दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपको बतायेंगे एक ऐसे रोग के बारे में जो आंख के संक्रमण के कारण होता है परन्तु गंभीर नहीं है। वास्तव में यह ना तो आंख का संक्रमण होता है और ना ही ये आंख का रोग है। यह पलक की असामान्य स्थिति है जो बनती है बैक्टीरिया द्वारा पलक के तैलीय ग्रंथि को बंद कर देने से। फिर उभरती पलक पर बाहर की ओर या अंदर की ओर एक गांठ जो बेहद दर्दनाक होती है। इसे आप रोग भी कह सकते हैं। यह गांठ, आंख का कोई विशेष नुकसान नहीं करती लेकिन पलक झपकाने पर ऐसा लगता है कि आंख में कुछ गिरा हुआ है, कुछ किरकिराहट महसूस होती है। पलक झपकाने में भी दर्द होता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं गुहेरी की। यूं तो, यह एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है फिर भी यदि कुछ उपाय किये जायें तो यह एक सप्ताह से पहले ही ठीक जाती है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गुहेरी के घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको गुहेरी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इससे छुटकारा पाने के क्या घरेलू उपाय हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि गुहेरी क्या है, यह कितने प्रकार की होती है और इसके क्या कारण होते हैं। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
गुहेरी क्या है? – What is Guheri?
दोस्तो, गुहेरी को बिलनी या अंजनहारी भी कहा जाता है। अंग्रेजी में स्टाई (stye) या होर्डियोलम (Hordeolum) कहते हैं। स्टाफीलोकोकस बैक्टीरिया (Staphylococcus Bacteria) जब पलक की तैलीय ग्रंथि (oil gland) को बंद कर देते हैं तो पलक पर एक गांठ उभर आती है। इसमें सूजन आती है और दर्द बन जाता है। यह एक छोटी सी फुंसी के रूप में नजर आती है। पलक पर गांठ की इस स्थिति को गुहेरी कहा जाता है। यद्यपि यह कोई गंभीर बीमारी या स्थिति नहीं होती परन्तु यह बहुत कष्टकारी होती है। इसमें बहुत दर्द होता है। यदि स्वच्छता का ध्यान रखा जाये तो यह एक सप्ताह में अपने आप ही ठीक हो जाती है, डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
गुहेरी के प्रकार – Type of Guheri
गुहेरी दो प्रकार की होती है बाह्य और आंतरिक गुहेरी। विवरण निम्न प्रकार है –
1. बाह्य गुहेरी – यह गुहेरी का सामान्य प्रकार है। इसमें गुहेरी एक पिंपल की तरह दिखाई देती है। यह पलकों रोम कूपों में संक्रमण की वजह से होती है और पलकों के किनारे पर विकसित होती है।
2. आंतरिक गुहेरी – यह पलक ऊतक के भीतर मीबोमियन ग्रंथि (एक तेल ग्रंथि) में ग्रंथि के संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है। जैसे-जैसे यह विकसित होती है आंख पर दबाव और दर्द बढ़ता जाता है। यह बाह्य गुहेरी की अपेक्षा अधिक पीड़ादायक होती है।
गुहेरी होने के कारण – Cause of Guheri
गुहेरी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. बैक्टीरिया द्वारा पलक पर एक तैलीय ग्रंथि को अवरुद्ध कर देना या बालों के रोम में बैक्टीरियल संक्रमण गुहेरी होने का मुख्य कारण है। पलक में मौजूद तैलीय ग्रंथियां और रोम, मृत त्वचा सेल्स और गंदगी के द्वारा बंद होने पर पलक में बैक्टीरिया फंस जाते हैं। इसी कारण संक्रमण पैदा होता है और पलक पर गांठ बनती है।
2. बुखार या एलर्जी के कारण भी गुहेरी बन सकती है।
3. खराब/दूषित काजल, मसकारा या आई लाइनर के उपयोग करने से भी गुहेरी होने की संभावना बन जाती है।
4. कॉन्टेक्ट लेंस के मामले में लापरवाही बरतना अर्थात् इनको लगाने से पहले हाथ साफ़ ना करना और इनको कीटाणुरहित न करना।
5. बिना हाथ धोये ही कॉन्टैक्ट लेंस बदलना या उतारना।
