दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। आपने कुछ बच्चों को देखा होगा जिनके सिर में कुछ सफेद बाल दिखाई देते हैं, कुछ युवा वर्ग को भी देखा होगा कि जिनके बाल सफेद हो चले हैं। और मजाक में कह भी देते हैं कि आप तो अभी से बुड्ढे हो गये। दोस्तो, ये मजाक नहीं है बल्कि एक रोग है। बूढ़े व्यक्ति के बाल सफेद होना तो समझ में आता है लेकिन बच्चों और युवाओं के बाल सफेद होना, ये आश्चर्य लगता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक कम उम्र में बाल सफेद होने से रोकने के उपाय। देसी हैल्थ क्ल्ब इस लेख के माध्यम से इसी विषय पर प्रकाश डालेगा कि क्या यह बीमारी है और यदि है तो इसे रोकने के क्या उपाय हैं? तो, सबसे पहले जानते हैं कि कम उम्र में बालों का सफेद होना क्या बीमारी है?
कम उम्र में बालों का सफेद होना क्या बीमारी है? – What Disease is Hair Whitening at a Young Age?
दोस्तो, स्किन और हेयर एक्सपर्ट डॉ. दीपाली भारद्वाज का कहना है, “कम उम्र में बाल सफेद होना एक बीमारी है। डॉक्टरी भाषा में इसे केनाइटिस कहते हैं।” दोस्तो, भारत में 40 की उम्र के बाद यदि बाल सफेद होने लगे तो इसको बीमारी नहीं माना जाता। इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में 2016 में छपे शोध के अनुसार केनाइटिस के लिये, भारत में 20 वर्ष की आयु तय की गई है। यदि भारत में 20 वर्ष से या उससे पहले बाल सफेद होना लगें तो माना जाता है कि केनाइटिस की बीमारी है। दोस्तो, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. अमरेन्द्र ट्राइकोलॉजिस्ट (बालों के डॉक्टर) के अनुसार दुनिया में लगभग 5 से 10 प्रतिशत व्यक्ति केनाइटिस के मरीज हैं। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रैडफोर्ड के प्रोफेसर डेसमंड टोबीन, हेयर और स्किन पिगमेंट स्पेशलिस्ट के अनुसार यूरोपियन के लिये 20 वर्ष की उम्र में बाल का सफेद होना सामान्य बात है।
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कम उम्र में बालों का सफेद हो जाना क्या होता है? – What is Hair Whitening at a Young Age?
दोस्तो, बहुत सरल और सामान्य भाषा में कहा जाये तो बालों के प्राकृतिक रंग (महाद्वीपों के अनुसार) बदल कर सफेद होने लगे तो “बालों का सफेद हो जाना” कहा जाता है, जो सबको नजर भी आता है। उम्र चाहे छोटी हो बड़ी। परन्तु बात इतनी सी नहीं है। इसका एक वैज्ञानिक आधार है। मेलानोसाइट्स कोशिकाएं होती हैं जो केश कूप (Hair follicles) के अलावा त्वचा में पाये जाने के अतिरिक्त, मस्तिष्क, आंतरिक कान, हृदय और आँख, शरीर के अन्य भागों में भी मौजूद होती हैं। ये मेलानोसाइट्स कोशिकाएं मेलानिन बनाते हैं जो एक प्राकृतिक रंगद्रव्य (Pigment) है। जीवों में मेलानिन का सबसे अधिक पाये जाने वाले रूप को ‘यूमेलानिन’ (Eumelanin) कहा जाता है और काले-भूरे रंग का होता है। यही मेलानिन मनुष्यों में बालों, त्वचा और आँखों को रंग देता है और इसी मेलानिन पर ही बालों का रंग निर्भर करता है। जब शरीर में पोषक तत्वों, विटामिन्स् की कमी हो जाती है तब मेलानिन का उत्पादन कम होने लगता है, ऐसी स्थिति में, चाहे उम्र कम हो, बाल सफेद होने लगते हैं।
कम उम्र में बाल सफेद होने के कारण – Causes of white Hair at a Young Age
दोस्तो, बच्चों या युवा वर्ग (40 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति) के सिर के बाल सफेद होने के हो सकते हैं निम्नलिखित कारण :-
1. आनुवंशिक (Genetic)- परिवार में यदि माता या पिता या इनसे पहले की पीढ़ी में यह समस्या रही है तो आने वाली पीढ़ी को भी ऐसी समस्या होने की संभावना रहती है।
2. थायराइड (Thyroid)- शरीर में थायराइड हार्मोन हाइपोथायरायडिज्म के स्तर में कमी आने से भी छोटी उम्र में बालों के सफेद होने की संभावना रहती है।
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3. विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency)- यह बहुत बड़ा कारण होता है कम आयु में बालों के सफेद होने का। विटामिन-बी12 की कमी से बाल सफेद होने लगते हैं। विटामिन-बी12 और बी6 बालों के प्राकृतिक रंग को बनाये रखने के लिये भी जिम्मेदार होते हैं।
