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सनस्क्रीन के फायदे – Benefits of Sunscreen in Hindi

सनस्क्रीन के फायदे

दोस्तो, कुछ सौंदर्य उत्पाद ऐसे होते हैं जो सौंदर्य को तो कम निखारते हैं परन्तु आपकी त्वचा की रक्षा ज्यादा करते हैं। एक ऐसा ही उत्पाद है सनस्क्रीन। आज मैं आपको सनस्क्रीन के फायदे के बारे में बताउंगी। यह एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका उपयोग महिलाओं के अतिरिक्त पुरुष भी कर सकते हैं। यह बात अलग है कि बहुत ही कम पुरुष सनस्क्रीन का उपयोग करते हैं। यह एक ऐसा ब्यूटी प्रोडक्ट है जो दवाई की श्रेणी में आता है क्योंकि इसका आविष्कार ही त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV-A) और (UV-B) किरणों से बचाने के लिए हुआ है। 

अल्ट्रावायलेट (UV-A) किरणें त्वचा की मध्यम परत तक जाकर समय से पहले ही त्वचा को बूढ़ा बनाने का काम करती हैं और कुछ प्रकार के त्वचा कैंसर के निर्माण में अपना योगदान देती हैं। अल्ट्रावायलेट (UV-B) किरणें त्वचा की ऊपरी परत में ही जाकर तबाही मचा देती हैं यानि त्वचा को झुलसा देती हैं और त्वचा कैंसर विशेषकर मेलेनोमा के निर्माण में मदद करती हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है जो एक दवा के रूप में त्वचा की रक्षा करती है। आखिर क्या है इस सनस्क्रीन में जो फायदा पहुंचाकर त्वचा को बचाती है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “सनस्क्रीन के फायदे”

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको सनस्क्रीन के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि सनस्क्रीन क्या है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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सनस्क्रीन क्या है? – What is Sunscreen?

दोस्तो, सनस्क्रीन स्वास्थ सुरक्षात्मक उत्पाद है जो दवाई के रूप में कार्य करती है। यह दवाई क्रीम, लोशन, स्प्रे, जैल, फोम, स्टिक, पाउडर और मॉइस्चराइजर के रूप में उपलब्ध होती है। इस दवा की यह विशेषता है कि इसे महिला, पुरुष कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। यद्यपि यह उत्पाद त्वचा की सुरक्षा के लिये तैयार किया गया है परन्तु यह सौंदर्य उत्पाद नहीं है अपितु त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने वाला पदार्थ है।

इस दवा का उत्पादन मूल रूप से सूरज की हानिकारक अलट्रावायलेट (UV-A) और (UV-B) किरणों द्वारा त्वचा को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए किया गया है। इसके अतिरिक्त यह दवा सूरज की तेज धूप से त्वचा को झुलसने से बचाती हैं। सूरज की तेज धूप से त्वचा के झुलसने को सनबर्न कहा जाता है। सनस्क्रीन को सनब्लॉक या सन क्रीम भी कहा जाता है। इस दवा में उपस्थित ज़िंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डिऑक्साइड त्वचा को यूवी किरणों से तथा सनबर्न से बचाने का कार्य करते हैं।

इसके अतिरिक्त यह त्वचा कैंसर के जोखिम को कम करती है। परन्तु सनस्क्रीन का असर इसमें उपस्थित एसपीएफ़ पर निर्भर करता है। एसपीएफ़ पर जानकारी हम आगे देंगे। सूरज की (UV-A)  और (UV-B) दोनों ही किरणें अदृश्य होती हैं और इनको हम महसूस भी नहीं कर सकते। (UV-A) किरणें इतनी शक्तिशाली होती हैं कि ये बादलों कांच की खिड़कियों को भी भेदने में सक्षम होती हैं।

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यूवीए और यूवीबी किरणों में अंतर – Difference Between UVA and UVB Rays

दोस्तो, यूवीए और यूवीबी किरणों में अंतर इस आधार पर मापा जाता है कि उनकी ऊर्जा कितनी शक्तिशाली है तथा ये त्वचा की विभिन्न परतों में कितनी गहराई तक अंदर जा सकती हैं। त्वचा की  बाहरी परत को एपिडर्मिस कहा जाता है, मध्यम परत को डर्मिस कहा जाता है और सबसे आंतरिक परत को सबक्यूटेनियस वसा परत कहते हैं। मगर वैज्ञानिक दोनों किरणों के बीच अंतर दिखाने के लिए ‘तरंगदैर्ध्य’ (Wavelength) नामक शब्द का प्रयोग करते हैं, जो वास्तव में दूरी का माप है। इन दोनों किरणों के बीच के अंतर का विवरण निम्न प्रकार है –

