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बादाम खाने के फायदे – Health Benefits of Eating Almonds in Hindi

बादाम खाने के फायदे

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम बतायेंगे आपको एक ऐसे ड्राई-फ्रूट के बारे में जो बुद्धि और बल का बहुत अच्छा समन्वय है। जिसे मस्तिष्क स्वास्थ के लिये, विशेषकर स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिये जाना जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क के लिये “सर्वोत्तम आहार” माना जाता है। शारीरिक ऊर्जा और बल बढ़ाने के लिये एक्सरसाइज करने वाले और पहलवान लोग इसका सेवन करते हैं। जी हां आप सही समझे, हम बात कर रहे हैं “बादाम” की। आखिर इसमें ऐसा है क्या जिसे खाने के अनेक फायदे होते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “बादाम खाने के फायदे”। बादाम, जो ना केवल खाने के काम आता है बल्कि सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में भी इसका उपयोग किया जाता है। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको बादाम के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि बादाम खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि बादाम क्या है और इसका उत्पादन कहां होता है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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बादाम खाने के फायदे
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बादाम क्या है? – What is Almond?

दोस्तो, बादाम एक वृक्ष के फल के अंदर का बीज (गिरि) है। इस वृक्ष को “बादाम का पेड़” कहा जाता है जो कि मध्यम आकार का होता है और देखने में आड़ू के पेड़ की तरह दिखता है। इस पेड़ के पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं, इस पर गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल आते हैं। इसके फल का पकने के बाद बाहरी छिलका कठोर हो जाता है। इस छिलके के अंदर बीज होता है जिसे गिरि कहा जाता है। इस गिरि को ही बादाम कहते हैं। 

ये बादाम गेरुए या गहरे पीले रंग के होते हैं। बादाम सूखे मेवे (Dry fruits) की श्रेणी में आता है। एशिया में अधिकतर इसके पेड़ ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज आदि जगहों पर पाये जाते हैं। रोजेसी कुल के इस बादाम का वानस्पतिक नाम प्रूनुस डलसिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस (Prunus Dulcis, Prunus Amygdalus) है और अंग्रेजी में ऑल्मंड (Almond) कहते हैं। आड़ू पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “आड़ू खाने के फायदे और नुकसान” पढ़ें। 

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यदि इतिहास की मानें तो बादाम का वर्णन प्राचीन बाईबिल और प्राचीन यूनानी इतिहास में भी मिलता है। यूनानी इतिहास में 3000 वर्ष ईसा पूर्व इसकी पैदावार का उल्लेख मिलता है। इसके 100 वर्ष बाद प्राचीन रोमवासी इसे अपने साथ इटली ले गए और अपने राजा को उपहार स्वरूप दिया। फिर यह मिस्र से होता हुआ इंग्लैंड पहुंचा। वर्तमान में बादाम का उत्पादन अनेक देशों में होता है। 

बादाम का उत्पादन कहां होता है? – Where are Almonds Produced?

1. बादामों का विश्व में सबसे अधिक उत्पादन अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में किया जाता है जोकि पूरे अमेरिका के बादाम उत्पादन का 99 प्रतिशत उत्पादन करता है। अकेले कैलिफोर्निया में 25 किस्म के बादाम उगाए जाते हैं।

2. अमेरिका के अतिरिक्त स्पेन, ईरान, मोरक्को, सीरिया, टर्की, इटली, आस्ट्रेलिया, अल्जीरिया, चीन, लीबिया, अफ़गानिस्तान, लेबनान, यूनान, उज़्बेकिस्तान, पाकिस्तान, पुर्तगाल, इज़राइल, जॉर्डन, ताजिकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, बुल्गारिया, फ्रांस, इराक़, यमन, कज़ाख़िस्तान, चिली, हंगरी, मेक्सिको, जापान, नेपाल आदि देशों में बादाम का उत्पादन किया जाता है। 

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3. भारत में जम्‍मू-कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ठंडे क्षेत्रों, चीन की सीमा से लगे तिब्बत, लाहौल तथा किन्नोर जिलों में बादाम का उत्पादन होता है। अब बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बादाम की खेती की जाने लगी है।

बादाम के प्रकार  – Types of Almonds 

दोस्तो, मुख्य रूप से बादाम स्वाद के अनुसार दो ही प्रकार का होता है – मीठा बादाम और कड़वा बादाम परन्तु उत्पादक देश और बादाम की क्वालिटी की दृष्टि से यह तीन प्रकार का होता है – कैलिफोर्निया बादाम, मामरा बादाम और गुरबंदी (छोटीगिरी) बादाम। सबका विवरण निम्न प्रकार  है – 

