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अंकुरित चने खाने के फायदे – Benefits of Eating Sprouted Gram in Hindi

अंकुरित चने खाने के फायदे

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, जब शक्ति यानी पॉवर की बात आती है हॉर्स पॉवर की बात की जाती है यानी किसी मोटर के बारे में यही बताया जाता है कि यह एक या दो हॉर्स पॉवर की मोटर है। दोस्तो, इस बात का सीधा सा अर्थ है कि इस मोटर की पॉवर एक या दो घोड़े की ताकत जितनी है। अर्थात् शक्ति की तुलना घोड़े की शक्ति से की जाती है, घोड़ा शक्ति का प्रतीक है। घोड़े में ताकत आती है चनों के द्वारा। घोड़े के मालिक घोड़े की खुराक का विशेष ध्यान रखते हैं इनको नियमित रूप से चने खिलाये जाते हैं क्योंकि इनका काम मुख्यतः दौड़ने का होता है, दौड़ने में ताकत लगती है और चने को “एनर्जी का पॉवरहाउस” कहा जाता है। इसी प्रकार जो लोग धावक हैं, पहलवान हैं, जिम जाकर भारी भरकम एक्सरसाइज करते हैं या बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम का काम करते हैं या सामान्य रूप से अपने शारीरिक स्वास्थ को स्वस्थ बनाये रखना चाहते हैं उनको चने, दूसरे रूप में यानी इनको अंकुरित करके खाने की सलाह दी जाती है। अंकुरित होने के बाद चने के पौष्टिक तत्वों की गुणवत्ता और बढ़ जाती है जो स्वास्थ के लिये बहुत लाभदायक होते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “अंकुरित चने खाने के फायदे”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको अंकुरित चने के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसके खाने के क्या फायदे हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि चना क्या है, चने का आटा, दाल और बेसन क्या है, चने की खेती कहां होती है। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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अंकुरित चने खाने के फायदे
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चना क्या है? – What is Gram?

चना दलहनी फसल है परन्तु इसको अनाज की श्रेणी में भी माना जाता है क्योंकि इसका आटा पीसवा कर गेहूं के आटे के साथ मिलाकर मिस्सी रोटी बनाई जाती है। यह चलन भारत में विशेषकर गांवों में प्राचीन काल से चलता आ रहा है। चने का वैज्ञानिक नाम साइसर एरियटिनम  Cicer Arietinum है। यह शाकाहारियों के लिये प्रोटीन का उत्तम श्रोत है। चना कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फाइबर, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, कैल्शियम, ज़िंक, आयरन जैसे खनिज और अनेक विटामिन से समृद्ध होता है। इसे अनाजों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसका पौधा लगभग 50 से 70 से.मी. ऊंचा हो जाता है। इसका ठोस तना शाखायुक्त होता है और यह झाड़ी के समान और कोणीय रूप में बढ़ता है। इसकी छोटी-छोटी फलियां आयताकार की होती हैं जिनमें दो या तीन चने के दाने होते हैं। 

चने का आटा, दाल और बेसन क्या है? – What is Gram Flour, Lentils and Gram Flour?

चने के पकने पर यदि इसको साफ़ करके, चक्की में पीस दिया जाये तो यह “चने का आटा” कहलाता है। जब इसका छिलका उतारकर, इसके दोनों भाग बीच में से अलग कर दिये जाते हैं तो इसे “चने की दाल” कहा जाता है और यदि इस दाल को पीस दिया जाये तो यह “चने का बेसन” कहलाता है। बेसन पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “बेसन से फेस पैक बनाने के तरीके” पढ़ें। 

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चने की खेती कहां होती है? – Where is chickpea cultivated?

1. चने की जन्म स्थली दक्षिणी एशिया को माना जाता है। विश्व में चने के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत उत्पादन एशिया महाद्वीप में होता है। 

2. ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, तुर्की, बांग्लादेश, म्यान्मार, इथियोपिया, ईरान, मेक्सिको, कनाडा, इजिप्ट, संयुक्त राज्य अमेरिका में चने की खेती होती है। 

3. चने के उत्पादन में भारत विश्व में पहले स्थान पर है। भारत के उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में चने की खेती की जाती है। 

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चने के प्रकार – Types of Gram

