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नस पर नस चढ़ने के उपाय – Remedies for Vein Occlusion in Hindi

नस पर नस चढ़ने के उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉक पर। दोस्तो, हम आपके स्वास्थ के लिये, नये-नये टॉपिक्स लाते रहते हैं। प्राकृतिक और घरेलू सामग्री के द्वारा बीमारियों का उपचार बताते रहते हैं। कभी ब्यूटी टिप्स भी देते हैं तो कभी ध्यान, योग, प्राणायाम के विषय में जानकारी देते हैं। हमारा उद्देश्य आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ को बनाये रखने के लिये सही जानकारी देना है। शारीरिक सौन्दर्य को बनाये रखना और आत्मिक और मानसिक शांति बनाये रखना। दोस्तो, कभी-कभी हमारे शरीर के साथ अचानक से कुछ ऐसी अद्भुत घटना हो जाती है जो कहने को तो कुछ भी बीमारी नहीं होती लेकिन हम शारीरिक रूप से परेशान हो जाते हैं, हम असहाय हो जाते हैं। 

कभी असहनीय दर्द भी हो जाता है। वैसे तो ऐसी घटना ज्यादातर रात को सोते समय होती है लेकिन कभी दिन में भी सामना करना पड़ जाता है। जैसे कि बैठे-बैठे, अचानक इधर-उधर मुड़ने से, अंगड़ाई लेते समय या सफ़र करते समय। दोस्तो, इस अद्भुत घटना का नाम है नस पर नस चढ़ जाना। जी हां, नस पर नस चढ़ जाना एक दुखदाई स्थिति होती है। इस स्थिति में ऐसा क्या करें जो इस समस्या से छुटकारा मिल जाये। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “नस पर नस चढ़ने के उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको नस पर नस चढ़ने के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि नस पर नस चढ़ना क्या होता है और इसके क्या कारण होते हैं। देसी हैल्थ क्लब यह भी बतायेगा कि नस पर नस चढ़ने पर इससे राहत पाने के क्या उपाय हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि नस पर नस चढ़ना क्या है और इसके क्या कारण होते हैं। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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नस पर नस चढ़ने के उपाय
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नस पर नस चढ़ना क्या होता है? – What is Vein Grafting?

दोस्तो, कई बार शरीर के किसी भाग की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। बहुत बार इनके सिकुड़ने की स्थिति गंभीर होती है और गति बहुत तेज होती है। मांसपेशियां में रक्त संचार निर्बाध गति से हो नहीं पाता। कई बार मांसपेशियां के सिकुड़ने से सख्त गांठ भी बन जाती है। शरीर के उस भाग की कुछ नसें पतली भी हो जाती हैं। मांसपेशियां के तंतुओं में खराबी आ जाती है। शरीर की किसी अचानक गतिविधि से जैसे अंगड़ाई लेना, या शरीर की बहुत देर तक कोई भी हलचल ना होने पर, जैसे एक मुद्रा में बैठे हुऐ, लेटे हुऐ, या गलत मुद्रा में सोये हुऐ होने पर कोई नस किसी दूसरी नस के सम्पर्क में आकर प्रतिक्रिया करती है। जिसकी वजह से शरीर का वह भाग कुछ समय के लिये सुन्न अवस्था में आ जाता है और दर्द पैदा करता है। प्रभावित नस कुछ समय के लिये अपना काम करना बंद कर देती है। हम असहाय हो जाते हैं, चाह कर भी अपनी इच्छा से शारिरिक गतिविधि नहीं कर पाते। इसी को नस पर नस चढ़ना कहते हैं। यह स्थिति बहुत थोड़े समय तक रहती है, ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट तक। यद्यपि यह हानिकारक स्थिति नहीं होती लेकिन असहज और कष्टकारी होती है। 

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नस पर नस चढ़ने के कारण – Cause of Vein Grafting

नस पर नस चढ़ने का मुख्य कारण तो तंतुओं में खराबी आ जाना और मांसपेशियों का सिकुड़ना है। इसके अतिरिक्त कुछ निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं –

