से आरंभ हो जाता है। पुरुष इन 20 मिनट के अतिंम पलों में अपने 5-7 मिनटों का सदुपयोग करके अपने साथी को चरम सुख दे सकता है और खुद भी इस चरम सुख को भोग सकता है।
ये अतिंम पलों के 5-7 मिनट अमूल्य होते हैं क्योंकि ये ही पल चरम सुख का आधार होते हैं। इन 5-7 मिनटों का सदुपयोग करने के लिए “ठहराव” की जरूरत होती है जो कि सेक्स पावर का आधार है। इसी ठहराव और 5-7 मिनटों को बढ़ाना ही वास्तव में सेक्स पावर को बढ़ाना कहा जाता है।
सेक्स पावर कम होने के कारण – Cause of Low Sex Power
सेक्स पावर कम होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. बढ़ती उम्र
2. तनाव, चिंता, डिप्रेशन, भय
3. गृह क्लेश
4. पुरुषों का सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन की कमी
5. महिलाओं का सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन की कमी
6. साथी का सेक्स में साथ ना देना
7. पोर्न की लत लग जाना
8. अश्लील साहित्य पढ़ना
9. रोजाना हस्त मैथुन करना
10. धूम्रपान और नशीली वस्तुओं, ड्रग्स आदि का सेवन
11. डायबिटीज, हृदय रोग
12. शीघ्रपतन की समस्या
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13. नपुंसकता
14. सेक्स करते समय दर्द होना
15. महिला में कोई यौन समस्या
सेक्स पावर कम होने के लक्षण – Symptoms of Low Sex Power
सेक्स पावर कम होने पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं –
1. कामेच्छा का कमी
2. जननांग में उत्तेजना की कमी होना
3. साथी को संतुष्ट ना कर पाना
4. जल्दी डिस्चार्ज हो जाना
5. सेक्स में खुद को संतुष्टी ना मिल पाना
6. मन में हीन भावना अनुभव करना
7. सेक्स मेंअच्छा प्रदर्शन ना कर पाना
8. साथी से नज़रें ना मिला पाना
9. चरम सुख अवधि का कम होना
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सेक्स पावर बढ़ाने के योगासन – Yoga to Increase Sex Power
दोस्तो, हम बता रहे हैं आपको कुछ से योगासन जो यौन विकारों/समस्याओं के निवारण में रामबाण माने जाते हैं साथ ही ये सेक्स पावर को बढ़ाने में मदद करेंगे। विवरण निम्न प्रकार है –
1. पद्मासन (Padmasana)- पद्मासन एक ऐसा आसन है जिसके नियमित रूप से करने से पेट, मूत्राशय, मांसपेशियां तथा घुटनों में खिंचाव पैदा होता है और इनको मजबूती मिलती है। साथ ही शरीर में उत्तेजना का संचार होता है, खोई हुई उत्तेजना वापिस आती है। इसके करने से सेक्स करने का समय बढ़ता है।
पद्मासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर सामान्य रूप से बैठ जाएं, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और जांघों को फैलाकर रखें।
(ii) शरीर को एकदम सीधा रखें, रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहे। अब दाएं घुटने को मोड़कर बाईं जांघ पर रखें।
(iii) अब बांये घुटने को मोड़कर दाईं जांघ पर रखें, ऐड़ियां पेट को छूती हुई रहें।
(iii) हाथों की हथेलियां आकाश की ओर रखते हुए, इनको दोनों घुटनों पर टिका कर उंगलियों से ज्ञान मुद्रा बनायें। ज्ञान मुद्रा में बैठे हुए गहरी सांस भरकर धीरे-धीरे सिर को नीचे की ओर करते हुए ठोडी को गर्दन से छुआ लें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते रहें। 3-5 मिनट यह प्रक्रिया करें।
(iv) फिर पैरों की स्थिति बदलें अर्थात् बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर की जांघ पर रखें और उपरोक्त क्रिया दोहराएं।
(v) दो, तीन चक्र करने के पश्चात् अपनी सामान्य अवस्था में आ जाएं।
पद्मासन करने का उत्तम समय सुबह का है, इसे खाली पेट करें। घुटने या टखने में चोट या दर्द की स्थिति में यह आसन ना करें।
2. हलासन (Halasana)- हलासन शरीर में लचीलापन लाने और यौन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अति उत्तम और उपयोगी आसन है। इसके करने से गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। यह आसन पुरुष और महिला दोनों की यौन ग्रंथियों को खोलता है और कामेच्छा को जगाकर यौननांगों में उत्तेजना का संचार करता है। इसके करने से नपुंसकता की समस्या भी दूर हो जाती है।
