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पैसिव स्मोकिंग क्या है? – What is Passive Smoking in Hindi

पैसिव स्मोकिंग क्या है?

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, युद्ध में वो भी घायल होते हैं जिन्हें गोली नहीं लगती अर्थात् किसी के द्वारा की गईं कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं जो दूसरों को प्रभावित करती हैं। यह बात उन लोगों पर भी लागू होती है जो स्मोकिंग नहीं करते परन्तु तम्बाकू का धूआं उनके शरीर पर बहुत बुरा असर डालता है। हम बात कर रहे हैं “पैसिव स्मोकिंग” की। पैसिव स्मोकिंग में स्मोकिंग ना करने वाला व्यक्ति का स्वास्थ बुरी तरह प्रभावित होता है। पैसिव स्मोकिंग का धूआं बच्चों और महिलाओं विशेषकर गर्भवती महिलाओं को और अधिक नुकसान पहुंचाता है। आखिर यह पैसिव स्मोकिंग है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पैसिव स्मोकिंग क्या है?”

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पैसिव स्मोकिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इससे बचाव के क्या उपाय हैं?। पैसिव स्मोकिंग को जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि स्मोकिंग क्या है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि स्मोकिंग क्या है और पैसिव स्मोकिंग क्या है। फिर बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे। 

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पैसिव स्मोकिंग क्या है?
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स्मोकिंग क्या है? – What is Smoking?

सबसे पहले हम स्पष्ट कर दें कि तम्बाकू कोई तरल पदार्थ नहीं जिसे पीया जाये, परन्तु आदिकाल से ही इसके लिये “पीने” शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। यद्यपि इसे कई रूप में खाया भी जाता है जैसे पान में रखकर या गुटखा, खैनी के रूप में। जहां तक इसे पीने की बात है तो यह समझिये कि जब तंबाकू को जलाकर सांस के द्वारा मुंह में अंदर की तरफ खींचा जाता है धूआं मुंह में जाता है और फिर इस धूएं को मुंह से बाहर निकाल दिया जाता है। यह धूआं अंदर फेफड़ों में भी जाता है। इस गतिविधि को लगातार करने, यानि इसे अंदर खींचना और बाहर निकालना, को ही धूम्रपान यानि स्मोकिंग कहा जाता है। इसके लिये केवल सिगरेट, बीड़ी का ही नहीं बल्कि हुक्का, चिलम, सुल्फी, सिगार, चुरट का भी उपयोग किया जाता है। धूम्रपान पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय” पढ़ें।  

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पैसिव स्मोकिंग क्या है? – What is Passive Smoking?

पैसिव स्मोकिंग वह स्थिति है जिसमें स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति द्वारा छोड़े गये धूएं के सम्पर्क में यदि स्मोकिंग ना करने वाले व्यक्ति आता है तो यह तम्बाकू का धूआं सांस के जरिये उसके शरीर में चला जाता है। इसे सेकंड-हैंड स्मोकिंग भी कहते हैं। यह धूआं स्मोकिंग करने वाले की तुलना में स्मोकिंग ना करने वाले व्यक्ति को अधिक नुकसान पहुंचाता है। क्योंकि यह धूआं, स्मोकिंग करने वाले के आसपास के क्षेत्र में हवा में फैल चुका होता है और सर्दी के मौसम में यह हवा में जम जाता है। विश्व स्वास्थ संगठन (World Health Organisation) के आंकड़ों के अनुसार विश्व में जितने भी स्‍मोकर हैं, उनके 12 प्रतिशत स्‍मोकर्स भारत में रहते हैं। 

भारत में 30 प्रतिशत से अधिक लोग अपने कार्यस्थल या रेस्‍टोरेन्‍ट या पब्लिक ट्रांसपोर्ट या पब्लिक प्लेस में पैसिव स्‍मोकिंग की चपेट में आते हैं। पैसिव स्‍मोकिंग से प्रभावित होने वालों में सबसे अधिक संख्या बच्चों की है। विशेषरूप से वे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं जिनके माता-पिता स्‍मोकिंग करते हैं। यह चिंतनीय स्थिति है। तम्बाकू में चार हजार से ज्यादा खतरनाक रसायन होते हैं जिनमें 250 से ज्यादा रसायन जानलेवा होते हैं और इनमें 69 रसायन अनेक प्रकार के कैंसर का कारण बनते हैं। यह सभी जानते हैं कि स्‍मोकिंग नुकसानदायक है मगर मानते नहीं। 