1. यूवीए किरणों में यूवीबी किरणों की अपेक्षा कम ऊर्जावान और लंबी तरंगदैर्ध्य होती है। ये आपकी त्वचा की मध्य परत तक जा सकती हैं। ये किरणें पृथ्वी तक पहुंचने वाले UV रेडिएशन का 95 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं। कुछ प्रकार के त्वचा कैंसर के निर्माण में ये सक्रिय भूमिका निभाती हैं। ये किरणें त्वचा की उम्र को बढ़ाने का कार्य करती हैं।

2. यूवीबी किरणों में यूवीए किरणों की अपेक्षाकृत थोड़ी अधिक ऊर्जा होती है। इनकी तरंगदैर्घ्य कम होती है। ये किरणें केवल त्वचा की बाहरी परत एपिडर्मिस तक ही पहुंच पाती हैं। ये किरणें त्वचा को जलाने, झुलसाने का काम करती हैं। ये किरणें त्वचा कैंसर विशेषकर मेलेनोमा नामक त्वचा कैंसर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

एसपीएफ़ क्या है? – What is SPF?

एसपीएफ़ अर्थात् सूर्य संरक्षण कारक (Sun Protection Factor – SPF) एक प्रकार सुरक्षा की गुणवत्ता है जो कि संख्या पर चलती है। इसका मतलब यह है कि SPF की संख्या जितनी ज्यादा होगी उतनी ही ज्यादा सूरज की हानिकारक UV किरणों से आपकी त्वचा की रक्षा होगी। SPF के बाद लगने वाली संख्या यह बताती है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद सनबर्न होने में कितना समय लग सकता है। 

इसको इस प्रकार समझते हैं कि बिना किसी सूर्य सुरक्षा के लगभग 10 मिनट के बाद सनबर्न होने लगता है, तो एसपीएफ 30 लगाने के बाद आप धूप में बिना किसी जोखिम के लगभग 10 x 30 = 300 मिनट यानि 5 घंटे तक रह सकते हैं। SPF की न्यूनतम संख्या 2 और अधिकतम संख्या 50+ हो सकती है। दैनिक उपयोग के लिए अनुशंसित न्यूनतम निर्धारित संख्या 15 है जोकि UVA सुरक्षा भी प्रदान कर सकती है। हम यहां बताना चाहेंगे कि कितना एसपीएफ़ यूवी किरणों से कितना बचाता है। विवरण निम्न प्रकार है –

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(i) एसपीएफ़ 15  : 93 प्रतिशत तक

(ii) एसपीएफ़ 30  : 97 प्रतिशत तक

(iii) एसपीएफ़ 50  और 50+          : 98 प्रतिशत तक

सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका – The Right Way to Apply Sunscreen

1. आपको सनस्क्रीन का अधिक से अधिक फायदा मिल सके इसके लिए जरूरी है कि बाहर निकलने से कम से कम 10 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं। इसको 2 घंटे बाद रिपीट करें।

2. आंखों के नीचे सनस्क्रीन सावधानी पूर्वक लगाएं। यह आंखों में नहीं जाना चाहिए।

3. पहले सनस्क्रीन का उपयोग करें, उसके बाद मॉइश्चराइजर का उपयोग करें।

4. वैसे बाजार में सनस्क्रीम माॅइश्चराइजर कॉम्बो मिल जाता है। इनको अलग-अलग लेने की जरूरत नहीं है।

सर्वश्रेष्ठ सनस्क्रीन की सूची – List of the Best Sunscreens

अब बता रहे हैं आपको 10 सर्वश्रेष्ठ सनस्क्रीन के बारे में जो निम्नलिखित हैं –

1. बायोडर्मा फोटोडर्म क्रीम (Bioderma Photoderm Creme) एसपीएफ़ 50+ सनस्क्रीन : सामान्य से शुष्क और संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 40 ग्राम.

2. डॉ. शेठ का सेरामाइड और विटामिन सी सनस्क्रीन (Sheth’s Ceramide & Vitamin C Sunscreen) एसपीएफ़ 50+   : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 80 ग्राम.

3. दि डर्मा कंपनी 1% हयालूरोनिक सनस्क्रीन (The Derma Co 1% Hyaluronic Sunscreen) एसपीएफ़ 50 एक्वा जेल : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 80 ग्राम.

4. फ़िक्सडर्मा शैडो सनस्क्रीन (FIXDERMA Shadow Sunscreen) एसपीएफ़ 30+ क्रीम : सामान्य, संयोजन, संवेदनशील, शुष्क त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 75 ग्राम.

5. डॉट और की विटामिन सी + ई सुपर ब्राइट सनस्क्रीन (Dot & Key Vitamin C + E Super Bright Sunscreen) एसपीएफ़ 50 :  सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 ग्राम.

6. मिनिमालिस्ट सनस्क्रीन एसपीएफ़ 50  : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 ग्राम.

