स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने ऐसी खबरें पढ़ी होंगी कि पति के “खर्राटे“ से परेशान पत्नी अपने माइके चली गई या पत्नी के खर्राटे से परेशान होकर पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया और बात तलाक तक जा पहुंची। या ऐसी भी घटनाएं हुई हैं जहां भाई ने भाई को चोट पहुंचा दी जबकि इसमें दोष खर्राटे लेने वाले का होता ही नहीं है। उसे तो इस बात का पता भी नहीं होता कि वह खर्राटे ले रहा है। दरअसल खर्राटे कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह नींद से जुड़ा एक विकार है जिसमें सोते समय व्यक्ति के नाक या मुंह से कर्कश और कठोर आवाज निकलती है जिसे सुनकर दूसरा व्यक्ति इतना बेचैन हो जाता है कि उसके सिर में दर्द बन जाता है और वह चैन से सो नहीं पाता और यहीं से रिश्तों में दरार पड़ जाती है। इस विकार को योगासन और घरेलू उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “खर्राटे के घरेलू उपाय”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको खर्राटे के बारे में जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इससे छुटकारा पाने के घरेलू उपाय क्या हैं? तो, सबसे पहले आपको देते हैं खर्राटे पर एक संक्षिप्त विवरण। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
खर्राटे, एक संक्षिप्त विवरण – Snoring, a Brief Description
खर्राटे (Snoring) एक नींद का विकार हैं जिसे मेडिकल भाषा में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea – OSA) कहा जाता है। जब सोते हुए सांस अंदर खींचा जाता है तो वायु के प्रवाह से गले की त्वचा के ऊतकों (Tissues) में कम्पन उत्पन्न होता है। यही कम्पन ध्वनि बनकर बाहर निकलती है। इसी ध्वनि को खर्राटे कहते हैं जो कि बहुत कठोर, कर्कश और अप्रिय होती है। इससे, साथ सोये व्यक्ति को बहुत इरिटेशन होती है। इसमें खर्राटे लेने वाले और खर्राटे की आवाज सुनने वाले दोनों व्यक्तियों व्यक्ति की नींद खराब होती है।
गले के ऊतकों का आकार बढ़ना और भारीपन, तालू की असामान्य स्थिति, सोने की गलत स्थिति, नासिका वायुमार्ग में रूकावट, मांसपेशियों में कमजोरी, शराब तथा नशीले पदार्थ आदि खर्राटों के कारण होते हैं। सोये हुए व्यक्ति की नाक या मुंह से मद्धम या बहुत तेज कठोर आवाज निकलना, रात को नींद पूरी ना होने के कारण दिन में ज्यादा नींद आना, सोते-सोते एकदम हड़बड़ाहट में उठ जाना, दम घुटता महसूस होना, हांफना, रात को ब्लड प्रेशर बढ़ जाना, सुबह उठने पर सिर में दर्द महसूस करना आदि इसके लक्षण होते हैं।
खर्राटों के निदान के लिए अनेक प्रकार की जानकारियां ली जाती हैं, शारीरिक परीक्षण किया जाता है तथा, एक्स-रे, सीटी स्केन, एमआरआई तथा पोलीसोम्नोग्राफी टेस्ट किए जाते हैं। जीवनशैली में बदलाव, कुछ डिवाइस का उपयोग और कई प्रकार की सर्जरी के माध्यम से खर्राटों का उपचार किया जाता है।
खर्राटे से उत्पन्न जटिलताएं/नुकसान – Complications/Damages Due to Snoring
दोस्तो, खर्राटों से होने वाली जटिलताओं और नुकसान का विवरण निम्न प्रकार है –
1. खर्राटे की सबसे बड़ी जटिलता यह है कि खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की नींद की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
2. लंबे समय तक नींद ना आने या भरपूर नींद ना ले पाने के कारण व्यक्ति अनिद्रा (Insomnia) का शिकार हो सकता है।
3. रात को ठीक से ना सो पाने के कारण उसे दिन में नींद सताने लगती है परन्तु दिन में उचित स्थान ना मिलने के कारण वह सो नहीं सकता। ऐसी हालत में उसके काम-काज की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उसकी दिनचर्या प्रभावित होती है।
4. उसके सामाजिक तथा पारिवारिक कार्य प्रभावित होते हैं।
5. इन सबका असर उसकी मान-मर्यादा पर भी पड़ता है, कई बार वह अपमानित महसूस करता है।
