दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने जयपुर का हवामहल तो देखा होगा, देखा नहीं तो सुना जरूर होगा, एक अदभुत पांच मंजिला इमारत वास्तुकला का अद्वितीय नमूना। इस इमारत में सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र हैं इसकी 953 खिड़कियां और छोटे-छोटे झरोखे जिनका काम है इमारत को अंदर से ठंडा रखना। जरा सोचो यदि ये खिड़कियां और झरोखे बंद हो जायें तो क्या हो?। दोस्तो, हमारे शरीर में भी एक ऐसा ही सिस्टम है जहां हवा के स्थान (Air pickets) बने हुऐ हैं जिनमें हवा रहती है। इसका काम है नासिका तंत्र की सफाई रखना ताकि सांस आने जाने में कोई दिक्कत ना हो, कोई बैक्टीरिया ना पनपे। परन्तु किसी कारणवश जब ये ब्लॉक हो जाते हैं तब बहुत तकलीफ़ होती है। और इस तकलीफ को कहा जाता है साइनस या साइनोसाइटिस। फिर इस समस्या से राहत पाने के लिये उपाय करने पड़ते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “साइनस का घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको साइनस के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इससे राहत पाने के देसी उपाय क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि साइनस क्या होता है।
साइनस क्या है? – What is Sinus?
सामान्य तौर पर साइनस नाक से सम्बंधित रोग है जिसे मेडिकल भाषा में साइनोसाइटिस (Sinositis) कहा जाता है। साइनस खोपड़ी (Skull) में हवा से भरी हुई जगह होती है यानी कान, गाल की हड्डी, आंखों और माथे के बीच में एयर पॉकेट्स होते हैं जोकि बहुत तंग चैनल्स से जुड़े होते हैं। साइनस का काम पतला बलगम बनाने का है जो नाक द्वारा बाहर निकलता है। इससे बैक्टीरिया भी दूर रहता है और नाक भी साफ रहती है। स्वस्थ साइनस में कोई बैक्टीरिया नहीं होता लेकिन जब संक्रमण या अन्य कारण से ये एयर पॉकेट्स ब्लॉक हो जाते हैं तब उनमें द्रव भरने लगता है। इससे बैक्टीरिया पनपता है जिससे साइनस के टिश्यूज़ में जलन या सूजन हो जाती है। इसी संक्रमण को साइनस इंफेक्शन या साइनोसाइटिस कहा जाता है।
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साइनस के प्रकार – Types of Sinuses
दोस्तो, साइनस वस्तुतः दो ही प्रकार का होता है –
1. एक्यूट साइनोसाइटिस (Acute Sinusitis)- वायरल इंफेक्शन, धूल, पराग, मौसमी एलर्जी के कारण होने वाला यह साइनस दो या चार उससे कम हफ्तों तक रहता है। वायरल इंफेक्शन के कारण नाक के मार्ग की सूजन बढ़ जाती है।
2. क्रोनिक साइनोसाइटस (Chronic Sinusitis)- एलर्जी, इंफेक्शन, बलगम, व सूजन की वजह से होने वाला यह साइनस लंबे समय तक यानी तीन महीने या इससे भी अधिक समय तक चल सकता है। इसमें मरीज को बहुत ज्यादा परेशानी होती है। नाक की समस्या या एलर्जी लगातार होती रहती है।
साइनस संक्रमण होने का कारण – Cause of Sinus Infection
दोस्तो, साइनोसाइटिस वायरस, संक्रमण या फंगस की वजह से होता है। साइनस में हवा भरी होती है लेकिन संक्रमण के कारण वायुविवर यानी साइनस में सूजन पैदा हो जाती है इनमें द्रव यानी बलगम भर जाता है और ये ब्लॉक हो जाते हैं फिर बनता है सिर में दर्द। साइनस के कुछ विशेष कारण निम्न लिखित हैं –
1. सर्दी-जुकाम।
2. नाक में एक दम ठंडी हवा का लगना।
3. नाक की एलर्जी या विशेष मौसम से एलर्जी।
4. सेप्टम मेंं समस्या। नाक को विभाजित करने वाली कार्टिलेज लाइन।