1. मीठा बादाम (Sweet Almond)- मीठा बादाम एक खाद्य पदार्थ के रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खाया जाता है। विश्व में अधिकतर मीठा बादाम का उत्पादन किया जाता है। जिसमें अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य सबसे आगे है। 

2. कड़वा बादाम (Bitter Almonds)- कड़वे बादाम का उत्पादन मुख्य रूप से तेल निकालने के लिये किया जाता है। यह स्वाद में कड़वा होता है और कुछ विषैला भी। इसलिये इस बादाम को किसी भी रूप में खाया नहीं जाता। कड़वा बादाम, मीठे बादाम की तुलना में थोडा़ छोटा व चौडा़ होता है। 

3. कैलिफोर्निया बादाम (California Almonds)- कैलिफोर्निया बादाम ने मीठे स्वाद और गुणवत्ता के कारण पूरी दुनियां में लोकप्रियता हासिल की है। ये आकार में बड़े और मोटे होते हैं। कैलिफोर्निया बादाम को कई केमिकल और गर्मी की प्रक्रिया होकर गुजरना पड़ता है, इस वजह से इनमें तेल कम हो जाता है स्वाद में मिठास बढ़ जाती है। इनके मीठे स्वाद के कारण इन्हें खाने के लिये, गारनिशिंग और कुकिंग के लिए उत्तम माना जाता है। 

4. मामरा बादाम (Mamra Almonds)- मामरा बादाम का आकार छोटा, पतला और बीच से मुड़ा हुआ होता है। देखने में ये नाव की तरह लगते हैं। वजन में बहुत हल्का होता है। अन्य बादामों से मशीनों द्वारा तेल निकाल दिया गया जाता है जबकि मामरा बादामों का तेल नहीं निकाला जाता। 

इनमें भरपूर तेल होता है जो इनको थोड़ा गर्म करने पर ही तेल दिखाई देने लगता है। इन बादामों का उत्पादन बहुत ही कम यानि पूरे विश्व मे सिर्फ 4 से 5 प्रतिशत ही होता है। इसलिये ये बहुत मंहगे होते हैं, कैलिफोर्निया बादाम से भी तीन गुणा अधिक महंगे। इनका उत्पादन ईरान, अफगानिस्तान, कश्मीर में किया जाता है। 

5. गुरबंदी (छोटीगिरी) बादाम (Gurbani Almonds)-  आकार मे छोटे होने के कारण इनको छोटीगिरी बादाम भी कहा जाता है। इनका स्वाद कड़वा होता है। ये अन्य बादामों की तुलना में गहरे रंग के होते हैं। इनमें कैलिफोर्निया और मामरा बादामों की अपेक्षाकृत प्रोटीन और अधिक होते हैं और तेल भी ज्यादा होता है। ये अधिक मंहगे नहीं होते, अन्य बादामों के भाव के आसपास मिल जाते हैं। गुरबंदी बादामों का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है। 

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बादाम के गुण – Properties of Almonds

1. बादाम की तासीर गर्म होती है इसलिये इसका सेवन सर्दियों में अधिक और गर्मियों में कम करना चाहिये। 

2. बादाम का स्वाद इसकी किस्म पर निर्भर होता है अर्थात् मीठे बादाम का स्वाद मीठा और कड़वे बादाम का स्वाद कड़वा होगा। वैसे सबसे ज्यादा मीठे कैलिफोर्निया के बादाम होते हैं। 

3. बादाम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। 

4. मस्तिष्क के लिये बादाम को “सर्वोत्तम आहार” का दर्जा दिया गया है। 

5. बादाम, विटामिन-ई, जिंक, कैल्शि‍यम, मैग्नीशि‍यम और ओमेगा 3 फैटी एसिड का उत्तम स्रोत है। इनके अतिरिक्त बादाम में फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस, ओमेगा 6 फैटी एसिड आदि पोषक तत्व तथा विटामिन-बी समूह मौजूद होते हैं। 

बादाम के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Almonds (Amount Per 100g)

ऊर्जा                           579 kcal

पानी                            4.41 ग्राम

प्रोटीन                          22 ग्रा. 

टोटल शुगर                   4.35 ग्रा.

डाइटरी फाइबर           12.5 ग्रा. 

कार्बोहाइड्रेट                  20 ग्रा.

