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प्रोटीन के फायदे – Benefits of Protein in Hindi

प्रोटीन के फायदे

दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, हम सभी जानते हैं कि भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है तभी हम जिन्दा रह पाते हैं। भोजन में अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर की क्रियाकलापों में सक्रिया भूमिका निभाते हैं। हमारा आज का टॉपिक भी एक ऐसा ही तत्व है जिसके बिना स्वस्थ शरीर और उसके कार्य प्रणाली की कल्पना भी नहीं कर सकते। जी हां, इस तत्व को प्रोटीन कहते हैं। यही है हमारा आज का टॉपिक प्रोटीन के फायदे । आज के लेख में देसी हैल्थ क्लब इस विषय पर पूरी जानकारी देगा। तो जानते हैं कि ये प्रोटीन क्या होता है?

प्रोटीन क्या है? – What is Protein

दोस्तो, हमारे भोजन में तीन प्रकार के स्थूल पोषक तत्व (Macronutrients) होते हैं जिनकी शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। ये हैं कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates), वसा (Fats) और प्रोटीन (Proteins)।  प्रोटीन, अमीनो एसिड से बना हुआ  पदार्थ है जो कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं (Molecules) से बने कार्बनिक यौगिक हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक अमीनो एसिड प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं और मांसपेशियों के निर्माण खंड। अब ये अमीनो एसिड क्या होता है? जानते हैं इस बारे में। 

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प्रोटीन के फायदे
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अमीनो एसिड क्या है ? – What is Amino Acid

हमारा शरीर प्रोटीन का उपयोग, ऊतक (Tissue), बनाने के लिये, हार्मोन्स्, एंजाइम और कुछ द्रव्य बनाने के लिये करता है जो जीवन के लिये बहुत जरूरी होते हैं। दोस्तो, ये तो हम जान ही चुके हैं कि प्रोटीन छोटे-छोटे अणुओं (Molecules) से मिलकर बनता है। ये अणु (Molecules) ही अमीनो एसिड कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं – आवश्यक अमीनो एसिड जिनको भोजन के माध्यम से लेना होता है और दूसरा अनावश्यक अमीनो एसिड जो लिवर में बन जाते हैं और भोजन में भी होते हैं। हमारे शरीर को 20 एमिनो एसिड की अवश्यकता होती है जिनमें से 11 हमारा शरीर स्वयं बनाता है तो 9 हमको भोजन से लेने होते हैं। इन 9 को इनिशियल एमिनो एसिड कहते हैं। 

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प्रोटीन के प्रकार – Type of Protein

प्रोटीन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं 

1. पूर्ण प्रोटीन (Complete Protein)-  इसमें प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों में पाये जानू वाले सभी जरूरी अमीनो एसिड होते हैं।  

2. अधूरे प्रोटीन (Incomplete Protein)- ऐसे प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जिनमें एक या एक से अधिक आवश्यक अमीनो एसिड की कमी पायी जाती है। इनमें सभी अमीनो एसिड नहीं होते।

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3. पूरक प्रोटीन (Complementary Protein)-  इसे अधूरे प्रोटीन वाले दो या ज्यादा खाद्य पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है। जैसे कि चावल के साथ राजमा, दही या बीन्स।

प्रोटीन के स्रोत – Sources of Protein

1. शाकाहारी स्रोत (Vegetarian Source)- मूंग, मसूर, उड़द, चना, मटर, सोयाबीन, राजमा, लोभिया, चिया सीड्स, कच्ची सब्जियां, आलू, बीन्स, गेहूँ, मक्का, चावल, ओट्स, कुट्टू का आटा, पीनट बटर सैन्डविच, दूध, दही, छाछ, पनीर, मूंगफली, अखरोट, काजू, बादाम, केला, रस-बेरी, ब्लैक-बेरी, संतरा, खरबूज, प्रोटीन-पाउडर आदि।

2. मांसाहारी स्रोत (Non-vegetarian Sources)- मांस, चिकन, मछली, सी-फूड, अंडा। 

प्रोटीन की उपयोगिता  – Protein Utility

प्रोटीन हमारे शरीर के लिये क्यों आवश्यक है, इसकी उपयोगिता क्या है? अर्थात् प्रोटीन क्या काम करते हैं। डालते हैं एक नजर इस पर –