5. नाक की हड्डी बढ़ जाना। अक्सर यह नुकीले आकार में बढ़ती है।
6. प्रदूषित हवा, धूल, मिट्टी, धूंआं।
7. नाक के छोटे बाल जो नाक से बलगम को ठीक से बाहर निकलने नहीं देते।
8. छोटे बच्चे और शिशुओं का अधिक समय डे केयर में व्यतीत होना जहां सफाई ठीक से नहीं हो पाती।
9. बड़ों में धूम्रपान की आदत।
10. लंबे समय तक चलने वाली बीमारी और दवाईयां जिनके कारण रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर हो जाती है।
साइनस के लक्षण – Symptoms of Sinus
1. नाक बंद होना जिससे नाक के द्वारा सांस नहीं आती और मुंह से सांस लेना पड़ता है। ऐसी स्थिति में रात को सोना बहुत मुश्किल हो जाता है।
2. नाक का लगातार पानी के समान बलगम बहना। इससे नाक के अंदर जख्म भी बन जाता है और बाहर से छिल जाती है।
3. नाक में भारीपन और सूजन
4. मुंह से बदबू आना।
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5. सूंघने की शक्ति का ह्रास होना अर्थात् किसी प्रकार की कोई गंध न आना।
6. आधे सिर में या पूरे सिर में दर्द होना।
7. आंखों के पीछे, दांतों में दर्द या चेहरे की हड्डी में दर्द होना।
8. खांसी और गले में खराश
9. बुखार रहना,
10. थकावट, कमजोरी।
साइनस का घरेलू उपाय – Remedies to Get Rid of Sinus
1. विटामिन-सी युक्त आहार (Vitamin C Rich Diet)- साइनस से राहत पाने के आपके भोजन में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होनी चाहिये। इससे साइनस इंफेक्शन से लड़ने मेंं मदद मिलेगी। साइनस मेंं होने वाली सूजन भी कम हो जायेगी। विटामिन-सी स्वयं शक्तिशाली अंटीऑक्सीडेंट होते हैं। खट्टे फलों में विटामिन-सी की प्रचुर मात्रा होती है। इनमें आप नींबू, संतरा, टमाटर, मौसमी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी, सेब, अंगूर, कमरख आदि का सेवन कर सकते हैं और सब्जियों में ब्रोकोली, गोभी, पालक, बैंगन, बीन्स आदि खा सकते हैं।
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2. प्राणायाम और योग (Pranayama and Yoga)- अनेक प्रकार की बीमारियां प्राणायाम और योग के द्वारा दूर की जा सकती हैं। चूंकि साइनस सीधे तौर पर वायु, नासिका और स्वांस से जुड़ी है इसलिये इससे राहत पाने के लिये प्राणायाम और योग बेहतरीन उपाय हैं। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका इस समस्या से छुटकारा दिलायेंगे। योगासन में सूर्य-नमस्कार, धनुरासन, भुजंगासन, उत्तानासन, भुजंगासन, उष्ट्रासन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन आपकी मदद करेंगे। योगासन, योग गुरू की देखरेख में ही करें।
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3. पानी पीयें (Drink Water)- हर कोई पानी ज्यादा पीने की बात करता है, डॉक्टर्स भी दवाईयों के साथ-साथ ज्यादा पीने की सलाह देते हैं। पानी ही शरीर में पोषक तत्वों (Nutrients) को जाता है और पानी ही शरीर से टॉक्सिन (toxin) निकालने का काम करता है। साइनस के दर्द में पानी और भी जरूरी हो जाता है। साइनस के कारण नाक में बलगम के जमने से हालत और ज्यादा खराब है जाती है। पानी इस बलगम को ढीला करने में मदद करता है जिससे बंद नाक खुल जाती है। और दर्द में भी आराम आ जाता है। इसलिये दिन में दो लीटर पानी अवश्य पीयें। परन्तु याद रखिये कि जबरदस्ती बहुत ज्यादा पानी ना पीयें इससे नुकसान भी हो सकता है जिससे अनेक समस्यायें बन सकती हैं। मेडिकल भाषा में इसे Overhydration कहा जाता है।
