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प्रोटीन पाउडर के फायदे – Benefits of Protein Powder in Hindi

प्रोटीन पाउडर के फायदे

दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर।  दोस्तो, आपने Gym में या Park में लोगों को कई-कई घंटे Exercise करते हुऐ देखा होगा, इसी प्रकार खिलाड़ियों को खेल की  Practice करते देखा होगा और एथेलीट्स को दौड़ लगाते हुऐ देखा होगा।  क्या ये थकते नहीं हैं, कहां से आती है इनमें इतनी शक्ति, ऐसा क्या खाते हैं ये लोग, कहां से मिलती है इनको इतनी ऊर्जा।  और कैसे बनता है इनका कठोर शरीर, मजबूत मांसपेशियां बाइसेप्स आदि?।   इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर है हमारा आज का टॉपिक है यानी प्रोटीन पाउडर।  दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से प्रोटीन पाउडर के फायदे के विषय में विस्तृत जानकारी देगा।  तो, सबसे पहले जानते हैं कि प्रोटीन पाउडर क्या होता है?। 

प्रोटीन पाउडर क्या है ? – What is Protein Powder

विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ, जिनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा हो, को मिलाकर जो पाउडर बनाया जाता है उसे प्रोटीन पाउडर कहते हैं।  बाद में इसमें शुगर, विटामिन्स् और खनिज तत्व मिला दिये जाते हैं।  यह प्रोटीन पाउडर बॉडी के लिये प्रोटीन सप्लीमेंट होता है, और ये सप्लीमेंट दो प्रकार के होते हैं। 

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प्रोटीन पाउडर के फायदे
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प्रोटीन पाउडर के प्रकार – Type of Protein Powder

प्रोटीन पाउडर अनेक प्रकार के होते हैं इनमें से कुछ का विवरण निम्नलिखित है –

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1. व्हे प्रोटीन (Whey protein)- जैसा कि नाम से जाहिर है व्हे यानी छाछ प्रोटीन।  इसमें दूध के प्रोटीन का केवल 20% प्रोटीन होता है लेकिन इसे उच्च गुणवत्ता वाला पूर्ण प्रोटीन माना जाता है।  इसे बनाने के लिये गाय के दूध में एंजाइम मिलाये जाते हैं।  दूध से दही और दही से मशीनों द्वारा तरल पदार्थ छाछ को अलग कर दिया जाता है।  इस छाछ को पाश्चुरीकृत करके बैक्टीरिया रहित बनाया जाता है।  फिर माइक्रो फिल्ट्रेशन एक्सचेंज प्रोसेस से लैक्टोज और फैट निकालकर इसे सुखाकर पाउडर बना दिया जाता है।  यह पचने में आसान होता है। 

2. केसीन प्रोटीन (Casein protein) – यह फास्फो प्रोटीन है जो गाय के दूध में अस्सी 80% पाया जाता है।  यह देर से पचने वाला प्रोटीन है इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड पाये जाते हैं।  यह प्रोटीन अमीनो एसिड को धीरे -धीरे छोड़ता है।  इसे बनाने के लिये गायों का दूध Manufacturing and Processing Centre भेज दिया जाता है।   इसका पनीर बनाया जाता है।  पनीर में जो ठोस पदार्थ होता है वही केसीन कहलाता है।  ठोस पदार्थ को पास्च्युरीकृत (Pasteurised) करके पाउडर बना लिया जाता है।  केसीन प्रोटीन के दो रूप होते हैं जिनका विवरण निम्न प्रकार। 

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केसीन प्रोटीन के प्रकार – Type of Casein Protein

केसीन के दो प्रकार हैं – अल्फा केसीन और बीटा केसीन। 

(a). अल्फा केसीन – यह दो रूपों में पाया जाता है 

     (i)  अल्फा एस-1 (Alpha -S1)- यह गाय के दूध का सबसे प्रचुर प्रोटीन है जो अत्यधिक फॉस्फोराइलेटेड है।  इसमें एक प्रमुख रूप में 8 बाध्य फॉस्फेट; और मामूली रूप में 9 बाध्य फॉस्फेट्स होते हैं।  