1. शरीर की विभिन्न क्रिया कलापों को सुचारु रूप से करने के लिये अनेक हार्मोन्स् और एंजाइम्स की आवश्यकता होती है। इनके निर्माण में प्रोटीन की सक्रिय भूमिका होती है।

2. विभिन्न नाइट्रोजनयुक्त यौगिकों के निर्माण में भी प्रोटीन सहायता करता है। ये भी शरीर के लिये आवश्यक होते हैं।

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3. त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 

4. प्रोटीन हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन का भण्डार करके शरीर में संचारित करते हैं। 

5. प्रोटीन हमारे शरीर एंटी-बॉडी के रूप में विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और बैक्टीरिया से लड़कर रक्षा करते हैं। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को उत्पन्न करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाये रखते हैं। 

6. चोट, कटने, फटने, जलने आदि से शरीर के तन्तुओं (Fibers) और कोशिकाओं की हानि होती रहती है। प्रोटीन इनकी मरम्मत कर नई कोशिकाओं का निर्माण भी करते हैं। 

7. प्रोटीन बहते रक्त को रोक कर घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। रक्त में पाये जाने वाले फाइब्रिन नामक प्रोटीन रक्त का थक्का बनाते हैं जिससे रक्त बहने से रुकता है। 

8. प्रोटीन रक्त संगठन में संतुलन बनाये रख कर रक्त के प्रवाह को सुचारु बनाने का कार्य करते हैं। 

9. बच्चों, किशोरों गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशु के वृद्धि और विकास के लिये प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 

10. जब हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स और फैट से ऊर्जा प्राप्त नहीं होती तब एकमात्र विकल्प प्रोटीन ही रह जाते हैं। प्रोटीन के माध्यम से ही ऊर्जा मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन से 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। 

प्रोटीन की कमी के लक्षण – Symptoms of Protein Deficiency

दोस्तो, जब हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगती है तो निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं –

1. जल्दी-जल्दी भूख लगना।

2. शारीरिक व मानसिक कमजोरी।

3. थकावट रहना।

4. मानसिक तनाव, चिंता, चिड़चिड़ापन, अवसाद।

5. भ्रमित रहना।

6. नाखूनों की समस्या, कमजोर हो जाना।

7. अनिद्रा या नींद पूरी ना होना।

8. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द रहना।

9. बालों का रूखा होना, झड़ना।

10. त्वचा को क्षति होना, त्वचा पर दाग-धब्बे आना।

11. अचानक से वजन बढ़ना या कम हो जाना।

12. रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर हो जाने से जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना, ठीक होने में ज्यादा समय लगना।

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13. घाव का देर से भरना।

14. मासिक धर्म का अनियमित हो जाना।

15. बच्चों में कुपोषण जैसी बीमारी का पनपना।

प्रोटीन की मात्रा – Protein Content

1. दोस्तो, एक ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी होती हैं। 2000 कैलोरी प्रतिदिन की जरूरत के हिसाब से 10-14% प्रोटीन मिलना चाहिये। अर्थात् हमें भोजन से प्रतिदिन 50-71 ग्राम प्रोटीन प्राप्त करना चाहिये।

2. यदि वजन की बात की जाये तो, विशेषज्ञों के अनुसार   0।8 ग्राम, प्रति किलोग्राम आपके वजन के हिसाब से  प्रोटीन मिलना चाहिये।

3. आयु वर्ग के अनुसार विवरण निम्न प्रकार है :-

   (ग्राम लगभग)

