स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, माना जाता है कि विदेशी फूलों में खुश्बू नहीं होती और वो फूल ही क्या जिसमें खुश्बू ना हो। लेकिन कुछ भारतीय फूल भी ऐसे ही हैं जिनमें खुश्बू नहीं होती पर ये बहुत काम के होते हैं। ऐसे ही खुश्बू रहित फूलों में से फूल हैं पलाश के फूल जो बहुत उपयोगी हैं। जहां तक पलाश के फूलों की बात है तो ये बहुत सुन्दर और आकर्षक होते हैं। इनको “जंगल की आग” की संज्ञा इनके लाल रंग से मिली है। इन फूलों का उपयोग औषधी के अतिरिक्त धार्मिक/वैवाहिक अनुष्ठानों में भी किया जाता है। इनके औषधीय गुण अनेक हैं और पलाश का संपूर्ण वृक्ष ही ऐसा है जो गुणों की खान है। दोस्तो यही है हमारा आज का टॉपिक “पलाश के फूल के फायदे“।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको पलाश के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसके फूलों के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पलाश क्या है और इसके पत्ते कैसे होते हैं?। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
पलाश क्या है? – What is Palash?
दोस्तो, सबसे पहले हम आपको बता दें कि पलाश को पलाश, छूल, परसा, ढाक, टेसू, किंशुक, केसू आदि नामों से पुकारा जाता है। मूलतः पलाश भारतीय वृक्ष है जो लगभग पूरे देश में पाया जाता है। पलाश तीन रूपों में मिलता है, पहला वृक्ष रूप में जो जंगलों में मिलता है। दूसरा रूप में जो पहाड़ों में झाड़ियों के तौर पर यानि एक जगह पर पास-पास बहुत मात्रा में उगते हैं और तीसरा लता के रूप में जो कि बहुत ही कम मिलता है।
पलाश से तीन रंग के फूल निकलते हैं। एक पलाश से लाल या नारंगी रंग के, एक से सफेद और एक पलाश से पीले रंग के फूल निकलते हैं। लता पलाश भी दो प्रकार का होता है – एक में लाल रंग के फूल आते हैं तो दूसरे में सफेद। सफेद फूलों वाले लता पलाश को औषधि के लिये बेहतरीन माना जाता है। पलाश का पेड़ मंझले आकार का होता है। लगभग 12 से 15 मीटर ऊंचा। इसका तना खुरदुरा और सीधा होता है।
इसकी शाखाएं अनियमित होती हैं अर्थात् लकड़ियां टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं। कोई भी लकड़ी 4-5 फीट से अधिक सीधी नहीं होती। मान्यता है कि पलाश के पौधे में ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों त्रिदेव का निवास होता है। पलाश के वृक्ष से गोंद भी प्राप्त होता है जिसे ‘कमरकस’ कहते हैं। पलाश के सभी अंग – तना, जड़, फल, फूल और बीज दवाएं बनाने के काम आते हैं।
पलाश के पत्ते कैसे होते हैं? – How are Palash Leaves?
पलाश के पत्ते त्रिभुजाकार और मजबूत होते हैं। इनका आकार लगभग बारह से पन्द्रह से।मी। होता है। ये पत्ते तीन की संख्या में एक ही वृंत (डंठल) (petiole) पर होते हैं। वृंत की लंबाई लगभग दस से बारह से।मी। होती है। संभवतः इसी से हिन्दी मुहावरा बना है “ढाक के तीन पात”। पलाश के पत्तों का उपयोग आमतौर पर पत्तल और दोने आदि के बनाने के लिए किया जाता हैं। राजस्थान और बंगाल राज्यों में इन पत्तों से तंबाकू की बीड़ियाँ भी बनती हैं। फूल और बीज औषधि के लिये प्रयुक्त होते हैं।
ये भी पढ़े- गुलाब जल के फायदे
पलाश के फूल क्या हैं? – What are Palash Flowers?