     (ii) अल्फा एस-2 (Alpha-S2)- बहुत अधिक फास्फो रिलेटेड होता है।  गाय जाति के दूध में चार आइसोफॉर्म होते हैं जो 10 और 13 फॉस्फेट के बीच होते हैं।  

(b).  बीटा केसीन (Beta Casein)- बीटा केसीन के 12 रूप होते हैं जिनमें केवल दो ही प्रमुख A1 और A2। 

बीटा केसीन A1 और A2 का अंतर – दोनों एक जैसे ही होते हैं।  अंतर केवल अमीनो एसिड अनुक्रम (Serial No। ) में है।  67 वें स्थान पर A2 में अमीनो एसिड प्रोलाइन (Proline) है तो A1 में विषाक्त हिस्टिडिक्ट (histidict) है।  यह A1 की कमजोर कड़ी है और पाचन के समय टूट जाती है।  यह विषाक्त प्रोटीन ‘बीटा केसो मार्फीन 7’ बनाती है

3.  सोया प्रोटीन (Soy Protein)- यह उच्च गुणवत्ता वाला पौधे पर आधारित प्रोटीन है।  यह विशेषकर उनके लिये है जिन लोगों को डेयरी उत्पाद अच्छे नहीं लगते।  इसमें अमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में होता है।  इसे सोयाबीन की दाल को सुखाकर, आटा बनाया जाता है फिर इसमें से प्रोटीन अलग कर प्रोटीन पाउडर बनाया जाता है।  

4.  ब्राउन राइस प्रोटीन पाउडर (Brown Rice Protein Powder)- यह प्रोटीन पाउडर उन शाकाहारी व्यक्तियों के लिये है जो डेयरी उत्पाद को पसंद  नहीं करते।  ब्राउन चावल से बना यह प्रोटीन पाउडर कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी और फाइबर का उत्तम स्रोत है और मांसपेशियों के निर्माण में सहायक होता है।  इसमें लाइसिन अमीनो एसिड बहुत कम मात्रा होने के में पाया कारण इसे पूर्ण प्रोटीन पाउडर नहीं माना जा सकता।  

5.  मटर प्रोटीन पाउडर (Pea Protein) –  यह प्रोटीन पाउडर ऐसे व्यक्तियों के लिये है अच्छा विकल्प है जिनको लैक्टोज इनटाॅलरेंट की समस्या है अर्थात् जिनको, दूध, डेयरी उत्पाद और सोयाबीन से एलर्जी है।  इसे बनाने के लिये पहले मटर के दानों को सुखाकर,  पाउडर बनाकर, पानी की सहायता से पेस्ट बनाकर फाइबर और स्टार्च निकाल दिये जाते हैं।  इसमें केवल प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स रह जाते हैं।  फिर दुबारा से इस पेस्ट को सुखाकर पाउडर बना दिया जाता है। 

6.  अंडा प्रोटीन पाउडर (Egg Protein Powder)-  जैसा कि नाम से जाहिर है यह अंडे से बनाया जाता है।  अंडे के सफ़ेद भाग से प्रोटीन निकालकर बनाया जाता है।  इसमें से उच्च वसा वाले योल्‍क (yolks) को हटा दिया जाता है।  यह उच्च गुणवत्ता वाला और आसानी से पचने वाला होता है।  इसमें सभी नौ अमीनो एसिड होते हैं।  

7.  मिक्स्ड प्लांट प्रोटीन पाउडर (Mixed plant Protein Powder)- यह पाउडर दो या दो से अधिक पौधों से प्राप्त प्रोटीन को मिलाकर बनाया जाता है।  इसमें हाई फाइबर होने के कारण यह धीरे-धीरे धीमी गति से पचता है।  इसे बनाने के लिये प्रोटीन के लिये निम्नलिखित श्रोत सम्मलित हो सकते हैं –

ब्राउन राइस, मटर, हैम्प, अल्फाल्फा, आर्टिचोक, किनोआ, चिया के बीज, अलसी के बीज आदि। 