(i)  शिशु  जन्म से 6 महीने    – 10 ग्रा। 

(ii) बच्चा  9 से 13 वर्ष        –  19 से 34 ग्रा।

(iii) पुरुष  14 से 18 वर्ष     –  50 ग्रा।

(iv) महिला 14 से 18 वर्ष   –  46 ग्रा।

(v)  पुरुष  19 से 50 वर्ष     –  52 ग्रा।

(vi) महिला 19 से 50 वर्ष    – 46 ग्रा।

(vii) गर्भवती महिला तथा     – 71 ग्रा।

शिशु को स्तनपान कराने वाली

महिला।

प्रोटीन के फायदे – Benefits of Protein

1. वजन कम करने में सहायक(Weight Loss) – प्रोटीन युक्त भोजन वजन कम करने में भी मदद करता है। प्रोटीन युक्त भोजन को पचाने में अधिक समय लगता है जिससे हमारा पेट भरा-भरा सा रहता है, भूख कम लगती है, बार-बार खाना नहीं पड़ता। इस तरह प्रोटीन से वजन कम करने में मदद मिलती है। प्रोटीन से कैलोरी भी ज्यादा मात्रा में बर्न होती है।

2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करे (Defence System)- प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा एंटी-बॉडीज़ के निर्माण करते हैं जो शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से बचाकर रोगों से रक्षा करते हैं। ये एंटी-बॉडीज़ एक प्रकार से प्रोटीन ही होते हैं  जो  की बाहरी कीटाणुओं से लड़कर रोग प्रतिरोधक रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। 

3. मांसपेशियों के लिए लाभकारी (Muscles)- प्रोटीन मांसपेशियों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। ये मांसपेशियों का निर्माण खंड कहलाते हैं। कभी इनमें चोट लग जाती है या एक्सरसाइज के कारण इनमें खिंचाव आ जाता हो तब इनके Tissues टूट जाते हैं। प्रोटीन इनकी मरम्मत कर इनको मजबूती प्रदान करते हैं। 

4. मजबूत हड्डियां (Strong Bones)- हमारे शरीर में एंडोजेनस कोलेजन (collegen) नामक कोलेजन अघुलनशील प्रोटीन होता है। शरीर में मौजूद कुल प्रोटीन का यह एक तिहाई भाग होता है। ये 16 प्रकार के होते हैं लेकिन मुख्य रूप से तीन प्रकार के कोलेजन टाइप 1, 2, 3 की मात्रा 80 से 90% तक हमारे शरीर में होती है।  अंडा, मछली, हरी सब्जियां, लाल सब्जियां, खट्टे फल आदि से मिलने वाले प्रोटीन इस कोलेजन प्रोटीन के स्तर को बढ़ाने वाले श्रोत होते हैं। इसका मुख्य कार्य हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा को लंबे और पतले रेशों  फाइब्रिल (Fubril) से आपस में जोड़ने का होता है। यह प्रोटीन हड्डियों को मजबूती देकर जोड़ों को भी मजबूत बनाता है। इसके स्तर की बढोतरी के लिये बाहरी श्रोतों से प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 

5. ऊर्जा प्रदान करे (Provide Energy)- हमें अपने भोजन में प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को सम्मलित करना चाहिये ताकि हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलते रहें। जब भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स और फैट की कमी से शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती तब प्रोटीन ही ऊर्जा प्रदान करते हैं। एक ग्राम प्रोटीन से 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। अतः प्रोटीन युक्त भोजन से हमारे अंदर ऊर्जा बनी रहेगी और शरीर अपने क्रिया कलाप सुचारु रूप से करता रहेगा। 

6. शरीर की कार्यप्रणाली के लिये फायदेमंद (Body Functioning)- प्रोटीन अनेक प्रकार के हार्मोन्स् , एंजाइम्स, नाइट्रोजनयुक्त यौगिकों का निर्माण करते हैं। हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन का भी भण्डार करते हैं।  इन सबके कारण हमारे शरीर की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से कार्य कर पाती है। प्रोटीन शरीर की गंदगी को भी बाहर निकालते हैं। 

7. हृदय स्वास्थ के लिये (Cardiovascular Health)- कई अध्ययनों से पता चलता है कि उचित मात्रा में लिये गये प्रोटीन उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद करते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करते हैं। साथ ही मोटापे को भी कन्ट्रोल करते हैं। इस प्रकार परोक्ष रूप से प्रोटीन हृदय के स्वास्थ की रक्षा करते हैं। बादाम और अखरोट से मिलने वाले प्रोटीन हृदय से सम्बंधित समस्याओं को रोकने में कारगर होते हैं।