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6. गन्दे रुमाल या तौलिया से चेहरा साफ़ करना।
7. किसी अन्य का मेकअप का सामान इस्तेमाल करना।
8. अपना पुराना या खराब/दूषित मेकअप के सामान का इस्तेमाल करना।
9. सोने से पहले मेकअप ना उतारना।
10. नींद पूरी ना होना या पर्याप्त नींद ना लेना या अनिद्रा रोग होना।
11. त्वचा पर रोसैसिया या सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस की स्थिति।
गुहेरी के लक्षण – Symptoms of Guheri
गुहेरी होने पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं –
1. पलक पर गांठ बन जाती है।
2. पलक पर सूजन।
3. पलक क्षेत्र में दर्द महसूस होना।
4. पलक और आंख का लाल होना।
5. पलक झपकाने में दर्द महसूस होना।
6. आंख में कुछ गिरे होने का आभास होना। किरकिराहट लगना।
7. किरकिराहट की वजह से सिर में दर्द होना।
8. प्रकाश का चुभना।
9. आंख में खुजली लगना।
10. दृष्टि में धुंधलापन का आभास होना।
गुहेरी का परीक्षण – Test of Guheri
आमतौर पर गुहेरी एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है, परन्तु एक सप्ताह में ठीक ना हो तो डॉक्टर को दिखाना चाहिये। डॉक्टर लक्षणों को देखकर गुहेरी की जांच कर सकते हैं। इसके लिये डॉक्टर टॉर्च की मदद से या माइक्रोस्कोप मशीन के द्वारा आंख की स्थिति का मुआयना कर सकते हैं। वैसे गुहेरी के लिये कोई विशेष जांच नहीं होती है।
गुहेरी का उपचार – Treatment of Guheri
गुहेरी का कोई विशेष डॉक्टरी उपचार नहीं है। यह अपने आप ही ठीक हो जाती है फिर भी डॉक्टर कुछ दवाऐं दे सकते हैं और गर्म सिंकाई बता सकते हैं।
1. गुहेरी के उपचार लिये डॉक्टर एंटीबायोटिक क्रीम या आई ड्रॉप दे सकते हैं। संक्रमण के फैलाव की स्थिति को देखते हुऐ कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां खाने के लिये दे सकते हैं।
2. दर्द के लिये डॉक्टर एस्प्रिन जैसी दर्द निवारक दवाऐं दे सकते हैं।
3. यदि गुहेरी से द्रव ना निकल पाने के कारण इस क्षेत्र में दबाव बना हुआ है, तो डॉक्टर पलक को सुन्न करने के बाद गांठ पर छोटा चीरा लगा देते हैं और मवाद को साफ़ कर देते हैं। इससे सूजन नहीं बढ़ती और दर्द में भी आराम आ जाता है।
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गुहेरी के घरेलू उपाय – Home Remedies of Guheri
दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जिनको अपनाकर गुहेरी से छुटकारा पा सकते हैं –
1. गुनगुने पानी से सिकाई (Warm Water)- गुहेरी और उसके दर्द से छुटकारा पाने के लिये यह सबसे सरल उपाय है। पानी इतना गुनगुना होना चाहिये जिसे आपकी आंख के आसपास की त्वचा सहन कर सके। साफ़ रुमाल या रुई को गुनगुने पानी में भिगोकर आंख की सिंकाई करें। इसे दिन में तीन, चार बार कर सकते हैं। इससे आंख की सूजन कम होगी और दर्द में भी आराम लगेगा।
2. अमरुद के पत्ते (Guava Leave)- अमरूद के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो आंख को स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करते हैं। अमरूद के कुछ पत्ते पानी में उबालें। फिर इस पानी को थोड़ा ठंडा होने दें। सहन करने लायक गुनगुना रहे। इस पानी में साफ़ रुमाल या रुई भिगोकर आंख पर 10-15 मिनट तक लगाकर छोड़ दें। या अमरूद के उबले पत्तों को सहन करने लायक गर्म-गर्म आंख पर 10-15 मिनट तक रखलें। इसे दिन में दो, तीन बार करें। पानी या अमरूद के उबले पत्तों की सिंकाई से दर्द और सूजन में राहत मिलेगी और गुहेरी भी खत्म हो जायेगी।