कैल्शियम                      269 ग्रा.

आयरन                         4 ग्रा.

मैग्नीशियम                    270 ग्रा.

फास्फोरस                     484 ग्रा.

पोटेशियम                      728 ग्रा.

सोडियम                        1 मि.ग्रा.

जिंक                             3.12 मि.ग्रा.

थायमिन (विटा. B1)        0.205 मि.ग्रा.

राइबोफ्लेविन(विटा. B2)  0.8 मि.ग्रा.

नायसिन (विटा. B3)        4 मि.ग्रा.

पैंटोथैनिक अम्ल 

(विटा.B5)                      0.3 मि.ग्रा.

विटामिन-B6                   0.13 मि.ग्रा.

फोलेट (विटा. B9)           29 माइक्रो ग्रा.

विटामिन-ई                      26.22 मि.ग्रा.

फैटी एसिड, 

(टोटल सैचुरेटेड )            4 ग्रा.

फैटी एसिड,

(टोटल मोनोसैचुरेटेड)        32 ग्रा.

फैटी एसिड, 

(टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड)  12 ग्रा.

बादाम का उपयोग – Use of Almonds 

दोस्तो, बादाम का उपयोग निम्नलिखित रूप में किया जाता है –

1. बादाम का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में किया जाता है।

2. बादाम का तेल निकाला जाता है। 

3. अनेक बीमारियों में बादाम गिरि, बादाम के फूल, पत्ते, छाल और बादाम तेल का उपयोग किया जाता है। 

4. ड्राई-फ्रूट के रूप में रात को बादाम पानी में भिगोकर, सुबह छिलका उतार कर खाया जाता है

5. चिवड़ा में मिलाकर, कॉर्नफ्लेक्स या फ्रूट सलाद में बादाम मिलाकर खा सकते हैं।

6. बादाम को बनाना शेक, मैंगो शेक, मिल्क शेक आदि में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

7. बादाम पाउडर को दूध में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

8. बादाम का उपयोग मिठाइयों, चॉकलेट और केक में किया जाता है। 

9. कई व्यंजनों में बादाम का उपयोग किया जाता है।

10. बादाम का हलवा भी बनाया जा सकता है।

छिलका उतार कर बादाम क्यों खाना चाहिये? – Why Should We eat Almonds after Peeling them?

दोस्तो, बादाम का सेवन करने के लिये इसे रात भर पानी में भिगोकर रखने और अगले दिन सुबह इसका छिलका उतार कर बादाम खाने की सलाह दी जाती है, मगर क्यों? जानते हैं इसके पीछे के कारण जो निम्नलिखित हैं –

1. बादाम के छिलके में टेनिन नाम का एंजाइम होता है जो बादाम के पोषक तत्वों को शरीर में अवशोषित होने से रोकता है। इस कारण बादाम के पूरे तत्व नहीं मिल पाते।

2. बादाम का छिलके का पाचन कठिन होता है। यह पाचन क्रिया में बाधक बनता है। 

3. छिलका सहित बादाम खाने से रक्त में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है।

4. छिलका उतर जाने के बाद बादाम के पूरे पोषक तत्व शरीर को मिल जाते हैं।

5. रात भर पानी में भीगे रहने से बादाम का छिलका ढीला पड़ जाता है जिसे उतारने में आसानी रहती है।

6. चूंकि बादाम की तासीर गर्म होती है इसलिये सारी रात पानी में भीगे रहने से इसकी गर्म तासीर कुछ कम हो जाती है जो गर्मियों में सेवन करने से ज्यादा नुकसान नहीं करती। 

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बादाम खाने का समय – Almond Meal Time

दोस्तो, बादाम किस समय खाना चाहिये, यह निर्भर करता है कि आप किस प्रयोजन (Purpose) से बादाम का सेवन करना चाहते हैं। इस बारे में निम्नलिखित सलाह दी जाती है –

1. व्यायाम के प्रयोजन से यदि बादाम खाने हैं तो सुबह या शाम को व्यायाम के बाद भीगे हुए बादाम सेवन करें। 

2. हृदय की समस्या है तो दिन में किसी भी समय बादाम सेवन का सेवन कर सकते हैं। वैसे सुबह के नाश्ते में बादाम खाना बेहतर होता है। 

3. नींद न आने या कम आने की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले बादाम खाना फायदेमंद होगा क्योंकि बादाम में मौजूद मैग्नीशियम नींद लाने में मदद करता है। 

4.  एथलीट्स को सुबह के समय बादाम खाने चाहियें इससे उनके प्रदर्शन में सुधार होगा।

5. आमतौर पर बादाम या इससे बने उत्पाद जैसे चॉकलेट, केक आदि दिन में कभी भी खाये जा सकते हैं। 

6. शाम के समय बादाम मिल्क शेक पीया जा सकता है।

बादाम कितना खाना चाहिये? – How many almonds should be eaten?