4. प्रोटीन और मिनरल्स की कमी (Protein and Mineral Deficiency)- आयरन, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से कमी से बाल सफेद हो सकते हैं। एनीमिया की कमी हीमोग्लोबिन का कम होना जैसी समस्यायें भी हो जाती हैं।
5. डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome)- यह एक आनुवंशिक विकार है जिसमें मानसिक विकलांगता के कारण चेहरा छोटा, नाक चपटी हो जाते हैं और गर्दन मोटी लगती है। बालों का रंग सफेद होने लगता है।
6. वर्नर सिंड्रोम (Werner Syndrome)- यह भी आनुवंशिक रोग होता है। यह एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें प्रभावित व्यक्ति की त्वचा में कई परिवर्तन होने लगते हैं। बच्चों में मोतियाबिंद, कद छोटा रह जाना जैसे लक्षण के साथ और समय से पहले बूढ़े होने के लक्षण भी नजर आने लगते हैं।
7. दवाओं के साइड इफैक्ट्स (Medication Side Effects)- क्लोरोक्वीन (मलेरिया की दवा), ट्राइपरानॉल (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा), फेनिल थ्योरिया (डीएनए टेस्ट के लिये प्रयुक्त दवा), डिक्स जरीन (मनोरोगों के इलाज में दी जाने वाली दवा) आदि दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी बालों का रंग सफेद हो जाता है।
8. तनाव (Tension)- तनाव की स्थिति में एड्रेनालाईन, कोर्टिसोल जैसे हार्मोन बनते हैं जो मेलानोसाइट कोशिकाओं पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं जिसके चलते बालों का रंग सफेद हो जाने की संभावना रहती है।
कम उम्र में बाल सफेद होने से रोकने के उपाय – Remedy to Prevent Hair Turning white at an Early Age
दोस्तो, इससे पहले कि हम बाल सफेद होने से रोकने के उपाय बताएं, जान लेते हैं एक्सपर्ट्स की राय कि वे क्या कहते हैं? –
1. डॉक्टर अमरेन्द्र का कहना है कि इस रोग का इलाज मुश्किल है। एक बार बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं तो जितना मुश्किल उनका फिर से काला होना है उतना ही मुश्किल बाकी के बचे हुए काले बालों का सफेद होने से रोकना है।
2. डॉ. दीपाली के अनुसार बाल डाई करना ठीक नहीं है। इससे बालों की हानि होती है। ये कुछ समय तो असर दिखाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल बंद करने पर बाल वापस सफेद होने लगते हैं।
3. डॉ. दीपाली के अनुसार शुरुआत से ही खाने पीने पर ध्यान देना चाहिए ताकि है कम उम्र में बाल सफेद न हों। खाने में बायोटिन ( एक प्रकार का विटामिन) का उपयोग करें, बालों में किसी भी प्रकार के केमिकल नहीं लगाने चाहिए। डॉ। दीपाली के अनुसार बालों में ज्यादा तेल लगाने से भी इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता।
दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब की राय –
दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि बालों में कुछ भी लगाने का तभी लाभ मिल सकता है जब आपका भोजन आयरन, कॉपर, सेलेनियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों और विटामिन्स से भरपूर होगा। और यह भी स्पष्ट करता है कि बाजार में मिलने वाले शैम्पू और दवाइयों से केवल 20 से 30 प्रतिशत ही सफलता मिल पाती है।
दोस्तो, अब बताते हैं आपको कम उम्र में बाल सफेद होने से रोकने के कुछ उपाय –
1. आपका आहार (Your Diet)- दोस्तो, आप कुछ भी उपाय अपनाएं, कुछ भी बालों में लगायें, परन्तु सुनिश्चित करें कि आपका भोजन फोलिक एसिड युक्त और आयरन, कॉपर, सेलेनियम, फास्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हो। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार बालों के सफेद होने का एक मुख्य कारण फोलिक एसिड की कमी हो सकती है। मक्की का आटा, दलिया, सफेद चावल, वाइट पास्ता, अंगूर, पपीता, एवकाडो, टमाटर, ब्रोकली, मटर, बीन्स, अंडा, ड्राई फ्रूट्स, नट्स आदि में फोलिक एसिड पाया जाता है। चॉकलेट, मशरूम, अखरोट, बादाम दालों के सेवन से कॉपर की कमी पूरी होती है। अंकुरित अनाज जैसे मूंग, चना, मोठ और गेंहू, पालक, आँवला, जामुन, केला, अमरूद, नींबू , अनार सेब, केला, अंजीर आदि से आयरन की कमी पूरी होती है। गाजर, केला, दूध, दही, मुनक्के, लहसुन, ब्राउन चावल, सी-फूड आयोडीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