7. एक्वालॉजिका का ग्लो+ ड्यूवी सनस्क्रीन (Aqualogica’s Glow+ Dewy Sunscreen) एसपीएफ़ 50 : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 ग्राम.

8. अर्थ रिदम अल्ट्रा डिफेंस सनस्क्रीन (Earth Rhythm Ultra Defence Sunscreen) एसपीएफ़ 50 : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 ग्राम.

9. फॉक्सटेल ग्लो सनस्क्रीन (Foxtale Glow Sunscreen) एसपीएफ़ 50 : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 ग्राम.

10. डिकंस्ट्रक्ट फेस जेल सनस्क्रीन (Deconstruct Face Gel Sunscreen) एसपीएफ़ 55 : सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त। मात्रा 50 मि.ली.

सनस्क्रीन के फायदे – Benefits of Sunscreen

और अब डालते हैं सनस्क्रीन के फायदों पर जो निम्न प्रकार हैं –

1. यूवी किरणों से बचाए (Protect from UV Rays)- जब भीषण गर्मी में बाहर निकलना पड़ता है तो सूरज की अलट्रावायलेट किरणें त्वचा के अंदर प्रवेश करके त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे त्वचा टैन हो जाती है। सूरज की तेज धूप में अधिक समय तक रहने से त्वचा का रंग काला पड़ जाता है। इसी को टैनिंग कहते हैं। 

टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें। बाहर निकलने से 10 मिनट पहले चेहरे पर, आंखों के नीचे, गर्दन पर और बाजुओं पर सनस्क्रीन क्रीम लगाएं। सनस्क्रीन का सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ़) 30 या उससे अधिक होना चाहिए। इसे हर 2 घंटे बाद त्वचा पर लगाएं। याद रखिए सनस्क्रीन का जितना ज्यादा एसपीएफ़ होगा वह उतना ही ज्यादा सूरज की यूवी किरणों से रक्षा करेंगी।

2. सनबर्न से बचाए (Protect from Sunburn)- प्रचंड गर्मी में बाहर निकलने और सूरज की धूप में अधिक समय तक रहने से त्वचा झुलस जाती है। बाजू, गर्दन, चेहरा सब जल जाते हैं। इससे त्वचा में जलन होती है और खुजली होने लगती है। त्वचा में दर्द और असहजता का अहसास होता है।

इसी को सनबर्न कहा जाता है। सनबर्न से त्वचा कमजोर हो जाती है। इससे बचने के लिए अधिक एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकलें। यह सुरक्षा कवच के रूप में आपकी त्वचा की रक्षा करेगी।

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3. त्वचा कैंसर से बचाए (Protects from Skin Cancer)- सूरज की यूवी-ए और यूवी-बी दोनों ही प्रकार की सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा के अंदर प्रवेश करके त्वचा के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती हैं। ये किरणें त्वचा के कैंसर मेलेनोमा को ट्रिगर कर सकती हैं। यह कैंसर विशेषतौर पर 20 वर्ष की महिलाओं को होता है। अधिक एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा पर रोजाना करें। इससे त्वचा कैंसर से आपका बचाव होगा।

4. त्वचा को स्वस्थ रखे (Keeps Skin Healthy)- जब आप त्वचा पर ज्यादा एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन लगाते हैं तो, त्वचा पर एक सुरक्षा परत जम जाती है। यही परत आपकी त्वचा की रक्षा करती है। सनस्क्रीन, स्किन प्रोटीन जैसे कि कोलेजन, केराटीन और इलास्टिन की रक्षा करती है। इसके लिए आप रोजाना अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाएं।

5. प्रीमैच्योर एजिंग से बचाए (Protects from Premature Aging)- यदि आप अपनी त्वचा स्वास्थ के लिए नियमित रूप से क्लींजर, टोनर, मॉस्चराइजर आदि का उपयोग करते हैं और फिर भी आपको लगता है कि चेहरे पर फाइनलाइन्स और झुर्रियां बढ़ रही हैं तो आपको अधिक एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन नियमित रूप से रोजाना लगानी चाहिए। ये समय से पहले चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों और फाइनलाइन्स से छुटकारा दिला सकती हैं।

6. हाइपरपिगमेंटेशन से राहत (Relief from Hyperpigmentation)- त्वचा पर गहरे रंग के धब्बे होना और शरीर के किसी एक हिस्से का अधिक काला होना ये सब अधिक समय तक धूप के संपर्क में रहने के कारण और अधिक मेलानिन के जमा होने की वजह से होता है। 

यह जेनेटिक या हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण भी हो सकता है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिये रोजाना अच्छे एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग करें। 