एक मुट्ठी यानि लगभग 56 ग्राम, गिनती में 8 से 10 बादाम खाना फायदेमंद हो सकते हैं इससे ज्यादा नहीं। 

बादाम खाने के फायदे – Health Benefits of Eating Almonds

दोस्तो, अब जानते हैं बादाम खाने के फायदों के बारे में जो निम्न प्रकार हैं –

1. मस्तिष्क स्वास्थ के लिये फायदेमंद (Beneficial for Brain Health)- जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि बादाम मस्तिष्क के लिये सर्वोत्तम आहार है तो यह एकदम सही है। बादाम में पाये जाने वाला ज़िंक मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति होने से बचाता है और विटामिन-बी-6 मस्तिष्क की कोशिकाओं की रिपेयर करने का काम करता है। इसके अतिरिक्त फेनिलएलनिन पार्किंसंस रोग से बचाव करता है। 

बढ़ती उम्र के साथ स्मरण शक्ति कमजोर पड़ने लगती है। बादाम में मौजूद विटामिन-ई कॉगनिटिव डिस्फंक्शन (स्मरण शक्ति कमजोर होना), को रोकने में मदद करता है। यह मस्तिष्क की सतर्कता को भी बढ़ाता है। मस्तिष्क स्वास्थ को बनाये रखने के लिये रात भर के पानी में भीगे हुए बादाम अगले दिन सुबह छिलका उतार कर, खाली पेट बादाम खायें।

2. शारीरिक शक्ति बढ़ाए (Increase Physical Strength)- बादाम, विटामिन, प्रोटीन तथा पोषक तत्वों का खजाना होता है, इसलिये इसे सुपर फूड भी कहा जाता है। इसके ये पोषक तत्व शरीर की थकावट और कमजोरी को दूर कर शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं। बादाम खाने से शरीर शक्तिशाली बलिष्ठ बनता है तभी तो पहलवान लोग, व्यायाम करने वाले और खिलाड़ी लोग बादाम पीसकर दूध में मिलाकर सेवन करते हैं। शारीरिक शक्ति के लिये सुबह खाली पेट रात के भीगे हुए बादाम खायें।

3. आंखों के लिये फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- विटामिन-ई और ज़िंक आंखों के स्वास्थ के लिये फायदेमंद माने जाते हैं और बादाम में इनकी अच्छी मात्रा में पाई जाती है। बढ़ती उम्र के साथ दृष्टि कमजोर हो जाना स्वाभाविक है। साथ ही उम्र से संबंधित बीमारी मैक्युलर डीजेनेरेशन (Macular degeneration) की समस्या होने की संभावना रहती है जो सीधे तौर पर रेटीना को प्रभावित करती है। बादाम का नियमित रूप से सेवन करने से ऐसी समस्याओं को रोका जा सकता है। 

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4. कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करे (Balance Cholesterol)- बादाम के पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ये पोषक तत्व अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ा कर खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL को 15 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। इस बात की पुष्टि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में 2002 में प्रकाशित एक अध्ययन से होती है। अतः नियमित रूप से बादाम का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को संतुलित किया जा सकता है।

5. डायबिटीज में फायदेमंद  (Beneficial in Diabetes)- बादाम के फायदे डाइबिटीज को नियन्त्रित में भी होते हैं और इससे होने वाली समस्याओं पर भी। बादाम में फाइबर, अनसैचुरेटेड फैट और लो कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो, लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आते हैं अर्थात् कम ग्लूकोज वाला खाद्य पदार्थ है। ये तथा कई अन्य खनिज ग्लूकोज के अवशोषण और प्रोसेसिंग को रेगुलेट करने में मदद करते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। बादाम के नियमित सेवन से टाइप-2 डाइबिटीज से बचाव किया जा सकता है। 