चने के दो प्रकार होते हैं देशी चना और काबुली चना। विवरण निम्न प्रकार है –

1. देशी चना (Desi Gram)- देशी चना का आकार छोटा होता है। इसका रंग पीले से गहरा ब्राउन या काला होता है। इसे काला चना भी कहते हैं दैनिक जीवन में अधिकतर इसी का उपयोग होता है। इसी का ही आटा बनाकर गेहूं के आटे में मिलाया जाता है, इसी की चने की दाल बनती है, इसी का ही बेसन बनता है इसी को घोड़ों को खिलाया जाता है और इसी का प्रसाद बनता है (नवरात्री में हलुआ चने का प्रसाद)। मगर इस चने के छोले नहीं बन सकते।

2. काबुली चना (Chickpea)- इस चने का रंग सफेद होता है। इसका पौधा भी देशी चने के पौधे से लंबा होता है। इस चने का आकार देशी चने से काफी बड़ा होता है। इन चनों को छोले भी कहा जाता है जिनका उपयोग भटूरे, चावल, पूड़ी आदि खाने के साथ किया जाता है। इसकी खेती बहुत कम होती है। इसकी खेती अफ़गानिस्तान, दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ़्रीका और चिली में की जाती है। यह चना 18वीं  शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप में आया है।

चने का उपयोग – Uses of Gram

चने का निम्न रूप में उपयोग किया जाता है –

1. आटे के रूप में गेहूं के आटे में मिलाकर खाया जाता है।

2. दाल के रूप में इसका सेवन किया जाता है।

3. बेसन के रूप में अनेकों मीठे और नमकीन व्यंजन बनाये जाते हैं। 

4. बेसन के रूप में ही अन्य पदार्थों के साथ मिलाकर फेस पैक बनाया जाता है। 

5. चने पक कर कटने से पहले इसके पत्तों का साग के रूप में अन्य साग के साथ बनाकर खाया जाता है।

6. चने की कच्ची फलियों को आग में भूनकर, छिलकर भुने हुऐ चने को खाया जाता है। भारत में भुने हुऐ चने खाना बहुत प्रचलित है। इनको गुड़ के साथ भी खाया जाता है। 

7. पके हुऐ चने को ऐसे ही चबाकर खाया जा सकता है।

8. घोड़ों को भी पके हुऐ चने खिलाये जाते हैं। 

9. पके हुऐ चने को छिलका सहित या छिलका रहित भूनकर खाया जाता है। छिलका रहित भुना हुआ चना दक्षिण भारत में बहुत मिलता है। 

10. चने की दाल को भिगोकर, पीसकर इसकी पिट्ठी से पूड़ी, कचौड़ी, व अन्य व्यंजन बनाये जा सकते हैं। इसकी पिट्ठी की बड़ियां भी बनाई जाती हैं।

11. इनमें अंकुर उगाकर “अंकुरित चने” के रूप में खाया जा सकते हैं। 

12. काबली चने के छोले बनाये जाते हैं।

अंकुरित चने क्या होते हैं? – What are Sprouted Gram

जब चनों को लंबे समय के लिये पानी में भीगने के लिये रख दिया जाता है और फिर बाद में इन चनों को किसी कपड़े में बांधकर रख देते हैं तो दो या तीन दिन में इनमें अंकुर निकल आते हैं। ये अंकुर आधा पौना इंच तक के होते हैं। अंकुर निकले हुऐ चनों की इस स्थिति को “अंकुरित चना” कहा जाता है। ये स्वास्थ के लिये अत्यंत लाभदायक होते हैं। इनका स्वाद करारा और हल्का मीठा होता है। इनको कच्चा या अधपका भी खाया जा सकता है मगर आहार विशेषज्ञ कच्चा स्प्राउट ही खाने की सलाह देते हैं। इनको ऐसे ही या सब्जी, सलाद के साथ मिलाकर खा सकते हैं। 

अंकुरित चने के पोषक तत्व – Sprouted Sprouted Gram nutrients 

दोस्तो, अंकुरित चने पौष्टिक तत्वों का खजाना होते हैं। हम बता रहे हैं आपको एक प्लेट अंकुरित चने के पौष्टिक तत्वों के बारे में जिनका विवरण निम्न प्रकार है – 

एनर्जी                      – 154 कैलोरी

कोलेस्ट्रॉल                 – 0

प्रोटीन                      – 10.8 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट              – 21.6 ग्रा.

फाइबर                     – 4.1 ग्रा.

शुगर                        – 6 ग्रा.

फैट                          – 2.8 ग्रा.

कैल्शियम                  – 75.9 मि.ग्रा.

मैग्नीशियम                – 5.3 मि.ग्रा.

सोडियम                   – 99.9 मि.ग्रा.

आयरन                     – 1.4 मि.ग्रा.

