स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने चाय तो कई तरह की पी होंगी जैसे कि दूध वाली, ब्लैक टी, ग्रीन टी, हर्बल टी आदि। आज हम आपको एक ऐसी चाय से मुलाकात करवाएंगे जो सबसे अनूठी है। फूलों की चाय, जी हां फूलों की चाय। ये भी हर्बल चाय की श्रेणी में आती है। इस फूलों वाली चाय का नाम है “गुड़हल चाय“। औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर गुड़हल चाय, एक ऐसी चाय है जो कैफीन रहित होती है। इस चाय में फूलों की खुश्बू नहीं होती और स्वाद भी अजीब होता है। इसके बावजूद लोग इसको पीना पसंद करते हैं। आखिर इस चाय में ऐसा है क्या और क्या हैं इसके पीने के फायदे। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गुड़हल की चाय के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको गुड़हल चाय के बारे में से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि गुड़हल क्या है और यह कहां पाया जाता है? फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
गुड़हल क्या है? – What is Hibiscus?
गुड़हल (Hibiscus) एक सदाबहार पौधा है जो गर्म देशों में पाया जाता है। इसे अंग्रेजी में हिबिस्कस कहते हैं। इसकी ऊंचाई 25 फीट तक हो जाती है। विश्व भर में इसकी 200 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। गुड़हल पौधे की पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है। इसके फूल पंचकोणीय होते हैं और साइज में बड़े लगभग 5 सेंटीमीटर तक और इसकी 5 से अधिक पंखुड़ियां होती हैं।
प्रजाति के आधार पर गुड़हल के फूल लाल, सफ़ेद, पीला, नारंगी, गुलाबी तथा बैंगनी रंग के होते हैं जो बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। इनमें कुछ का उपयोग औषधी तथा सौन्दर्य प्रसाधन बनाने के लिए किया जाता है तो कुछ का उपयोग सजावट के लिए। उदाहरण के लिए सफेद गुड़हल की जड़ों को पीसकर दवाइयां बनाई जाती हैं और गुड़हल के सूखे हुए फूलों से कई एंटी-एजिंग क्रीम। गुड़हल का वैज्ञानिक नाम गुड़हल रोजा सायनेन्सिस (Hibiscus Rosa-Sinensis ) है और यह मालवेसी Malvaceae परिवार से संबंध रखता है।
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गुड़हल कहाँ पाया जाता है? – Where is Hibiscus Found?
1. गुड़हल का मुख्य उत्पादन मैक्सिको, सूडान, थाईलैंड, इजिप्ट और चीन में होता है।
2. गुड़हल का उत्पादन भारत सहित थाईलैंड, सूडान, वियतनाम, मैक्सिको, सऊदी अरब, मलेशिया, इजिप्ट, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे कई अन्य गर्म देशों में होता है।
3. भारत के लगभग सभी गर्म प्रदेशों में गुड़हल पाया जाता है।
गुड़हल चाय क्या है? – What is Hibiscus Tea?
गुड़हल चाय, गुड़हल के फूलों से बनने वाली चाय होती है। इसे हर्बल चाय की श्रेणी में रखा गया है। यह कैफीन मुक्त होती है। इस चाय में फूलों की खुश्बू नहीं होती और स्वाद भी अजीब लगता है। इसके औषधीय गुणों और पोषक तत्वों के कारण यह स्वास्थ के लिए अत्यंत लाभकारी होती है।
इसीलिये विश्व में गुड़हल चाय की डिमांड बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य चाय की तलब को दूर करने में मदद करती है। गुड़हल चाय, गुड़हल के फूलों की ताजा या सूखी पत्तियों से गुड़हल चाय बनाई जाती है। इसकी एक यह भी विशेषता है कि यह चाय आप गर्म या ठंडी जैसा भी आपका मन करे बना सकते हैं। यह चाय गर्मियों में शरीर को शीतलता प्रदान करती है। गुड़हल के फूल के अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स धमनियों में जमी चर्बी को कम करने में मदद करते हैं।
गुड़हल चाय बनाने की विधि – Hibiscus Tea Recipe
दोस्तो, गुड़हल चाय बनाना बहुत ही सरल है। किसी बर्तन में डेड़ कप (1 1/2) पानी चूल्हे पर चढ़ा दें। आग मद्धम (मीडियम) रखें। इस पानी वाले बर्तन में गुड़हल के एक या दो ताजा फूल की पंखुड़ियां डाल दें। यदि ताजा फूल नहीं हैं तो सूखे फूलों की पंखुड़ियां डाल दें। साथ ही इसमें दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा डालकर दें।
फ्लेवर के लिए 4-5 पुदीना के पत्ते भी डाल दें। अब पानी को तब तक उबालें जब तक कि इसका रंग लाल ना हो जाए। फिर इसे उतारकर, छानकर पी लें। आप चाहें तो स्वाद के लिए इस चाय में हल्का सा शहद मिला सकते हैं। यदि पुदीना नहीं डालना है तो फ्लेवर के लिए बाद में इसमें नींबू की कुछ बूंदें डाल सकते हैं।
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गुड़हल चाय के गुण – Properties of Hibiscus Tea