6. रात को ठीक से ना सो पाने के कारण वह ऊंघता रहता है, झपकियां लेता रहता है। ऐसी हालत में वह सड़क दुर्घटना का भी शिकार हो सकता है।
7. आंखों में नींद छाई रहने से आंखों में जलन होना, आंखें दुखना, भविष्य में आंखों के रोग होने की संभावना बनना।
8. डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर तथा अन्य प्रकार बीमारियां होने की संभावना बन जाती है।
9. खर्राटों के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक आदि की संभावना रहती है।
10. उसका मानसिक स्वास्थ भी बिगड़ने लगता है।
11. उसके व्यवहार में परिवर्तन आता है। उसका व्यवहार आक्रामक होने लगता है।
12. बात-बात पर उसे गुस्सा आता है।
13. वह हताशा और निराशा से भर जाता है। वह किसी एक विषय वस्तु पर एकाग्रचित नहीं हो पाता।
14. उसका कुल स्वास्थ खराब हो जाता है।
15. खर्राटों का सबसे बड़ा नुकसान खर्राटे लेने वाले व्यक्ति से ज्यादा उसकी पत्नी या उसके कमरे में सोने वाले अन्य व्यक्ति का होता है। क्योंकि इसकी भी नींद पूरी नहीं हो पाती। यदि महिला को खर्राटे आते हैं तो उसका पति परेशान रहता है। रोजाना के ऐसे हालात में गुस्से में खर्राटे लेने वाले को चोट पहुंचाने का खतरा भी बना रहता है। इस मसले पर घर में क्लेश पैदा हो जाता है और दाम्पत्य जीवन में खटास भी बनी रहती है।
16. बच्चों के मामले में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ता है और उनके स्वास्थ पर भी।
खर्राटे आने के कारण – Cause of Snoring
खर्राटे आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. तालू की स्थिति (Position of the Palate)- यदि किसी का तालू मुलायम और लंबा है तो ऐसी स्थिति में यह तालू नाक से गले तक खुलने के मार्ग को संकरा कर देता है। सांस लेते समय मुलायम तालू तथा उवुला (Uvuka) की बहुत ज्यादा लंबाई शोर स्पंदन वाल्व के रूप में कार्य करती है।
2. गले के ऊतकों का बढ़ा आकार और भारीपन (Increased Size and Heaviness of Throat Tissue)- मोटापा, अक्सर गले को ऊतकों का आकार बढ़ जाने का कारण होता है। इससे ऊतकों में भारीपन आ जाता है। जब बच्चों के टॉन्सिल फूल जाते हैं या एंडीनोइड्स (adenoids) बड़ा हो जाता है तो ऐसी अवस्था में बच्चे भी खर्राटे लेने लगते हैं।
3. नासिका वायुमार्ग में रूकावट (Nasal Airway Obstruction)- नाक का अंदर से विकृत हो जाना यानि कि सैप्टम के अंदर (नाक के रास्ते को दो भागों में बांटने वाली दीवार) निकले छोटे-छोटे कणों के कारण, या इसका टेढ़ा हो जाने के कारण भी वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जिससे सांस सामान्य रूप से नहीं आती।
4. मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness)- मांसपेशियों में कमजोरी तब आती है जब गले और जीभ की मांसपेशियां जब बहुत शांत होकर ढीली पड़ जायें। ऐसी स्थिति में मांसपेशियां लटक कर श्वसन मार्ग को अवरुद्ध कर देती हैं। यह सामान्यतः गहरी नींद या नींद की गोलियां लेकर सोने की वजह से होता है।
5. शराब तथा नशीले पदार्थ (Alcohol and Drugs)- शराब तथा नशीले पदार्थ मांसपेशियों को आराम तो देते हैं पर मुंह, नाक और गले में शुष्कता (सूखापन Dryness) पैदा कर देते हैं। यही सूखापन खर्राटे बनाने में मदद करता है। अल्कोहल युक्त दवाओं का भी यही प्रभाव होता है।
6. सोने की स्थिति (Sleeping Position)- पीठ के बल सीधा सोने से पर भी खर्राटे बनते हैं क्योंकि इस स्थिति में जीभ जीभ वायुमार्ग को बाधित कर देती है।
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खर्राटे में परहेज – Refrain from Snoring
यदि कोई खर्राटों से राहत पाना चाहता है तो उसे कुछ त्याग करना होगा। ऐसा त्याग जो उसकी जीवनशैली को बदल दे और उसे शारीरिक तथा मानसिक तौर पर स्वस्थ रखे। हमारा, त्याग से तात्पर्य है परहेज उन खाद्य/पेय पदार्थों का जो खर्राटे को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे पदार्थ निम्नलिखित हैं –
