स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, आजकल अधिकतर लोग गैस की समस्या से परेशान रहते हैं। वजह साफ़ है कि अधिकतर लोगों ने आहार शैली में बदलाव किया है। संतुलित और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन की अपेक्षा फास्ट फूड को अपनाया है जो कि सरलता से नहीं पचता। जो ओग फास्ट फूड की अपेक्षा सामान्य भोजन करते हैं उनका भी भोजन सुपाच्य नहीं होता। परिणामस्वरूप पेट में गैस बनने के साथ-साथ पेट में दर्द बन जाता है।
ऐंठन होती है और कब्ज की समस्या जन्म लेती है। पेट की इन समस्याओं से छुटकारा पाने का एक रामबाण उपाय है झंडू पंचारिष्ट। यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जो अनेक जड़ी-बूटियों के संयोजन से बना है। यदि नियमित रूप से भोजन का हिस्सा बना लिया जाए तो, कभी पेट से संबंधित समस्या नहीं होगी क्यों कि यह लिवर के लिए भी लाभकारी होता है। आखिर ऐसा क्या है इस झंडू पंचारिष्ट में। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “झंडू पंचारिष्ट के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको झंडू पंचारिष्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि झंडू पंचारिष्ट क्या है और इसकी सामग्री के बारे में। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
झंडू पंचारिष्ट क्या है? – What is Zandu Pancharishta?
झंडू पंचारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे आसव अरिष्ट के सिद्धांतों के अनुसार कई जड़ी-बूटियों के संयोजन से बनाया गया है। यह आयुर्वेदिक दवा मूल रूप से पाचन संबंधी समस्या से राहत पाने के लिये बनाई गई है। इसके अतिरिक्त यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे पेट में दर्द, पेट में गैस बनना आदि से भी छुटकारा दिलाती है। उदर (पेट) रोगों के उपचार में यह रामबाण औषधी है।
यह दवा सिरप के रूप में मिलती है। भूख को बढ़ाना और लिवर को स्वस्थ रखना भी इसके कार्य हैं। इस दवा का निर्माण झंडू फार्मास्युटिकल वर्क्स लिमिटेड करती है तथा यह दवा बहुत पुराने समय से ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय रही है। कंपनी इस दवा को झंडू पंचारिष्ट आयुर्वेदिक डाइजेस्टिव टॉनिक के नाम से बेचती है। यह दवा 200 मिलीलीटर, 450 मिलीलीटर और 650 मिलीलीटर के पैक में आती है।
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झंडू पंचारिष्ट की सामग्री – Ingredients of Zandu Pancharishta
झंडू पंचारिष्ट में घृतकुमारी, अश्वगंधा, शतावरी, गिलोय, दशमूल, बला, मुलेठी, त्रिकटु, त्रिफला, लोध्र, लोध्र, अर्जुन, मंजिष्ठा, अजमोद, धनिया, हल्दी, शटी (कपूरकचरी), लौंग, जीरा आदि कई अन्य घटक शामिल होते हैं। कुछ का विवरण निम्न प्रकार है (मात्रा प्रति 20 मिलीलीटर में संयोजन) –
- द्राक्षा (Grapevine) 500 मिलीग्राम
- घृतकुमारी (Aloe vera) 400 मिलीग्राम
- अश्वगंधा (Ashwagandha) 200 मिलीग्राम
- शतावरी (Asparagus) 200 मिलीग्राम
- त्रिफला (Triphala) 120 मिलीग्राम
- दशमूल (Dashamula) 400 मिलीग्राम
- गिलोय (Giloy) 100 मिलीग्राम
- बला (Bala) 100 मिलीग्राम
- मुलेठी (Mulethi) 100 मिलीग्राम
- त्रिकटु (Trikatu) 60 मिलीग्राम
- त्रिजात (Trijat) 60 मिलीग्राम
- अर्जुन (Arujuna) 40 मिलीग्राम
- मंजिष्ठा (Pisum Sativum) 40 मिलीग्राम
- अजमोद (Parsley) 20 मिलीग्राम
- धनिया (Coriander) 20 मिलीग्राम
- हल्दी (Turmeric) 20 मिलीग्राम
- शटी (कपूरकचरी Hedychium spicatum) 20 मिलीग्राम
- जीरा (Cumin) 20 मिलीग्राम
- लौंग (Cloves) 20 मिलीग्राम
झंडू पंचारिष्ट सेवन करने का तरीका – How to Consume Zandu Pancharishta
अच्छे परिणाम के लिए दिन में दो बार, सुबह और शाम भोजन करने के बाद, गुनगुने पानी में झंडू पंचारिष्ट मिलाकर पीना चाहिए।