पलाश वृक्ष/लता पर लगने वाले फूलों को पलाश के फूल कहा जाता है। ये फूल वसंत ऋतु में खिलते हैं। ये तीन रंग के होते हैं – लाल या केसरी, पीले और सफेद। ये बहुत आकर्षक होते हैं परन्तु इन फूलों में खुश्बू नहीं होती। ये फूल कप की आकृति के समान लगभग 5 इंच के आकार तक के होते हैं। हर फूल में पांच पंखुड़ियां होती हैं – दो सामान्य पंखुड़ियां, दो छोटी पंखुड़ियां और एक तोते की चोंच के समान लंबी घुमावदार।
इसीलिए संस्कृत में इसे “किंशुक” भी कहा जाता है। जब पलाश के लाल रंग के फूल खिलते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि मानो जंगल में आग लगी हो। इसीलिए इन फूलों को “जंगल की आग” कहा जाता है। लाल और पीले रंग के फूलों का उपयोग पानी में डालकर रंग बनाने के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। पहले ये रंग, सूत रंगने के लिये उपयोग में लाया जाता था।
पलाश कहां होता है? – Where is Palash?
1. पलाश की जन्म स्थली भारत है।
2. पलाश के वृक्ष दक्षिण पूर्वी एशिया के नेपाल, श्रीलंका,बांग्लादेश, पाकिस्तान, थाईलैंड, कम्बोडिया, मलेशिया, पश्चिमी इंडोनेशिया आदि देशों में घनी मात्रा में देखे जा सकते हैं।
3. भारत में कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पास का उत्पादन होता है। दिल्ली में भी हजारों की संख्या में पलाश के वृक्ष दिखाई देते हैं।
पलाश के फूलों के गुण – Properties of Palash Flowers
1. पलाश के फूलों के औषधीय गुण चर्म रोग, ज्वर, मूत्रावरोध, सिरोसिस जैसी समस्याओं के निवारण तथा गर्भाधान रोकने और नेत्र ज्योति बढ़ाने में काम आते हैं।
2. पलाश के फूलों में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, वाउंड हीलिंग, एंटीहाइपरग्लिसेमिक, एंटीफंगल, एंटीहेलमेटिक, एंटीडायरियल, हेप्टाप्रोटेक्टिव, एंटीट्यूमर, एंटीडायबिटीक, एंटीसेप्टिक, एंटीओव्यूलेटरी आदि गुण उपस्थित होते हैं।
3. पलाश के फूलों में एनलजेसिक, ऐफ्रोडीजीऐक और एंटीफर्टिलिटी प्रॉपर्टीज विद्यमान होती हैं।
पलाश का उपयोग – Use of Palash
पलाश का उपयोग निम्न प्रकार से होता है –
1. पलाश वृक्ष से गोंद भी प्राप्त होता है जिसे ‘कमरकस’ कहते हैं। इसकी मजबूती का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्राचीन काल में पानी के जहाजों के सूराख को बंद करने के लिए में इसका उपयोग किया जाता था। कमरकस का उपयोग प्रसूता स्त्री के लिये विशेष लड्डू बनाने के लिये उपयोग में लाया जाता है इससे महिला की कमर में दर्द नहीं होता।
2. पलाश की छाल से रस्सी बनाई जाती है।
3. पलाश के पत्तों से पत्तल, दोने आदि बनाए जाते हैं।
4. पलाश के पत्तों का उपयोग तंबाकू के साथ बीड़ी बनाने में भी किया जाता है।
5. हवन में पलाश की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
6. ग्रामीण क्षेत्रों में पलाश की लकड़ी जलाकर भोजन तैयार किया जाता है।
7. पलाश का तेल बनाया जाता है।
ये भी पढ़े- तेज पत्ता खाने के फायदे
8. पलाश का चूर्ण भी बनाया जाता है।
9. ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह समारोह में पलाश की लकड़ी को विवाह मंडप में गाढ़ा जाता है।
10. पलाश का तना, जड़, फल, फूल और बीज का उपयोग दवाएं बनाने के लिए किया जाता है।
11. पलाश के लाल और पीले फूलों का उपयोग पानी के साथ रंग बनाने के लिए किया जाता है। यह रंग किसी विशेष पर्व पर “रंग खेलने” के काम आता है और दुपट्टा आदि रंगने के लिए भी।
12. आंचलिक क्षेत्रों में आज भी छप्पर बांधने के लिए पलाश की छाल और रस्सी का उपयोग किया जाता है।
पलाश के फूल के फायदे – Benefits of Palash Flowers
पलाश/पलाश के फूलों के फायदे निम्नलिखित हैं –