4. भाप (Steam)- सर्दी, जुकाम, बंद नाक से राहत पाने के लिये भाप लेना, परम्परागत उपाय है। इसे हर कोई अपनाता है क्योंकि बंद नाक को खोलने, नाक और फेफड़ों में जमी बलगम को साफ करने का यह सबसे सरल और प्रभावशाली उपाय हैं। ज्यादातर लोग उबलते पानी की भाप ली जाती है या पानी में विक्स भी मिला लेते हैं और तौलिये से सिर को ढक कर भाप लेते हैं। दोस्तो, भाप लेने के लिये उबलते पानी में आप निम्नलिखित वस्तुऐं भी मिला सकते हैं –
(i) मिंट (Mint)- पानी उबालते समय उसमें मिंट मिला दें। इससे बंद नाक जल्दी खुल जायेगी और दर्द में भी आराम मिलेगा।
(ii) प्याज (Onion)- पानी उबालते समय इसमें एक या दो प्याज काटकर डाल दें। उसमें प्याज की विशेष महक उन बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करती है जिसकी वजह से साइनस संक्रमण होता है। इसकी भाप तौलिए के मदद से सिर को ढक कर लें।
(iii) प्याज-लहसुन (Onion Garlic)- प्याज के साथ लहसुन की कुछ कलियां पीसकर पानी उबालते समय डाल दें। दोनों के मिश्रण से बनी भाप बलगम को निकालने में मदद करेगी।
5. सूप पीयें (Drink Soup)- खाने से पहले सूप पीना स्वास्थ के लिये लाभकारी होता है। सूप चाहे सब्जियों का हो या नॉन वेज, यह भूख को बढ़ाता है ठीक उसी प्रकार जैसे Red Wine। सूप में काफी मसाले डाले जाते हैं जो बलगम को ढीला कर, बंद नाक खोलने में मदद करते हैं और सिर दर्द में भी आराम लगता है।
6. लहसुन (Garlic)- लहसुन की भाप के बारे में तो हमने ऊपर बता ही दिया। अब जरा इसका सूप बनाकर पीजिये फिर देखिये साइनस का प्रभाव कैसे खत्म होता है। लहसुन के एंटी-बैक्टीरियल गुण होते साइनस के बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं। लहसुन जमे हुऐ बलगम को बहुत जल्दी निकालने में मदद करते हैं जिससे साइनस के दर्द में भी आराम लग जाता है। इसका सूप बनाना बहुत ही सरल है। थोड़े से पानी में 4, 5 लहसुन की कलियां पीस कर डाल दीजिये और अच्छी तरह उबाल लीजिये। फिर इसे हल्का ठंडा यानी गुनगुना पी लीजिये। आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिला सकते हैं।
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7. मेथी दाना (Fenugreek Seeds)- मेथी को हरे पत्तेदार सब्जी के अतिरिक्त औषधीय गुणों के लिये भी जाना जाता है। मेथी दाने में सूजन और दर्द खत्म करने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो साइनस के कारण सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण साइनस के बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। दाने की चाय बनाकर दिन में दो से तीन बार पीयें, साइनस में आराम लगेगा। इसकी चाय बनाने के लिये एक चम्मच मेथी दाना या मेथी पाउडर पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें। थोड़ा गुनगुना सा पीयें।
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8. अदरक की चाय (Ginger Tea)- अदरक में एनाल्जेसिक यानी दर्द को खत्म करने वाले गुण होते हैं जो साइनस के दर्द को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके लिये आप अदरक की चाय बनाकर पीयें। अदरक की चाय से मतलब केवल अदरक और पानी। बहुत ही सरल है इसको बनाना। दो कप पानी में एक या दो चम्मच कद्दूकस की हुई अदरक डालकर उबाल लें। इसे छानकर धीरे-धीरे चाय की तरह पीयें। यह खांसी को भी ठीक कर देगी।