ये भी पढ़ें- धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय

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पैसिव स्मोकिंग के प्रकार – Types of Passive Smoking 

पैसिव स्मोकिंग के धूएं को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जाता है –

1. मेनस्ट्रीम स्मोक (Mainstream Smoke)- स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति द्वारा छोड़े गये धुएं को मेनस्ट्रीम स्मोक कहा जाता है।  

2. साइडस्ट्रीम स्मोक (Sidestream Smoke)- स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति की सिगरेट, बीड़ी, सिगार के कोने से उठने वाले, हुक्के की चिलम से निकलने वाले और इनके आखरी छोर से निकलने वाले धुएं को साइडस्ट्रीम स्मोक कहते हैं। चूंकि साइडस्‍ट्रीम धुआं कम तापमान पर बनता है इसलिए यह अधिक खतरनाक कंपाउंड छोड़ता है। यह बेहद खतरनाक होता है। इसमें कार्सिनोजेन्स और टॉक्सिन्स अधिक मात्रा में होते हैं। यह धुआं शरीर में लंबे समय तक बना रहता है। 

बच्चों में पैसिव स्मोकिंग के खतरे – Dangers of Passive Smoking in Children

अब बताते हैं आपको कि बच्चों में पैसिव स्मोकिंग के क्या-क्या खतरे हो सकते हैं। इनका विवरण निम्न प्रकार है –

1. हमने ऊपर भी बताया है कि पैसिव स्मोकिंग से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं विशेषकर वे बच्चे जिनके माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य स्मोकिंग करते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि बच्चे बहुत नाजुक होते हैं, उनके फेफड़े भी कमजोर होते हैं। इसीलिये उनमें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया आदि होने का खतरा अधिक होता है। 

2.  एक तथ्य यह भी है कि जो बच्चा शुरु के 18 महीने एक्टिव स्मोकिंग वाले घर में बिताता है उसे  खांसी, घरघराहट, सांस फूलने आदि की शिकायत बनी रहती है। इसके अतिरिक्त उनमें अस्थमा के दौरे, ग्लू ईयर, लो इम्युनिटी तथा एक्यूट रेस्पिरेटरी डिसऑडर सिंड्रोम का खतरा हो सकता है। 

महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और भ्रूण में पैसिव स्मोकिंग के खतरे – The Dangers of Passive Smoking in Women, Pregnant Women and Fetus

महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु को पैसिव स्मोकिंग कैसे प्रभावित कर सकता है, इसका विवरण निम्न प्रकार है – 

1. जिन महिलाओं के पति या परिवार के अन्य सदस्य, दोस्त या सहकर्मी स्‍मोकिंग करते हैं, उन महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।

2. पैसिव स्मोकिंग के कारण महिलाओं में समय से पहले रजोनिवृत्ति होने संभावना बढ़ जाती है। 

3. पैसिव स्मोकिंग के कारण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और वल्वर कैंसर होने का खतरा रहता है। 

4. गर्भवती महिला यदि पैसिव स्मोकिंग का शिकार होती है तो न्यूरल ट्यूब दोष का खतरा बढ़ सकता है।

5. पैसिव स्मोकिंग के जरिये कई खतरनाक रसायन भ्रूण और गर्भनाल को नुकसान पहुंचाते हैं। 

6. कुछ अन्य खतरनाक रसायन गर्भ तक ले जाने वाली नलियों को संकुचित कर देते हैं, इससे भ्रूण तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाते। इससे बच्चे के छोटे आकार और कम वजन का या समय से पहले पैदा होने की संभावना रहती है। 

7. ऐसे बच्चों में जन्म के पश्चात भी कई बीमारियां होने की संभावना रहती है। 

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पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से खतरे – Men and Women Equally at Risk 

पुरुषों और महिलाओं में पैसिव स्‍मोकिंग समान रूप से होने वाले खतरे निम्न प्रकार हैं – 

