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राजमा खाने के फायदे – Benefits of Eating Rajma in Hindi

राजमा खाने के फायदे

दोस्तो, लोग सोचते हैं कि प्रोटीन की आपूर्ति जितनी मांस, मछली और अंडे से हो सकती है उतनी शाकाहारी भोजन से नहीं। यह एक मिथक है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन तो क्या विटामिन और खनिज का खजाना भरा पड़ा है। शाकाहारी लोग, विशेषकर जिम जाकर एक्सरसाइज करने वाले, बॉडी बिल्ड करने वाले प्रोटीन के सप्लीमेंट लेते हैं। जबकि इसकी कोई जरूरत ही नहीं है। दालें, सब्जियां, फल, ड्राइ-फ्रूट्स, प्रोटीन सहित विटामिन और खनिज मुहैय्या कराकर शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूरी करते हैं। राजमा को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर का सुपर पावरहाउस माना जाता है। सोयाबीन के बाद राजमा पोषक तत्वों का पूरक है। राजमा के उपरान्त कोई भी सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं रह जाती। यह स्वास्थ के लिए अत्यंत लाभदायक है। आखिर यह राजमा है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “राजमा खाने के फायदे”

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको राजमा के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसे खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि राजमा क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

राजमा क्या है? – What is Rajma

राजमा एक दलहन फसल है जो कि रबी और खरीफ दोनों की ही फसल है। मैदानी क्षेत्रों में शरद ऋतु में जनवरी फरवरी के बीच और पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों में अक्टूबर से पहले इसकी बुवाई की जाती है। राजमा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर का समृद्ध स्रोत है। मांस, मछली, अंडे ना खाने वाले शाकाहारी लोगों के लिए राजमा अनूठा और उत्तम आहार है। शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट लेने की जरूरत ही नहीं है। राजमा से ही भरपूर प्रोटीन मिल जाएगा।

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जिम में जाकर एक्सरसाइज करने वालों के लिए भी प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प है। राजमा को अधिकतर सब्जी के रूप में रोटी के साथ या चावल के साथ खाया जाता है। वैसे इसके दानों को उबालकर, तलकर भी खाया जाता है। इसे सलाद और स्पाउट्स के रूप में भी खाना, पसंद किया जाता है। चूंकि यह पकने में बहुत समय लेता है इसलिये इसे बनाने से एक रात पहले पानी में भिगोया जाता है फिर अच्छी तरह उबाला जाता है ताकि यह अच्छी तरह पक जाए। यहां हम स्पष्ट कर दें कि राजमा में लेक्टिन नामक यौगिक पाया जाता है जो कि विषैला होता है। 

कच्चे या अधपके राजमा का सेवन करने से लेक्टिन की वजह से शरीर में विषाक्तता आ सकती है और परिणामस्वरूप पेट में दर्द, उल्टी की समस्या हो जाती है। इसीलिये राजमा को रात भर पानी में भिगोने, उबालने और अच्छी तरह पकाने की सलाह दी जाती है ताकि लेक्टिन पदार्थ खत्म हो जाए। जहां तक इसके पौधे की बात है तो इसका पेड़ बड़े आकार का होता है जो 15 से 20 फुट ऊंचा हो सकता है। इसके पत्ते दांतेदार (Serrated) होते हैं जो तेजी से फैलते हैं। राजमा के फूलों का रंग लाल, सफेद और हरा होता है। लेगुमिनोसी (Leguminosae) परिवार से संबंध रखने वाले राजमा का वैज्ञानिक नाम फैजियोलस बल्गेरिस (Phaseolus bulgaris) है। इसे अंग्रेजी में Kidney Beans कहा जाता है। राजमा का रंग रूप मानव किडनी की भांति होने के कारण ही संभवतः इसका नाम किडनी बीन्स पड़ा है। 

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राजमा की खेती कहां होती है? – Where is Rajma Cultivated?

