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हल्दी खाने के फायदे – Benefits of Eating Turmeric in Hindi

हल्दी खाने के फायदे

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, प्रकृति ने इस धरा को एक ऐसा उपहार दिया है जो औषधीय गुणों का भंडार है और साथ ही सब्जियों का स्वाद बढ़ाता है। यह सब्जी बनाने के लिए एक अनिवार्य और आवश्यक वस्तु है। हम बात कर रहे हैं हल्दी की। हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसके बिना सब्जी की कल्पना भी नहीं की जा सकती ठीक नमक की भांति। इसका उपयोग चोट, मोच तथा अन्य कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त सौंदर्य प्रसाधनों में भी हल्दी का उपयोग किया जाता है। हल्दी वाले दूध के तो कहने ही क्या, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिये यह अमृत के समान होता है। आखिर हल्दी में ऐसा क्या है? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हल्दी खाने के फायदे”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको हल्दी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके फायदे क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि हल्दी क्या है और इसका उत्पादन कहां होता है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

हल्दी क्या है? – What is Turmeric

हल्दी, भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया के ऊष्णकटिबंधीय भागों में उगने वाला एक बारहमासी पौधा है जो 20 और 30 डिग्री सेल्सियस (68 और 86 डिग्री फारेनहाइट) के बीच तापमान पर विकसित होता है। इसे उच्च वार्षिक वर्षा की जरूरत पड़ती है। हल्दी का मूल स्थान भारतीय उपमहाद्वीप को माना गया है, इसके प्रमाण भी लेखों में मिलते हैं। सन् 1280 में चीन की यात्रा करते हुए मार्को पोलो ने, अपने नोट्स में हल्दी की तुलना “केसर” से की है। हल्दी को मध्यकालीन यूरोप में “भारतीय केसर” कहा जाता था। 

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हल्दी का उपयोग पहले वस्त्र रंगने के लिए किया जाता था। भारत से हल्दी दक्षिण पूर्व एशिया में फैल गई। हिन्दु और बौद्ध धर्म के पुजारी बौद्ध भिक्षुओं के वस्त्र रंगने में इसका उपयोग किया जाता था। हल्दी का उपयोग कई सदियों से आयुर्वेदिक, सिद्ध, चीनी और यूनानी चिकित्सा में किया जाता था। जहां तक हल्दी के पौधे की बात है तो इसका पौधा 5 से 6 फुट तक हो जाता है। इस पौधे की जड़ में प्रकंद का निर्माण होता है। इसकी जड़ बल्ब के समान होती है। यह प्रकंद (गांठ) अदरक के समान दीखती है, इसका छिलका भी अदरक के रंग का होता है।

पहली नजर में यह अदरक ही नजर आती है परन्तु इसे कच्ची हल्दी कहा जाता है। इस कच्ची हल्दी को अच्छी तरह उबाला जाता है, फिर सुखाया जाता है। सूख जाने पर इसका ऊपर का रंग पीला हो जाता है। अंदर से इसका रंग पीला या लाल होता है। यही हल्दी होती है, साबुत हल्दी। इसे सूखा पीस लिया जाए तो यह पिसी हुई हल्दी कहलाती है यानि हल्दी पाउडर। यह हल्दी मसाले की श्रेणी में आती है जिसका मुख्य रूप से सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अतिरिक्त हल्दी का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।

हिन्दु धर्म में हल्दी के बिना विवाह भी संभव नहीं है। विवाह से पहले सगाई रस्म में वर को हल्दी का टीका लगाया जाता है, कई दिनों तक वर और कन्या के संपूर्ण शरीर पर हल्दी लगाई जाती है तथा अन्य धार्मिक समारोहों में आगंतुकों का स्वागत हल्दी का तिलक लगा कर किया जाता है। जिन्जिबेरेसी (Zingiberaceae) कुल से संबंध रखने वाली हल्दी का वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौंगा (Curcuma longa) है और अंग्रेजी में इसे टर्मेरिक् (Turmeric) कहते हैं। 

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हल्दी का उत्पादन – Production of Turmeric

1. हल्दी की जन्म स्थली भारत को माना जाता है।

2. विश्व में हल्दी का सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। विश्व में कुल उत्पादन का 80 फ्रतिशत से भी अधिक। 

3. भारत हल्दी का निर्यात फ्रांस, जापान, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, नीदरलैंड, अरब, ऑस्ट्रेलिया व अन्य देशों को करता है।

4. भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, गुजरात तथा मध्य प्रदेश राज्यों में हल्दी की खेती की जाती है।

5. चीन, ताइवान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, जावा, ब्राजील, पेरू, अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया में हल्दी की खेती की जाती है।

