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पुदीना खाने के फायदे – Benefits of Eating Mints in Hindi

पुदीना खाने के फायदे

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपको एक ऐसे “वनस्पति के उपहार” से परिचय करायेंगे जो अपने अनोखे स्वाद से पूरी दुनियां पर राज कर रहा है, इसकी सुगंध मन को मोह लेती है, इसका स्वाद मुंह में ठंडापन घोल देता है, मस्तिष्क शांत हो जाता है। यह विशेषकर गर्मियों में भारत की हर रसोई में इस्तेमाल किया जाता है। यह व्यंजनों का स्वाद तो बढ़ाता ही है, स्वास्थवर्धक भी है और इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और दवाओं के उत्पादन में भी किया जाता है। दोस्तो, भारत में सबसे ज्यादा इसका उपयोग चटनी बनाने के लिये किया जाता है। इसकी चटनी हरे रंग की होती है। इस “हरी चटनी” के बिना तो समझो कि समोसे, पकौड़े, ब्रैड पकोड़े, कचौड़ी व अन्य तले स्नैक्स का स्वाद ही नदारद हो जाता है। इनके लिये यह चटनी “आवश्यक आवश्यकता” है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं पुदीना की जिसे गर्मियों में “भोजन का साथी” माना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसका उपयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है फिर भी इसके बहुत फायदे होते हैं और ज्यादा खा लो तो थोड़े से नुकसान भी हो जायेंगे। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पुदीना खाने के फायदे”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको पुदीना के बारे में विस्तृत जानकारी देगा और इसके खाने के फायदे भी बतायेगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पुदीना क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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पुदीना खाने के फायदे
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पुदीना क्या है?- What is Mints

पुदीना, वनस्पति जगत का एक ऐसा उपहार है जिसे सह-सब्जी, मसाले और जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है, जो अपने अनोखे और ठंडक भरे स्वाद के लिये पूरी दुनियां में लोकप्रिय है। पुदीना मेंथा परिवार से संबंधित एक बारहमासी, सुगंधित पौधा है जिसकी 24 से ज्यादा नस्ल और लगभग 90 प्रजातियां (Species) पाई जाती हैं। पुदीना के पौधा का वानास्पतिक नाम मेन्था स्पाइकेटा (Mentha spicata) और वैज्ञानिक नाम मेंथा अरवैन्सिस (Mentha Arvensis) है जिसे अंग्रेजी में मिंट (Mint) कहते हैं। पुदीना का पौधा छोटा होता है, लगभग 12 से 18 इंच लंबा और फैलाव में 18 से 24 इंच। पुदीना की पत्तियां छोटी और खुश्बूदार होती हैं। इसका फूल बैंगनी, गुलाबी या सफेद रंग का आ सकता है। पुदीना की चटनी ना केवल भोजन का स्वाद  बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ के लिये भी लाभदायक होती है। पुदीना का उपयोग चटनी बनाने के अतिरिक्त सौंदर्य प्रसाधनों तथा दवाओं में किया जाता है। इसकी विस्तार से जानकारी हम आगे देंगे। 

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पुदीना की खेती कहां होती है?- Where is Mint Cultivated?

1. पुदीना ब्राजील, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, पैरागुए, चीन, अर्जेन्टिना, जापान, थाईलैंड, अंगोला, ईरान तथा अरब आदि देशों में पुदीना की खेती होती है। 

2. भारत में लगभग सभी जगह पुदीना की खेती की जाती है। भारत के तराई के क्षेत्रों नैनीताल, बदायूँ, बिलासपुर, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली  गंगा यमुना क्षेत्र  बाराबंकी तथा लखनऊ और पंजाब के लुधियाना, जलंधर और हरियाणा में पुदीना की ज्यादा खेती की जाती है। 

पुदीना के गुण  – Properties of Mint

1. पुदीना का स्वाद अनोखा ही होता है कुछ तीखा चरपराहट लिये ठंडा सा।

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2. पुदीना की तासीर ठंडी होती है। 

3. पुदीना में अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फाइबर, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, नियासिन, विटामिन-ए, विटामिन-सी आदि।

4. पुदीना में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीएलर्जेनिक आदि गुण पाये जाते हैं।  

5. पुदीना के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – 

कैलोरी                            70 kcal

कोलेस्टेरॉल                        0 मि.ग्रा.

