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गाइनेकोमैस्टिया क्या है? – What is Gynecomastia in Hindi

गाइनेकोमैस्टिया क्या है?

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, यह एक आश्चर्यजनक सत्य है कि हर पुरुष में महिला के और हर महिला में पुरुष के भी कुछ मात्रा में हार्मोन्स् होते हैं जो आपस में तालमेल बनाये रखते हैं। अर्थात् इनमें संतुलन बना रहता है। लेकिन जब यह संतुलन बिगड़ता है तो शारीरिक और सामाजिक समस्या उत्पन्न हो जाती है। शारीरिक समस्या में आवाज़ में बदलाव, चेहरे की आकृति, चाल-ढाल, बात करते समय शारीरिक मुद्राऐं, आदि में परिवर्तन देखा जा सकता है। तभी तो आपको कभी ना कभी यह लगा होगा कि वह पुरुष तो औरत जैसा है या वह महिला आदमी की तरह दीखती है, व्यवहार करती है।  सामाजिक समस्या यह है कि ऐसे लोगों को सामाजिक दृष्टि से सामान्य तौर पर सम्मान नहीं मिलता, बल्कि कभी-कभी मजाक भी बना दिया जाता है। देसी हैल्थ क्लब आज एक ऐसी ही समस्या का जिक्र करेगा जो बीमारी नहीं है बल्कि पुरुष और महिला हार्मोन्स् के असंतुलन का परिणाम है। दोस्तो, आपने देखा होगा कि किसी बच्चे, युवा यहां तक कि वृद्ध पुरुष का सीना बहुत उभरा हुआ होता है। पहली नजर में लगता है कि इनके स्तन सामान्य से कुछ ज्यादा ही बड़े नजर आते हैं एकदम महिला के स्तनों की तरह। आखिर ये है क्या। यह एक विकार है जिसे गाइनेकोमैस्टिया कहा जाता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गाइनेकोमैस्टिया क्या है?”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको गाइनेकोमैस्टिया के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इससे बचाव के क्या उपाय हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि गाइनेकोमैस्टिया क्या है और इसके होने के क्या कारण होते हैं। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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गाइनेकोमैस्टिया क्या है?
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गाइनेकोमैस्टिया क्या है? – What is Gynecomastia?

दोस्तो, गाइनेकोमैस्टिया वस्तुतः कोई बीमारी नहीं बल्कि  हार्मोन्स् में असंतुलन के फलस्वरूप होने वाला एक विकार है। जब पुरुषों में मादा हार्मोन (एस्ट्रोजेन), पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) की तुलना में अधिक हो जाता है तो पुरूष के स्तनों में वसा ऊतक (Fat Tissues) अत्यधिक और असामान्य रूप से बढ़ जाते हैं। इससे पुरूष के स्तनों का आकार महिलाओं के स्तनों के समान ही बड़ा हो जाता है। जो देखने में भद्दे और बेडौल लगते हैं। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में गाइनेकोमास्टिया या मैन बूब्स कहा जाता है। इसे सौन्दर्य संबंधी समस्या भी कह सकते हैं।  फरवरी 2021 में गोरखपुर एम्स के विशेषज्ञों ने पूर्वांचल में पुरुषों में स्तन संबंधी समस्या को लेकर चिंता जताई और अलग से गाइनेकोमैस्टिया की समस्या से पीड़ित लोगों के लिये अलग से ओपीडी की शुरुआत की। एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ। गौरव गुप्ता ने बताया कि “विशेषज्ञों के अनुसार मरीजों की संख्या अभी कम है परन्तु जैसे-जैसे ओपीडी चलेगी मरीजों की संख्या बढ़ती जाएगी। शुरुआती चरण में तो महिलाएं इलाज के लिए आईं। लेकिन अब पुरुष भी ओपीडी में आने लगे हैं। ओपीडी के दिन स्तन की समस्या से पीड़ित तीन से चार लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। इससे ज्यादातर युवा पीड़ित हैं, लेकिन वे शर्म के कारण इलाज नहीं कराना चाहते हैं। डॉ. गुप्ता ने के अनुसार इलाज न कराने वाले लोगों के लिये यह समस्या जानलेवा साबित हो सकती है”। यह समस्या प्रायः 18 से 30 वर्ष के पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है, बुजुर्गों में भी इस समस्या को देखा जा सकता है। भारत में 50 प्रतिशत से अधिक पुरुष इस समस्या से ग्रस्त हैं।