विटामिन-ए                – 512.3 मि.ग्रा.

चना अंकुरित करने का तरीका – How to Sprouted Gram

दोस्तो, चना अंकुरित करने का तरीका बहुत सरल है, बस थोड़ा सब्र करना पड़ेगा अंकुर निकलने का। इसका तरीका निम्न प्रकार है –

1. चने साफ़ करके, सुबह के समय किसी बर्तन में पानी भरकर भिगो दें। पानी काफी मात्रा में रखें ताकि चने इनको अच्छी तरह सोख सकें और फिर भी पानी बचा रहे। इनको अच्छी तरह भीगने में गर्मी के मौसम में 12 घंटे और सर्दियों के मौसम में लगभग 18 घंटे का समय लग जाता है। 

2. रात को, भीगे हुऐ चनों को किसी साफ़ और मोटे कपड़े में (कपड़ा गीला करके) रख कर गांठ बांधकर लटका दें। गर्मियों में इस कपड़े पर पानी छिड़कते रहें ताकि यह गीला रहे। इसके दूसरे या तीसरे दिन इसमें अंकुर निकल आयेंगे।

अंकुरित चने खाने का सही तरीका – Right way to Eat Sprouted Gram

1. अंकुरित चनों को सुबह के समय खाली पेट अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना चाहिये। 

2. इनके साथ गुड़ भी खा सकते हैं। यह कॉम्बिनेशन सुबह की एक्सरसाइज या वर्कआउट के बाद लिये बेहतरीन स्नैक है। 

3. अंकुरित चनों को खाने से पहले हमेशा गर्म पानी में उबालकर या भून कर यानी पैन आदि में गर्म करके खाना चाहिये ताकि इनका बैक्टीरिया निकल जाये। इनको ऐसे ही नहीं खाना चाहिये। 

4. कुछ लोग स्वाद के लिये इनमें काला या सेंधा नमक, अदरक, काली मिर्च, नींबू का रस आदि मिलाकर खाना पसंद करते हैं। परन्तु इनको बिना कुछ मिलाये ही खाना चाहिये ताकि इनका प्राकृतिक स्वाद और पौष्टिकता बने रहें। 

5. बरसात के मौसम में अंकुरित चने नहीं खाने चाहियें क्योंकि बरसात में ये आसानी से पचते नहीं हैं इसलिये ये नुकसान पहुंचा सकते हैं।

अंकुरित चने कितने खाने चाहिए? – How Many Sprouts Should be Eaten

यद्यपि अंकुरित चने की मात्रा के बारे में कोई प्रमाणिक मानदंड नहीं है फिर भी आहार विशेषज्ञ अंकुरित चने की चार बड़ी चम्मच ही खाने की सलाह देते हैं। एक या अधिक कटोरी अंकुरित चना खाने से लिवर की क्षति हो सकती है।

अंकुरित चने खाने के फायदे – Benefits of Eating Sprouted Gram

दोस्तो, अब बताते हैं आपको अंकुरित चने खाने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –

1. शारीरिक एनर्जी के लिये (Physical Energy)- अंकुरित चने प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, ज़िंक, फास्फोरस, फाइबर, कैल्शियम जैसे खनिज और विटामिन से भरपूर होते हैं जो शरीर को ताकत प्रदान करते हैं। अंकुरित चने खाने का यह सबसे बड़ा फायदा है। इनके खाने से कमजोरी, सुस्ती, थकान दूर होती है और शरीर में घोड़े जैसी ताकत आती है और स्फूर्ति बनी रहती है। इससे मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। अंकुरित चने में नमक, जीरा, नींबू, अदरक आदि मिलाकर खा सकते हैं और अंकुरित चने के पानी में शहद मिलाकर पीयें। 

2. मानसिक तनाव दूर करने के लिये (Relieve Mental Stress)- अंकुरित चनों का फायदा केवल शरीरिक स्वास्थ के लिये ही नहीं है बल्कि मानसिक स्वास्थ के लिये भी ये फायदेमंद हैं। तनाव, चिंता, अवसाद आदि की स्थिति में मरीज को अंकुरित चने खाने की सलाह दी जाती है। यहां तक कि बाइपोलर डिस्ऑर्डर के मरीजों को भी नियमित रूप से अंकुरित चने खाने को कहा जाता है। अंकुरित चनों को पीसकर इसमें चीनी मिलाकर खाने से मानसिक समस्याऐं दूर होती हैं। 

3. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- डायबिटीज के मरीजों को भी अपने भोजन में अंकुरित चनों को शामिल कर रोजाना खाना चाहिये। अंकुरित चनों में मौजूद फाइबर ग्लूकोज लेवल कम करने में मदद करता है। जिन लोगों को हाई ब्लड शुगर है उनके लिये तो यह बेहद फायदेमंद है, वे इसे खाली पेट खायें तो फायदा होगा। 

ये भी पढ़े- डायबिटीज के घरेलू उपाय 

4. हृदय स्वास्थ्य के लिये (Heart Health)- बढ़ते हुऐ खराब LDL कोलेस्ट्रॉल हृदय का एक प्रकार से दुश्मन होता है। इसी की वजह से हृदय की रक्त धमनियों में प्लॉक बन जाता है जिससे ये अवरुद्ध हो जाती हैं और रक्त संचार रुक जाने से अटैक, स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। चना LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके टोटल कोलेस्ट्रॉल में सुधार करता है। अंकुरित चनों में मौजूद फाइबर भी टोटल कोलेस्ट्रॉल और LDL कोलेस्ट्रॉल पर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाते हुए कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर बनाये रखता है। इस तरह अंकुरित चने खाने से हृदय सुरक्षित रहता है।

5. वजन कम करे (Lose Weight)- अंकुरित चना वजन कम करने का एक अच्छा विकल्प है। इसमें कैलोरी और वसा कम होती हैं, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिससे जल्दी भूख नहीं लगती। सुबह खाली पेट अंकुरित चने खाने के बाद लंबे समय तक के लिये एक अच्छा और पौष्टिक आहार मिल जाता है जिससे पेट भरा भरा रहता है और जल्दी से भूख नहीं लगती। इस तरह ये चने वजन को नियन्त्रित करते हैं और मोटापा नहीं बढ़ता।

6. एनीमिया दूर करे (Cure Anemia)- शरीर में खून की कमी हो जाने को एनीमिया कहा जाता है। यह अधिकतर महिलाओं को होता है क्योंकि हर महीने होने वाले पीरियड्स में काफी मात्रा में खून बह जाता है। एनीमिया के अनेक कारण होते हैं जिनमें आयरन की कमी प्रमुख है। अंकुरित चने इस समस्या को दूर करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। अंकुरित चनों में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है जिससे शरीर की दैनिक आयरन की जरूरत पूरी हो जाती है। आयरन और फास्फोरस हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। अतः एनीमिया की समस्या से निपटने के लिये अंकुरित चने खायें, या चने का आटा या बेसन गेहूं के आटे में मिलाकर खायें। 

ये भी पढ़े- एनीमिया को दूर करने के उपाय

7. मूत्र संबंधी समस्याओं के लिये (Urinary Problems)- मूत्र से संबंधित समस्याओं जैसे बार-बार और अधिक या कम मूत्र आना या मूत्र मार्ग में संक्रमण (Urine Tract Infection – UTI) से छुटकारा दिलाने में अंकुरित चनों की अहम भूमिका होती है। ये दवा के रूप में काम करते हैं। सुबह खाली पेट अंकुरित चने भूनकर गुड़ के साथ खायें। निश्चित रूप से आराम लग जायेगा।  

8. हड्डियों की मजबूती के लिये (Bone Strength)- अंकुरित चनों में कैल्शियम और फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा होती है। ये दोनों ही हड्डियों की मजबूती के लिये जिम्मेदार होते हैं। इनके अतिरिक्त अन्य खनिज तथा विटामिन भी मौजूद होते हैं। एस्ट्रोजन की कमी के कारण होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग पनपता है जिसमें हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मामूली सी चोट लगने पर ये टूट जाती हैं, कभी-कभी अपने आप भी टूटने लगती हैं। अंकुरित चने के अर्क में मौजूद आइसोफ्लेवोंस एस्ट्रोजेनिक गतिविधियों के काम में मदद करता है। अंकुरित चने खाने के बाद इनका पानी भी पीना चाहिये। इससे हड्डियां मजबूत बनेंगी और दांत भी मजबूत होंगे।

9. बालों के स्वास्थ के लिये (Hair Health)- अंकुरित चनों में विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा होती है जो खुद एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है जिसकी वजह से रेडिकल्स को बढ़ावा नहीं मिलता। इस कारण बालों का टूटना, असमय सफेद होना, डैन्ड्रफ़ आदि की समस्या नहीं होती। अंकुरित चने खाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं और बालों का टूटना बंद हो जाता है। बालों का विकास होता है ये घने और लंबे हो जाते हैं और असमय सफेद होने की गति भी रुक जाती है। बालों पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारे निम्नलिखित पिछले आर्टिकल पढ़ें –