कुल वसा                           0.9 ग्रा.

संतृप्त वसा                        0.2 ग्रा.

सोडियम                           31 मि.ग्रा.

पोटैशियम                        569 मि.ग्रा.

कार्बोहाइड्रेट                       15 ग्रा.

डायटरी फाइबर                   8 ग्रा.

प्रोटीन                               3.8 ग्रा.

कैल्सशियम               243 मि.ग्रा.

मैग्नेशियम                         80 मि.ग्रा.

आयरन                         5.1 मि.ग्रा.

विटामिन-सी                 31.8 मि.ग्रा.

विटामिन-बी6                   0.1 मि.ग्रा.

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पुदीना का उपयोग – Uses of Mint

1. पुदीना का सबसे ज्यादा उपयोग इसकी चटनी बनाने के लिये किया जाता है जिसे भोजन के साथ या अन्य व्यंजनों के साथ किया जाता है। 

2. पुदीना का उपयोग बड़े पैमाने पर और बड़ी मात्रा में दवाईयां (गोली, कैप्सूल आदि) बनाने में किया जाता है।

3. सौंदर्य प्रसाधनों में भी पुदीना का इस्तेमाल किया जाता है।

4. पुदीना का पाउडर भी बनाया जाता है।

5. पुदीना के तेल का भी निर्माण किया जाता है जो गैस, दर्द, सूजन, गठिया आदि में काम आता है।

6. चूइंग-गम, कैंडी, टूथपेस्ट, मंजन और माउथवॉश में स्वाद लाने के लिये पुदीना का इस्तेमाल किया जाता है।

7. पान, पान मसाला, सिगरेट आदि में भी पुदीना का इस्तेमाल किया जाता है।

8. त्वचा स्वास्थ/सौंदर्य के लिये खाली पुदीना का और अन्य वस्तुओं के साथ पुदीना मिलाकर फेस पैक बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है।

9. बालों के स्वास्थ के लिये पुदीना के पेस्ट का उपयोग किया जा सकता है। 

पुदीना की मात्रा – Amount of Mint

पुदीना की मात्रा के बारे में कोई प्रमाणिक मानदंड नहीं है परन्तु इसका उपयोग प्रयोजन के आधार पर करना चाहिये जैसे –

1. चटनी – भोजन व अन्य व्यंजनों के साथ चटनी के रूप में उपयोग करने के लिये एक या दो चम्मच चटनी काफी है।

2. रायता, लस्सी के लिये – रायता लस्सी का स्वाद बढ़ाने और रंग के लिये एक चम्मच पिसा हुआ पुदीना काफी है।

3. माउथफ्रैशनर के रूप में – तीन, चार पुदीने की पत्तियां चबा सकते हैं।

4. दवा के रूप में – कैप्सूल, गोली, पाउडर, तेल आदि का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें। 

पुदीने का सेवन किसको नहीं करना चाहिए? – Who Should not Consume Mint?

निम्नलिखित व्यक्तियों को पुदीना के सेवन से बचना चाहिये –

1. नवजात और आठ वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये पेपरमिंट ऑयल का उपयोग ना करवायें, यह नुकसानदायक हो सकता है। 

2. गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नियमित तौर पर रोजाना पुदीना के इस्तेमाल से बचना चाहिये, यह भ्रूण और शिशुओं के लिये हानिकारक हो सकता है। हां, गर्भवती महिलाऐं मॉर्निंग सिकनेस की स्थिति में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। 

3. शरीर में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एक्लोरहाइड्रिया) का उत्पादन ना होने की स्थिति में पुदीना का उत्पादन नहीं करना चाहिये। इससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। 

4. किडनी के मरीजों को पुदीना का सेवन नहीं करना चाहिये।

5. जो व्यक्ति ब्लड शुगर की दवा ले रहे हैं उनको डॉक्टर की सलाह पर ही पुदीना का सेवन करना चाहिये क्योंकि यह शुगर की दवा को प्रभावित कर सकती है।