हल्दी के गुण – Properties of Turmeric

1. हल्दी को एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है। 

2. हल्दी की तासीर गर्म होती है।

3. हल्दी का स्वाद कड़वा होता है। 

4. हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल एंटीबैक्टीरियल, कार्डियोप्रोटेक्टिव, हेपटोप्रोटेक्टिव, नेफ्रोप्रोटेक्टिव आदि गुण होते हैं।

5. विटामिन-बी, सी, ई और के तथा प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व और फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर आदि खनिज उपस्थित होते हैं। 

हल्दी के पौष्टिक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Turmeric (Amount per 100 grams)

  • पानी : 12.85 ग्राम
  • ऊर्जा : 312 केसीएल
  • प्रोटीन : 9.68 ग्राम
  • टोटल लिपिड (फैट) : 3.25 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट : 67.14 ग्राम
  • फाइबर, टोटल डायटरी : 22.7 ग्राम
  • ऐश : 7.08 ग्राम
  • विटामिन-सी, 
  • टोटल एस्कॉर्बिक एसिड : 0.7 मिलीग्राम
  • थियामिन : 0.058 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन : 0.15 मिलीग्राम
  • नियासिन : 1.35 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी6 : 0.107 मिलीग्राम
  • फास्फोरस : 299 मिलीग्राम
  • कैल्शियम : 168 मिलीग्राम
  • आयरन : 55 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम : 208 मिलीग्राम
  • मैंगनीज : 19.8 मिलीग्राम
  • पोटेशियम : 2080 मिलीग्राम
  • सोडियम : 27 मिलीग्राम
  • कॉपर : 1.3 मिलीग्राम
  • ज़िंक : 4.5 मिलीग्राम
  • सेलेनियम : 6.2 माइक्रोग्राम
  • फोलेट, कुल : 20 माइक्रोग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल सैचुरेटेड : 1.838 ग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल मोनोअनसैचुरेटेड : 0.449 ग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड : 0.756 ग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल ट्रांस-मोनोएनिक : 0.056 ग्राम

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हल्दी का उपयोग – Use of Turmeric 

हल्दी को निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है – 

1. हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से मसाले के रूप में सब्जी बनाने के लिए किया जाता है।

2. हल्दी में औषधीय गुण होने के कारण इसका उपयोग अनेक बीमारियों के उपचार में किया जाता है, विशेषकर चोट और मोच में।

3. हल्दी का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

4. हल्दी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।

5. दूध में कच्ची हल्दी उबाल कर या हल्दी पाउडर डालकर पीया जाता है। यह स्वास्थ के लिये बहुत लाभदायक होता है। हल्दी वाले दूध को गोल्डन मिल्क (Golden Milk) कहा जाता है।

6. हल्दी पाउडर को बेसन में मिलाकर त्वचा के लिए फेस पैक बनाया जा सकता है।

7. शुभ समारोह में हल्दी का तिलक लगाया जाता है।

8. विवाह के लिए लड़का और लड़की के तन पर हल्दी लगाई जाती है।

9. आप अपनी मर्जी से भी आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं जैसे कि उबली हुई सब्जियां खाने वाले लोग इसमें हल्की सी हल्दी मिला सकते हैं – स्वाद और रंग बदल जाएगा। कटे हरे सलाद में हल्का सा हल्दी पाउडर छिड़क सकते हैं।

10. खाली पानी में मिलाकर पी सकते हैं। सूप बनाते समय इसमें हल्दी मिला सकते हैं या हल्दी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं।

हल्दी की मात्रा – Amount of Turmeric

हल्दी उपयोग में लाने की मात्रा निर्धारित नहीं की जा सकती। यह आवश्यकतानुसार बदल सकती है जैसे कि –

1. परिवार छोटा है या बड़ा, जितनी सब्जी बननी है उसी के अनुसार हल्दी डाली जाती है सामान्यतः एक चौथाई से लेकर आधी छोटी चम्मच।

2. किसी समारोह में भोजन बनाने के लिये (व्यक्तियों की संख्या के आधार पर) यह मात्रा एक से दो बड़े चम्मच या उससे भी अधिक हो सकती है।

3. एक गिलास दूध में उबालने के लिए हल्दी एक छोटा टुकड़ा काफी है। यदि हल्दी पाउडर डालना है तो एक चौथाई छोटी चम्मच बहुत है।  

4. फैस पैक बनाने के लिए एक चम्मच हल्दी पाउडर काफी है। वैसे बेसन की मात्रा के अनुसार इसे कम या ज्यादा कर सकते हैं।

हल्दी खाने के फायदे – Benefits of Eating Turmeric

हल्दी के फायदे निम्न प्रकार हैं –

1. इम्युनिटी मजबूत करे (Strengthen Immunity)- बदलते मौसम के साथ विशेषकर बरसात और सर्दियों में शरीर पर रोगाणुओं, जीवाणुओं आदि का हमला होता है जिससे खांसी, जुकाम, बुखार आदि बीमारियां होती हैं। यदि इम्युनिटी मजबूत है तो इन सब की संभावना नहीं रहती। 