1. सूजन कम करे (Reduce Swelling)- पलाश के फूलों में, एंटीइंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण मौजूद होते हैं शरीर में जलन हो, चोट, मोच के कारण सूजन और दर्द की समस्या होती है। इससे छुटकारा पाने के लिए पलाश के सूखे फूलों को पानी में उबालकर (सहन करने लायक गर्म) इस पानी से प्रभावित अंग की सिकाई करें।
पानी उबालते समय थोड़ा सा सेंधा नमक और थोड़ी सी फिटकरी भी मिला लें। यह पानी सूजन को कम कर देगा और सारा दर्द खींच कर रख देगा। सिकाई दिन में दो या तीन बार करें। यह बहुत ही बेहतरीन उपाय है।
2. रक्त साफ़ करे (Clean the Blood)- पलाश के फूल रक्त साफ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं तथा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। इसके लिए सूखे फूलों को पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर को एक या दो ग्राम मात्रा में लेकर प्रतिदिन एक बार पानी के साथ सेवन करें। यदि सूखे फूल ना मिलें तो ताजा फूल लेकर इनको सुखाकर पाउडर बना सकते हैं।
3. नकसीर को रोके (Stop Bleeding)- दोस्तो, नाक से खून आने को नकसीर फूटना कहा जाता है। यह समस्या अक्सर गर्मी के मौसम में होती है। अचानक से नाक से खून बहना शुरू हो जाता है। पलाश के फूल इस समस्या के निवारण में मदद करते हैं। इसके लिए पलाश के 4-5 फूल लेकर को पानी में भिगो दें।
अगले दिन सुबह इस पानी को छान कर पीएं। आप चाहें तो स्वाद के लिए इस पानी में थोड़ी सी चीनी भी मिला सकते हैं। नकसीर के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “नाक से खून रोकने के घरेलू उपाय” पढ़ें।
4. घाव जल्दी भरे (Wounds Heal Quickly)- पलाश के फूलों में वाउंड हीलिंग गुण होते हैं जो बहते रक्त को रोक कर घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। साथ ही इसके एनाल्जेसिक गुण दर्द को कम करते हैं और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण बाद की सूजन को खत्म करते हैं। इसके लिये एक फूल को मोटा-मोटा पीस कर घाव पर लगाएं।
5. बवासीर से राहत दिलाए (Relieve Piles)- बवासीर होने पर गुदा के अंदर या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से बन जाते हैं। मल त्याग करने में ये बहुत तकलीफ देते हैं, इनमें बहुत दर्द होता है। कई बार इनसे खून भी आता है। पलाश के फूल इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए पलाश के सूखे फूलों का पाउडर बना लें और रोजाना सुबह, शाम, दो ग्राम पाउडर का सेवन करें। बवासीर पर अधिक जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “बवासीर का देसी इलाज” पढ़ें।
6. गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद (Beneficial for Pregnant Women)- पलाश के फूलों के गर्भवती महिला के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं। इसके लिए गर्भवती महिला को पलाश के फूल की कोमल पंखुड़ियों को बारीक पीसकर लगभग दो चम्मच पेस्ट गाय के दूध के साथ खिलाएं। इससे कि यह स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होता है।
7. मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) के लिए (Urinary Tract Infection (UTI))- मूत्र पथ के संक्रमण से राहत दिलाने में भी पलाश के फूल सक्रिय भूमिका निभाते हैं। मूत्र विसर्जन के समय दर्द होना, जलन होना, खुलकर मूत्र ना आना या कम आना आदि मूत्र पथ के संक्रमण के लक्षण हैं। पलाश के फूल लक्षणों को खत्म करने में मदद करते हैं। इन समस्याओं के निवारण के लिए कुछ पलाश के फूर रात को पानी में भिगो दें। अगले दिन सुबह इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर इस पानी को पी लें। इससे गुर्दे का दर्द भी खत्म हो जाएगा।