1. धूम्रपान यानि बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, सिगार, चिलम आदि।
2. तम्बाकू अर्थात् तम्बाकू का अन्य रूप में उपयोग जैसे खैनी, गुटखा, पान में तम्बाकू।
3. शराब और अन्य एल्कोहलिक पदार्थ।
4. ड्रग्स व अन्य नशीले पदार्थ।
5. जंक फूड।
6. अधिक तले, भुने, तेज मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थ।
7. बहुत कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य तथा पेय पदार्थ जैसे केक, पेस्ट्री, कैंडी, सोडा, शुगर सिरप आदि।
खर्राटे से बचाव के उपाय – Ways to Prevent Snoring
दोस्तो, हम बता रहे हैं आपको कुछ निम्नलिखित उपाय जिनकी मदद से अपनी दिनचर्या में कुछ परिवर्तन कर सकते हैं। इससे काफी हद तक खर्राटों से मुक्ति मिल जाएगी –
1. वजन कम करें (Lose Weight)- मोटापा बढ़ने से खर्राटों की समस्या और बढ़ती है क्यों कि मोटे लोगों के गले में जो अतिरिक्त ऊतक मौजूद होते हैं वे खर्राटों को ट्रिगर करते हैं। इसलिये शरीर की चर्बी को घटाना लाजमी हो जाता है।
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2. गाना गाएं (Sing a Song)- हो सके तो सोने से पहले गाना गाएं, इससे नरम तालू और ऊपरी गले की मांसपेशियां नियंत्रण में रहेंगी।
3. सोने का तरीका बदलिए (Change Sleeping Pattern)- आप किस तरह सोते हैं इस बात पर खर्राटों का ट्रिगर होना निर्भर करता है। पीठ के बल सीधा सोने की वजह से जीभ पीछे की तरफ स्थिर हो जाती है, इससे वायुमार्ग संकुचित होकर अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए करवट लेकर सोने की आदत डालिए। खर्राटे भी बंद हो जाएंगे।
4. सिर के नीचे तकिया लगाएं (Put a Pillow Under Your Head)- कुछ लोगों को बिना तकिया लगाए सोने की आदत होती है। इससे भी जीभ एकदम पीछे हो जाती है जो वायुमार्ग में रुकावट का कारण बनती है। इसलिए तकिया लगाकर सोएं। तकिया की मोटाई इतनी जरूर होनी चाहिए कि आपका सिर चार इंच ऊपर उठा रहे। इससे गले के ऊतकों का बचाव होगा और वे शांत रहेंगे।
5. धूम्रपान बंद करें (Stop Smoking)- यह बहुत ही अहम मसला है कि यदि आप धूम्रपान करते हैं और खर्राटों से राहत पाना चाहते हैं तो इसे तुरन्त बंद कर दें। क्योंकि धूम्रपान नाक और गले की कैविटी को उत्तेजित करता है तथा यह गले में सूजन पैदा करता है। इससे खर्राटे और गंभीर हो जाते हैं।
6. शराब व नशीले पदार्थों से बचें (Avoid Alcohol and Drugs)- यहां हम स्पष्ट कर दें कि शराब तथा नशीले पदार्थों का प्रभाव सीधे तौर पर तंत्रिका तंत्र (Nervous system) पर पड़ता है। इस कारण मांसपेशियों में फैलाव होने लगता है, इनके फैलने से गले के ऊतक भी फैलने लगते हैं जिससे खर्राटे बनते हैं। इसलिये शराब तथा नशीले पदार्थों को छोड़ना ही बेहतर है। यदि शराब पीनी ही तो बहुत कम मात्रा में पीयें और सोने के कम चार घंटे पहले पी लें।
7. नींद की गोलियां (Sleeping Pills)- कई लोग नींद के लिए, नींद की गोलियां लेते हैं। डॉक्टर तो बीमारी के अनुसार नींद की गोलियां निर्धारित करते हैं परन्तु कुछ लोग अपनी मर्जी से लेते हैं। यह गलत हैं क्योंकि ये गले में शुष्कता पैदा करती हैं। जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है।
इसलिए इनको छोड़ना ही चाहिए। प्राकृतिक रूप से सोने की कोशिश करें। हो सकता है कि नींद एक, दो दिन ना आये परन्तु तीसरे दिन अपने आप जरूर आएगी। प्राकृतिक नींद लीजिए और खर्राटों से छुटकारा पाइये।
8. पर्याप्त नींद लें (Get Enough Sleep)- जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि कुछ लोग नींद के लिए, नींद की गोलियां लेते हैं, इनको छोड़कर प्राकृतिक नींद लें और भरपूर नींद लें। व्यस्क व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए सोना भी जल्दी पड़ेगा। प्राकृतिक और भरपूर नींद खर्राटों से मुक्ति दिलाने में करेगी।