6. वजन कम करे (Lose Weight)- बादाम वजन कम करने में भी मदद करता है। क्लीनिकल न्यूट्रीशन के यूरोपीय जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि जो लोग प्रतिदिन नियमित रूप से 1।5 औंस बादाम, चार हफ़्तों के लिये खाते हैं, उनके वजन में काफी सुधार पाया गया है। बादाम हेल्दी फैट्स से समृद्ध होता है और इसमें पाये जाने वाला डाइटरी फाइबर लंबे समय भूख को नियन्त्रित करता है। बादाम खाने से पेट को भरा हुआ रहता है और लंबे समय भूख नहीं लगती, इससे वजन कम होने में मदद मिलती है। 

7. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy)- अब तक हमने जाना कि बादाम खाने से कोलेस्ट्रॉल और डाइबिटीज का स्तर नियन्त्रण में रहता है तथा वजन भी कम होता है। इससे हृदय धमनियों में प्लॉक नहीं जमता और ना ही फैट इकट्ठा होता है। बादाम में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड सर्कुलेशन को सही बनाये रखता है और ब्लड प्रेशर को स्तर सही बनाये रखता है।

 विटामिन-ई हृदय धमनियों को हानिकारक आक्रमण से बचाकर सुरक्षित रखता है। परिणामस्वरूप हृदय सुरक्षित रहता है। हृदय स्वास्थ के लिये बादाम को सुबह के नाश्ते में शामिल करें। बादाम को सूप, सलाद के साथ भी खा सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन पर अधिक जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के घरेलू उपाय” पढें। 

8. पाचन क्रिया को सुधारे (Improve Digestion)- बादाम में अच्छी मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है प्रीबायोटिक्स भी होते हैं जो पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डाल कर पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते  हैं। ये बादाम में प्रीबायोटिक्स भी होते हैं। ये आंत में माइक्रोबायोटा प्रोफाइल और आंतों के बैक्टीरिया की गतिविधियों को सुधारने में मदद करते हैं। परिणामस्वरूप पाचन तंत्र सही रहने से पेट की बीमारियां नहीं होतीं और आप स्वस्थ रहते हैं।

9. कब्ज से राहत दिलाए (Relieve Constipation)- जब आपका पाचन तंत्र सही रहेगा तो आपको पेट की बीमारियां भी तंग नहीं करेंगी, विशेषकर कब्ज़ जैसी बीमारी नहीं होगी। बादाम में मौजूद डाइटरी फाइबर कब्ज़ से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसके लिये आप प्रतिदिन 4-5 बादाम खायें और काफी मात्रा में पानी पीयें। इससे कॉलन कैंसर होने का जोखिम भी बहुत कुछ कम हो जाता है। चूंकि बादाम में तेल भी होता है इसलिये सीने में जलन से भी राहत मिलेगी। 

10. हड्डियों को मजबूत करें (Strengthen Bones)- हड्डियों की मजबूती के लिये कैल्शियम अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है। इसके अतिरिक्त फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज और पोटेशियम भी है हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं। ये खनिज बादाम में पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। ये खनिज हड्डी के घनत्व की कमी अर्थात् अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density) कम हो जाने को पूरा करते हैं जिससे हड्डियों में मजबूती आती है। 

इसके लिये रात के भीगे हुए 5-7 बादाम को अगले दिन सुबह, इनका छिलका उतारकर, पीसकर पेस्ट बनाकर गाय का दूध, या सोया मिल्क या बकरी के दूध में मिलाकर पीयें। इससे इन खनिजों के अलावा दूध से विटामिन-डी भी मिलेगा। इससे ऑस्टियोपोरोसिस नामक हड्डियों का रोग नहीं होगा। बादाम के तेल से छोटे बच्चों की मालिश करें। ऑस्टियोपोरोसिस पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?” पढ़ें।

11. जन्म दोष को रोके(Prevent Birth Defects) – गर्भवती महिलाओं को बादाम का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिये क्योंकि उनमें स्वास्थ संबंधी जटिलताएं होने की संभावना रहती है। बादाम में पाये जाने वाला फोलिक एसिड, गर्भस्थ शिशु को हृष्ट-पुष्ट बनाता है, उसमें होने वाले संभावित विकारों और जन्म दोष को रोकने में मदद करता है। गर्भवती महिला के बादाम का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु में तंत्रिका ट्यूब दोष (Neural Tube Defect – NTD) का जोखिम कम हो जाता है।