हलासन करने की विधि –
(i) जमीन पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को मेट से सटा लें। हथेलियां जमीन की ओर।
(ii) अब अपने हाथों से कमर को सहारा दें और सांस अंदर खींचते हुए टांगों को 90 डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर तक उठाएं। दबाव पेट की मांसपेशियों पर रहे। अब सांस छोड़ते हुए, हथेलियों की मदद से अपने नितम्ब और कमर को उठाएं।
(iii) अब हाथों से कमर को सहारा देते हुए अपने टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से ले जाते हुए 180 डिग्री से पीछे जमीन पर टिका दें। पैर के अंगूठे जमीन को छूने चाहिएं। यही काफी कठिन प्रक्रिया होती है।
(iv) 10-15 सेकेंड तक इसी मुद्रा में रहें और फिर वापिस अपनी सामान्य अवस्था में आ जायें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
इस आसन को भी सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर, डायरिया, गर्दन में चोट, कमर में दर्द, अस्थमा, बुखार आदि की स्थिति में इस आसन को ना करें।
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3. तितली आसन (Butterfly Posture)- यह आसन पुरुष और महिला दोनों के यौननांगों को सुदृढ़ करने और इनको उत्तेजित करने का कार्य करता है। यह आसन दोनों के यौननांगों में रक्त संचार को बढ़ाता है जिससे उत्तेजना अपने चरम को छूती है। इस आसन को सेक्स संबंधों के लिए बेहतरीन माना जाता है। इससे पेल्विक एरिया और ग्रॉइन अंगों में लचीलापन आता है तथा सेक्स के प्रति रूझान बढ़ता है।
तितली आसन करने की विधि –
(i) सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर बैठ जाएं, कमर को सीधा रखें, अब दोनों घुटनों को मोड़ें।
(ii) दोनों पैरों को पेल्विक एरिया के पास ले आयें।
(iii) दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिलाकर पैरों को कसकर पकड़ लें और ऐड़ियों को यौननांग के पास ले आयें।
(iv) अब दोनों जांघों को जमीन की ओर दबाएं और जैसे तितली पंख फड़फड़ाती है, उस प्रकार जांघों को ऊपर नीचे करें। यह प्रक्रिया 2-3 मिनट तक करें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आ जाएं।
इस आसन को सुबह खाली पेट करें। घुटने और टखने में दर्द या अन्य समस्या, चोट, मोच, बुखार, साइटिका की स्थिति में यह आसन ना करें।
4. धनुरासन (Dhanurasana)- धनुरासन करते समय शरीर की आकृति धनुष के समान हो जाती है। यह आसन कामेच्छा को जगाने और संभोग की अवधि को बढ़ाने का कार्य करता है। शीघ्रपतन की समस्या वाले लोग इस आसन को करें, इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। महिलाओं की यौन समस्या के निवारण में भी यह आसन सहायक होता है। इससे सेक्स पावर भी बढ़ती है।
धनुरासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर पेट के बल लेट जायें और ठोड़ी जमीन पर टिका लें, दृष्टि सामने की ओर सीधी रखें और दोनों हाथ जांघो से लगे हुए होने चाहिएं।
(ii) सांस छोड़ते हुए दोनों घुटनों को मोड़कर ऊपर उठायें और दोनों हाथ पीछे ले जाकर टखनों को पकड़ लें।
(iii) सांस लेते हुए सिर और छाती को अपनी क्षमता के अनुसार जितना हो सके ऊपर उठायें और हाथों से पैरों को आगे की तरफ खींचें। शरीर का भार पेट पर आना चाहिये। इसी कसी हुई घुमावदार, धनुष के समान मुद्रा वाली स्थिति में 10-20 सेकेन्ड तक रहें।
(iv) अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पैरों, ठोड़ी और छाती को जमीन पर टिकाकर आराम करें। फिर अपनी सामान्य मुद्रा में वापिस आ जायें।
(v) इस योगासन के पांच चक्र करें अवश्य करने की कोशिश करें।
सुबह, खाली पेट यह आसन करें। हर्निया, हाई या लो ब्लड प्रेशर, कमर में दर्द, माइग्रेन, सिर में दर्द, गर्दन में दर्द, चोट आदि की स्थिति में यह आसन ना करें।
