Advertisements

गुस्सा कम करने के उपाय – Ways to Reduce Anger in Hindi

गुस्सा कम करने के उपाय

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, मनुष्य की बहुत कुछ भावनाएं होती हैं जैसे आदर सत्कार की भावना, भक्ति, प्रेम, ओज, हास-परिहास, वात्सल्य, नफ़रत आदि की भावना। इसी प्रकार एक भावना होती है क्रोध की जिसे गुस्सा कहा जाता है। गुस्से में व्यक्ति का आचार, व्यवहार, वाणी सब बदल जाते हैं। गुस्से में आकर व्यक्ति दूसरों को भी नुकसान पहुंचाता है और स्वयं को भी। यह बात अलग है कि गुस्सा शांत होने पर कई बार उसे पछतावा भी होता है और सोचता है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। गुस्सा एक ऐसी स्वाभाविक और प्राकृतिक भावना है जिसे खत्म नहीं किया जा सकता मगर इसे नियंत्रित कर कम किया जा सकता है, मगर कैसे?  दोस्तो यही है हमारा आज का टॉपिक “गुस्सा कम करने के उपाय”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको गुस्से के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसे कम करने के क्या उपाय हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि गुस्सा क्या है और गुस्सा आने के कारण। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

गुस्सा क्या है? – What is Anger?

गुस्सा मनुष्य की एक ऐसी आंतरिक भावना है जिसमें कुछ समय के लिए शारीरिक गतिविधियां बदल जाती हैं और मस्तिष्क का सोचने और समझने का सामर्थ्य प्रायः समाप्त हो जाता है। गुस्सा यानि क्रोध हिन्दु धर्म के अनुसार मनुष्य के पांच शत्रुओं यानि काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, में से एक शत्रु है जो मनुष्य के विवेक को हर लेता है। क्रोध आने पर सबसे अधिक प्रभाव हृदय गति और रक्तचाप पर पड़ता है। हृदय गति तेज हो जाती है और रक्तचाप बढ़ जाता है। 

Advertisements

मानसिक स्तर पर मनुष्य ना तो कुछ सोच पाता है, ना किसी की बात को समझ पाता है और ना ही अपनी बात को ढंग से कह पाता है। गुस्सा हमेशा गलत भी नहीं होता, स्वयं के हित में, परिवार, समाज और देश के हित में किया गया गुस्सा और गतिविधियों को अच्छा माना जाता है। परन्तु दैनिक जीवन में छोटी-छोटी बातों पर किया गया गुस्सा बुरा होता है। एंजाइटी (Anxiety) के रूप में अपने-आप पर होने वाली झुंझलाहट भी गुस्से का ही रूप है जो और भी खतरनाक होता है। गुस्सा वस्तुतः मनुष्य की स्वाभाविक प्रक्रिया है जो विशेष परिस्थितियों में सक्रिय होती है। 

गुस्सा आने के कारण – Cause of Anger

गुस्सा आने के निम्नलिखित कारण होते हैं –

1. गुस्सा आने का बायोलॉजिकल कारण है सेरोटोनिन हार्मोन। इस हार्मोन की कमी गुस्से को बढ़ावा देती है। इस हार्मोन की कमी को पौष्टिक आहार से दूर किया जा सकता है। 

Advertisements

2. आयुर्वेद में गर्म तासीर वाले भोजन को गुस्से का कारण माना गया है। गर्म तासीर वाले भोजन से पित्त दोष अर्थात् अग्नि दोष का संतुलन बिगड़ता है जो क्रोध का कारण बनता है। 

3. भोजन में उपस्थित थर्मोडायनामिक एनर्जी (thermodynamic energy) मूड को स्विंग करके गुस्से को ट्रिगर करने में मदद करती है। ट्रांस फैट की अधिक मात्रा, ओमेगा 3 फैटी एसिड का उपयोग करने के लिए मस्तिष्क क्षमता में हस्तक्षेप करती है जिससे चिड़चिड़ापन आता है। इसलिये भोजन में ओमेगा 3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए।

4. विटामिन-बी6 की कमी होने से फील गुड हार्मोन में कमी आती है जो गुस्से का कारण बनता है।

5. विटामिन-बी12 की कमी होने से थकान और कमजोरी महसूस होती है जिससे खुद पर झुंझलाहट आती है और स्वभाव में चिड़चिड़ापन।

6. ज़िंक की कमी से मानसिक स्वास्थ प्रभावित होता है जिससे झुंझलाहट और चिड़चिड़ापन को बढ़ावा मिलता है।