8. कामेच्छा और कामशक्ति बढ़ाए (Increase Libido and Potency)- पलाश के फूल वसंत ऋतु में खिलते हैं। वसंत, कामदेव की सहायक है तो लाल रंग के पलाश के फूल श्रृंगार का प्रतीक। इसीलिए इन फूलों को श्रृंगार के फूल या कामदेव के फूल कहा जाता है। ये मनमोहक, आकर्षक और रतिक्रिया जगाने वाले फूल होते हैं।
इन फूलों में एफ्रोडिसिएक यानि यौन इच्छा बढ़ाने वाले गुण उपस्थित होते हैं। ये नाइट्रिक ऑक्साइड और एंड्रोजन स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं। ये कामेच्छा और कामशक्ति (sex power) बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इसके लिये पलाश के सूखे फूलों का पाउडर लगभग दो ग्राम मात्रा में ले कर रात को मिश्री वाले दूध के साथ सेवन करें।
9. यौन रोग दूर करे (Get Rid of Venereal Disease)- पलाश के फूल ना केवल कामेच्छा और कामशक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि नपुंसकता (erectile dysfunction), शीघ्रपतन और धातु रोग जैसी समस्या को भी दूर करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। पलाश के सूखे हुए फूलों को बारीक पीसकर पाउडर बना लें।
इस पाउडर को दो ग्राम मात्रा में लेकर मिश्री वाले दूध के साथ, दिन में दो बार सेवन करें। इससे वीर्य का अनावश्यक रिसाव भी रुक जाएगा। इसके अतिरिक्त पलाश की जड़ के अर्क की 5-6 बूंदों का भी सेवन कर सकते हैं।
10. त्वचा स्वास्थ के लिए (Skin Health)- दोस्तो, त्वचा स्वास्थ के लिए भी पलाश के फूलों के फायदे देखे जा सकते हैं। विवरण निम्न प्रकार है –
(i) कोशिकाओं की मरम्मत करे (Repair Cells)- पलाश के फूल एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होते हैं। ये शरीर में फ्री रेडिकल्स के उत्पादन की गति को कम करने में मदद करते हैं तथा त्वचा की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। इसके लिये त्वचा पर नियमित रूप से पलाश के फूलों का पेस्ट बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बढ़ती उम्र के लक्षणों की गति को कम करते हैं, चेहरे की फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करते हैं।
(ii) सनबर्न से राहत (Sunburn Relief)- अक्सर गर्मी के दिनों में सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा झुलस जाती है जिससे त्वचा पर लालिमा छा जाती है और जलन भी होती है। पलाश के फूल टैनिंग की परेशानियों को दूर करते हैं। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की सूजन, जलन, लालिमा और रैशेज आदि को कम करते हैं। इसके लिए प्रभावित त्वचा पर पलाश के फूलों के पेस्ट को लगाएं।
(iii) कील-मुंहासों और डार्क सर्कल दूर करे (Remove Pimples and Dark Circles)- पलाश के फूलों में एंटीमाइक्रोबियल तथा एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो कील-मुंहासों, दाग-धब्बों आंखों के क्षेत्र पर डार्क सर्कल को दूर करने में मदद करते हैं। त्वचा पर होने वाली सूजन को भी खत्म करने में मदद करते हैं। इसके लिये 1-2 चम्मच पलाश के सूखे फूलों का पाउडर लेकर आवश्यकतानुसार गुलाब जल में मिलाकर, थोड़ा सा शहद भी डाल दें।
इसे अच्छी तरह मिक्स करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। 20 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इस प्रक्रिया को रोजाना करें। मुंहासों और डार्क सर्कल पर अधिक जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “मुंहासों से छुटकारा पाने के देसी उपाय” पढ़ें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पलाश के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पलाश क्या है?, पलाश के पत्ते कैसे होते हैं?, पलाश के फूल क्या हैं?, पलाश कहां होता है, पलाश के फूलों के गुण और पलाश का उपयोग, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से पलाश के फूलों के बहुत सारे फायदे बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।