गाइनेकोमैस्टिया होने के कारण – Cause of Gynecomastia

पुरूषों में स्तनों का बढ़ने के निम्नलिखित कारण होते हैं –

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1. पुरुषों में मादा हार्मोन (एस्ट्रोजेन) का बढ़ जाना मुख्य कारण है।

2. वसा ऊतकों का अधिक जमा हो जाना।

3. अत्याधिक शराब पीना।

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4. ड्रग्स लेना।

5. कुपोषण का शिकार होना। इससे हार्मोन में बदलाव आते हैं।

6. अनाबोलिक स्टेरॉयड का सेवन।

7. किडनी रोग या किडनी फेलियोर और हाइपरथायरायडिज्म जैसे पुरुष शरीर रचना में परिवर्तित  गाइनेकोमैस्टिया की वजह बन सकते हैं।

8. लिवर से संबंधित रोग भी गाइनेकोमैस्टिया की वजह बन सकते हैं।

9. टेस्टिकुलर कार्सिनोमा भी गाइनेकोमैस्टिया का कारण बन सकता है।

10. निम्नलिखित प्रकार की दवाऐं गाइनेकोमैस्टिया की वजह बन सकती हैं –

(i)  एड्स के उपचार वाली दवाऐं जैसे एफाविरेंज़ इसमें एस्ट्रोजेन जैसे गुण होते हैं और गाइनेकोमास्टिया का कारण बनते हैं।

(ii) चिंता-विरोधी दवाऐं (Anti-anxiety drugs) जैसे डायजेपाम। 

(iii) अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) दवाऐं –  एडरल जैसी दवाऐं इनमें एम्फ़ैटेमिन होते हैं जो गाइनेकोमैस्टिया की वजह बन सकते हैं। 

(iv) एंटीबायोटिक्स दवाऐं। 

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(v) अल्सर की दवाऐं – सिमेटिडाइन जैसी दवाऐं गाइनेकोमैस्टिया की वजह बन सकती हैं। 

(vi) मेटोक्लोप्रमाइड जैसी पेट खाली करने वाली दवाऐं।  स्तनों का आकार बड़ा कर सकती हैं।

(vii) हृदय रोग की दवाऐं जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और डिगॉक्सिन जैसी दवाऐं।

(viii) कीमोथेरेपी दवाऐं।

(ix) ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट स्तनों के बढ़े हुऐ आकार का कारण बन सकते हैं। 

गाइनेकोमैस्टिया के लक्षण – Symptoms of Gynecomastia

गाइनेकोमैस्टिया के निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं –

1. स्तनों का आकार सामान्य से ज्यादा बड़ा हो जाना। 

2. स्तनों की आकृति महिलाओं के स्तनों जैसी हो जाना। 

3. स्तनों में ढीलापन।

4. स्तनों में सूजन।

5. स्तनों में दर्द होना।

6. निप्पल के नीचे कठोरता। इसे हाथ से छूकर महसूस किया जा सकता है।

7. गाइनेकोमैस्टिया की समस्या एक या दोनों स्तनों में हो सकती है।

गाइनेकोमैस्टिया का निदान –  Diagnosis of Gynecomastia 

1. शारीरिक जांच (Physical Examination)– डॉक्टर पहले मरीज की शारीरिक जांच अच्छी तरह करते हैं। स्तनों के विशेषज्ञ डॉक्टर स्तनों की ध्यानपूर्वक जांच करते हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर गला, पेट और वृषण की भी जांच करते हैं। मरीज का पिछला चिकित्सा इतिहास और पारिवारिक इतिहास की भी जानकारी ली जाती है और साथ-साथ मरीज के लक्षणों को भी नोट कर लिया जाता है।