7. मैग्नीशियम की कमी से तनाव प्रबंधन करने में बहुत परेशानी होती है परिणाम स्वरूप व्यक्ति अति प्रक्रिया (Over react) करने लगता है जिससे उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आता है। 

8. व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना, तिरस्कार, उपेक्षा (Ignorance) गुस्से का कारण बनते हैं।

9. व्यक्ति की इच्छानुसार काम ना होना या सोचा हुआ काम ना बनना या सामान्य दैनिक काम ना हो पाना, विलम्ब आदि गुस्से को ट्रिगर करते हैं।

10. अपने को सबसे अधिक बुद्धिमान और समझदार मानना, जिसे कोई अन्य व्यक्ति कुछ भी समझाने के लायक नहीं है, यह सोच, क्रोधी प्रकृति को जन्म देती है।

ये भी पढ़े- हार्मोनल डिसऑर्डर के घरेलू उपाय

गुस्से के प्रभाव – Effects of Anger

गुस्से के शरीर और मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव निम्नलिखित हैं। इनको गुस्से के लक्षण भी कहा जा सकता है – 

  1. तनाव और अवसाद महसूस करना।
  2. सोचने, विचारने की शक्ति खत्म हो जाना।
  3. कुछ भी समझने में असमर्थ होना।
  4. मन खराब महसूस करना।
  5. सिर में दर्द बन जाना।
  6. हृदय गति बढ़ जाना।
  7. ब्लड प्रेशर बढ़ जाना।
  8. अपनी बात को दूसरे व्यक्ति को ठीक से समझा ना पाना।
  9. ठीक से बोल ना पाना, बोलते समय मुंह से थूक निकलना।
  10. जोर-जोर से चीखना, चिल्लाना। 
  11. हिंसक हो जाना।
  12. स्वयं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना। 
  13. आंखें, चेहरा लाल हो जाना।
  14. बाजू फड़कना।
  15. पाचन तंत्र का कमजोर हो जाना।
  16. नींद ना आने या नींद पूरी ना होने की समस्या बन जाना। 

क्या नहीं खाना चाहिए? – What Should not be Eaten?

हमने ऊपर बताया है कि आयुर्वेद में गर्म तासीर वाले भोजन को गुस्से का कारण माना गया है, इससे अग्नि दोष का संतुलन बिगड़ता है जो क्रोध का कारण बनता है। अतः गर्म तासीर वाले भोजन, तीखे तेज मसाले वाले, ऑयली खाद्य पदार्थों को अवॉइड करना चाहिए। कुछ का विवरण निम्न प्रकार है – 

1. बैंगन (Eggplant)- बैंगन की तासीर बहुत अधिक गर्म होती है। यह एंटीडिप्रेसेंट दवाओं में हस्तक्षेप करके दवाओं को प्रभावहीन कर देता है। इसमें मौजूद एसिडिटी की अधिक मात्रा, अधिक गुस्से को भड़काने का काम करती है। अतः जिन लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है उनको बैंगन अधिक नहीं खाना चाहिए। 

2. टमाटर (Tomato)- टमाटर की तासीर गर्म होती है, जो गुस्से में प्रतिक्रिया देकर गुस्से को और भड़काने का काम करता है। यह शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा करता है जिससे पित्त दोष असंतुलित होता है और गुस्सा आता है।

3. गोभी (Cauliflower)- फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकोली, स्प्राउट्स आदि शरीर में अतिरिक्त हवा को विकसित करने का काम करते हैं। परिणाम स्वरूप शरीर में गैस बनने लगती है और सूजन भी जोकि गुस्से को ट्रिगर करते हैं।

4. गेहूं और दुग्ध उत्पाद (Wheat and Milk Products)- गेहूं और दुग्ध उत्पाद में कैसीन (casein) फास्फोप्रोटीन पाया जाता है जो व्यक्ति में अति प्रक्रिया को बढ़ावा देता है जिससे उसका स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है। इसलिए जिन व्यक्तियों को अधिक गुस्सा आता है उनको गेहूं, दूध, दही, पनीर, मिल्कशेक का सेवन बहुत कम करना चाहिए।

5. ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits)- जिन लोगों को बहुत जल्दी और बहुत अधिक गुस्सा आता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं उनको ड्राई फ्रूट्स के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। अधिकतर ड्राई फ्रूट्स की तासीर गर्म होती है जो शरीर में अतिरिक्त गर्मी पैदा करते हैं। 