8. हेम्प (भांग) प्रोटीन पाउडर (Hemp Cannabis Protein Powder)-  दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि यह केवल जानकारी मात्र है ना कि क्लब की तरफ से हेम्प (भांग) प्रोटीन पाउडर का प्रचार।  हेम्प सीड्स प्रोटीन का अत्याधिक मात्रा वाले स्रोत होते  हैं।  कैनबिस पौधे (cannabis plant) के बीजों से बनाये गये इस प्रोटीन पाउडर में नौ जरूरी अमीनो एसिड्स होते हैं।  इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होते हैं।  जिनको डेयरी उत्पाद और सोया रास नहीं आता उन लोगों के लिए यह प्रोटीन पाउडर एकदम सही है।  इसे पूर्ण प्रोटीन नहीं माना जा सकता है क्योंकि इसमें लाइसिन और ल्यूसीन नामक अमीनो एसिड की मात्रा बहुत कम होती है।  

प्रोटीन पाउडर क्यों जरूरी है? – Why is Protein Powder Important 

1. जब भोजन से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाते तो अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिसके लिये प्रोटीन पाउडर की जरूरत पड़ती है। 

2.  शाकाहारी व्यक्तियों की यह समस्या है कि उनको वो प्रोटीन नहीं मिल पाते जो मांस, चिकन और मछली आदि से मिलते हैं।  विकल्प के रूप में प्रोटीन पाउडर आपकी जरूरत पूरी करता है। 

3.  जो बच्चे, महिलाएं, युवा शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं, दुबले, पतले दीखते हैं उनके लिये डॉक्टर भी प्रोटीन पाउडर को सप्लीमेंट के रूप में लेने की राय देते हैँ। 

4.  एक्सरसाइज करने के बाद, खिलाड़ियों को खेल के बाद धावकों को दौड़ने के बाद, पहलवानों को कुश्ती के बाद शरीर से बहुत ज्यादा ऊर्जा कम हो जाती है जो केवल भोजन द्वारा वापस नहीं मिल पाती।  इसकी रिकवरी के लिये प्रोटीन पाउडर की आवश्यकता होती है। 

5.  वर्कआउट में मजबूत मांसपेशियां बाइसेप्स बनाने के लिये सामान्य प्रोटीन से ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है।  

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6.  चोट को जल्दी ठीक करने के लिये प्रोटीन पाउडर सक्रिय भूमिका निभाता है। 

7.  एक्सरसाइज करते समय अक्सर मांसपेशियां और टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।  प्रोटीन पाउडर इनको ठीक करने भी में मदद करता है। 

प्रोटीन पाउडर के फायदे – Benefits of Protein Powder

1.  वजन सामान्य रखने के लिये (Normal Weight)- कम वजन होना या अधिक वजन होना भी समस्या पैदा करता है।  वजन को मेनटेन करना अति आवश्यक है।  वजन बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर आदि की संभावना रहती है।  प्रोटीन पाउडर लेने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती।  इसलिये आप बार-बार खाना खाने से बच जाते हैं।  और आपका वजन सामान्य रहता है।  

2.  मांसपेशियों के विकास के लिये (Muscles)- 2018 की एक स्टडी के अनुसार प्रोटीन पाउडर के सेवन को मांपेशियों के विकास के लिए उचित माना गया है।  परन्तु इसका सेवन उम्र के अनुसार ही करना चाहिये।  प्रोटीन पाउडर के सेवन से मांसपेशियों की जल्दी ग्रोथ में सहायता मिलती है।  

3.  एक्सरसाइज के बाद रिकवरी (After Exercise)- जिम में अनेक प्रकार की हल्की और भारी एक्सरसाइज करनी पड़ती हैं।  जिनके कारण कभी चोट लगती है तो मांसपेशियां खिंच जाती हैं और इनके साथ-साथ Tissues का भी नुकसान होता है।  ये टूट जाते हैं।  प्रोटीन पाउडर इनकी मरम्मत का काम बखूबी करता है। 