5. उष्ट्रासन (Ustrasana)- उष्ट्रासन करते समय शरीर की आकृति ऊंट की तरह बनती है। इस आसन को करने से शरीर में अपूर्व ऊर्जा का संचार होता है। इससे यौननांगों में रक्त संचार को बढ़ता है, उत्तेजना जागृत होती है, कामेच्छा और सेक्स करने की शक्ति बढ़ती है।
उष्ट्रासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाएं, हाथ हिप्स पर रखें। घुटने और कंधे एक सीध में रहें, पैरों के तलवे ऊपर की ओर रहें।
(ii) घुटनों के बल खड़े हो जायें। घुटनों और पैरों के बीच एक फुट की दूरी बनाकर रखें।
(iii) सांस भरते हुए धीरे-धीरे पीछे की तरफ झुकें और झुकते हुए हाथों से पैरों की ऐड़ियों को मजबूती से पकड़ें। दबाव नाभि पर; इस बात का ध्यान रखें कि पीछे झुकते समय गर्दन में झटका न लगे।
(iv) गर्दन को ढीला रखें। गर्दन पर अकड़ाकर ना रखें। तनाव ना आने दें।
(v) इस मुद्रा में 30-60 सेकेन्ड तक रुकें। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस अपनी पहले वाली सामान्य स्थिति में आ जायें। वापस आते हुए भी कोई झटका नहीं लगना चाहिये।
इस आसन को करने का उचित समय सुबह का है और खाली पेट करें। हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, हर्निया, साइटिका, कमर दर्द, स्लिप डिस्क की स्थिति में यह आसन ना करें।
6. मार्जरासन (Marjariasana)- मार्जरासन अर्थात् बिल्ली जैसी मुद्रा वाला आसन। इसे करते हुए व्यक्ति की बिल्ली जैसी मुद्रा बनती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है। यह स्तम्भन दोष को दूर करता है और तनाव को दूर कर मूड को फ्रेश बनाता है जिससे सेक्स में रुचि जागती है।
मार्जरासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाएं और शरीर को आगे झुकाकर हथेलियों को जमीन पर टिका दें।
(ii) कमर एकदम सीधी। सांस भरते हुए, सिर को पीछे की ओर लाएं, ठोड़ी ऊपर उठा हुई होनी चाहिए।
(iii) फिर सांस छोड़ते हुए सिर को सामने की ओर लाएं। सांस भरते हुए सिर को नीचे छाती की तरफ लाएं और ठोड़ी से छूएं।
(iv) सांस छोड़ते हुए सिर को फिर सामने और पीछे करें, वापिस लाएं और ठोड़ी से छाती को छूने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया को 3-5 बार करें।
सुबह के समय, खाली पेट यह आसन करें। कमर और गर्दन में दर्द, चोट, गर्भावस्था आदि की स्थिति में यह आसन ना करें।
7. हनुमानासन (Hanumanasana)- इस आसन को करने से नीचे के अंगों की मांसपेशियों में तनाव कम होने लगता है और इनमें के लचीलापन आ जाता है। परिणाम स्वरूप सेक्स करते समय कोई दर्द या कठिनाई नहीं होती है और यह आसन चरम आनंद की ओर ले जाता है। इसके नियमित रूप से करने से उम्र के साथ कम होने वाली शारीरिक ताकत तथा कामेच्छा में कमी जैसी समस्या से राहत मिलती है।
हनुमानासन करने की विधि –
(i) जमीन पर मैट बिछाकर घुटने के बल बैठ जाएं,
दोनों घुटनों के बीच थोड़ा फासला रखें।
(ii) सांस भरते हुऐ बायीं टांग को पीछे ले जाएं और दायीं टांग को आगे करते हुए बैठने की कोशिश करें।
(iii) दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और हाथ जोड़कर प्रार्थना की मुद्रा बना लें।
(iv) अब धीरे-धीरे अपनी पीठ को सुविधानुसार मोड़ें तथा इस स्थिति में एक मिनट तक रहने का प्रयास करें।
(v) सामान्य स्थिति में वापिस आने के लिए हाथों से मैट पर दबाव डालें ताकि पकड़ मजबूत रहे। अब धीरे-धीरे टांगों को वापिस लाएं और सामान्य स्थिति में आ जाएं।
यह आसन सुबह के समय करना और खाली पेट करना चाहिए। गर्दन, कंधे, घुटनों आदि में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, गंभीर रोग, हृदय रोग की समस्या में यह आसन ना करें।
8. भद्रासन (Bhadrasana)- यह एक ऐसा आसन है जिसके नियमित रूप से करने से करने से शीघ्रपतन की समस्या से राहत मिलती है। यह सेक्स के दौरान एकाग्रता को बढ़ाता है और सेक्स में ठहराव बनाए रखता है जिससे चरम सुख प्राप्त होता है। बेहतर सेक्स के लिये इस भद्रासन को बहुत उपयोगी माना जाता है।