6. चिकने और भारी खाद्य पदार्थ  (Greasy and Heavy Foods)- खाद्य पदार्थ शरीर के अंगों की कार्य प्रणाली पर सीधा प्रभाव डालते हैं जिससे व्यक्ति की भावनाएं प्रभावित होती हैं। प्रत्येक अंग की कार्य प्रणाली के साथ विशेष भावना जुड़ी होती है जैसे कि हृदय के लिए डिप्रेशन और अनिद्रा, फेफड़े के लिए दुःख और उदासी, किडनी के लिए डर, इसी प्रकार लिवर के लिए गुस्सा जुड़ा हुआ है। 

तात्पर्य एक दम साफ है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जो लिवर को प्रभावित करें, गुस्से की वजह बनते हैं। इसमें अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ, देर से पचने वाले भारी खाद्य पदार्थ, शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि शामिल हैं। आम, मीट, बर्गर, फ्राइज़, पिज्जा, आलू के चिप्स, फ्राइड चिकन, डोनट्स आदि के सेवन को अवॉइड करना चाहिए।

7. मसालेदार भोजन (Spicy Food)- तीखा, तेज मिर्च मसाले वाला भोजन तामसिक भोजन में आता है जो शरीर में अधिक गर्मी पैदा कर पित्त दोष को बढ़ा देगा और गुस्से में वृद्धि का कारण बनेगा।  

8. कॉफी (Coffee)- कॉफी एक एनर्जेटिक ड्रिंक है जो पीते ही शरीर में गर्मी पैदा कर देता है और शरीर को तुरन्त एनर्जी  देता है। इसीलिये काम करते-करते थकान हो जाने पर लोग कॉफी पीते हैं और वर्कआउट करने वाले ब्लैक कॉफी पीना पसंद करते हैं। 

इसमें पाए जाने वाला कैफीन अतिरिक्त एनर्जी देता है और साथ ही मस्तिष्क को ट्रिगर करता है तथा आक्रमकता को बढ़ाता है। इसलिये यदि गुस्से को काबू करना है तो कॉफी का सेवन बहुत कम करें। 

ये भी पढ़े- ब्लैक कॉफी के फायदे और नुकसान

गुस्सा कम करने के लिए क्या खाना चाहिए? – What Should be Eaten to Reduce Anger?

दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ ऐसे निम्नलिखित खाद्य/पेय पदार्थ जिनके सेवन से गुस्से को कंट्रोल किया जा सकता है ताकि यह कम आए –

1. ठंडा पानी (Cold water)- जब किसी को गुस्सा आता है तो  आपने लोगों को अक्सर कहते सुना होगा कि लो ठंडा पानी पीओ, गुस्सा ठंडा हो जाएगा। इसके पीछे का कारण यह है कि पानी का गुण शीतलता प्रदान करने वाला होता है। पानी पीते ही मस्तिष्क की गर्मी शांत होने लगती है, ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और हृदयगति सामान्य होने लगती है। इस प्रकार गुस्सा नियंत्रण में आ जाता है। 

2. नारियल पानी (Coconut Water)- जो गुण पानी का है वही प्रकृति नारियल पानी की है, शीतलता देने वाली। साथ ही प्राकृतिक मिठास भी मिल जाती है। जब भी गुस्सा आये एक गिलास नारियल पानी पी लो या नारियल गिरी खा लो, मूड बदलता चला जाएगा। 

ब्लड प्रेशर में गिरावट आने लगेगी और सारा गुस्सा शांत होता चला जाएगा। यह तनाव और अवसाद को भी कम करने में मदद करता है। नारियल पानी पर विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “नारियल पानी पीने के फायदे” पढ़ें। 

3. गन्ने का जूस (Sugarcane Juice)- गन्ने के जूस की तासीर ठंडी होती है। इसमें विटामिन-बी कम्पलेक्स, ज़िंक, मैग्निशियम, पोटेशियम जैसे खनिज होते हैं जो गुस्से के कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। इसके पीने से शरीर में ठंडक आ जाती है। 

गुस्सा आने पर, पुदीना, अदरक और नींबू मिक्स किया हुआ एक गिलास गन्ने का जूस पीएं, पीते-पीते मूड बदल जाएगा और गुस्सा काफूर हो जाएगा।