6. जो व्यक्ति ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं या रक्त पतला करने की दवा ले रहे हैं उनको भी डॉक्टर की सलाह पर ही पुदीना का सेवन करना चाहिये क्योंकि इसमें पाये जाने वाला मेंथॉल घटक ब्लड प्रेशर लेवल को और कम सकता है। 

7. सेंसिटिव त्वचा वाले व्यक्तियों को भी पुदीना के सेवन से बचना चाहिये उनको मेंथॉल से एलर्जी हो सकती है।

पुदीना खाने के फायदे – Benefits of Eating Mints

अब जानते हैं पुदीना के फायदों के बारे में जो निम्नलिखित हैं –

1. पाचन क्रिया को सुधारे (Improve Digestion)- जिन व्यक्तियों को भोजन ना पचने की शिकायत रहती है यानी अपच की समस्या, उनके लिये पुदीना रामबाण विकल्प है। पुदीना, पाचन क्रिया को उत्तेजित करने के लिये पाचक एन्ज़ाइम के उत्पादन को बढ़ाकर पित्तरस के स्राव में सुधार लाता है, पेट की मांसपेशियों को शांत करता है जिससे पाचन क्रिया सुधरती है। अपच से छुटकारा पाने के लिये एक गिलास पानी में आधा चम्मच पीसा हुआ पुदीना और दो चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीयें या भोजन करने के बाद एक गिलास गर्म पानी में पुदीना के तेल की कुछ बूंदें डालकर पीयें या एक कप पुदीने की चाय पीयें। 

2. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से राहत (Relief from Irritable Bowel Syndrome)- पेट दर्द, पेट फूलना, गैस बनना, दस्त आदि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आई।बी।एस।) के लक्षणों से राहत दिलाने में पुदीना अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता है। कुछ अध्ययन भी इस बात का समर्थन करते हैं। पुदीने में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पेट और आंतों की सूजन व लालिमा को खत्म करने में मदद करते हैं। डाइजेस्टिव एंड लिवर डिसीज़स जर्नल 2007 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने भी यह पाया कि पुदीने के तेल से 4 सप्ताह उपचार करने पर आई।बी।एस।के मरीजों की स्थिति में सुधार हो सकता है। आई।बी।एस।की समस्या को दूर करने के लिये प्रतिदिन तीन चार बार पुदीना की चाय पीयी जा सकती है या डॉक्टर से सलाह के अनुसार पुदीना के कैप्सूल खायें। 

3. सर्दी-जुकाम में फायदा (Benefit in Cold)- सर्दी, जुकाम, फ्लू की समस्या में पुदीना एक कारगर उपाय माना जाता है। पुदीना में पाये जाने वाला मेन्थॉल तत्व बंद नाक खोलने में मदद करता है और जमे हुऐ बलगम को बाहर निकालने का काम करता है। पुदीना की तेज सुगंध सर्दी-जुकाम को खत्म करने का काम करती है, पुदीना के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेंट्री गुण खांसी, सूखी खांसी, फ्लू, गले की खराश, सूजन आदि से राहत दिलाते हैं। ऐसी समस्या में, पुदीना का रस, या तेल की बूंदें, या पुदीना की कुछ पत्तियां गर्म पानी में डालकर भाप लें। इससे गले और नाक में बहुत आराम लगेगा। दिन में दो तीन बार पुदीना की चाय भी पीयें।

4. सिर दर्द में आराम (Headache Relief)-  कभी-कभी हर किसी के सिर में दर्द हो जाता है, काम की वजह से, गर्मी की वजह से या किसी अन्य वजह से। ऐसे में पुदीना का फायदा सिरदर्द में भी देखा जा सकता है विशेषकर माइग्रेन से होने वाले सिरदर्द में। माइग्रेन के लिये तो यह अत्यंत लाभकारी है। यह माइग्रेन से उठने वाले सिर दर्द से छुटकारा दिलाता है। पुदीना में पाये जाने वाला एनाल्जेसिक तत्व दर्द से राहत दिलाने में सहायता करता है। सामान्य दर्द में भी आराम मिलता है। इसके लिये पुदीना को पीसकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को माथे पर, कनपटी पर लगायें।  विकल्प के तौर पर पुदीना के तेल में कुछ बूंदें सरसों या नारियल के तेल की मिलाकर लगायें। आराम लग जायेगा।