9. ठंडा भोजन ना करें (Don’t Eat Cold Food)- कभी भी ठंडा भोजन ना करें। फ्रिज में रखे हुए खाद्य और पेय पदार्थों के सेवन से बचें क्योंकि ठंडा खाने से गला खराब होता है। इससे श्वास नलिकाएं संकुचित हो जाने से वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जो खर्राटों को ट्रिगर करता है।
10. मन शांत रखें (Keep Calm)- तनाव ना लें, मन को शांत रखें इससे मांसपेशियां नियंत्रण में रहेंगी। मांसपेशियां के नियंत्रण में रहने से गले के ऊतकों में फैलाव नहीं होगा और आप खर्राटों से बचे रहेंगे।
खर्राटों के लिए योगासन और प्राणायाम – Yoga Asanas and Pranayama for Snoring
दोस्तो, खर्राटों से प्राकृतिक रूप से छुटकारा पाने का एक और विकल्प है योगासन और प्राणायाम का जिसे किसी योग गुरु/एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए। हम बता रहे हैं कुछ निम्नलिखित योगासन और प्राणायाम जो खर्राटों से राहत दिलाने में आपकी मदद करेंगे –
1. ताड़ासन (Tadasana)- ताड़ासन ना केवल पेट की चर्बी को कम करता है बल्कि इससे कमर में दर्द, मांसपेशियों, पैरों और घुटनों में होने वाले दर्द से आराम मिलता है, शरीर सुडौल रहता है, कद बढ़ता है और शारीरिक तथा मानसिक संतुलन बना रहता है।
सांस भरकर जब शरीर को ऊपर खींचा जाता है तो छाती की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं तथा श्वास प्रक्रिया में सुधार होता है। गर्भवती महिलाओं, कम रक्तचाप वालों को तथा हृदय संबंधी समस्या वालों को इस आसन से दूर रहना चाहिए।
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2. भुजंगासन (Bhujangasana)- यह सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 7वां आसन है। इसे करते समय शरीर की आकृति फन उठाये सांप की तरह हो जाती है। इससे पेट की चर्बी कम होती है, शरीर लचीला बनता है, कमर दर्द में आराम आता है, रीढ़ की ऊपरी हड्डियों पर दबाव पड़ने की वजह से हड्डियों में सुधार होता है, पाचन में सुधार होता है और तनाव भी खत्म होता है।
इससे फेफड़ों साफ होते हैं, छाती खुलती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन के प्रवाह में सुधार होता है। हर्निया, पीठ में चोट या फ्रक्चर, सिर दर्द, पेट के निचले भाग की सर्जरी वाले लोगों को यह योगासन नहीं करना चाहिए।
3. धनुरासन (Dhanurasana)- यह आसन पेट के बल लेट कर किया जाता है। इसे करते समय शरीर का मुद्रा धनुष के समान हो जाती है। पेट का फैट कम करने, शरीर का वजन कम करने, किडनी, अग्न्याशय, लिवर और आंतों की समस्या से राहत पाने के लिये धनुरासन अत्यंत लाभदायक है।
कमर दर्द के लिये यह रामबाण योगासन माना जाता है। इससे छाती की मांसपेशियां खुलती हैं, ऑक्सीजन के प्रवाह में सुधार होता है तथा इससे सांस की स्थिति सुधरती है। हर्निया, पथरी, पेट में अल्सर, साइटिका वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिये।
4. सिंहासन (The Throne)- इस योगासन को करते समय शरीर की मुद्रा बैठे हुए सिंह (शेर) के समान हो जाती है। इसे “लॉयन पॉज” (Lion pose) कहा जाता है। इससे कंधों और पीठ की मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनती है। इससे तनाव, चिंता तथा डिप्रेशन से राहत मिलती है और मूड अच्छा बनता है।
सिंहासन से जीभ की एक्सरसाइज हो जाती है, मुंह की कुछ विशेष मांसपेशियां मजबूत बनाती हैं और गले की खराश खत्म हो जाती है। शरीर के किसी हिस्से में गंभीर दर्द होने या चोट लगने की स्थिति में और चक्कर आने की स्थिति में इस आसन को ना करें।
5. भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)- यह प्राणायाम हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, तनाव, चिंता, अवसाद को दूर करता है और ध्यान लगाने की क्षमता को बढ़ाता है।