1. मांसपेशियों पर चोट लग जाना।

2. रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाने या कमर, गर्दन की कोई नस दब जाने की वजह से।  

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3. मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में रक्त ना मिल पाना। 

4. नसों का कमजोर हो जाना।

5. शरीर में पानी की कमी हो जाना।

6. सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि  की कमी हो जाना।

7. गलत पॉश्चर में लेटना, उठना, बैठना।

8. गलत मुद्रा में  सोना। 

9. बहुत अधिक शराब पीना।

10. तनाव ग्रस्त रहना।

11. डायलिसिस पर रहना भी एक कारण हो सकता है।

12. कुछ दवाओं का असर जैसे हाई ब्लड प्रैशर के उपचार में ली जाने वाली दवाईयां। 

नस पर नस चढ़ने के लक्षण – Symptoms of Vein Occlusion 

दोस्तो, जब नस पर नस चढ़ती है तब शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है। विशेष रूप से हाथ, पैर, जांघ, बांह और पेट की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। नस पर नस चढ़ने के निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं – 

1. शरीर का प्रभावित अंग सुन्न हो सकता है।

2. हल्का या बहुत तेज दर्द हो सकता है।

3. मांसपेशी में फड़कन होने लगती है।

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4. जिस हिस्से पर नस चढ़ी है वहां का मांस भी बिगड़ सकता है और कभी-कभी त्वचा में उस जगह गांठ बन जाती है।

5. यदि पैर की नस पर नस चढ़ी है तो आप चल नहीं सकते।

6.  पैर की नस पर नस चढ़ने से पैरों में झटके लगने जैसे महसूस होते हैं। 

7. पैरों में सूजन आ जाना।

8. पसलियों के आस-पास नस पर नस चढ़ने से सीधे खड़े होने में भी दिक्कत और दर्द होता है। 

9. गर्भवती महिलाओं को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि हाथ और पैरों में झनझनाहट होती है या लगातार दर्द रहता है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।

नस पर नस चढ़ने की संभावना किन को होती है?- Who is more Likely to Get a Vein Occlusion? 

नस पर नस चढ़ने की संभावना अधिकतर निम्नलिखित व्यक्तियों को होती है –

1. खेलों-कूद में भाग लेने वाले खिलाड़ी।

2. बुजुर्ग व्यक्ति।

3. गर्भवती महिलाऐं।

4. मोटे व्यक्ति

5. नसों से संबंधित किसी विकार से ग्रस्त व्यक्ति।

6. थायराइड या अन्य प्रकार के रोगों से पीड़ित व्यक्ति।

नस पर नस चढ़ने के उपाय – Remedies for Vein Occlusion

दोस्तो, अब आपको बताते हैं कुछ निम्नलिखित देसी उपाय जो नस पर नस चढ़ने की समस्या से राहत दिलायेंगे –

1. कान के पॉइंट दबाये (Press Ear Points)- यदि बांये पैर की नस चढ़ गयी है तो दांये हाथ की उंगली से बांये कान के निचले भाग यानी जोड़ को दबायें। इसी प्रकार, यदि दांये पैर की नस चढ़ गयी है तो बांये हाथ की उंगली से दांये कान के निचले भाग को दबायें। 

2. अंगुली के नाखून के नीचे दबाये (Press Under Fingernail)- दबाने की एक और प्रक्रिया है। जिस पैर की नस चढ़ी है उसी तरफ के हाथ की मध्यमा यानी बीच की अंगुली के नाखून के नीचे त्वचा के बीच वाले हिस्से को तेजी से दबायें और छोड़ें। यह प्रक्रिया जारी रखें। केवल दो मिनट के अंदर आपको नस की इस समस्या से राहत मिल जायेगी।  

3. बर्फ की सिकाई (Ice Training)- नस पर नस चढ़ने की समस्या होने पर किसी कपड़े में बर्फ़ के टुकड़े भर कर उस जगह पर बर्फ़ की सिंकाई करें। आपको ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट में आराम लग जायेगा।  