1. भारत के अलावा राजमा की खेती संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील, चीन, म्यांमार, तंजानिया और मैक्सिको में की जाती है। 

2. भारत के उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक के कुछ भाग तथा तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश, राज्यों में राजमा की खेती की जाती है।

राजमा के प्रकार – Types of Rajma

दोस्तो, राजमा लगभग 15 प्रकार का होता है। हम यहां आपको इसके कुछ प्रसिद्ध प्रकारों के बारे में बताएंगे। विवरण निम्न प्रकार है –

1. लाल राजमा (Red Rajma)- यह राजमा गहरे लाल लाल रंग का और चिकना होता है। बाजार में यही सबसे ज्यादा बिकता है। पकने पर इसकी बनावट सख्त हो जाती है और इसमें गाढापन आ जाता है। आयरन और फाइबर से भरपूर इस राजमा को अधिकतर सलाद और स्पाउट्स के रूप में खाना पसंद करते हैं। 

2. चित्रा राजमा (Chitra Rajma)- प्रोटीन और विटामिन से भरपूर चित्रा राजमा, लाल राजमा के बाद अधिक बिकने वाला राजमा है। इसको बनने में भी कम समय लगता है। इसका रंग भूरा (बादामी जैसा) होता है और इसके हर दाने पर पर गहरे ब्राउन रंग की आड़ी-तिरछी लाइनें बनी होती हैं मानो प्रकृति ने इन पर चित्रकारी की हो। संभवतः इसी कारण इसे चित्रा राजमा कहा जाता है। यह हिमालय की तलहटी में पैदा होता है और वहीं से सब जगह सप्लाई किया जाता है।

3. जम्मू राजमा (Jammu Rajma)- यह राजमा मैरून रंग का होता है और जम्मू और कश्मीर राज्यों में उगाया जाता है। इसी लिये यह जम्मू राजमा के नाम से प्रसिद्ध है। इसके साथ जम्मू, कश्मीर वासियों का दिल से जुड़ाव है यह उनके दिल में बसता है, उनका प्रिय भोजन है। ठीक उसी प्रकार जैसे कि सरसों का साग और मक्की रोटी पंजाबियों के दिल में बसती है। वे लोग इसे चावल के साथ खाना पसंद करते हैं। इसका स्वाद सभी प्रकार के राजमा से अलग होता है और इसकी अपनी खुश्बू मन मोह लेती है और आत्मा प्रसन्न हो जाती है।

4. पिंटो राजमा (Pinto Rajma)- पिंटो राजमा भारत का नहीं बल्कि बाहर का है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति अमेरिका, विशेष रूप से मैक्सिको और पेरू में हुई। पिंटो राजमा मैक्सिकन और दक्षिण-पश्चिमी व्यंजनों में प्रमुख व्यंजन है। यह हल्के गुलाबी रंग का होता है और यह भी चित्रा राजमा के समान प्रकृति द्वारा चित्रित होता है। स्पैनिश भाषा में पिंटो का अर्थ ‘चित्रित’ होता है। इस राजमा का आकार अन्य राजमा की अपेक्षा छोटा होता है। यह लगभग एक घंटे में बनकर तैयार हो जाता है। इसकी मलाईदार बनावट और अखरोट जैसा स्वाद मन मोह लेता है।

राजमा के गुण – Properties of Rajma

1. राजमा की तासीर गर्म होती है।

2. राजमा स्वाद में तेज और बाद में हल्का मीठा लगता है। मेवेदार सुगंध लिए, चबाने में चिकना लगता है।

3. राजमा में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीएजिंग आदि गुण मोजूद होते हैं।

4. राजमा प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर का भरपूर स्रोत है। इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम जैसे खनिज और विटामिन-सी, ई, के, बी और कॉम्प्लेक्स उपस्थित होते हैं। 

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राजमा के पोषक तत्व (मात्रा प्रति सर्विंग का साइज़ 100 ग्राम) – Nutrients of Rajma (Amount per serving size 100 grams)

  • पानी : 11.75 ग्राम
  • ऊर्जा : 314 Kcal
  • प्रोटीन : 23 ग्राम
  • कुल फेट : 1.0 ग्राम 
  • शुगर : 2.0 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट : 61 ग्राम
  • डाइटरी फाइबर : 15 ग्राम 
  • कोलेस्ट्रॉल : 0.0 मिलीग्राम
  • कैल्शियम : 83.0 मिलीग्राम
  • पोटेशियम : 1359 मिलीग्राम
  • सोडियम : 12 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस : 406.0 मिलीग्राम
  • आयरन : 6.7 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम : 138.0 मिलीग्राम
  • मैंगनीज : 1.1 मिलीग्राम
  • सेलेनियम : 3.2 माइक्रोग्राम 
  • कॉपर : 0.7 मिलीग्राम
  • ज़िंक : 2.8 मिलीग्राम
  • विटामिन-सी 4.5 मिलीग्राम
  • विटामिन-ई : 0.2 मिलीग्राम
  • विटामिन-के : 5.6 माइक्रोग्राम 
  • कोलीन : 65.9 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी1 (थियामिन) : 0.6 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी2 (राइबोफ्लेविन) : 0.2 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी3 (नियासिन) : 2.1 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी5
  • (पैंटोथेनिक एसिड) : 0.8 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी6 : 0.4 मिलीग्राम
  • फोलेट : 394 माइक्रोग्राम 
  • फैटी एसिड कुल ट्रांस : 0.0 ग्राम
  • फैटी एसिड कुल मोनोसैचुरेटेड : 0.082 ग्राम
  • फैटी एसिड पॉलीअनसैचुरेटेड : 0.586 ग्राम