6. उज्जयी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama)- इस प्राणायाम से गले और चेहरे की मांसपेशियां मजबूत बनाती हैं। मन और मस्तिष्क को शांत करता है और नींद की गुणवत्ता को सुधारता है।
7. नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhana Pranayama)- यह प्राणायाम रक्तवाहिकाओं की सफाई करता है। गले के संक्रमण को दूर करता है और नींद में सुधार करता है।
8. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama)- इस प्राणायाम से साइनस की समस्या में आराम मिलता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
9. ॐ उच्चारण (Om Pronunciation)- हमने ऊपर बताया है कि सोने से पहले आप गाना गाएं इससे नरम तालू और ऊपरी गले की मांसपेशियां नियंत्रण में रहेंगी। यदि आप गाना नहीं गाना चाहते तो ॐ का उच्चारण करें इससे नरम तालू और ऊपरी गले की मांसपेशियों में सुधार होगा।
10. अनुलोम विलोम (Anulom Vilom)- इनके अतिरिक्त आप अनुलोम विलोम भी कर सकते हैं इससे श्वसन प्रणाली में सुधार होगा।
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खर्राटे के घरेलू उपाय – Home Remedies for Snoring
और अब कुछ घरेलू उपाय जिनको अपना कर खर्राटों से राहत पा सकते हैं। ये निम्न प्रकार हैं –
1. पुदीना (Peppermint)- पुदीना के एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लामेटरी गुण गले और नाक की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। परिणाम स्वरूप सांस लेने में आसानी रहती है। पुदीना का उपयोग निम्न प्रकार कर सकते हैं –
(i) रोजाना पुदीना के कुछ पत्ते पानी में डालकर उबालें और गुनगुना होने तक ठंडा करें और पीयें। इससे गला खुल जाएगा। धीरे-धीरे खर्राटे की समस्या खत्म हो जाएगी।
(ii) गर्म पानी में पुदीना के तेल की कुछ बूंदें डाल कर भाप लें।
(iii) पानी में पुदीना के तेल की कुछ बूंदें नारियल के तेल में मिलाकर नाक, गले पर और छाती पर लगायें।
(iv) पुदीना के तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में डालकर गरारे करें।
(v) पुदीना के तेल की कुछ बूंदों को रूमाल पर डालकर कुछ देर तक सूंघें।
2. दालचीनी (Cinnamon)- दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो गले और श्वास नली में सूजन और संक्रमण को दूर करने का काम करते हैं। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में दो या तीन चम्मच दालचीनी मिलाकर पीएं या ग्रीन टी में एक या दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीएं।
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3. लहसुन (Garlic)- लहसुन में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण प्रभाव श्वास नलिकाओं की सूजन को कम करने का काम करते हैं। लहसुन, नासिका मार्ग में जमे बलगम को निकालकर श्वसन-तंत्र को सुधारता है जिससे खर्राटों में आराम मिलता है। इसके लिये आधा कप दूध में लहसुन की पांच, सात कलियां उबालकर गुनगुना रहने तक ठंडा करके पी लें या रात को गुनगुने पानी के साथ लहसुन की एक कली निगल लें।
4. हल्दी (Turmeric)- हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण नासिका मार्ग के ब्लॉकेज को साफ करके सूजन को कम करते हैं तथा इसके एंटीबैक्टीरियल गुण फेफड़ों के संक्रमण को दूर करते हैं। खर्राटे की समस्या में रोजाना रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पी लें।
5. काली मिर्च (Black Pepper)- काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। खर्राटों का कारण तनाव, चिंता तथा अवसाद भी होता है। काली मिर्च के एंटीडिप्रेसेंट गुण इन सबसे छुटकारा दिलाते हैं।
इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण श्वसन मार्ग की सूजन को कम करते हैं। यह नासिका मार्ग को खोलने का काम करती है। इसके लिए काली मिर्च, इलायची, जीरा और दालचीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक पीसकर, इसका सेवन करें तथा इसे सूंघें। इससे खर्राटों से छुटकारा मिल जाएगा।
6. इलायची (Cardamom)- इलायची में एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। सर्दी, जुकाम, गला खराब आदि समस्याओं में अत्यंत लाभकारी होती है। यह गले की सूजन को दूर करती है। यह श्वसन-तंत्र खोलती है जिससे सांस लेने में आसानी रहती है।
इलायची को किसी भी रूप में खाएं यह फायदा करेगी। रात को सोने से आधा घंटा पहले दो इलायची चबा कर गुनगुना पानी पी लें या एक ग्राम इलायची चूर्ण को शहद में मिलाकर खायें। खर्राटों में आराम मिलेगा।
7. तुलसी (Basil)- तुलसी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण श्वास तंत्र, गला और फेफड़ों की सूजन को समाप्त करते हैं। गला खराब होने में, श्वास तंत्र और अस्थमा में तुलसी अत्यंत लाभदायक है।
खर्राटों से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों को पानी में उबाल कर गुनगुना होने तक ठंडा करके पीएं। आप चाहें तो, पानी उबालते समय इसमें सेंधा नमक, सोंठ, जीरा और भुनी हुई हींग भी डाल सकते हैं।
8. शहद (Honey)- शहद में भी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो श्वास नलिकाओं की सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त शहद में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो फेफड़ों को संक्रमण से बचाते हैं। रात को सोने से पहले गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं। इससे नासिका मार्ग खुल जाएगा।
9. देसी घी (Desi Ghee)- देसी घी भी खर्राटों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। देसी घी हल्का सा गर्म करके इसकी दो-दो बूंदें नाक में डालें। नासिका मार्ग की रुकावट हट जाएगी और सांस खुल कर आएगा।
10. अजवायन (Celery)- अजवाइन में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियलरगुण मौजूद होते हैं। खर्राटों की समस्या में पानी में अजवायन डालकर उबालें और पानी की भाप लें। इससे बंद नाक तुरन्त खुल जाएगी और सांस भी खुलकर आएगा। इसके अतिरिक्त अजवाइन के बीजों को पीसकर एक कपड़े में बंधकर सूंघें।
11. कॉफी (Coffee) – कॉफी भी खर्राटों से राहत दिलाने का काम कर सकती है। इसमें पाए जाने वाला कैफीन श्वास नलिकाओं के संकुचन को खोलने में मदद करता है। इससे सांस खुलकर आती है। इसके लिए सोने से आधा घंटा पहले अपनी पसंद की कॉफी बनाकर पीयें।
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12. ऑलिव ऑयल (Olive Oil)- ऑलिव ऑयल यानि जैतून का तेल भी इस समस्या से राहत दिलाता है। रोजाना रात को सोते समय जैतून के तेल की कुछ बूंदे नाक में डालें। इससे नासिका मार्ग खुल जाएगा।
13. नीलगिरी का तेल (Nilgiri oil)- नीलगिरी के तेल श्वसन मार्ग और साइनस में जमा बलगम को ढीला कर बाहर निकालने में मदद करता है। इससे वायुमार्ग साफ हो जाता है फिर सांस भी खुलकर आती है। इसके लिए गुनगुने पानी में नीलगिरी के तेल की तीन, चार बूंदे डालकर पी सकते हैं और पानी उबालकर उसमें नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदे डालकर भाप ले सकते हैं। खर्राटों में आराम आ जाएगा।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको खर्राटे के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी दी। खर्राटे का एक संक्षिप्त विवरण दिया फिर खर्राटे से उत्पन्न जटिलताएं/नुकसान, खर्राटे में परहेज, खर्राटे से बचाव के उपाय और खर्राटों के लिए योगासन और प्राणायाम, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से खर्राटे के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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