3. हल्दी (Turmeric)- हल्दी औषधीय गुणों का भंडार है। हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने का काम करते हैं। इसे ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ भी कहा जाता है। हल्दी एक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है। गुहेरी की समस्या से राहत पाने के लिये गर्म पानी में जरा सा हल्दी पाउडर मिलाकर साफ़ कपड़े या रूई की मदद से इस पानी से आंख की सिंकाई करें। दिन में तीन, चार बार इस प्रक्रिया को दोहरायें।
4. ग्रीन टी (Green Tea)- ग्रीन टी में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो टैनिन इंफेक्शन बढ़ने से रोकने का काम करते हैं। ग्रीन टी बैग को गर्म पानी में डुबोकर सहन करने लायक गर्म-गर्म आंख पर लगायें। जब यह ठंडा हो जाये तो फिर से गर्म पानी में डुबोकर आंख पर लगायें। इसकी सिंकाई से सूजन और दर्द से राहत मिल जायेगी और बहुत जल्द गुहेरी भी खत्म हो जायेगी। ग्रीन टी पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “ग्रीन टी के फायदे और नुकसान” पढें।
5. धनिया (Coriander)- धनिया में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं जो सूजन को कम करने का काम करते हैं। धनिया के बीज या सूखे धनिया लेकर एक घंटे के लिये पानी में भिगो दें और फिर इसे छान लें। इस पानी से आंख धोयें। दिन में तीन, चार बार ऐसा करें। गुहेरी की समस्या में आराम लग जायेगा।
6. अरंडी का तेल (Castor oil)- अरंडी के तेल में पाये जाने वाले हाइड्रेटिंग गुण त्वचा पर संक्रमण के उपचार में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण सूजन और दर्द को कम करते हैं। गुहेरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिये आंख को गर्म पानी से रुई की मदद से सिंकाई करने के बाद थोड़ा सा अरंडी का तेल गुहेरी पर लगा लें। 10-15 मिनट के बाद आंख को गुनगुने पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को दिन में दो, तीन बार दोहरायें।
7. नारियल का तेल (Coconut Oil)- नारियल का तेल प्राकृतिक एंटीसेप्टिक होता है। इसके मॉइस्चराइजिंग गुण आंखों को नमी प्रदान करनके गुहेरी के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त नारियल तेल के एंटीबैक्टीरियल गुण स्टैफिलोकोकस ऑरिस जीवाणु से लड़ते हैं। गुहेरी के उपचार के लिये आंख को गुनगुने पानी से साफ करके नारियल तेल गर्म करके ईयर बड या कॉटन बड की मदद से गर्म-गर्म (सहन करने लायक) गुहेरी पर लगायें और इसे सारे दिन लगा रहने दें।
8. चंदन (Sandalwood)- चंदन की तासीर ठंडी होने के कारण यह शीतलता प्रदान करता है। इसी वजह से इसका माथे पर टीका लगाते हैं इससे मस्तिष्क में ताजगी बनी रहती है। चंदन की लकड़ी को सिल पर घिसकर इसका गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गुहेरी पर लगायें। दो, तीन दिन में गुहेरी की समस्या खत्म हो जायेगी।
9. बादाम तेल (Almond Oil)- बादाम का तेल गुहेरी के उपचार में अत्यंत लाभदायक है। आधा कप दूध में बादाम रात भर के लिये भीगोकर रख दें। सुबह इस बादाम को सिल फर घिसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गुहेरी पर लगायें। बहुत जल्द गुहेरी ठीक हो जायेगी। चाहें तो खाली बादाम का तेल भी गुहेरी पर लगा सकते हैं। इससे आंखों की दृष्टि में भी सुधार होगा।
10. एलोवेरा जैल (Aloe Vera Gel)- एलोवेरा जैल को गुहेरी के उपचार के लिये एक अच्छा विकल्प माना जाता है। एलोवेरा में मौजूद गुण बैक्टीरिया को खत्म करने और इंफेक्शन को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। एलोवेरा जैल त्वचा में होने वाली जलन को भी कम करने में मदद करता है और त्वचा के संक्रमण से होने वाले रोगों से भी बचाव करता है। गुहेरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिये ताजा एलोवेरा के पत्ते को काटकर जैल निकाल लें। इस जैल को गुहेरी पर लगाकर छोड़ दें। लगभग 20 मिनट के बाद साफ़ पानी से आंख धो लें।