झंडू पंचारिष्ट की मात्रा – Quantity of Zandu Pancharishta
- यद्यपि झंडू पंचारिष्ट की खुराक इसकी शीशी पर छपी होती है फिर भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेवन करना बेहतर होगा।
- 10 वर्ष से कम की आयु के बच्चों को दिन में केवल 3 मिलीलीटर ही देना चाहिए।
- 10 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों को दिन में 10 मिलीलीटर दवा दी जा सकती है।
- व्यस्क और बुजुर्ग दिन में दो बार 30 मिलीलीटर दवा ले सकते हैं।
झंडू पंचारिष्ट कब तक लेनी चाहिए? – How Long Should Zandu Pancharishta be Taken
- झंडू पंचारिष्ट का सेवन सामान्य तौर पर 30 दिन तक करना चाहिए।
- पेट से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिये लंबे समय यानि 6 महीने अथवा डॉक्टर की सलाह के अनुसार बताए गए समय तक सेवन करें।
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कुछ आवश्यक जानकारी – Some Important Information
कृप्या निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें –
- झंडू पंचारिष्ट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
- झंडू पंचारिष्ट खरीदते समय इसकी समाप्ति की तारीख (Expiry Date) चैक कर लें।
- इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- इसे सूरज की सीधी रोशनी से दूर कमरे के सामान्य तापमान पर रखें।
- इसे अनुशंसित (recommended) खुराक से ज्यादा मात्रा में नहीं लेंना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं डॉक्टरी सलाह पर ही झंडू पंचारिष्ट का सेवन करें।
झंडू पंचारिष्ट के फायदे – Benefits of Zandu Pancharishta
और अब बताते हैं आपको झंडू पंचारिष्ट के फायदे जो निम्नलिखित हैं –
1. लिवर के लिए फायदेमंद (Beneficial for Liver)- पाचन तंत्र लिवर के स्वास्थ पर निर्भर करता है। यदि लिवर मजबूत है और लिवर स्वास्थ ठीक है तो पाचन तंत्र को भोजन पचाने में कोई कठिनाई नहीं होती। लिवर स्वास्थ के लिए पेट से जुड़ी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए। झंडू पंचारिष्ट पेट से जुड़ी समस्याओं का अंत करता है। अतः झंडू पंचारिष्ट के सेवन से लिवर भी अपने आप स्वस्थ रहता है।
2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद (Beneficial for Digestive System)- हमने ऊपर बताया है कि पाचन तंत्र लिवर की मजबूत पर निर्भर करता है। लिवर ठीक तो पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। झंडू पंचारिष्ट भोजन को रसादार बनाने का कार्य करता है जिससे भोजन सरलता से पच जाता है। भोजन को पचाने में पाचन तंत्र को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। जब भोजन सरलता से पच जाएगा तो अगले दिन मल त्याग भी आसानी से हो जाएगा और कब्ज की शिकायत भी नहीं होगी।
3. पेट में गैस (Acidity)- पेट में गैस बनना एक आम समस्या हो गई है। इसके चलते पेट फूलना, पेट में दर्द, बेचैनी, सीने में जलन जैसे लक्षण प्रकट होते हैं जिनके चलते बहुत परेशानी होती है। झंडू पंचारिष्ट में उपस्थित जड़ी-बूटियां इस गैस की समस्या को दूर करने का काम करती हैं और गैस पेट में रुकने की अपेक्षा प्राकृतिक रूप से पास होती रहती है।
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4. एसिडिटी (Acidity)- जिस प्रकार पेट में गैस परेशान करती है उसी तरह पेट में एसिडिटी यानि अम्लता परेशान करती है। यह अम्लता भोजन की वजह से बनती है। जी मिचलाना, उल्टी, घबराहट, छाती में जलन, लगातार खांसी का धस्का उठना आदि एसिडिटी के लक्षण हैं। झंडू पंचारिष्ट में मौजूद जड़ी-बूटियां अम्लता को खत्म कर इन लक्षणों से राहत दिलाती हैं।