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8. मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिये (Brain Health)- प्रोटीन मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के निर्माण कार्य  में मदद करते हैं जो अपने कार्यों को सही ढंग से करते हैं। ये सीखने और वस्तुओं को याद रखने की क्रिया को बढ़ावा देते हैं। न्यूरॉन्स के लिये बीन्स को प्रोटीन का एक उत्तम स्रोत माना जाता है और इसमें पाये जाने वाले फाइबर भी मस्तिष्क के स्वास्थ्य लिये अच्छा होता है। 

9. शुगर लेवल को कंट्रोल करें (Sugar Level)-  इंसुलिन नामक हार्मोन ग्लूकोज़ यानि शुगर को ऊर्जा में बदलने का काम करता है और शरीर की कोशिकाओं में भेजता है ताकि उन्हें ऊर्जा मिले। इस प्रकार इंसुलिन ब्लड शुगर के स्तर को बनाये रखता है। प्रोटीन को इंसुलिन की बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है अर्थात् प्रोटीन युक्त भोजन बहुत कम इंसुलिन का उपयोग करता है। अतः प्रोटीन युक्त भोजन डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा है।

10. त्वचा के स्वास्थ के लिये (Skin Health)- प्रोटीन त्वचा के स्वास्थ को बनाये रखने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। चोट लगने, कटने, फटने और जलने पर Tissues की मरम्मत करते हैं।  रक्त में पाये जाने वाले फाइब्रिन नामक प्रोटीन रक्त का थक्का बनाकर रक्त बहने से रोकता है जिससे घाव को जल्दी भरने में  मदद मिलती है।

11. बालों के स्वास्थ के लिये (Hair Health)- प्रोटीन बालों की जड़ों का आधार होते हैं। भोजन से उचित मात्रा में मिलने वाले प्रोटीन बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं जिनसे इनका विकास होता है। ये घने और लंबे हो जाते हैं। स्कैल्प में उचित नमी बनी रहती है जिससे डैन्ड्रफ, बालों का टूट कर गिरने जैसी समस्या की संभावना नहीं रहती।

प्रोटीन के नुकसान – Side Effects of  Protein

दोस्तो, प्रोटीन के इतने फायदे मिलने के बाद, इससे होने वाले नुकसान की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती। फिर भी, कहते हैं ना कि अति हर चीज की बुरी होती है। इसलिये यदि प्रोटीन युक्त भोजन जरूरत से बहुत ज्यादा मात्रा में लेंगे तो हो सकते हैं ये नुकसान – 

1. वजन बढ़ना (Weight Gain)- एमिनो एसिड्स जिनसे प्रोटीन बनता है, वो फैटी एसिड (fatty acid) में बदलने लगते हैं। शरीर के अंदर फैट जमा होता रहेगा और वजन कम होने की अपेक्षा बढ़ना शुरू हो जायेगा। 

2. हृदय को खतरा(Heart Danger) –  फैट बढ़ने से मोटापा तो बढ़ेगा ही साथ में उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर के स्तर में भी बढोत्तरी होगी। इन सबके असर से हृदय के स्वास्थ को खतरा होना लाजिमी है।

3. हड्डियों की बीमारी (Bones)- प्रोटीन की उचित मात्रा हड्डियों के स्वास्थ के लिये अच्छी होती है तो जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर हड्डियों की समस्या हो सकती है। ऑस्टियो सोरायसिस नामक अस्थि रोग भी हो सकता है।

4. किडनी और यूरिक एसिड वाले मरीजों को प्रोटीन से बचना चाहिये क्योंकि किडनी प्रटीन को सही से छान नहीं कर पाती। इससे पथरी होने की संभावना रहती है। 

Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको प्रोटीन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। प्रोटीन क्या होता है कितने प्रकार का होता है, इसके श्रोत क्या हैं, इसकी उपयोगिता क्या है, इसकी कमी हो जाये तो क्या लक्षण नजर आते हैं  इसके बारे में विस्तार से बताया। इस लेख के माध्यम से प्रोटीन के फायदे और नुकसान भी बताएं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

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