राजमा खाने का सही समय – Right Time to Eat Rajma

दोस्तो, खाने का सही समय दोपहर का है क्योंकि इसे पचने में समय लगता है। यदि रात में खाएंगे तो सुबह तक ठीक से पच नहीं पाएगा और पेट में भारीपन, गैस बनना, पेट साफ़ ना होना जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

राजमा कितना खाना चाहिए? – How Much Rajma Should One Eat?

चूंकि राजमा देर से पचता है इसलिए इसे कम ही खाना चाहिए। एक दिन में एक कटोरी राजमा काफी है। अधिक मात्रा में खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

राजमा किनको नहीं खाना चाहिए? – Who Should Not Eat Rajma?

निम्नलिखित स्थितियों में राजमा नहीं खाना चाहिए – 

1. जिन लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं जैसे कि पेट में गैस बनना, एसिडिटी, पेट में दर्द आदि।

2. जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है। राजमा देर से पचता है यह कब्ज की समस्या को और बढ़ा सकता है।

3. जिन लोगों के शरीर में आयरन पहले से ही अधिक मात्रा में हो। राजमा में आयरन की उच्च मात्रा होती है जो पेट की समस्या उत्पन्न कर सकती है जैसे कि पेट में दर्द, उल्टी, दस्त आदि।

4. जिन लोगों का वजन कम हो उनको राजमा को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह वजन को और कम कर सकता है। 

5. पित्त प्रकृति वाले लोगों को राजमा को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह उनमें पाचन, एसिडिटी, पेट में जलन जैसी समस्या उत्पन्न कर सकता है।

राजमा खाने के फायदे – Benefits of Eating Rajma

दोस्तो, अब बताते हैं आपको राजमा खाने के फायदे जो निम्नलिखित हैं –

1. वजन कम करे (Lose Weight)- वजन कम करने के लिये राजमा एक बेहतरीन उपाय और खाद्य पदार्थ है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा होती है। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वे सुबह के नाश्ते में राजमा का सेवन करें। प्रोटीन और फाइबर लंबे समय तक भूख नहीं लगने देंगे। जल की उच्च मात्रा शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करेगी। राजमा वजन घटाने में मदद कर सकता है यह बात 30 लोगों पर की गई एक स्टडी में सिद्ध हो चुकी है। 

2. इम्युनिटी को मजबूत करे (Strengthen Immunity)- इम्युनिटी की मजबूती के लिए विटामिन-सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-बी, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, ज़िंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे खनिज की आवश्यकता होती है। राजमा में ये सभी खनिज पर्याप्त मात्रा में और विटामिन-सी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो इम्युनिटी बूस्ट करने का काम करते हैं।

3. मांसपेशियों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Muscles)- प्रोटीन और कार्ब्स मांसपेशियों के विकास में और उनके स्वास्थ को बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। जिम जाकर एक्सरसाइज करने वाले लोग या अपनी बॉडी बनाने के इच्छुक लोग ज्यादातर प्रोटीन पाउडर या सप्लीमेंट्स लेते हैं। विकल्प स्वरूप राजमा प्रोटीन और कार्ब्स की जरूरत को पूरा करता है। 

इसके लिए वर्कआउट से पहले राजमा का सेवन करना बेहतर होगा। वर्कआउट के बाद प्रोटीन या कार्ब्स लेना अच्छा विकल्प नहीं माना जाता। राजमा से प्रोटीन, कार्ब्स के अतिरिक्त ब्रांच्ड चेन अमीनो एसिड भी मिल जाते हैं। राजमा में मौजूद मैग्नीशियम व अन्य खनिज मांसपेशियों के संकुचन और आराम में योगदान देते हैं।

4. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करे (Control Cholesterol)- राजमा स्वयं कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करता है। खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करने और अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाने में मदद करता है। इससे आर्टरीज में प्लाक नहीं जमता और परिणाम स्वरूप रक्त प्रवाह सुचारु रूप से होता रहता है तथा हृदय रोगों का कोई जोखिम नहीं बढ़ता।

5. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे (Control Blood Pressure)- राजमा में पोटेशियम की मात्रा अधिक और सोडियम की मात्रा कम होती है। यह ब्लड प्रेशर के लिए अच्छी स्थिति मानी जाती है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है। यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है। इस काम में डाइटरी फाइबर और प्रोटीन भी मदद करते हैं। राजमा में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का काम करते हैं इससे ब्लड सर्कुलेशन में कोई बाधा नहीं आती। 

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6. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- राजमा, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतरीन आहार है जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम से बचाता है। इसमें मौजूद धीमी गति के कार्ब्स टूट कर आंतों से धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं और शुगर स्पाइक्स से बचते हैं। ये कार्ब्स ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं। राजमा को चावल के खाने से ग्लुकोज लेवल की वृद्धि को रोका जा सकता है। 

7. हृदय स्वास्थ के लिए फायदेमंद (Beneficial for Heart Health)- राजमा खाने से वजन कम होता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, ब्लड शुगर का कोई खतरा नहीं, खराब कोलेस्ट्रॉल LDL की कमी ये सब हृदय स्वास्थ के लिए सकारात्मक पहलू हैं। राजमा खाने का इन सब को फायदे का अर्थ है कि हृदय सीधे तौर पर अपने आप सुरक्षित रहता है। राजमा के सेवन से हृदय रोगों की संभावना, हार्ट अटैक आदि की संभावना निश्चित तौर पर कम हो जाती है। 

8. कैंसर के जोखिम को दूर करे (Eliminate Cancer Risk)- कई अध्यन/शोध यह बताते हैं कि राजमा खाने से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस मामले में राजमा में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मदद करते हैं। राजमा के सेवन से आंत के कैंसर और कोलोन कैंसर की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

9. हड्डियों को मजबूत बनाए (Strengthen Bones)- हड्डियों के स्वास्थ के लिए कैल्शियम प्रमुख तत्व है। इसके अतिरिक्त, पोटेशिम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर ज़िंक जैसे खनिज भी अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density) के स्तर को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। हड्डियों की मजबूती अस्थि खनिज घनत्व पर ही निर्भर करती है। इनके अलावा विटामिन-के, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे अस्थि रोग और फ्रैक्चर होने के जोखिम को कम करता है। राजमा में ये सभी तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं जो अस्थि खनिज घनत्व में वृद्धि कर हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।

राजमा खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Rajma

राजमा अधिक मात्रा में खाने से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –

  1. राजमा के जरिए फाइबर आधिक मात्रा में जाने से पेट में गैस बन सकती है।
  2. ठीक से ना पचने के कारण खट्टी डकार, मितली, उल्टी की शिकायत हो सकती है।
  3. पेट में दर्द हो सकता है।
  4. दस्त लग सकते हैं।
  5. फोलिक एसिड की अधिक मात्रा से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
  6. मांसपेशियों में समस्या हो सकती है।
  7. गर्भवती महिला द्वारा राजमा अधिक खाए जाने से पेट में ऐंठन हो सकती है, गैस बन सकती है, गर्भस्थ शिशु को हानि पहुंच सकती है। पथरी बनने और गठिया होने की संभावना हो सकती है।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको राजमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राजमा क्या है, राजमा की खेती कहां होती है, राजमा के प्रकार, राजमा के गुण, राजमा के पोषक तत्व, राजमा खाने का सही समय, राजमा कितना खाना चाहिए और राजमा किनको नहीं खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से राजमा खाने के बहुत सारे फायदे बताए और राजमा खाने के कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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राजमा खाने के फायदे
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राजमा खाने के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको राजमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राजमा क्या है, राजमा की खेती कहां होती है, राजमा के प्रकार, राजमा के गुण, राजमा के पोषक तत्व, राजमा खाने का सही समय, राजमा कितना खाना चाहिए और राजमा किनको नहीं खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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