2. विटामिन (Vitamin)- विटामिन-डी 3 और विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स बालों के प्राकृतिक रंग को बनाये रखने में मददगार होते हैं। विटामिन-बी12 की कमी से पिग्मेंट कम हो जाता है जिस कारण बाल सफेद होने लगते हैं। विटामिन-बी12 और बी6 बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने के लिये जिम्मेदार होते हैं। इसलिए आपके भोजन में इन विटामिन की कमी नहीं होनी चाहिए। साबुत अनाज, सोया, दूध, सोया दूध, दही, पनीर, मांस, मछली, चिकन, अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियों और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने भोजन शामिल करना चाहिये।
3. एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल और सब्जियां (Antioxidant Rich Fruits and Vegetables)- अपने भोजन में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों और सब्जियों को स्थान दीजिए इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के द्वारा मेलानिन को कम कर बालों के सफेद करने की समस्या नहीं होगी। इनमें आप विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल जैसे नींबू, कमरख, संतरा, कीवी, आम, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अनानास, अमरूद, लीची, मौसमी, अनार, अंगूर, सब्जियों में पालक, ब्रोकली, लाल पत्ता गोभी, टमाटर व अन्य हरे पत्ते वाली सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें।
4. करी पत्ता (Curry leaf)- करी पत्ता के उपयोग से कम उम्र में होते सफेद बालों की समस्या को रोका जा सकता है। यह बात इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मा टेक रिसर्च द्वारा किये गये एक शोध में भी कही गयी है। इसके लिये थोड़े से करी पत्ता पानी के साथ पीसकर पेस्ट बनालें। इस पेस्ट को सिर में लगायें। थोड़ी देर बाद इसके सूखने पर सिर धो लें। या, करी पत्तों को नारियल तेल में अच्छे से उबाल कर छान लें। ठंडा होने पर इस तेल की मालिश करें। हफ्ता में चार दिन इस तेल की मालिश करें।
5. आँवला (Amla)- आँवला बालों के स्वास्थ्य के लिये सबसे अच्छा टॉनिक माना जाता है। यदि शुरु से ही आँवला के रस को बालों में लगाते रहे हैं तो बालों से जुड़ी कोई भी समस्या हो ही नहीं सकती। यदि नहीं और छोटी उम्र में बाल सफेद होने लगे हैं तो, बालों में आंवला के रस का इस्तेमाल करें। इसके ऑक्सीडेंट असमय सफेद हो रहे बालों को समस्या से राहत दिला देंगे। आंवला में मौजूद विटामिन-सी, कोलेजन प्रोटीन का निर्माण करता है, जो बालों के विकास में मदद करता है। आप आंवला पाउडर से भी सिर धो सकते हैं। आप आंवला के साथ गुड़हल के फूलों का भी उपयोग कर सकते हैं। आंवला और गुड़हल के फूलों का पेस्ट बनाकर नारियल तेल की कुछ बूंदें मिला लें। इस पेस्ट को सिर में लगाकर मालिश करें।
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6. मेथी दाना (Fenugreek Seeds)- मेथी दाने का उपयोग बालों की समस्या से राहत पाने के लिये किया जाता रहा है। एक या दो चम्मच मेथी के दाने रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर पेस्ट बना लें। पेस्ट बनाते समय इसमें नारियल या बादाम के तेल भी मिला लें। इस पेस्ट को सिर में लगाकर अच्छी तरह मालिश करें। मेथी दाने के इस पेस्ट में आप मेहंदी और बटर मिल्क भी मिला सकते हैं।
7. मेहंदी और कॉफी (Mehndi and Coffee)- सफेद बालों को प्राकृतिक रंग देने के लिये मेहंदी का उपयोग किया जाता है। यदि इसके साथ कॉफी को भी मिला दिया जाये तो और भी गहरा काला रंग आता है। दो कप पानी में एक छोटी चम्मच कॉफी डालकर उबाल कर ठंडा कर लें। ठंडा होने पर इसमें ऑर्गेनिक मेहंदी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। पेस्ट बनाते समय इसमें एक चम्मच आंवला पाउडर या दो चम्मच आंवले का रस, एक चम्मच बादाम या नारियल या सरसों का तेल मिला लें। इस पेस्ट को सिर में लगाकर छोड़ दें। एक घंटे बाद, सूखने पर सिर धो लें।