4. हरी सब्जियां (Green Vegetables)- हरी सब्जियां शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिये बेहद जरूरी होती हैं। इनके सेवन से अनेक बीमारियां दूर होती हैं। इनसे विटामिन, प्रोटीन, खनिज, फाइबर, कैल्शियम, ज़िंक, मैगनीशियम आदि सब कुछ मिल जाता है। ज़िंक, मैगनीशियम और विटामिन गुस्से को शांत करने में मदद करते हैं। इसलिये हरी सब्जियों को अपने भोजन में सम्मलित करें।

5. अखरोट (Walnut)-  अखरोट ना केवल शरीर को बल्कि मस्तिष्क को भी स्वास्थ लाभ पहुंचाता है। अखरोट में  विटामिन-सी, प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, ज़िंक, पोटेशियम सोडियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें उपस्थित ओमेगा 3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा मस्तिष्क को ठंडा रखने का काम करते हैं। परिणाम स्वरूप गुस्सा शांत रहता है। यह मूड बूस्टर के रूप में करता है।

6. बादाम दूध (Almond Milk)– जब भूख लगती है तो कुछ खाने का मन करता है यदि उस समय खाना ना मिले तो मूड उखड़ जाता है, एक अजीब सी झुंझलाहट होती है, ऐसे में यदि बादाम दूध पीने को मिल जाए तो सारी झुंझलाहट खत्म हो जाती है और मन प्रसन्न हो जाता है। 

बादाम दूध प्रोटीन, विटामिन ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस से भरपूर होता है जो गुस्से को कम करने में मदद करता है। बादाम दूध ना मिले तो बादाम वैसे ही चबा सकते हैं या बादाम शेक बनाकर भी पी सकते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है। बादाम पर विस्तृत जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “बादाम खाने के फायदे” पढ़ें। 

7. संतरा (Orange)- विटामिन-सी से भरपूर संतरा, कैरोटिनॉइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध होता है जो डोपामाइन को बढ़ाते हैं और मूड को नियंत्रित करने का काम करता है। इसमें फाइबर, पोटेशियम, क्‍लोलीन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो कैंसर, हृदय रोग, डायबटीज, मोटापा जैसी बीमारियों के उपचार में फायदा करते हैं। संतरा एक प्राकृतिक का डिटॉक्सिफायर के रूप में कार्य करते हुए शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।

संतरे का खट्टापन गुस्से को शांत करता है और मूड खुशनुमा बनाता है। जब भी आपको लगे कि गुस्सा आ रहा है तो एक गिलास संतरे का जूस पीएं या संतरा खाएं। 

8. केला (Banana)- फाइबर से भरपूर केला गुस्से को कंट्रोल करने में सक्षम होता है। इसमें मौजूद विटामिन-बी और पोटेशियम गुस्से को शांत कर, रिलेक्स कराने का काम करते हैं। 

इसके सेवन से थकान और कमजोरी दूर होती है, पाचन क्रिया ठीक रहती है और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है। जब भी आपको गुस्सा महसूस हो, आप केला खाएं आपको राहत महसूस होगी। 

9. देसी घी (Desi Ghee)- देसी घी में विटामिन-A, विटामिन-K और विटामिन-E तथा ओमेगा-3, ओमेगा-9 फैटी एसिड होते हैं। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। गाय के दूध से बना घी मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिये बेहद लाभकारी होता है और मस्तिष्क की गतिविधियों में वृद्धि करता है। 

यह ब्रेन टॉनिक के रूप में स्मरण शक्ति को बढ़ाता है, मूड स्विंग्स, तनाव, अवसाद और चिंता को दूर कर, गुस्से को नियंत्रित करता है। यदि आपको अधिक गुस्सा आता है एक चम्मच घी रोजाना अपने भोजन में इस्तेमाल करें। 

10. डार्क चॉकलेट(Dark Chocolate) – डार्क चॉकलेट फाइबर, आयरन, मैग्निशियम, मैंगनीज, कॉपर, ज़िंक, जैसे खनिज और विटामिन-बी6, बी12, ए, ई, के आदि से भरपूर होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से सम्पन्न होती है। कोको, शुगर और दूध से बनी डार्क चॉकलेट का स्वाद बच्चों से लेकर बड़ों तक बहुत भाता है। यह तनाव और अवसाद को दूर कर गुस्सा और चिड़चिड़ापन को खत्म करने में मदद करती है।

मूड को खुशनुमा बनाती है। जब भी आपको चिड़चिड़ापन महसूस हो और गुस्सा आए, जरा सी डार्क चॉकलेट खा लीजिए, थोड़ी देर में ही आपको राहत महसूस होगी।