12. त्वचा के लिए फायदेमंद (Beneficial for Skin)- बादाम खाने से त्वचा स्वास्थ में भी सुधार होता है। इसके लिये बादाम के तेल का भी उपयोग करना होगा। बादाम के तेल की मालिश से त्वचा की ड्राईनेस खत्म होगी, त्वचा में नमी बनी रहेगी और त्वचा में निखार आयेगा। बादाम के तेल के एंटी-इंफ्लामेटरी गुण, इमोलिएंट और स्क्लेरोसेंट के प्रभाव त्वचा विकारों जैसे सोरायसिस, एक्जिमा आदि में फायदा करते हैं। त्वचा संबंधी सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में बादाम तथा बादाम के तेल का उपयोग किया जाता है। 

13.  बालों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Hair)- बादाम खाने से और बादाम का तेल इस्तेमाल करने से बालों का स्वास्थ बना रहता है। बालों का पतला होने, झड़ने की समस्या, शरीर में बायोटिन (एक प्रकार का विटामिन) की कमी की वजह से होती है। बादाम में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और टोकोफेरोल बालों के विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। बादाम में मौजूद बायोटिन शरीर के बायोटिन के स्तर की कमी को पूरा करके इन समस्याओं से राहत दिलाता है। बादाम का तेल एक क्लींजिंग एजेंट के रूप में काम करते हुए बालों को पोषण देता है।

बादाम खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Almonds

दोस्तो, किसी भी चीज की अति हमेशा नुकसानदायक होती है। यह बात बादाम पर भी लागू होती है। बादाम के अधिक सेवन से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –

1. चूंकि बादाम में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, इसलिये अधिक सेवन से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कब्ज़, पेट में गैस, दर्द, सूजन और ऐंठन आदि। 

2. कुछ लोगों को बादाम खाने से फूड एलर्जी हो सकती है जैसे चकत्ते पड़ जाना, सांस लेने में दिक्कत आदि।

3. बादाम में ऑक्सालेट कंपाउंड होने के कारण गुर्दे में पथरी होने की संभावना बढ़ सकती है।

4.  बादाम में मौजूद विटामिन-ई की उच्च मात्रा होती है। शरीर को प्रतिदिन विटामिन-ई की केवल 15 मि।ग्रा। जरूरत होती है। बादाम के जरिये शरीर में विटामिन-ई की अतिरिक्त मात्रा से दस्त लगना, पेट फूलना, दृष्टि का साफ ना होना, सिर दर्द, चक्कर आना और सुस्ती जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

5. बादाम का सेवन करने के बाद, कैलोरी और फैट को बर्न करना बेहद जरूरी है अन्यथा शरीर में फैट बढ़ जायेगा जिससे आपका वजन बढ़ने लगेगा। 

6. शरीर को भोजन से केवल मैंगनीज की 1।3 से 2।3  मि।ग्रा। की जरूरत होती है। जो लोग मैंगनीज युक्त डाइट पर हैं उनको बादाम खाने से परहेज करना चाहिये क्योंकि बादाम में मौजूद मैंगनीज की उच्च मात्रा एंटीबायोटिक दवाओं या कुछ ब्लड प्रेशर की दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकती है। 

7. गर्भवती महिलाओं को बादाम का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिये क्योंकि उनमें स्वास्थ संबंधी जटिलताएं होने की संभावना रहती है। 

8. पित्ताशय या गुर्दे से संबंधित समस्या वाले लोगों को बादाम खाना अवॉइड करना चाहिए।

9. कड़वे बादाम में हाइड्रोसायनिक एसिड पाया जाता है जिससे तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है जो श्वास संबंधी समस्या उत्पन्न कर सकता है। कड़वे बादाम के खाने से शरीर में विषाक्तता हो सकती है। 

10. कच्चा बादाम भी नहीं खाना चाहिये, इसके खाने से टायफाइड बन सकता है। यदि खाना ही है तो कच्चे बादाम को भून कर ही नमक के साथ या नमक के बिना, खाना चाहिये। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने बादाम खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बादाम क्या है, बादाम का उत्पादन कहां होता है, बादाम के प्रकार, बादाम के गुण, बादाम के पोषक तत्व, बादाम का उपयोग, छिलका उतार कर बादाम क्यों खाना चाहिये, बादाम खाने का समय और बादाम कितना खाना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से बादाम खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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बादाम खाने के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने बादाम खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बादाम क्या है, बादाम का उत्पादन कहां होता है, बादाम के प्रकार, बादाम के गुण, बादाम के पोषक तत्व, बादाम का उपयोग, छिलका उतार कर बादाम क्यों खाना चाहिये, बादाम खाने का समय और बादाम कितना खाना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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