8. प्याज (Onion)- कम उम्र में सफेद हो रहे बालों की प्रक्रिया को रोकने के लि प्याज बेहतरीन विकल्प है। प्याज के छोटे‐छोटे टुकड़े करके उनको पीस कर, कपड़े में निचोड़ कर रस निकाल लें। हफ्ते में तीन दिन इस रस से मालिश कर सकते हैं। या प्याज के रस में जैतून का तेल मिलाकर सिर की मालिश करके छोड़ दें। आधा घंटे बाद सिर धो लें। इसे भी आप हफ्ते में तीन दिन कर सकते हैं। सफेद होते हुऐ बाल रुक जायेंगे।
9. अनार की छाल (Pomegranate Bark)- अनार की छाल के इस्तेमाल से भी सफेद हो रहे बालों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। 300 मि।ली। नारियल के तेल में अनार की छाल को लगभग लगभग 20 मिनट उबालें। इसे ठंडा करके, छानकर रख लें। नियमित रूप से तेल को बालों में लगाकर मालिश करें।
10. बादाम तेल और नींबू का रस (Almond oil and lemon juice)- बादाम के तेल में मौजूद कॉपर और विटामिन-ई बालों की जड़ों को पोषण दे कर असमय सफेद होते हुऐ बालों को रोकता है। नींबू का रस में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो बालों के विकास में सहायक होता है। दो चम्मच बादाम के तेल में तीन चम्मच नींबू का रस मिलाकर सिर में लगाकर मालिश करें। आधे घंटे बाद सिर धो लें।
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11. तिल का तेल और गाजर (Sesame oil and carrots)- गाजर विटामिन-बी, सी, आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम से समृद्ध होती है। इन गुणों के कारण गाजर का रस तिल के तेल के साथ मिलकर सफेद बालों को काला करने में अपना चमत्कारी प्रभाव छोड़ता है। तिल का तेल में गाजर का रस मिलाकर बालों में लगाकर अच्छे से मालिश करें। या तिल के तेल में नारियल तेल मिलाकर सिर में लगाकर मालिश करें।
12. नारियल तेल (Coconut Oil)- नारियल के तेल की मालिश से खोपड़ी का रक्त संचार बढ़ता है और बालों में मेलानिन पहुंचाने वाली ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं जिससे सफेद होते हुए बालों की समस्या कम होने में मदद मिलती है। इस बात की पुष्टि हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेज की एक शोध से होता है।
(i) नारियल तेल में बादाम तेल मिलाकर भी मालिश करने से फायदा होगा।
(ii) नारियल के तेल में अरंडी का तेल मिलाकर भी मालिश कर सकते हैं। बाद में शैम्पू लगाकर सिर धो लें।
(iii) नारियल के तेल में मेहंदी मिलाकर सिर में अच्छे से लगायें ताकि नारियल तेल और मेहंदी का प्रभाव बालों की जड़ों के अंदर तक पहुंचे। मेहंदी के कारण बाल पहले भूरे होंगे, फिर काले होने लगते हैं।
13. सरसों का तेल और अन्य सामग्री (Mustard oil and Other Ingredients)- एक गिलास पानी में कुछ करी पत्ता, एलोवीरा का एक टुकड़ा, एक-एक चम्मच अलसी के बीज, कलौंजी, जीरा और काला नमक डाल कर तब तक उबालें जब तक पानी आधा गिलास ना रह जाये। फिर इसमें आधा कप सरसों का तेल डालकर फिर से उबालें। जब यह गाढ़ा होने लगे तो इसे उतार कर छान लें। ठंडा होने पर इसको किसी शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को हफ्ता में तीन दिन लगायें। जल्द ही सफेद होते हुए बालों की समस्या से राहत मिलेगी।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको कम कम उम्र में बाल सफेद होने से रोकने के उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। कम उम्र में बाल सफेद होना क्या बीमारी है, इस बारे में भी बताया। कम उम्र में बालों का सफेद हो जाना क्या होता है, क्या इसके कारण होते हैं, इस बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से कम उम्र में बाल सफेद होने से रोकने के देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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