5. अपच से राहत दिलाए (Provide Relief from Indigestion)- जिस प्रकार कब्ज व्यक्ति को परेशान करती है उसी प्रकार अपच यानि बदहजमी से भी बहुत दिक्कत होती है। कब्ज का अर्थ है सुबह पेट का प्राकृतिक रूप से साफ़ ना होना अर्थात् सरलता से मल त्याग ना होना। मगर अपच का अर्थ है भोजन का ना पचना। यह चाहे रोजाना की बात हो या कभी-कभी की।
भूख ना होने पर भी जबर्दस्ती खाना, अधिक तला, भुना, तीखा, मिर्च मसालेदार भोजन या बासी भोजन अपच का कारण होते हैं। अपच के कारण व्यक्ति बेचैन रहता है, पेट फूला रहता है और पेट में दर्द भी होता है। झंडू पंचारिष्ट पीने से यह अपच की समस्या नहीं रहती।
6. एनीमिया को दूर करे (Cure Anemia)- शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया कहा जाता है जो कि पुरुषों को कम यहिलाओं को अधिक होती है। इसके कई कारण होते हैं, बहरहाल रक्त की कमी होने पर हीमोग्लोबिन का स्तर भी कम हो जाता है। रक्त की जरूरत पेट सहित प्रत्येक अंग को होती है। झंडू पंचारिष्ट के नियमित सेवन करने से शरीर में रक्त की कमी नहीं होती और हीमोग्लोबिन का स्तर भी सामान्य बना रहता है।
7. भूख बढ़ाए (Increase Appetite)- कई लोगों को भूख ना लगने की शिकायत रहती है अथवा बहुत कम भूख लगती है। ऐसी स्थिति में उनका वजन घटता चला जाता है। झंडू पंचारिष्ट में मौजूद मुलेठी, आंवला, प्रवाल पिष्टी जैसी महत्वपूर्ण सामग्री पेट के विकारों को दूर करते हैं। फलस्वरूप खुलकर भूख लगती है। भरपूर भोजन करने पर वजन में भी वृद्धि होती है।
8. जलन और खट्टी डकारों से राहत दिलाए (Provides Relief from Burning Sensation and Sour Belching)- लगातार खट्टी और बदबूदार डकारों से व्यक्ति बेचैन रहता है। पेट और छाती में जलन भी होने लगती है। ऐसे में लोगबाग जलजीरा पीकर राहत महसूस करते हैं। झंडू पंचारिष्ट में उपस्थित जीरा के अतिरिक्त शतावरी, मुलेठी, गिलोय और धनिया जैसी सामग्री पेट और छाती में जलन को शांत करती हैं तथा खट्टी और बदबूदार डकारों से भी छुटकारा दिलाती हैं।
झंडू पंचारिष्ट के नुकसान – Disadvantages of Zandu Pancharishta
1. झंडू पंचारिष्ट का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए और निर्धारित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में लेने से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
- पेट में अधिक गैस बनना
- पेट में ऐंठन
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- दस्त लगना
2. ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोगों को झंडू पंचारिष्ट को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह उनकी ब्लड प्रेशर की समस्या को और बढ़ा सकता है। इसी प्रकार।।।
3. डाइबिटीज के मरीजों को झंडू पंचारिष्ट को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह उनकी समस्या को और बढ़ा सकता है।
4. गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह से झंडू पंचारिष्ट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को हानि पहुंचा सकता है।
5. इसी प्रकार शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को भी बिना डॉक्टर की सलाह से झंडू पंचारिष्ट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह माता और शिशु के स्वास्थ को हानि पहुंचा सकता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको झंडू पंचारिष्ट के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। झंडू पंचारिष्ट क्या है?, झंडू पंचारिष्ट की सामग्री, झंडू पंचारिष्ट सेवन करने का तरीका, झंडू पंचारिष्ट की मात्रा, झंडू पंचारिष्ट कब तक लेनी चाहिए और कुछ आवश्यक जानकारी, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से झंडू पंचारिष्ट के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।