9. दालचीनी (Cinnamon)- साइनस में मसाले युक्त भोजन खाने की सलाह दी जाती है जैसे काली मिर्च, हल्दी, अदरक आदि क्योंकि मसालों के उपयोग से नाक साफ रहती है। इन्हीं मसालों में दालचीनी भी है जो रसोई में उपलब्ध होती है। इसके गुण आपको स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। दालचीनी पाउडर को पानी में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। साइनस के दर्द से जल्दी छुटकारा मिल जायेगा।
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10. तुलसी का उपयोग (Use of Basil)- तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो साइनस के बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। तुलसी के सेवन से सूजन भी कम होती है। पानी में तुलसी के पत्ते डालकर अच्छी तरह उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर छानकर पीयें। यह तुलसी का काढ़ा प्रतिदिन पीयें। तुलसी के कैप्सूल भी दूध के साथ लेने से साइनस के दर्द में आराम लग जायेगा।
11. हल्दी (Turmeric)- हल्दी को आयुर्वेदिक गुणों का खजना कहा जाता है। यह अनेकों बीमारियों में के उपचार में काम आती है। अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण हल्दी साइनस संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है। सब्जी में तो इसका इस्तेमाल किया ही जाता है, इसके अतिरिक्त हल्दी पाउडर दूध में डालकर पीजिये। इससे बलगम ढीला पड़कर निकल जायेगा और बंद नाक भी खुल जायेगी। साइनस के कारण होने वाली सूजन और दर्द में भी आराम मिलेगा। यदि हल्दी वाला दूध अच्छा नहीं लगता तो चाय में आधा चम्मच या सादा पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीयें। कहने का तात्पर्य यह है कि हल्दी किसी ना किसी रूप में शरीर में जानी चाहिये।
12. सेब का सिरका (Apple Vinegar)- सेब का सिरका भी साइनस के उपचार में एक अच्छा विकल्प है। सेब का सिरका साइनसाइटिस को तो साफ करता ही है साथ ही साथ यह साइनस के संक्रमण को भी खत्म करने में भी मदद करता है। इसका सेवन आप चाय में या गर्म पानी में डालकर कर सकते हैं। चाय में आधा चम्मच काफी है। पानी के लिये, 180 मि।ली। पानी में एक या दो चम्मच सेब साइडर सिरका और एक चम्मच शहद मिलायें। दिन में तीन, चार बार पी सकते हैं। इससे बंद नाक खुल जायेगी और साइनस के कारण होने वाली सूजन और दर्द में भी आराम मिलेगा।
13. तिल का तेल (Sesame Oil)- तिल का तेल साइनस के उपचार में अत्यंत प्रभावी माना जाता है। तिल के तेल की 2-4 बूँदें प्रतिदिन नाक के दोनों छिद्रों में डालें। इससे बंद नाक खुल जायेगी और साइनस का दर्द भी कम हो जायेगा।
14. नींबू और शहद (Lemon and Honey)- नींबू और शहद पानी में मिलाकर रोजाना पीयें। साइनस की समस्या से जल्दी छुटकारा मिल जायेगा।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको साइनस का घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको विस्तारपूर्वक बताया कि साइनस क्या होता है, इसके कितने प्रकार होते हैं, साइनस संक्रमण होने का क्या कारण होते हैं, इसके क्या लक्षण होते हैं। और साइनस से राहत पाने के बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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