4.  चुस्ती स्फूर्ती बनाये रखे (Quickness)- जब आप प्रतिदिन एक्सरसाइज करते हैं तो ऊर्जा खर्च होती है।  इसकी रिकवरी के लिये प्रोटीन पाउडर लेते हैं।  यह सिलसिला चलता रहता है।  इससे आपकी एक्सरसाइज करने की क्षमता बढ़ती है।  आपके शरीर का फैट कम होता है और आप एकदम चुस्त दुरुस्त फिट रहते हैं।  यह फिटनेस आपकी बढ़ती उम्र पर ऐसा प्रभाव डालती है कि आप अपनी वास्तविक उम्र से भी कम नजर आते हैं।  

5. डायबिटीज के लिये (Diabetes)- प्रोटीन पाउडर वजन को कम करने के साथ कोलेस्ट्रोल को भी नियन्त्रित करता है।  इसके अतिरिक्त इंसुलिन प्रक्रिया में सुधार कर ब्लड शुगर को कम करके इसे भी नियन्त्रित करने का कार्य करता है।  

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6.  रोग प्रतिरोधक रक्षा प्रणाली के लिये (Immunity)- प्रोटीन पाउडर का अमीनो एसिड ग्लूटाथिऑन (एक एंटीऑक्सीडेंट) के स्तर को बढ़ा देता है जो रोग प्रतिरोधक रक्षा प्रणाली को मजबूत करने का कार्य करता है।  और शरीर को संक्रमण से बचाता है विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से हमारे शरीर की रक्षा करता है।  

7. हड्डियों के लिये (Bones)- प्रोटीन पाउडर में पाये जाने वाला कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ के लिये भी लाभकारी होता है यह हड्डियों को मजबूत बनाता है जिससे ऑस्टियोसोरायसिस जैसे अस्थि रोग से बचाव होता है।  

8.  लिवर के लिये (Liver)- अल्फा-लैक्टाल्बुमिन और बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन जो प्रोटीन का एक प्रकार माने जाते हैं ये प्रोटीन पाउडर में मौजूद होते हैं।  ये हमारे शरीर में लिवर की सुरक्षा करते हैं।  साथ ही लिवर में आई हुई सूजन को भी कम करते हैं। 

9.  आंखों के लिये (Eyes)- प्रोटीन पाउडर का सेवन आंखों के लिये भी फायदेमंद हो सकता है।  इसमें मौजूद ल्यूटिन नामक विटामिन रेटिना के ऑप्टिकल डेंसिटी को बढ़ा सकता है।  बढ़ती उम्र के कारण आंखों से संबंधित होने वाली समस्याओं जैसे मोतियाबिंद और आंखों की रोशनी का कम होना आदि की संभावना को कम करता है।  

10.  एनीमिया (Anemia)- प्रोटीन पाउडर में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के कारण शरीर में एनीमिया की कमी का खतरा होने की संभावना नहीं रहती। 

11.  त्वचा के लिये (Skin)-  प्रोटीन पाउडर में पाये जाने वाले एंटी-माइक्रोबियल त्वचा की गंदगी को टोनर के समान साफ करने का भी कार्य कर सकते हैं।  

प्रोटीन पाउडर कब लेना चाहिये – When should you take Protein Powder

1.  वर्कआउट से 45 मिनट पहले लेने से कड़ी मेहनत करने में मदद मिलती है। 

2.  इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन के अनुसार, वर्कआउट के दो घंटे बाद तक प्रोटीन पाउडर का सेवन मांसपेशियों के निर्माण के लिये उचित है। 

3.  सोने से पहले प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से यह मांसपेशियों में अच्छी तरह घुल जाता है जिससे इनकी ठीक से वृद्धि होती है।  ऊर्जा की रिकवरी भी हो जाती है जिसका प्रभाव सुबह तक भी रहता है। 

प्रोटीन पाउडर कैसे लेना चाहिये?- How to Take Protein Powder

1.  दूध में मिलाकर (Mixed with Milk)-  वजन बढ़ाने और मसल्स बनाने के लिये प्रोटीन पाउडर को दूध में मिलाकर पीयें इससे दूध की क्षमता बढ़ जाती है क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से प्रोटीन ओर कैल्शियम की मात्रा होती है।  

2.  पानी में मिलाकर (Mixed With Water)- प्रोटीन पाउडर पानी में मिलाकर पीने से यह जल्दी पचता है।  वर्कआउट के समय पानी  शरीर को हाइड्रेट भी रखता है।   