हल्दी में लाइपोपॉलिसकराइड (lipopolysaccharide) नामक पदार्थ उपस्थित होता है जो इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। इसके अतिरिक्त, हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल गुण तथा इसके खनिज तत्व इम्युनिटी बूस्ट करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। 

2. पाचन तंत्र (Digestive System)- हल्दी, पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाकर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है। यह कब्ज, पेट में ऐंठन, पेचिस, पेट में गैस बनना आदि के लिए रामबाण उपाय है। हल्दी के करक्यूमिन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पेट में अल्सर होने की संभावना को दूर करते हैं। 

हल्दी के गुण इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। पाचन संबंधी समस्या होने पर विशेषकर पेट में ऐंठन, पेचिस, पेट में गैस या माइग्रेन का दर्द होने एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पी लें, तुरंत आराम आ जाएगा।

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3. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy)- बढ़ते हुए खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को हृदय स्वास्थ का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है क्योंकि इससे रक्त धमनियों में प्लॉक जम जाता है जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और हृदय को रक्त पंप करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता। परिणामस्वरूप हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। 

एक रिसर्च यह बताती है कि हृदय स्वास्थ को सही रखने के लिए भोजन में उपयोग में लाई गई हल्दी ही काफी है। हल्दी में करक्यूमिन और विटामिन-बी6, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हुए हृदय संबंधी रोगों को दूर कर हृदय की रक्षा करते हैं।

4. चिंता और अवसाद में फायदेमंद (Beneficial in Anxiety and Depression)- हल्दी में मौजूद एंटीएंग्जायटी (Anti-Anxiety) गुण चिंता की स्थिति पर काफी अच्छा प्रभाव डालकर, व्यक्ति को चिंतामुक्त करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त हल्दी में पाए जाने वाले करक्युमिनोइड घटक के एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण डिप्रेशन को कम करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। 

5. कैंसर से बचाव (Cancer Prevention) – सभी जानते हैं कि कैंसर एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जिसके लिए डॉक्टरी इलाज लेना ही उचित होता है। परन्तु कुछ खाद्य पदार्थ इसकी संभावना को रोकने और कैंसर कोशिकाओं को विकसित ना होने देने में मदद करते हैं।

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन ट्यूमर सेल्स के विकसित होने और उनको कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ट्यूमर से बचाव के गुण, एंटीनियोप्लास्टिक गुण होते हैं। हल्दी में मौजूद एंटीकैंसर गुण प्रोस्ट्रेट, स्तन, और लंग्स कैंसर से बचाव करने में सक्षम होते हैं। 

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6. चोट/घाव/मोच को लिए फायदेमंद (Beneficial for Injuries/Sprains)- हल्दी को प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना जाता है। हल्की-फुल्की चोट, त्वचा पर कट लगना, घाव, जलने पर हल्दी पाउडर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाएगा और इससे होने वाले दर्द से भी राहत मिलेगी। हल्दी क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत करके सामान्य बनाने में मदद करती है।

पैर में मोच आने पर हल्दी, गुड़, अजवाइन, अंडा मिलाकर, सरसों के तेल में गर्म करके सहन करने लायक गर्म-गर्म मोच पर पट्टी बांध दें। इससे मोच में आराम मिलेगा और दर्द भी खिंच जाएगा। 

7. गठिया में फायदेमंद (Beneficial in Arthritis)- ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड, दोनों ही गठिया रोग के प्रकार हैं। इसमें व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान रहता है। हल्दी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गठिया के लक्षणों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं, सूजन और दर्द को कम करते हैं। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म कर, शरीर से बाहर निकालते हैं।

8. लिवर को सुरक्षित रखे (Protect the Liver)- हल्दी कै प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सिफायर माना जाता है जो लिवर को डिटॉक्स करता है। मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफिकेशन गुण सुरक्षा करते हैं। हल्दी, लिवर में उन एंजाइम के उत्पादन में वृद्धि करती है जो शरीर में विषाक्त पदार्थों को तोड़ने में मदद करते हैं। लिवर में उपस्थित हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण लिवर से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद करते हैं।

9. खांसी में फायदेमंद (Beneficial in Cough)- खांसी, सर्दी, जुकाम के उपचार के लिए हल्दी का उपयोग सदियों से होता चला आया है। हल्दी की तासीर गर्म होने के कारण यह इन बीमारियों में बहुत जल्दी असर करती है और शरीर में ऊर्जा बनाए रखती है। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण ब्रोंकियल अस्थमा में भी प्रभावशाली होते हैं। खांसी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है। खांसी, सर्दी, जुकाम होने पर गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर मिक्स करके पीएं।