भद्रासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर, टांगें बाहर की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
(ii) सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और दोनों एड़ियों को पेट के नीचे की तरफ लाएं। दोनों एड़ियां एक-दूसरे को छूती हुई होनी चाहिएं।
(iii) घुटनों को दोनों तरफ नीचे की ओर लाएं और दोनों एड़ियों को पेट के नीचे और पेट के पास लाएं।
(iv) दोनों हाथों को क्रास करते हुए पहली अंगुली (तर्जनी) से दोनों पैर के अंगूठों को पकड़ें। पैर का बाहरी हिस्सा मैट को छूता रहे।
(v) कमर सीधी रहे, कंधे पीछे की ओर खिंचे हुए रहें, जांघ की हड्डियों पर घुटनों को नीचे करने के लिए हल्का सा दबाव डालें, घुटने खुद जमीन की ओर आ जाएंगे।
(vi) इस पोजीशन में 1 से 5 मिनट तक रहें। फिर सांस भरते हुए घुटनों को वापिस छाती की ओर ले जाएं, पैरों को धीरे-धीरे सीधा करें। वापिस अपनी सामान्य स्थिति में आकर आराम करें।
भद्रासन सुबह के समय ही किया जाना चाहिए वह भी खाली पेट। हाई ब्लड प्रेशर, डायरिया, घुटनों और गर्दन में दर्द जैसी समस्याओं में यह योगासन नहीं करना चाहिए।
9. शयनासन (Sleeping Position)- शयनासन एक ऐसा आसन है जो प्रजनन तंत्र में सुधार करता है, वीर्य में वृद्धि करता है, और सेक्स पावर को बढ़ाता है। यह कामेन्द्रिय नाड़ियों को मजबूत बनाता है।
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शयनासन करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर, पैरों को घुटने से मोड़कर, पीछे की ओर करके बैठ जाएं।
(ii) घुटने मिले हुए होने चाहिएं, दोनों पैरों की बीच थोड़ी दूरी बनाकर इन पर बैठ जाएं।
(iii) कोहनी और हथेलियों का सहारा देकर शरीर को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाते हुए, सिर को मैट पर टिकाएं।
(iv) अब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। इस पोजीशन में 1-3 मिनट तक रहें और गहरी सांस लेते रहें।
(v) फिर हाथों का सहारा लेकर शरीर को सामान्य स्थिति में लाएं और फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं। इसे 3-5 बार करें।
सुबह का समय इस आसन के लिए उचित है। इसे खाली पेट करें। कमर दर्द, गर्दन में दर्द, टांगों, पैरों में दर्द की हालत में यह आसन ना करें।
10. सर्वांगासन (Sarvangasana)- सेक्स के प्रति निराशा, अरुचि होने या सेक्स करने के समय कमजोरी महसूस करना, नपुंसकता आदि समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह सर्वांगासन उत्तम विकल्प है। इसे फर्टिलिटी बढ़ाने वाला योगासन भी कहा जाता है। यह एड्रिनल ग्रंथियों, शुक्र ग्रंथि और डिंब को मजबूत बनाता है।
सर्वांगसान करने की विधि –
(i) मैट बिछाकर कमर के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर के साथ मिलाते हुए जमीन पर टिका लें।
(ii) गहरी सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, 90 डिग्री पर। कोहनियों को जमीन पर ही टिकाए हुए दोनों हाथों से कमर को सहारा दें।
(iii) दोनों पैर ऊपर एकदम सीधे और आपस में सटे हुए रहें और कमर भी एकदम सीधी रहे।
(iv) अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार 1 से 3 मिनट तक इसी पोजीशन में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में वापिस आ जाएं।
इस आसन को भी सुबह के समय, खाली पेट करें। हाई ब्लड प्रेशर, मिर्गी, गर्दन में दर्द, साइटिका, कमर में दर्द आदि की स्थिति में सर्वांगसान नहीं करना चाहिए।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सेक्स पावर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सेक्स पावर क्या है, सेक्स पावर को बढ़ाना क्या होता है, सेक्स पावर कम होने के कारण और सेक्स पावर कम होने के लक्षण, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से सेक्स पावर बढ़ाने के बहुत सारे योगासन भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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