5. तनाव से मुक्ति (Stress Relief)- पुदीना की मनमोहक खुश्बू तनाव से खत्म करके मन को शांत करती है। यह मानसिक दबाव की वजह से थकान को दूर करके स्फूर्ती प्रदान कर मन को प्रसन्न करती है। आपका मूड फ्रैश करती है। जब भी कभी आप तनाव महसूस करें, रुमाल पर पुदीना के तेल की दो, तीन बूंदें डालकर सूंघें। सूंघने मात्र से ही तनाव काफूर हो जायेगा और आप रिलैक्स फील करेंगे। नहाते समय भी पानी में पुदीना के तेल की कुछ बूंदें डाल लें या पुदीना की कुछ पत्तियां डाल दें। इस पानी से नहाने के बाद शरीर में स्फूर्ती बनी रहेगी और आप तरोताजा महसूस करेंगे। तनाव पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “तनाव से छुटकारा पाने के उपाय” पढ़ें। 

6. कान दर्द में फायदा (Earache Benefits)- कभी-कभी कान में दर्द हो जाता है, सर्दी की वजह से या नहाते समय कान में पानी भर जाने से या अन्य किसी कारण से। कान दर्द से छुटकारा पाने के लिये पुदीना की कुछ पत्तियों का रस निकालकर इसकी दो बूंद कान में डाल दें। आराम लग जायेगा।

7. मुंह की बदबू दूर करे (Remove Mouth Odor)- मुंह से आने वाली बदबू को रोकने के लिये पुदीना एक उत्तम उपाय है। पुदीने के एंटी-बैक्टीरियल गुण, मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं और दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी से बचाने में मदद करते हैं जिससे आपकी सांस भी तरो-ताजा रहती है। इसके लिये पुदीना की दो, तीन पत्तियां चबा सकते हैं या पुदीना की चाय से कुल्ला कर सकते हैं या पुदीना युक्त टूथपेस्ट, मंजन और माउथवॉश इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं। मुंह की बदबू पर अधिक जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “मुंह की बदबू हटाने के घरेलू उपाय” पढ़ें। 

8. मितली, उल्टी से राहत (Relief from Nausea, Vomiting)- जी मिचलाना, उबकाई, उल्टी आदि की समस्या में पुदीना सक्रिय भूमिका निभाता है। गर्भवती महिलाओं में इस स्थिति को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। इस समस्या से राहत पाने के लिये पुदीना की चाय पी सकते हैं, पुदीना की पत्तियां चबा सकते हैं, पुदीना युक्त कैंडी खा सकते हैं या पुदीने के तेल की कुछ बूंदें एक रुमाल पर डालकर सूंघ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को पुदीना का सेवन हानिकारक होता है इसलिये वे मॉर्निंग सिकनेस की स्थिति में इसका कम मात्रा में इस्तेमाल कर सकती हैं। पुदीना के तेल की खुश्बू सूंघने से कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है।

9. गर्मी से बचाए (Protect from Heat)- तासीर ठंडी होने नाते पुदीना गर्मी में शरीर को शीतलता प्रदान करता है। बाहर निकलने से पहले पुदीना का रस पी लें, आपको लू नहीं लगेगी। इसी प्रकार गर्मी में हैजा होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में पुदीना के रस में प्याज का रस, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीयें। आराम लग जायेगा। गर्मियों में पुदीना का इस्तेमाल किसी ना किसी रूप में जरूर करें। गन्ने के जूस में भी पुदीना मिलाकर इसी लिये दिया जाता है ताकि यह गर्मी के प्रभाव को कम करे।  

10. अस्थमा से राहत दे (Relieve Asthma)- पुदीना में पाये जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण एलर्जिक प्रतिक्रियाओं और सूक्षम बैक्टीरिया के विरुद्ध लड़कर एलर्जी और अस्थमा से लड़ते हैं। पुदीना फेफड़ों,  वायुनलियों और श्वासनली से जमे बलगम को बाहर निकालकर अस्थमा में राहत दिलाने का काम करता है। पुदीना के एंटीइंफ्लामेटरी गुण फेफड़ों और श्वासनली की सूजन को कम करते हैं। एलर्जी और अस्थमा में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें गर्म पानी में डालकर भाप लें और पुदीने के तेल में कुछ बूंदें नारियल तेल की मिलाकर सीने पर, नाक और गले पर लगायें इससे सांस खुलकर आयेगी। 