10. त्वचा रोगों में लाभकारी (Beneficial in Skin Diseases)- त्वचा विकारों/रोगों के निवारण में हल्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सोरायसिस में त्वचा पर पपड़ी जम जाती है और खुजली भी लगती है। सोरायसिस, दाद, खुजली में हल्दी के साथ नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं। बहुत जल्दी आराम लगेगा। सूजन या दर्द में भी आराम आ जाएगा।

11. त्वचा को निखारे (Brighten Skin)- हल्दी, त्वचा की अशुद्धियों को दूर करती है। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण चेहरे के कील, मुंहासों, काले धब्बे, झाईयां आदि को दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीएं। 

दूध पीने के अतिरिक्त रुई की मदद से हल्दी वाले दूध को आप चेहरे पर भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, दिन में बेसन में हल्दी मिलाकर फेस मास्क बनाकर लगाएं। इसके सूख जाने पर चेहरा पानी से धो लें। चेहरा दमक उठेगा। 

12. पीएमएस के लक्षणों में फायदा (Benefits of PMS Symptoms)- मासिक धर्म से पहले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के कुछ लक्षण परेशान कर सकते हैं जैसे कि स्तन में सूजन और कोमलता, सूजन, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, कमर में दर्द, भोजन की कम इच्छा, चिड़चिड़ापन, अवसाद आदि। 

हल्दी के करक्यूमिन में उपस्थित एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मासिक धर्म से पहले के इन लक्षणों को कम कर सकते हैं। मासिक धर्म के समय पेट में दर्द, ऐंठन, कमर कटना आदि को कम करने के लिए हल्दी का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए हल्दी वाला दूध फायदेमंद रहेगा। 

13. ल्यूकोरिया में लाभकारी (Beneficial in leucorrhoea)- ल्यूकोरिया में महिलाएं शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान रहती हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए दूध में जरा सा, लगभग दो ग्राम हल्दी पाउडर मिलाकर उबालें। 

इसे उतारकर, इसमें गुड़ मिलाकर पीएं। या हल्दी पाउडर में गुग्गुल पाउडर बराबर मिलाकर 2-5 ग्राम दिन में दो बार सुबह और शाम सेवन करें। आराम लग जाएगा।

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14. कामेच्छा और काम शक्ति बढ़ाए (Increases libido and Sexual Power)- हल्दी के गुण मानसिक स्वास्थ पर एक अच्छा प्रभाव डालते हैं। ये गुण व्यक्ति को चिंता, अवसाद और तनाव से मुक्त रखते हैं। जब व्यक्ति इनसे आजाद होगा तो जाहिर है कि उसमें प्राकृतिक खुशी का अहसास होगा। ऐसी अवस्था टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन बढ़ाने में मदद करती है जिससे उसकी “परफॉर्मेंस” में वृद्धि होती है। 

हल्दी व्यक्ति में कामेच्छा और कामशक्ति को बढ़ाने का काम करती है। हल्दी के सेवन से नपुंसकता (erectile dysfunction) की समस्या भी खत्म हो जाती है। इसके लिए हल्दी पाउडर का काली मिर्च पाउडर के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि शरीर करक्युमिन का उपयोग सरलता से नहीं कर पाता है, इसके लिए पाइपेरिन की आवश्यकता पड़ती है। 

हल्दी के नुकसान –  Disadvantages of Turmeric

दोस्तो, सबसे पहले हम यह स्पष्ट कर दें कि हल्दी कोई पेट भरने की वस्तु नहीं है। इसका उपयोग भोजन में और दूध में बहुत ही सीमित मात्रा में किया जाता है। हल्दी के अधिक सेवन से है सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –

  1. हल्दी के अधिक उपयोग से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं।
  2. हल्दी का अधिक सेवन करने से पतले दस्त लग सकते हैं। मितली, उल्टी हो सकती है।
  3. सिर में दर्द हो सकता है।
  4. त्वचा पर रैशेज पड़ सकते हैं। 
  5. हल्दी में मौजूद ऑक्सालेट की वजह से किडनी की पथरी बन सकती है। 
  6. हल्दी के अधिक उपयोग से आयरन की कमी से एनीमिया की समस्या हो सकती है।
  7. हल्दी गर्भाशय और मासिक धर्म को उत्तेजित कर सकती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को हल्दी का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। 
  8. हल्दी रक्त के थक्के को धीमा करती है इसलिए इसका कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा रक्तस्राव हो सकता है।

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको हल्दी खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हल्दी क्या है?, हल्दी का उत्पादन, हल्दी के गुण, हल्दी के पोषक तत्व, हल्दी का उपयोग और हल्दी की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से हल्दी के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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हल्दी खाने के फायदे
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हल्दी खाने के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको हल्दी खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हल्दी क्या है?, हल्दी का उत्पादन, हल्दी के गुण, हल्दी के पोषक तत्व, हल्दी का उपयोग और हल्दी की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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