3. खाद्य पदार्थों में मिलाकर (Food Items)- प्रोटीन पाउडर को स्मूदी, दलिया, शेक आदि में मिलाकर खा सकते हैं।  

प्रोटीन पाउडर कितना लेना चाहिये?- How much protein powder should be taken

सामान्य नियम के अनुसार – According to General Rule

1.  बॉडी बिल्डिंग के लिये 1.2 से 1.8 ग्राम प्रति कि.ग्रा।  शरीर के वजन के हिसाब से। 

2. वजन मेनटेन करने के लिये 1 ग्राम प्रति कि.ग्रा।  शरीर के वजन के हिसाब से। 

3.  महिलाओं को 1 ग्राम प्रति कि.ग्रा।  शरीर के वजन के हिसाब से। 

4. गर्भवती और शिशुओं दूध पिलाने वाली महिलाओं को 10 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिये। 

प्रोटीन पाउडर खाने के नुकसान – Site Effects of Protein Powder

दोस्तो, प्रोटीन पाउडर खाने के साइड इफैक्ट्स के बारे में कोई सटीक जानकारी तो नहीं है परन्तु अनुमान के आधार पर हो सकते हैं ये नुकसान –

1.  पोषण में असंतुलन (Nutritional Imbalance)- अंडे, मीट, दूध, अनाज, सब्जियों आदि से प्राकृतिक रूप में प्रोटीन मिलते हैं जिनमें असंतुलन होने की संभावना नहीं होती।  परन्तु प्रोटीन पाउडर से प्राप्त प्रोटीन की डेन्सिटी बहुत अधिक होती है।  जिसके कारण पोषण में असंतुलन की संभावना बनी रहती हे।  

2.  इंसुलिन स्तर बढ़ सकता है (Insulin level)- एक्सरसाइज करने के बाद प्रोटीन पाउडर लेने से अचानक इंसुलिन स्तर में बढ़ोतरी हो जाती है।  यदि यह बढ़ोतरी होती रहे तो इंसुलिन स्तर में स्थायी रूप से बदल जायेगा और लंबे समय में यह खतरनाक हो सकता है। 

3. आंत माइक्रोबायोटा हो सकतात है अस्थिर (Gut microbiota)- प्रोटीन पाउडर में लेक्टोफेरिन जैसे एंटिबायोटिक यौगिक वयस्क आंत की समस्या पैदा कर सकते हैं जिसके कारण पेट का खराब होना, गैस व, कब्ज होना स्वाभाविक है। 

4.  विषाक्तता  (Poisoning)- प्रोटीन पाउडर हमेशा अच्छी कम्पनी का ही लेना चाहिये अन्यथा निम्न स्तर के प्रोटीन पाउडर बहुत अधिक मात्रा में टॉक्सिक मेटेल्स यानी विषाक्त पदार्थ होते हैं जिनके कारण सिरदर्द, फेटीग्यू, कब्ज और मासपेशियों में दर्द आदि की समस्या हो जाती है। 

5.  मुंहासे (Acne)- प्रोटीन पाउडर में अनेक प्रकार के हार्मोंस् और बायोएक्टिव पेपटिड्स होने के कारण सीबम को बढ़ा देते हैं।  परिणामस्वरूप मुंहासों की समस्या हो सकती है। 

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6.  किडनी हो सकती है प्रभावित (Kidney)- प्रोटीन पाउडर को अधिक मात्रा में और लंबे समय तक लेने से अधिक मात्रा में यूरिया बनता है जो किडनी पर उच्च दबाव डालता है क्योंकि ये रक्त से यूरिया और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा को छान लेते हैं।  इससे किडनी की समस्या की संभावना  बढ़ जाती है।  

Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको प्रोटीन पाउडर के फायदे के विषय में विस्तार से जानकारी दी।  ये क्या होता है कितने प्रकार का होता है और क्यों आवश्यक है इसके बारे में विस्तार से बताया।  इस लेख के माध्यम से प्रोटीन पाउडर की मात्रा, लेने का समय, तरीका, इसके फायदे और नुकसान भी बताये।  आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।  आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें।  ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें।  दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके।  और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें।  धन्यवाद। 

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