11. मूत्र विकार में फायदा (Benefit in Urinary Disorder)- मूत्र संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में पुदीना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मूत्र विसर्जन के समय दर्द होना या जलन होना, मूत्र विकार माना जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिये पुदीना की चाय पीयें। इसके लिये 500 मि।ग्रा। पुदीना की पत्तियों में 500 मि।ग्रा। काली मिर्च पीसकर पानी में अच्छी तरह उबालें। इसे छानकर चाय की तरह पीयें। आराम लग जायेगा।

12. मासिक धर्म में फायदा (Benefits of Menstruation)- पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असहनीय दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है। पुदीने का सेवन इस ऐंठन और दर्द को कुछ कम करके राहत दिला सकता है। पुदीना, रक्त को शुद्ध करता है और मांसपेशियों पर ऐंठन-रोधी प्रभाव (Antispasmodic effect) छोड़ता है जिससे पीरियड में होने वाली ऐंठन और दर्द से राहत मिलती है। इसके लिये पुदीना की पत्तियों का काढ़ा या पुदीना की पत्तियों की चाय बनाकर दिन में कई बार घूंट-घूंट करके पीती रहें। पीरियड पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारे पिछले आर्टिकल “पीरियड समय पर लाने का घरेलू उपाय” पढ़ें।

13. त्वचा रोगों में फायदेमंद (Beneficial in Skin Diseases)- बैक्टीरियल संक्रमण के कारण त्वचा में अनेक रोग हो जाते हैं जैसे दाद, खुजली आदि। पुदीना में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण तथा मेन्थॉल इन सब रोगों से राहत दिलाते हैं, सूजन और लालिमा को कम करते हैं। त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में पुदीना का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। पुदीना के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पुदीना के तेल में आरंडी या नारियल के तेल मिलाकर इस्तेमाल करें। 

14. बालों के स्वास्थ्य के लिये (Hair Health)- बालों के स्वास्थ के लिये पुदीना के तेल का इस्तेमाल करना चाहिये। यह सिर की त्वचा के पी।एच। स्तर में संतुलन बनाये रखता है। पुदीना के तेल में ऑलिव ऑयल या नारियल के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर सिर की लगभग 45 मिनट तक अच्छे से मसाज करें। इससे बालों की जड़ें मजबूत होंगी, बालों की ग्रोथ होगी और डैन्ड्रफ़ की भी समस्या नहीं होगी। इसे सप्ताह में दो बार कर सकते हैं। डैन्ड्रफ़ पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “डैन्ड्रफ़ हटाने के देसी उपाय” पढ़ें।

पुदीना के नुकसान – Side Effects of Mint

दोस्तो, पुदीना का अधिक सेवन करने से हो सकते हैं कुछ निम्नलिखित नुकसान –

1. मितली, उल्टी व पेट की अन्य समस्या हो सकती है।

2. छाती में दर्द बन सकता है और जलन महसूस हो सकती है।

3. पुदीने का अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे और आंतें प्रभावित हो सकती हैं।  

4. पुदीने का रोजाना और अधिक मात्रा में सेवन करने से कामेच्छा और कामशक्ति कम हो सकती है। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पुदीना खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पुदीना क्या है, पुदीना की खेती कहां होती है, पुदीना के गुण, पुदीना का उपयोग, पुदीना की मात्रा और पुदीना का सेवन किनको नहीं करना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से पुदीना के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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पुदीना खाने के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पुदीना खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पुदीना क्या है, पुदीना की खेती कहां होती है, पुदीना के गुण, पुदीना का उपयोग, पुदीना की मात्रा और पुदीना का सेवन किनको नहीं करना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया।
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2 thoughts on “पुदीना खाने के फायदे – Benefits of Eating Mints in Hindi

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  2. पुदीने से जुड़ी जानकारी देने के लिए धन्यवाद बीपी हाई की परेशानी को योग द्वारा कैसे सही करें पढ़ें

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