4. तेल की मालिश(Oil Massage)- नस चढ़ने की समस्या में प्रभावित जगह पर, सरसों के तेल, नारियल के तेल या किसी भी प्रकार के तेल को हल्का गुनगुना करके, मालिश करें। थोड़ी देर में आराम लग जायेगा।  सर्दियों में रात को हाथ, पैर, गर्दन की मालिश करने से मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी।

5. नमक (Salt)- नस पर नस चढ़ जाने पर, थोड़ा सा नमक लेकर धीरे-धीरे चूसें। इससे भी आराम लग जायेगा। हाई ब्लड प्रैशर के मरीज इस विधि को ना अपनायें। यदि अपनाते भी हैं तो सारे दिन नमकीन खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें ताकि शरीर में नमक के स्तर में बैलेंस बना रहे।

6. लाल मिर्च (Red chilly)- लाल मिर्च को नस चढ़ने की समस्या में रामबाण उपाय माना जाता है। हमने ऊपर बताया था कि सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि की कमी हो जाने से नस चढ़ने की समस्या होती है। एक चम्मच लाल मिर्च में पोटेशियम 36.3 मि.ग्रा., कैल्शियम 2.66 ग्रा., मैग्नीशियम 2.74 मिग्रा., सोडियम 0.54 मि.ग्रा. पाया जाता है। लाल मिर्च में कैप्साइसिन (Capsaicin) नामक विशेष तत्व होता है जो सभी प्रकार के दर्द को कम करने में मदद करता है। मांसपेशि‍यों में सूजन को भी कम करता है। नस चढ़ने की स्थिति में थोड़ी सी लाल मिर्च की चटनी बनाकर रोटी/ सब्जी, ब्रैड के साथ सेवन करें। 

7. केला (Banana)- केले में पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके अतिरिक्त सोडियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। नस चढ़ने की स्थिति में केला खायें। कुछ देर बाद आराम लग जायेगा। 

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8. पुदीना (Mint)- पुदीने के तेल की मालिश करने से इस समस्या में आराम मिलता है।

9. हल्दी वाला दूध (Turmeric milk)- एक गिलास गुनगुने दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पीयें। इस समस्या में आराम मिलेगा। 

10.  पोटेशियम की कमी पूरी करें (Make up for Potassium Deficiency)- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि शरीर में सोडियम और पोटेशियम की कमी होने से नस चढ़ने की समस्या होती है। इनकी कमी को पूरी करने के लिये स्पोर्ट्स ड्रिंक पीयें। इसके अतिरिक्त शकरकंद, संतरे का जूस, चुकंदर, आलू, खजूर, दही, टमाटर आदि का नियमित सेवन करने से नस पर नस चढ़ने की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा। 

11. पोषक तत्व युक्त भोजन करें (Eat Nutritious Food)- अपने भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें विटामिन, मैग्नीशियम, पोटेशियम कैल्शियम आदि की प्रचुर मात्रा हो। कैफीन युक्त पदार्थों जैसे चाय, कॉफी और चॉकलेट आदि का सेवन बहुत कम करें। एक बात का ध्यान रखें कि भोजन के फौरन बाद व्यायाम ना करें।

12. प्राणायाम और व्यायाम (Pranayama and Exercise)- नियमित रूप से रोजाना प्राणायाम और व्यायाम करें। इससे आपकी श्वास प्रणाली ठीक रहेगी और मांसपेशि‍यां स्वस्थ रहेंगी। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम और भ्रामरी इस नस चढ़ने की समस्या में कारगर उपाय हैं। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको नस पर नस चढ़ने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नस पर नस चढ़ना क्या होता है, नस पर नस चढ़ने के क्या कारण होते हैं और इसके क्या लक्षण होते हैं, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से यह बताया कि नस पर नस चढ़ने की संभावना किन व्यक्तियों को अधिक होती है और नस पर नस चढ़ने से छुटकारा पाने के बहुत सारे उपाय भी विस्तारपूर्वक बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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आज के लेख में हमने आपको नस पर नस चढ़ने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नस पर नस चढ़ना क्या होता है, नस पर नस चढ़ने के क्या कारण होते हैं और इसके क्या लक्षण होते हैं।
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