2. ब्लड टेस्ट (Blood Test)- हार्मोन के स्तर की जांच करने के लिये और किसी भी संक्रमण की उपस्थिति को जानने के लिये कुछ ब्लड टेस्ट करवाये जाते हैं।

3. स्तन अल्ट्रासाउंड (Breast Ultrasound) – इस टेस्ट में अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगों के द्वारा स्तनों के अंदरूनी ऊतकों की स्पष्ट छवियां प्राप्त की जाती हैं। 

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4. मैमोग्राम (Mammogram)- यह स्तनों का एक्स-रे है। इसके द्वारा स्तनों के ऊतकों में किसी परिवर्तन या असामान्य वृद्धि की जांच में मदद मिलती है।

5. कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन और एमआरआई स्कैन (Computerized tomography (CT) scan and MRI scan)- इनके द्वारा शरीर के आंतरिक अंगों विशेषकर स्तनों के ऊतकों के स्पष्ट चित्र प्राप्त किये जाते हैं।

6. वृषण अल्ट्रासाउंड (Testicular Ultrasound)-  वृषण में और उसके आसपास के क्षेत्र के स्पष्ट इमेज बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का सहारा लिया जाता है। 

7. फाइन नीडल एस्पिरेशन या कोर बायोप्सी ऑफ ब्रेस्ट टेस्ट भी किये जा सकते हैं। इसमें ऊतक वृद्धि का एक छोटा सेंपल लेकर लेब में जांच के लिये भेज दिया जाता है ताकि स्तन कैंसर की उपस्थिति का पता चल सके। 

गाइनेकोमैस्टिया का उपचार – Treatment of Gynecomastia

दोस्तो, गाइनेकोमैस्टिया के उपचार के लिये दवाओं का विकल्प चुना जाता है। असाधारण परिस्थितियों में ही ऑपरेशन के विकल्प को अपनाया जाता है। हम बता रहे हैं उपचार के दोनों ही विकल्प के बारे में। विवरण निम्न प्रकार है। सबसे पहले तो हम यह बता दें कि आमतौर पर 12 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों को उपचार की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, अक्सर  गाइनेकोमैस्टिया से राहत मिलने की संभावना रहती है। 

1. दवाओं से उपचार (Medicine Treatment)- सबसे पहले डॉक्टर दवाओं के जरिये गाइनेकोमैस्टिया का उपचार करते हैं। इसके लिये निम्नलिखित दवाऐं दी जा सकती हैं –

(i) टेमोक्सिफेन (Tamoxifen)- यह गाइनेकोमैस्टिया के उपचार में दी जाने वाली और चिकित्सा जगत में सबसे अधिक लोकप्रिय दवा है। यद्यपि कोई विशेष दवा ऐसी नहीं है जिसे प्राथमिकता दी जाये। टेमोक्सिफेन टेबलेट के रुप में मिलती है। यह एस्ट्रोजेन की मात्रा को कम करके पुरुष स्तन के आकार को कम करने के लिये प्रभावशाली रूप से काम करती है। यह दवा कितनी मात्रा में और कब तक लेनी है यह डॉक्टर बताते हैं। 

(ii) डेनाजॉल (Danazol)- यह भी टेबलेट के रूप में मिलती है। यह दवा अंडकोष में बनने वाले एस्ट्रोजेन की मात्रा को कम करके पुरुष के स्तन के आकार को कम करती है। इसकी भी मात्रा और समय-अवधि डॉक्टर ही निर्धारित करते हैं।

(iii) एरोमोटेज इनहिबिटर्स (कभी-कभी) (Aromatase Inhibitors)- ये दवाऐं ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में मुख्य रूप से काम आती हैं। ये भी टेबलेट के रूप में मिलती हैं। इनकी मात्रा और समयावधि भी डॉक्टर ही निर्धारित करते हैं। 

देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि दवाऐं छोड़ देने के पश्चात भी गाइनेकोमैस्टिया फिर से हो सकता है। ऐसी अवस्था में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।

2. ऑपरेशन द्वारा उपचार (Treatment by Operation)- जब दवाओं से गाइनेकोमैस्टिया में कोई सुधार ना हो तो ऑपरेशन के बारे में विचार किया जाता है और मरीज को भी इस बारे में बताया जाता है। ऑपरेशन का मुख्य रूप से उद्देश्य, छाती को समान रूप में लाना होता है जिसके लिये एक से ज्यादा ऑपरेशन करने पड़ सकते हैं। इस विकल्प में सर्जरी की निम्नलिखित दो प्रक्रियाऐं अपनाई जाती हैं –

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(i)  मेल ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी (Male Breast Reduction Surgery)- सर्जरी की इस प्रक्रिया में लिपोसक्शन (Liposuction) की मदद से छाती के बढ़े हुऐ फैट को निकाला जाता है। पहले लोकल या जनरल, जैसा भी डॉक्टर उचित समझे, मरीज को एनेस्थिसिया दिया जाता है। फिर  जहां का फैट निकालना है वहां चीरा लगाते हैं। फिर वैक्यूम की तरह फैट को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया में स्तनों के फैट को तो बाहर निकाल दिया जाता है परन्तु स्तन की ग्रन्थियों को नहीं हटाया जाता। इस सर्जरी में एक से डेड़ घंटा लग जाता है। फैट हटाने के बाद चीरे को टांकों के द्वारा बंद कर दिया जाता है। 

(ii) मेस्टेक्टोमी (Mastectomy) – यह सर्जरी आमतौर पर महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिये कि जाती है जिसमें स्तन को ही हटा दिया जाता है। परन्तु अब पुरुषों के स्तन कैंसर के उपचार में भी यह सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी अक्सर जनरल एनेस्थिसिया देकर की जाती है। इस प्रक्रिया में छोटा चीरा लगाया जाता है और एंडोस्कोपी की मदद से स्तनों की ग्रन्थियों के ऊतकों को निकाल दिया जाता है। महिलाओं में होने वाले ब्रेस्‍ट कैंसर के बारे में विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव के उपाय” पढ़ें  

गाइनेकोमैस्टिया सर्जरी का खर्च – Gynecomastia Surgery Cost

गाइनेकोमैस्टिया सर्जरी का खर्च लगभग 75,000/- से 1,25000/- रुपये तक आता है। 

गाइनेकोमैस्टिया से बचाव के उपाय – Measures to Prevent Gynecomastia

दोस्तो, निम्नलिखित उपाय अपनाकर गाइनेकोमैस्टिया की समस्या से बचा जा सकता है –

1. पौष्टिक आहार – अपने भोजन में विटामिन, खनिज, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों को सम्मलित करें। ड्राईफ्रूट्स, सन बीज, सोयाबीन और टोफू आदि का सेवन अधिक मात्रा में ना करें। 

2. शराब का अधिक मात्रा में सेवन ना करें। 

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4. स्टेरॉयड का सेवन ना करें। 

3. ड्रग्स का सेवन ना करें।

5. ऐसी दवाईयां, खाद्य पदार्थ, ड्रग्स ना लें जिनसे एस्ट्रोजेन में वृद्धि होती हो। 

6. अपनी मर्जी से कोई भी दवाई ना खायें।

7. प्रतिदिन व्यायाम करें। इससे शरीर की मांसपेशियां खुलती हैं, गतिशील रहती हैं। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको गाइनेकोमैस्टिया क्या है? के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गाइनेकोमैस्टिया क्या है, गाइनेकोमैस्टिया होने के कारण, इसके लक्षण, गाइनेकोमैस्टिया का निदान, गाइनेकोमैस्टिया का उपचार और गाइनेकोमैस्टिया सर्जरी का खर्च, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से गाइनेकोमैस्टिया से बचाव के उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।


Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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