11. लहसुन (Garlic)- लहसुन में पाये जाने वाले अजोइन और एलिसिन तत्व में एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होता है जो गुहेरी बनने का मुख्य कारण वाले जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरिस को समाप्त करने में मदद करता है। एक लहसुन की कली का रस निकाल कर ईयर बड या कॉटन बड की मदद से गुहेरी पर लगा कर छोड़ दें। ध्यान रहे कि लहसुन का रस आंख में ना जाये। इसके सूख जाने पर आंख को गुनगुने पानी से धो लें। लहसुन पर अधिक जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “लहसुन के फायदे और नुकसान” पढें।
12. हरा प्याज (Green Onine)- हरे प्याज में भी लहसुन की भांति अजोइन नामक तत्व मौजूद होता है जो अपना एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव छोड़ता है। यह जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरिस को पनपने से रोकता है ताकि संक्रमण ना फैले। गुहेरी के उपचार के लिये हरे प्याज के पत्तों को बारीक पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को ईयर बड की मदद से गुहेरी पर लगाकर छोड़ दें। जब यह सूख जाये तब आंख को ठंंडे पानी से धो लें।
13. लौंग (Cloves)- लौंग औषधीय क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखती है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेबल और एनाल्जेसिक गुण मौजूद होते हैं। इस कारण यह संक्रमण से बचाव करती है और सूजन, दर्द आदि से भी राहत दिलाती है। गुहेरी के उपचार के दो लौंग पानी के साथ किसी सिल पर घिस कर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गुहेरी पर लगायें और जब ये अच्छी तरह सूख जाये तो आंख धो लें। चाहें तो आप गुहेरी पर लौंग का तेल भी लगा सकते हैं। लौंग पर अधिक जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “लौंग के फायदे और नुकसान” पढें।
14. आलू (Patato)- आलू हर घर में हर समय उपलब्ध होता है। यह गुहेरी के उपचार में बहुत सरल उपाय है। आलू में हल्का एस्ट्रिजेंट मौजूद होता है और यह एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है। ये सभी गुण सूजन, दर्द को कम करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। एक आलू छीलकर पीस लें। इस पेस्ट को किसी कपड़े में रखकर अच्छी तरह कसके बंद करदें। इस कपड़े को आंख पर 15-20 मिनट के लिये रखें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहरायें। जल्दी ही आराम लग जायेगा।
कुछ सावधानियां –
दोस्तो, गुहेरी होने की स्थिति में निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहियें –
1. हाथों को साफ़ रखें। हाथ समय-समय पर धोते रहिये ताकि संक्रमण और ना फैले।
2. बार-बार गुहेरी को ना छुऐं।
3. काजल, मस्कारा या आईलाइनर ना लगायें।
4. किसी और का मेकअप का सामान इस्तेमाल ना करें।
5. अपने मेकअप के पुराने सामान का इस्तेमाल ना करें।
6. कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग न करें।
7. गुहेरी को दबाकर फोड़ने की गलती ना करें। इससे और अधिक संक्रमण फैल जायेगा।
8. सोने से पहले अपना मेकअप साफ़ कर लें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गुहेरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुहेरी क्या है, गुहेरी के प्रकार, गुहेरी होने के कारण, गुहेरी के लक्षण, गुहेरी का परीक्षण, और गुहेरी का उपचार, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से गुहेरी से राहत पाने के बहुत सारे घरेलू उपाय बताये और कुछ सावधानियां भी बताईं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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