गुस्सा कम करने के उपाय – ways to Reduce Anger

दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ ऐसे निम्नलिखित उपाय जिनको अपनाकर आप अपने गुस्से को कंट्रोल करके, इसे कम कर सकते हैं –

1.  सांसों को नियंत्रित करने का अभ्यास (Breath Control Exercises)- नियमित रूप से रोजाना सांसों को नियंत्रित करने का अभ्यास करें, इससे हृदय गति भी सामान्य रहेगी और गुस्सा भी नियंत्रण में रहेगा। इसके लिए पीठ के बल लेटकर अपने आप को सुविधाजनक स्थिति में रखें।

पेट पर हाथों को रखकर नाक के जरिये धीरे-धीरे गहरी सांस अंदर खींच कर कुछ पल के लिये सांस रोक कर रखें। फिर धीरे-धीरे सांस को मुंह के जरिये छोड़ें। यह अभ्यास गुस्से को शांत करने में मदद करेगा।

2. उल्टी गिनती (Countdown)- गुस्से को शांत करने के लिए उल्टी गिनने का उपाय बहुत सरल और प्रभावशाली है और बहुत पुराना भी। जब भी गुस्सा आता है तब 10 से अधिक हो सके तो 100 की गिनती से उल्टा गिनना शुरू कर दें। इससे धीरे-धीरे गुस्सा कम होने लगेगा। यह उपाय गुस्से के समय और बेचैनी का प्रबंधन करता है। 

3. स्ट्रेस बॉल (Stress Ball)- गुस्सा कम करने के लिए मांसपेशियों पर दबाव बनाकर उन्हें आराम देना पड़ता है। इसके लिए स्ट्रेस बॉल का उपयोग किया जाता है। गुस्सा आने पर स्ट्रेस बॉल को बार-बार हाथ से दबाना पड़ता है।

इससे हाथ और बाजू में दर्द बनता है जो मस्तिष्क को एंडोर्फिन को रिलीज करने के लिए संकेत भेजता है। एंडोर्फिन रसायन शरीर में तनाव को दूर करने में मदद करता है जिससे गुस्सा शांत होता है। 

4. मांसपेशियों को आराम दें (Relax Muscles)- हमने ऊपर बताया है कि गुस्सा कम करने के लिये मांसपेशियों को आराम देना पड़ता है। इसके लिये मांसपेशियों की एक्सरसाइज करनी होती है जिसमें मांसपेशियों के किसी समूह को लक्ष्य मानकर तानना यानि खींच कर उपर उठाना और छोड़ना होता है। 

सांस धीरे-धीरे खींच कर मांसपेशियों के किसी समूह को तानकर कुछ सैकेन्ड के लिये रोक कर रखें और सांस छोड़ते हुए मांसपेशियों को ढीला छोड़ दें। इस अभ्यास से तनाव, अवसाद से राहत मिलेगी और गुस्सा करने की प्रवृत्ति में भी कमी आएगी।

5. क्षमा कर देना (To Forgive)- हिन्दु और जैन धर्म में क्षमा को बहुत उच्च स्थान दिया गया है। बहुत बार अपने परिवार के या मित्रगण, रिश्तेदार या अन्य कोई जिनको बहुत चाहते हैं वही कुछ ऐसा कह जाते हैं या कर जाते हैं जिससे हृदय को बहुत पीड़ा होती है और गुस्सा आता है। ऐसे में आवश्यकता होती है सोचने और समझने की, कि उक्त व्यक्ति ने किन परिस्थितियों में जाने या अन्जाने आपका हृदय दुखाया है। 

हो सकता है वह व्यक्ति किसी कारण बेहद परेशान हो या बीमार हो। तो, इसलिये सोच विचार करना चाहिए और उस व्यक्ति को क्षमा कर देना चाहिए। परन्तु इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह क्षमा के योग्य हो। क्षमा कर देने से गुस्सा तो शांत हो ही जाएगा, मन भी शांति महसूस करेगा। 

6. वॉकिंग यानि चलना (Walking)- एक्सपर्ट्स के अनुसार जब गुस्सा आये तो वॉकिंग करनी चाहिए। यह एक्सरसाइज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चलने पर, मस्तिष्क से एंडोर्फिन रसायन रिलीज होता है जो तनाव को दूर कर खुशी महसूस कराने में मदद करता है। यह सकारात्मक प्रतिक्रिया, गुस्से की भावनात्मक प्रतिक्रिया को कम कर देती है और आप रिलेक्स महसूस करते हैं। 