(i)  बालों को झड़ने से रोकने के उपाय

(ii) कम उम्र में बाल सफ़ेद होने से रोकने के उपाय

(iii) बालों को रेशमी मुलायम बनाने के तरीके

(iv) डैन्ड्रफ़ हटाने के देसी उपाय। 

10. सफेद दाग हटाये (Remove White Spots)-  सफेद दाग को मेडिकल भाषा में ल्यूकोडर्मा (Leukoderma) कहा जाता है। यह कोई बीमारी या संक्रमण नहीं है बल्कि एक विकार है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, रंग का निर्माण करने वाली कोशिकाओं (Melanocytes) को नष्ट कर देती है या ये कोशिकाऐं अपने आप काम करना बंद कर देती हैं। परिणामस्वरूप त्वचा पर सफेद दाग पड़ जाते हैं। इसके उपचार के लिये दिन में चनों के साथ 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण भी पानी में भिगो दें। रात को निकालकर मोटे सूती कपड़े में बांधकर लटका दें। दो दिन में इनमें अंकुर निकाल आयेंगे। ना भी निकलें तो भी इनको रोजाना सुबह छः हफ्ते तक खाली पेट चबा-चबाकर खायें। सफेद दाग हट जायेंगे या बहुत कम हो जायेंगे।

11. यौन स्वास्थ के लिये (Sexual Health)- अंकुरित चने शारीरिक कमजोरी को दूर करके जिस्मानी मजबूती देते हैं, आपको एनर्जेटिक बनाते हैं तो आपको अंदर से भी मजबूत करते हैं। ये यौन स्वास्थ के लिये बेहद लाभकारी होते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चने खाने और इसका पानी से या अंकुरित चने खाकर दूध पीने से दो हफ्ते में वीर्य पुष्ट और गाढ़ा हो जायेगा और कामशक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगी। नपुंसकता की समस्या से छुटकारा पाने के लिये डॉक्टर रोजाना सुबह एक मुट्ठी अंकुरित चने मिश्री के साथ खाने की सलाह देते हैं। अंकुरित चनों के साथ रोजाना भीगे हुऐ पांच बादाम खाने से भी काम क्षमता बढ़ती है। 

अंकुरित चने खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Sprouted Gram

दोस्तो, अंकुरित चने खाने के नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है। कुछ ऐसी ही संभावनाओं का विवरण और नुकसान निम्न प्रकार है।

1. अंकुरित चने खाने से पेट फूल सकता है, गैस बन सकती है और लिवर प्रभावित हो सकता है।

2. गर्म और नम स्थितियों में चने को अंकुरित होने के लिये गर्म और नम स्थितियों में सामना करना पड़ता है, इससे बैक्टीरिया बनते हैं जो फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। इनका प्रभाव खाने के 12 से 72 घंटे के बाद पड़ता है।

3. अकैडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की एक रिसर्च के मुताबिक चने को अंकुरित होते समय इसमें रहने वाली नमी, साल्मोनेला, ई.कोलाइ और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया का कारण बनती है जो अनेक बीमारियां होने की संभावना रहती है।  

4. बैक्टीरिया के कारण उल्टी, दस्त हो सकते हैं। 

5. बैक्टीरिया के अलावा अंकुरित चने में मौजूद फाइबर की अधिक मात्रा दस्त का कारण बन सकती है।

6. साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से टायफाइड होने की संभावना रहती है। 

7. लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया किडनी संबंधी समस्या का कारण बन सकता है।

8. ई-कोली वायरस से यूरिनरी ट्रैक्स इंफैक्शन हो सकता है। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको अंकुरित चने खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। चना क्या है, चने का आटा, दाल और बेसन क्या है, चने की खेती कहां होती है, चने के प्रकार, चने के उपयोग, अंकुरित चने क्या होते हैं, अंकुरित चने के पोषक तत्व, चना अंकुरित करने का तरीका, अंकुरित चने खाने का सही तरीका और अंकुरित चने कितने खाने चाहियें, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से अंकुरित चने खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको अंकुरित चने खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। चना क्या है, चने का आटा, दाल और बेसन क्या है, चने की खेती कहां होती है, चने के प्रकार, चने के उपयोग, अंकुरित चने क्या होते हैं, अंकुरित चने के पोषक तत्व, चना अंकुरित करने का तरीका, अंकुरित चने खाने का सही तरीका और अंकुरित चने कितने खाने चाहियें, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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