1. पैसिव स्‍मोकिंग के कारण पुरुषों में शुक्राणुओं के डीएनए को हानि होती है, जिससे इनफर्टिलिटी यानि पुरुष बांझपन की समस्या होती है तथा संभावित शिशु बनने वाले भ्रूण में एपीजेनेटिक (epigenetic) परिवर्तन भी होते हैं। 

2. पैसिव स्‍मोकिंग के कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का जोखिम बना रहता है।

3. पैसिव स्मोकिंग के कारण ब्लड अधिक चिपचिपा बनता है जो रक्त थक्के और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है।

4. सिर्फ़ 30 मिनट के लिए पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में रहने से वेसल्स में ब्लड फ्लो अनियमित ब्लड हो जाता है जो लंबे समय तक एक्सपोजर एथेरोस्क्लेरोसिस की ओर ले जा सकता है।

5. पैसिव स्मोकिंग से ब्लड वेसल में प्लाक बनता है जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। 

6. पैसिव स्मोकिंग से रक्त में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन का स्तर कम होता है।

7. लंबे समय तक पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में आने से फेफड़े का कैंसर, साइनस कैंसर, ब्लैडर कैंसर, अग्नाशय (pancreatic) का कैंसर, के खतरे की संभावना बढ़ जाती है। 

पैसिव स्मोकिंग से बचाव के उपाय – How to Avoid Passive Smoking

दोस्तो, अब बताते हैं आपको पैसिव स्मोकिंग से बचने के उपाय जो निम्नलिखित हैं –

1. सबसे पहले आप यह समझिये कि पैसिव स्मोकिंग से आपको भी बचना है तथा औरों को भी बचाना है। इसके लिये यदि आप स्मोकिंग करते हैं तो आपको तुरंत स्मोकिंग बंद करनी होगी तभी आप अपने परिवार को तथा अन्य लोगों को अपनी स्मोकिंग के धूंऐ से बचा सकते हैं। 

2. यदि आप स्मोकिंग नहीं करते तो यह बहुत अच्छी बात है। परन्तु आपके परिवार में कोई अन्य सदस्य स्मोकिंग करता है तो स्मोकिंग छोड़ने के लिये प्रेरित कीजिये। इससे आपका घर धूम्रपान मुक्त बन जाएगा।

3. अपनी कार को भी धूम्रपान मुक्त बनाएं। ना खुद स्मोकिंग करें और ना किसी सदस्य को करने दें। करना ही है तो गाड़ी साइड पर लगाकर कार से उतर कर स्मोकिंग कर लें। 

4. यदि कोई मित्र या रिश्तेदार घर आता है और वह स्मोकिंग करना चाहता है तो उसे घर से बाहर दूर जाकर स्मोकिंग करने का आग्रह करें। 

5. अपने बच्चों को समझाएं कि ऐसे स्थान से तुरंत हट जाएं जहां को स्मोकिंग कर रहा हो। 

6. लोगों की आदत होती है कि वे सड़क पर चलते-चलते स्मोकिंग करते हैं, ऐसे लोगों का आप कुछ नहीं कर सकते, इसका विकल्प केवल मास्क है। अपने मुंह पर मास्क लगाएं, इससे काफी हद तक धूंऐ से बचाव होगा।

7. स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करें, इसके लिये सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पैसिव स्मोकिंग के बारे में जानकारी दी। स्मोकिंग क्या है?, पैसिव स्मोकिंग क्या है?, पैसिव स्मोकिंग के प्रकार, बच्चों में पैसिव स्मोकिंग के खतरे, महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और भ्रूण में पैसिव स्मोकिंग के खतरे और पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से खतरे, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से पैसिव स्मोकिंग से बचाव के उपाय भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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आज के आर्टिकल में हमने आपको पैसिव स्मोकिंग के बारे में जानकारी दी। स्मोकिंग क्या है?, पैसिव स्मोकिंग क्या है?, पैसिव स्मोकिंग के प्रकार, बच्चों में पैसिव स्मोकिंग के खतरे, महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और भ्रूण में पैसिव स्मोकिंग के खतरे और पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से खतरे, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है।
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