7. मेलास्मा को रोके (Prevents Melasma)- यदि चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे हैं तो यह मेलास्मा हो सकता है। मेलास्मा एक ऐसी स्थिति है जिसमें चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे आ जाते हैं। ये धब्बे गाल, नाक, ऊपरी होंठ आदि पर हो सकते हैं। ये धब्बे पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होते हैं। 

गर्भावस्था के दौरान हुए हार्मोन परिवर्तन या धूप के संपर्क में रहने से मेलास्मा हो सकता है। यदि ऐसा अभी होना शुरु हुआ है तो सनस्क्रीन के जरिए इसके विकास को रोका जा सकता है और यदि यह पुरानी स्थिति है तो सनस्क्रीन के रोजाना के उपयोग से इसे कम किया जा सकता है।

8. त्वचा की बनावट में सुधार करे (Improves Skin Texture)- यूवी किरणें जब त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं तो त्वचा की बनावट बिगड़ जाती है। यह असमान, खुरदुरी और बेजान भी हो जाती है। यह देखने में भी बहुत बुरी लगती है। इस स्थिति में सुधार लाने के लिए आप नियमित रूप से अधिक एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा की स्थिति में सुधार हो जाएगा।

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9. त्वचा के बिगड़ते रंग को सुधारे (Improves Discoloration of Skin)- सूरज की तेज धूप में अधिक और लंबे समय तक रहने से त्वचा का रंग बिगड़ने लगता है। यह कहीं-कहीं पर ब्राउन, लाल या हरी हो जाती है। इस स्थिति को डिसकलरेशन कहा जाता है। इससे राहत पाने के लिए विटामिन-सी युक्त सनस्क्रीन का उपयोग करें।

क्योंकि विटामिन-सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए एक्स्ट्रा मेलानिन को नियंत्रित करता है और इस समस्या से राहत दिलाता है। सनस्क्रीन और विटामिन सी का कॉम्बो बाजार में उपलब्ध है। 

10. त्वचा को मॉइस्चराइज़ करे (Moisturizes the Skin)- त्वचा को मॉइस्चराइज़ करने के लिये अलग से मॉइस्चराइज़र लेना नहीं पड़ता। आजकल, बाजार में सनस्क्रीम माॅइश्चराइजर कॉम्बो आसानी से मिल जाता है। परन्तु यह आवश्यक है कि इस कॉम्बो को अच्छी गुणवत्ता समझकर और अच्छे ब्रांड वाला ही खरीदें। यह कॉम्बो त्वचा की ड्राईनेस को खत्म कर त्वचा को हाइड्रेट रखेगा और धूप से होने वाले त्वचा को भी रोकेगा।

सनस्क्रीन के नुकसान – Disadvantages of Sunscreen

दोस्तो, यह जरूरी नहीं है कि जो वस्तु अच्छी है और फायदेमंद है तो उसके नुकसान ना हों। कुछ ना कुछ तो नुकसान हो ही सकते हैं। यह बात अच्छी से अच्छी सनस्क्रीन के संदर्भ में भी लागू होती है। हम बता रहे हैं आपको सनस्क्रीन के नुकसान जो निम्नलिखित हैं –

1. चूंकि सनस्क्रीन को बनाने के लिए इसमें कई तरह के रसायनों का समावेश किया जाता है इस लिए ये रसायन विशेषकर टेट्रासाइक्लिन, सल्फा फेनोथियाजिन त्वचा के लिए घातक हो सकते हैं क्योंकि रसायन त्वचा के अंदर प्रवेश करके ऊतकों को भारी हानि पहुंचा सकते हैं।

2. रसायनों के त्वचा में प्रवेश करने पर एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है जैसे कि त्वचा में खुजली लगना, रैशेज पड़ जाना, लालिमा, सूजन आदि।

3. आंखों के आसपास वैसे तो सावधानी पूर्वक सनस्क्रीन लगानी चाहिए परन्तु इसके आंखों में चले जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में आंखों में दर्द, जलन और सूजन हो सकती है। ऐसे में आंखों में ठंडे पानी के छींटे मारने चाहिएं। असहनीय और गंभीर स्थिति में डाॅक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

4. संवेदनशील त्वचा और ऊपर से मुंहासों की समस्या, ऐसी स्थिति में कोई मेडिकेटेड सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए अन्यथा अन्य सनस्क्रीन इस समस्या में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सनस्क्रीन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सनस्क्रीन क्या है?, यूवीए और यूवीबी किरणों में अंतर, एसपीएफ़ क्या है?, सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका और सर्वश्रेष्ठ सनस्क्रीन की सूची, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से सनस्क्रीन के फायदे बताए और सनस्क्रीन के कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सनस्क्रीन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सनस्क्रीन क्या है?, यूवीए और यूवीबी किरणों में अंतर, एसपीएफ़ क्या है?, सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका और सर्वश्रेष्ठ सनस्क्रीन की सूची, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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