स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। आज का आर्टिकल महिलाओं की सेवा में समर्पित है। कुछ जवान महिलाएं ऐसी होती जिनके तन और यन में कामभावना, कामवासना, कामोत्तेजना नहीं जागती। पति चाहे कितनी भी कोशिश कर ले मगर उनमें कामेच्छा जागृत नहीं होती। भारत में ऐसी महिलाओं को “ठंडी औरत” कहा जाता है। महिलाओं में कामवासना जागृत ना होने के अनेक कारण हो सकते हैं मगर यह एक डिसऑर्डर है जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर (Hypoactive Sexual Desire Disorder – HSDD) कहा जाता है।
कामोत्तेजना में कमी की समस्या पुरुषों में भी होती है जिसके लिये पुरुषों द्वारा वियाग्रा दवा लेने का चलन दुनियां में बढ़ गया है, विशेषकर अमेरिका और भारत। यह दवा स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) के उपचार में काम आती है। मगर महिलाओं के लिए क्या? यहां हम बताना चाहेंगे कि पुरुषों की वियाग्रा महिलाओं के लिये काम नहीं करती। ऐसे में कुछ दवाओं का निर्माण हुआ जो महिलाओं में कामेच्छा जागृत करने में मदद करती हैं। इन दवाओं को फीमेल वियाग्रा के रूप में बेचा जाता है। आखिर यह फीमेल वियाग्रा क्या होती है? यही है हमारा आज का टॉपिक “फीमेल वियाग्रा क्या है?”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको फीमेल वियाग्रा के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके नुकसान क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि फीमेल वियाग्रा क्या है और फीमेल वियाग्रा दवाओं का विवरण। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
फीमेल वियाग्रा क्या है? – What is Female Viagra
यह आश्चर्यजनक परन्तु सत्य है कि “फीमेल वियाग्रा” नाम की कोई वस्तु है ही नहीं। वास्तविकता यह है कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (U.S. Food and Drug Administration – FDA) ने हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर के उपचार के लिए फ्लिबेंसेरिन (Flibanserin) और ब्रेमेलानोटाइड (Bremelanotide) नामक दो दवाओं को स्वीकृति दी है। इन्हीं दवाओं फीमेल वियाग्रा के रूप में संदर्भित कर बेचा जाता है। इन दवाओं का विवरण हम आगे देंगे।
ये दवाएं पुरुष वियाग्रा से बिल्कुल भिन्न हैं और शरीर में जाकर काम करने का तरीका भी अलग है। यहां हम एक बात स्पष्ट कर दें कि ये दवाएं केवल उन्हीं महिलाओं के लिए उपयोगी हैं जो रजोनिवृत्ति (menopause) के चरण तक नहीं पहुंची हैं। यह भी एक सत्य है कि महिलाएं इन दवाओं का उपयोग हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर के उपचार के लिए कम, संभोग में चरम आनन्द के लिए अधिक उपयोग करती हैं। अमेरिका में इनका चलन बहुत बढ़ गया है और वहां महिलाओं में बहुत प्रचलित हैं।
ये दोनों दवाएं महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने का काम करती हैं। महिलाओं में कामेच्छा के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के उपाय” पढ़ें।
फीमेल वियाग्रा दवाओं का विवरण – Female Viagra Drug Description
हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर के उपचार के लिए स्वीकृत दवाओं का विवरण निम्न प्रकार है –
(i) फ्लिबेंसेरिन (Flibanserin) – इस दवा को आडी (Addyi) ब्रांड बनाती है। यह गोली (Tablet) के रुप में है और यह 8 हफ्ते तक ली जा सकती है। इसका रंग गुलाबी होता है। यह 100 mg में आती है और 4 गोलियों का पैक होता है। इसे महिला द्वारा रात को संभोग करने से पहले लिया जाता है।
इस दवा का निर्माण मूल रूप से अवसादरोधी (Antidepressants) के रूप में किया गया था मगर FDA ने इसे सन् 2015 में महिला यौन रुचि/उत्तेजना विकार (Female Sexual Interest/Arousal Disorder – FSIAD) के उपचार के लिए स्वीकृति दे दी। एक्सपर्ट्स के अनुसार यदि कोई महिला कोई भी दवा ले रही है तो उसे फ्लिबेंसेरिन का सेवन करने से पहले वह डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
(ii) ब्रेमेलानोटाइड (Bremelanotide) – यह दवा इंजेक्शन के रूप में है। यह मेलानोकोर्टिन रिसेप्टर एगोनिस्ट नामक दवाओं के एक वर्ग में सम्मलित है। इसे वायलेसी (Vyleesi) नामक ब्रांड के अंतर्गत बेची जाती है। इस दवा को पैलेटिन टेक्नोलॉजीज द्वारा विकसित किया गया तथा सन् 2019 में अमेरिका ने मेडिकल प्रयोजन से इसे अप्रूव कर दिया। इस दवा को FDA ने प्रथम श्रेणी की दवा माना है।
यद्यपि इस दवा का उपयोग HSDD के उपचार के लिए किया जाता है परन्तु विशेष तौर पर उन महिलाओं के लिये रिकमन्ड की जाती है जिनकी HSDD बिना किसी अंतर्निहित कारण से है उदाहरण के लिये जैसे कोई मेडिकल समस्या, मनोरोग अथवा संबंधों की समस्या। यह इंजेक्शन 24 घंटे में सिर्फ एक बार लगाना होता है। रात को संभोग से 45 मिनट पहले यह इंजेक्शन महिला के पेट में या जांघ में लगाना होता है।