- गुड़हल चाय की तासीर ठंडी होती है।
- गुड़हल चाय के स्वाद के बारे में मतभेद देखने को मिलता है। कई लोगों को यह कड़वी लगती है तो कईयों को इसका स्वाद जामुन की तरह लगता है। कई लोगों को यह क्रैनबेरी के समान मीठी और कसैली लगती है।
- इस चाय की अपनी कोई खुश्बू नहीं होती।
- गुड़हल चाय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीपैरासिटिक, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीकैंसर आदि गुण मौजूद होते हैं।
- गुड़हल चाय में विटामिन-सी, विटामिन-ए तथा प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, वसा, आयरन, मैग्नीशियम, ज़िंक आदि पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।
गुड़हल चाय के पोषक तत्व (मूल्य प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Hibiscus Tea (Value per 100 grams)
- पानी : 99.58 ग्राम
- कैलोरी : 37
- कुल वसा : 0.7 ग्राम
- संतृप्त वसा : 0.3 ग्राम
- मोनोअनसैचुरेटेड वसा : 0.1 ग्राम
- पॉलीअनसेचुरेटेड वसा : 0 ग्राम
- डाइटरी फाइबर : 0.3 ग्राम
- शुगर : 6 ग्राम
- कैल्शियम : 8 मिली ग्राम
- आयरन : 0.08 मिली ग्राम
- मैग्नीशियम : 3 मिली ग्राम
- फास्फोरस : 1 मिली ग्राम
- पोटैशियम : 20 मिली ग्राम
- सोडियम : 4 मिली ग्राम
- जिंक : 0.04 मिली ग्राम
- नियासिन : 0.04 मिली ग्राम
- फोलेट : 1 माइक्रोग्राम
गुड़हल चाय कब और कितनी पीनी चाहिए? – When and How Much Should one Drink Hibiscus Tea?
गुड़हल चाय दिन में दो बार सुबह और शाम एक-एक कप पी सकते हैं। यानि दिन में केवल दो कप चाय पीनी चाहिए।
गुड़हल की चाय के फायदे – Benefits of Hibiscus Tea
और अब बताते हैं आपको गुड़हल की चाय के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. वजन करे (Weigh)- जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए गुड़हल चाय एक अच्छा ऑप्शन है बशर्ते कि वो किसी भी प्रकार की दवा ना ले रहे हों। यदि कोई दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर से पूछ कर ही गुड़हल चाय का सेवन करें। यह चाय शरीर में मौजूद एमीलेज एंजाइम के जरिए स्टार्च को ग्लूकोज में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कंट्रोल करती है।
इससे वजन कम होने में सहायता मिलती है। इस चाय में उपस्थित एंथोसायनिन, साइनाइडिन और डेल्फ़िनिडिन वजन कम करने में मदद करते हैं। इसके लिये आप गर्म या ठंडी, जैसा भी आपका मन करे गुड़हल चाय पी सकते हैं।
2. संक्रमण दूर करे (Remove Infection)- गुड़हल में, विशेषकर इसकी रोसेले प्रजाति में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक गुण उपस्थित होते हैं जो वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाने का काम करते हैं।
3. डिप्रेशन दूर करे (Relieve Depression)- गुड़हल चाय में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं। ये हमें चिंता, तनाव, और डिप्रेशन से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं। परिणामस्वरूप एक अच्छी नींद आती है। नींद ना आने के ये सबसे बड़े शत्रु होते हैं।
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4. लिवर को स्वस्थ रखे (Keep Liver Healthy)– गुड़हल चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को होने वाली क्षति और किसी भी प्रकार के डिसऑर्डर की संभावनाओं को दूर करते हैं। गुड़हल चाय पीने से लिवर की कार्य प्रणाली में सुधार होता है और लिवर स्वस्थ रहता है।
5. कैंसर से बचाव करे (Prevent Cancer)- कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है जिसका डॉक्टरी इलाज ही समुचित उपाय है। फिर भी गुड़हल चाय इससे बचाव में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती है। गुड़हल के अर्क में एंटीकैंसर गुण मौजूद होते हैं। ये गुण कैंसर के जोखिम की संभावना को दूर करते हैं। एक शोध में, स्तन कैंसर से बचाव के लिए गुड़हल के अर्क के सकारात्मक प्रभाव का वर्णन मिलता है। गुड़हल चाय कैंसर के जोखिम से बचाव में सहायक सिद्ध हो सकती है।
6. डायबिटीज को कंट्रोल करे (Control Diabetes)- डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों के लिये गुड़हल चाय लाभकारी होती है। गुड़हल के पत्ते के इथेनॉल एक्सट्रैक्ट में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल कर डायबिटीज से बचाव करते हैं। गुड़हल चाय में हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण मौजूद होते हैं। ये ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
7. खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करे (Reduce Bad Cholesterol)- कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है एक अच्छा वाला जिसे HDL कहा जाता है और दूसरा खराब वाला जिसे LDL के नाम से जाना जाता है। LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना घातक होता है इससे हार्ट अटैक की संभावना बनती है। गुड़हल चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। जिससे हार्ट आर्टरी में प्लॉक जमने का खतरा नहीं रहता।
8. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे (Control Blood Pressure)- गुड़हल चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। इस तरह ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता हैं। लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को यह चाय अधिक मात्रा में पीने की सलाह नहीं दी जाती।
9. हृदय को सुरक्षित रखे (Protect the Heart)- बढ़ता वजन, बढ़ता खराब वाला कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हृदय स्वास्थ के शत्रु होते हैं। ऊपर से यह स्पष्ट हो जाता है कि गुड़हल चाय पीने से वजन कम किया जा सकता है, कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है, हाई ब्लड प्रेशर कम होता है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। इस प्रकार हृदय रोग होने की संभावना नहीं रहती और हृदय अपने आप सुरक्षित रहता है।
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10. मासिक धर्म में फायदा (Benefit in Menstruation)- जिन महिलाओं को पीरियड खुल कर नहीं आता उनके लिए गुड़हल चाय लाभदायक हो सकती है। यह इस समस्या से छुटकारा दिलाती है। गुड़हल चाय में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) मौजूद होता है।
यह मासिक धर्म का प्रवाह बढ़ाने वाला प्रभाव होता है। यह रक्त प्रवाह को उत्तेजित करता है। यह चाय पीरियड के दौरान चिड़चिड़ापन, दर्द, ऐंठन अधिक भोजन करने जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। यह महिलाओं में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती है।
गुड़हल चाय के नुकसान – Disadvantages of Hibiscus Tea
गुड़हल चाय पीने के हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. गर्भावस्था में (Pregnancy)- ध्यान रहे गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में गुड़हल चाय का भूल के भी सेवन ना करें क्योंकि इसमें पाए जाने वाला एम्मेनागॉग (Emmenagogue) प्रभाव गर्भाशय और पेल्विक में रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकता है। इसका परिणाम बहुत घातक हो सकता है।
2. लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)- जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है, उनको भी गुड़हल चाय नहीं पीनी चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को इतने निम्न स्तर पर ला सकती है कि व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं और बेहोश हो सकता है। इस स्थिति से हृदय और मस्तिष्क की क्षति हो सकती है।
3. डायबिटीज (Diabetes)- जिन लोगों को डायबिटीज की शिकायत है उनको गुड़हल चाय के अधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह शुगर लेवल को बहुत कम स्तर पर ला सकती है।
4. एलर्जी (Allergies)- कई लोगों को गुड़हल चाय पीने से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
5. भ्रामक प्रभाव (Illusory Effect)- कुछ लोगों के यह चाय पीने से नशे जैसा प्रभाव महसूस हो सकता है अथवा भ्रम की स्थिति महसूस हो सकती है।
6. दवाओं के साथ रीएक्शन (Reaction with Medicines)- यदि आप किसी भी प्रकार की दवा ले रहे हैं तो गुड़हल चाय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकती है जैसे कि मलेरिया के लिए ली जाने वाली दवा क्लोरोक्वीन, दर्द में ली जाने वाली दवा डाइक्लोफेनाक, ब्लड प्रेशर के लिए ली जाने वाली दवा लोसार्टन आदि।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गुड़हल की चाय के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुड़हल क्या है?, गुड़हल कहां पाया जाता है?, गुड़हल चाय क्या है?, गुड़हल चाय बनाने की विधि, गुड़हल चाय के गुण, गुड़हल चाय के पोषक तत्व और गुड़हल चाय कब और कितनी पीनी चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से गुड़हल चाय पीने के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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