7. लाफिंग थेरेपी (Laughing Therapy)- लाफिंग थेरेपी यानि हंसने की थेरेपी क्रोध नियंत्रण के लिये एक बहुत बड़ा हथियार है। आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि जब मुझे गुस्सा आता है तो मैं हंस लेता हूं। यह तकनीक तनाव, अवसाद, झुंझलाहट को दूर करने में मदद करती है। यह उपाय मन को संतुलित रखने और शांत रखने में मदद करता है। 

आपने पार्कों में लोगों को जोर-जोर से हंसते हुए देखा होगा। वे लोग रोजाना हंसने का अभ्यास करते हैं ताकि उनको गुस्सा बहुत कम आये। इसलिये जब भी आपको गुस्सा आये तो हंस लीजिए, इसके लिये आप हंसाने वाले वीडियो भी देख सकते हैं। 

8. म्युजिक थेरेपी (Music Therapy)- म्युजिक थेरेपी एक ऐसी थेरेपी है जिसका उपयोग अनेक रोगों के उपचार के लिये किया जाता है। यह थेरेपी पूरे विश्व में अपनाई जाती है यहां तक कि कुछ लोगों ने सर्जरी कराते समय म्यूजिक सुनने की इच्छा प्रकट की और यह सर्जरी प्रक्रिया के समय अपनाई भी गई। 

जहां तक गुस्से की बात है तो गुस्सा आने पर कानों में हेडफोन लगाकर धीमी आवाज पर अपना मनपसंद संगीत सुनकर देखिए। सारा तनाव, गुस्सा उतरता चला जाएगा और मन शांत हो जाएगा। इतना ही नहीं जब ऑफिस से थके हारे घर आते हैं तो कोई भी अपना मनपसंद संगीत लगाकर सुनिये, आपकी सारी थकावट उतरती चली जाएगी। वास्तव में म्युजिक थेरेपी गुस्से पर जादुई असर डालकर इसे बेअसर कर देती है।

9. मैडिटेशन (Meditation)- मैडिटेशन यानि ध्यान लगाना। यह मन को और शारीरिक असामान्य गतिविधियों को शांत करने का उत्तम उपाय है। गुस्सा आने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त ना करते हुऐ, फर्श पर मैट बिछाकर पालथी मार कर, आंखें बंद करके ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। 

मन को शांत करते हुए, सब तरफ से ध्यान हटाते हुए अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। कुछ समय पश्चात मस्तिष्क में इधर-उधर के उठने वाले विचार शांत हो जायेंगे। आपका मस्तिष्क शांत हो जाएगा, तनाव, अवसाद, झुंझलाहट आदि से भी मुक्ति मिल जाएगी।

ये भी पढ़े- मैडिटेशन के फायदे

10. योगासन (Yoga Poses)- योगासन के द्वारा अनेक रोगों का उपचार किया जा सकता है। रही बात गुस्से की, तो गुस्से को भी ध्यान, प्राणायाम और योगासन के द्वारा शांत कर नियंत्रित किया जा सकता है। ध्यान के बारे में हम ऊपर बता ही चुके हैं। 

जिस प्रकार ध्यान आप स्वयं लगाते हैं, उसी प्रकार आप अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी कर सकते हैं। मगर योगासन यदि आप एक्सपर्ट हैं तो खुद कीजिए अन्यथा किसी एक्सपर्ट या योग गुरू की देख-रेख में योगा कीजिए। गुस्से को कम करने के लिये निम्नलिखित योगासन करने की सलाह दी जाती है –

  • सर्वांगासन
  • सुखासन
  • बालासन
  • भ्रामरी
  • मार्जरी आसन
  • शवासन

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गुस्से के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुस्सा क्या है?, गुस्सा आने के कारण, गुस्से के प्रभाव, क्या नहीं खाना चाहिए और गुस्सा कम करने के लिए क्या खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से गुस्सा कम करने के बहुत सारे उपाय भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

Summary
Advertisements
गुस्सा कम करने के उपाय
Advertisements
Article Name
गुस्सा कम करने के उपाय
Description
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गुस्से के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुस्सा क्या है?, गुस्सा आने के कारण, गुस्से के प्रभाव, क्या नहीं खाना चाहिए और गुस्सा कम करने के लिए क्या खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
Author
Publisher Name
Desi Health Club
Publisher Logo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page