यहां ध्यान देने योग्य यह तथ्य है कि डॉक्टर एक महीने में सिर्फ़ आठ इंजेक्शन का उपयोग करने की सलाह देते हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर यह भी सलाह देते हैं कि यदि HSDD में कोई सुधार नहीं होता है तो इस इंजेक्शन का उपयोग तुरन्त बंद कर देना ही बेहतर होगा।
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फीमेल वियाग्रा कैसे काम करती है? – How does Female Viagra Work
फीमेल वियाग्रा कैसे काम करती है अर्थात् उपरोक्त दोनों दवाएं कैसे काम करती हैं, इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दवाएं मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर की गतिविधियों को बढ़ा देती हैं जो कुछ रसायनों को नियंत्रित करके महिला को यौन उत्तेजना का अनुभव कराते हैं। इनका विवरण निम्न प्रकार है –
(i) फ्लिबेंसेरिन – जहां तक FSIAD का प्रश्न है तो फ्लिबेंसेरिन की कार्य प्रणाली ज्ञात नहीं है परन्तु वैज्ञानिक इतना मानते हैं कि नियमित रूप से फ्लिबेंसेरिन का सेवन करने से यह दवा शरीर में डोपामाइन और नॉरपाइनफ्राइन के स्तर को बढ़ा देती है और सेरोटोनिन के स्तर को कम करती है। डोपामाइन संभोग की इच्छा को बढ़ाने का काम करती है तो नॉरपाइनफ्राइन कामोत्तजना में वृद्धि करती है।
(ii) ब्रेमेलानोटाइड – वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रेमेलानोटाइड इंजेक्शन को तभी लेना चाहिए जब इसकी जरूरत महसूस हो अन्यथा इस दवा को अवॉइड करना चाहिए। क्योंकि दवाएं संभोग को बेहतरीन नहीं बनातीं बल्कि ये उत्तेजना को महसूस कराने का काम करती हैं। ब्रेमेलानोटाइड मस्तिष्क में निहित उन प्राकृतिक रसायनों को एक्टिवेट करती है जो मूड और संभोग की सोच को बढ़ाते हैं।
फीमेल वियाग्रा किनको नहीं लेनी चाहिए? – Who Should not Take Female Viagra
फीमेल वियाग्रा निम्नलिखित स्थितियों में नहीं लेनी चाहिए –
- जिनका बल्ड प्रेशर लेवल सामान्य नहीं रहता।
- लिवर से जुड़ी समस्याओं की स्थिति में।
- शराब पीने के बाद भूलकर भी फीमेल वियाग्रा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी रोग की दवा ले रही हैं तो फीमेल वियाग्रा को अवॉइड करें। इस संबंध में डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
- प्राकृतिक रूप से यदि आप में कामेच्छा और कामोत्तेजना भरपूर है तो आपको फीमेल वियाग्रा लेनी ही नहीं चाहिए।
- निम्नलिखित दवाओं के साथ फीमेल वियाग्रा नहीं लेनी चाहिए –
- हृदय रोग के उपचार में ली जाने वाली कुछ दवाएं जैसे कि डिल्टियाज़ेम (कार्डिज़ेम सीडी) वेरापामिल (वेरेलन) आदि।
- सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रो) और एरिथ्रोमाइसिन (एरी-टैब) जैसी एंटीबायोटिक्स।
- फंगल इंफैक्शन में दी जाने वाली दवाएं – फ्लुकोनाज़ोल (डिफ्लुकन), इट्राकोनाज़ोल (स्पोरानॉक्स) आदि।
- एचआईवी के उपचार में दी जाने वाली दवाएं, जैसे कि रटनवीर (नॉरवीर) और इंडिनवीर (क्रिक्सिवैन)।
फीमेल वियाग्रा के फायदे – Benefits of Female Viagra
और अब देखते हैं फीमेल वियाग्रा के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. फीमेल वियाग्रा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिस महिला को काम की इच्छा नहीं होती या कम होती है और पूरी तरह उत्तेजित नहीं होती, फीमेल वियाग्रा लेने से उसकी यह HSDD की समस्या दूर हो जाती है और वह भी संभोग का आनन्द ले सकती है।
2. यद्यपि फीमेल वियाग्रा उन महिलाओं के लिये है जिनको मेनोपॉज नहीं हुआ है परन्तु जिनको मेनोपॉज अभी हाल ही में हुआ है तो इसके सेवन से उनकी काम रुचि में और उत्तेजना में कुछ सुधार होने की संभावना रहती है। इस बारे में डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है।
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फीमेल वियाग्रा के नुकसान – Disadvantages of Female Viagra
अब नजर डालते हैं फीमेल वियाग्रा से होने वाले नुकसान पर जो निम्नलिखित हैं –
- फीमेल वियाग्रा लेकर और संभोग के बाद महिलाओं को बेहद थकान महसूस होती है।
- चक्कर आ सकते हैं।
- मितली, उल्टी की समस्या
- अनिद्रा की समस्या बन सकती है
- गले में सूजन
- सांस लेने में दिक्कत
- मुंह सूखना
- हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या बन सकती है
- बेहोशी भी छा सकती है।
- इंजेक्शन लेने पर एरीथेमा यानि त्वचा पर लालिमा या दाने हो जाना।
- इंजेक्शन लेने पर त्वचा में खुजली लगना
- फ्लशिंग रोग की संभावना
- मांसलता में दर्द होना
- हॉट फ्लश
- खांसी
- पैरेस्थीसिया (Paresthesia)
- पेट में दर्द
Conclusion –
आज के आर्टिकल में हमने आपको फीमेल वियाग्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। फीमेल वियाग्रा क्या है?, फीमेल वियाग्रा दवाओं का विवरण, फीमेल वियाग्रा कैसे काम करती हैं?, फीमेल वियाग्रा किनको नहीं लेनी चाहिए? और फीमेल वियाग्रा के फायदे, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से फीमेल वियाग्रा के बहुत सारे नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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