दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारा देश भारत बहुत विशाल है, क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवां स्थान। यहां अनेक प्रकार की मिट्टी पायी जाती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने मिट्टी को आठ भागों में विभाजित किया है – लाल मिट्टी, काली मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी, क्षारयुक्त मिट्टी, हल्की काली एवं दलदली मिट्टी, रेतीली मिट्टी, जलोढ़ मिट्टी और वनों वाली मिट्टी। इनमें कुछ ना कुछ पैदा होता है। एक मिट्टी ऐसी है जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता। लेकिन स्वास्थ की दृष्टि से प्राचीन काल से ही उसका महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसे औषधीय मिट्टी भी कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मुल्तानी मिट्टी की। यही है हमारा आज का टॉपिक “मुल्तानी मिट्टी”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आपको मुल्तानी मिट्टी के फायदे के विषय में विस्तार से जानकारी देगा। तो सबसे पहले जानते हैं कि मुल्तानी मिट्टी क्या होती है?
मुल्तानी मिट्टी क्या होती है? – What is Multani Mitti?
मुलतानी मिट्टी विशेष प्रकार की मिट्टी होती है जिसे खादानों से निकाला जाता है। औषधीय गुण होने के कारण प्राचीन काल से ही इसे त्वचा रोग का प्राकृतिक उपचार और सौंदर्यीकरण का उत्तम विकल्प माना जाता है। आधुनिक काल में इसका महत्व और बढ़ गया है। हर्बल उत्पाद निर्माता त्वचा और बाल सम्बंधित उत्पादनों में और सौंदर्य प्रसाधनों में इस प्राकृतिक सम्पदा का उपयोग करते हैं। माना जाता है कि इस मिट्टी का नाम इसके जन्म स्थान, पाकिस्तान में, मुल्तान शहर के नाम पर रखा गया। यह भी माना जाता है कि ब्रिटेन में मुल्तानी मिट्टी को ऊन उद्योग में इस्तेमाल किया जाता था। पहले तो यह ठोस रूप में छोटी-छोटी पट्टियों में मिला करती थी लेकिन अब बाजार में यह पाउडर के रूप में मिलती है।
मुल्तानी मिट्टी कहां मिलती है? – Where do you Find Multani Soil
1. मुल्तान, पाकिस्तान।
2. राजस्थान का बाड़मेर और बीकानेर जिला, भारत।
मुल्तानी मिट्टी के गुण – Multani Clay Properties
1. मुल्तानी मिट्टी की तासीर ठंडी होती है। इसका उपयोग सर्दी के मौसम में नहीं किया जाना चाहिये।
2. इसमें मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, क्वार्ट्ज, सिलिका, कैल्साइटऔर डोमोलाइट जैसे प्रभावशाली खनिज होते हैं।
3. इसमें, सफाई, तैल अवशोषण और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं।
4. औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग त्वचा, बालों के स्वास्थ, शारीरिक स्वास्थ और सौंदर्यीकरण के लिये किया जाता है।
5. व्यापारिक रूप में हर्बल उत्पाद निर्माता अपने प्रोड्क्ट्स में इसका प्रयोग करते हैं।
6. यदि मुल्तानी मिट्टी का दुरुपयोग ना किया जाये (जैसे कि इस मिट्टी को खाना) और असावधानी ना हो तब तक इसके कोई साइड-इफैक्ट्स नहीं होते।
मुल्तानी मिट्टी के फायदे – Benefits of Multani Mitti
1. डैन्ड्रफ़ दूर करे (Dandruff)- मुल्तानी मिट्टी डैन्ड्रफ़ की समस्या से छुटकारा पाने का बेहतर विकल्प है। चार-पांच चम्मच मेथी दाना रात को पानी में भिगो कर रख दें। सुबह इसे पीसकर लें। इसमें चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी पाउडर और एक चम्मच नींबू का रस का रस डालकर अच्छे से पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को स्कैल्प पर अच्छी तरह लगायें ताकि यह बालों की जड़ों में पहुंच जाये। इसे सूखने दें। सूखने पर शैम्पू लगाकर ठंडे या गुनगुने पानी से धो लें और कंडीशनर लगा लें। मुल्तानी मिट्टी में मैग्नीशियम, क्वार्ट्ज, सिलिका, आयरन, कैल्शियम, कैल्साइट और डोलोमाइट जैसे प्रभावकारी खनिज होते हैं जो सिर की सभी गंदगी को खत्म कर देते हैं।
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यदि आप मेथी दाना प्रयोग में नहीं लाना चाहते तो इसके स्थान पर दही और शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक कप दही में, चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी पाउडर, एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना सकते हैं।
2. दो मुंहे बालों से राहत दिलाये (Relieve Two-Mouthed Hair)- मुल्तानी मिट्टी दो मुंहे बालों की समस्या से राहत दिलाती है। रात को बालों में जैतून का तेल लगायें और मालिश करें। सुबह दही और मुल्तानी मिट्टी पाउडर का पैक बनाकर बालों में अच्छे से लगाकर छोड़ दें। आधा घंटा बाद सिर हल्के गुनगुने पानी से धो लें। याद रखिये अगले दिन बालों को शैम्पू से धोना है उसी दिन नहीं। इससे बालों का रूखापन भी दूर हो जायेगा।
3. बालों के रूखेपन से राहत के लिये (Hair Dryness)- मुल्तानी मिट्टी बालों के रूखेपन से भी आपको छुटकारा दिला सकती है। मुल्तानी मिट्टी पाउडर को आधा कप दही में डालकर एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को बालों में अच्छे से लगायें और छोड़ दें। लगभग आधा घंटा बाद शैम्पू लगाकर सिर धोकर कंडीशनर लगा लें।
4. अन्य फायदे – Other Benefits
(i) बालों में मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल से जूंऐं भी खत्म हो जाती हैं।
(ii) मुल्तानी मिट्टी पाउडर में तिल का तेल और थोड़ा-सा दही मिलाकर लगाने से बाल घने, लंबे और मजबूत हो जायेंगे जिससे आप कर सकते हैं बालों की मनचाही स्टाइलिंग।
(iii) यदि आपको लग रहा है कि बाल असमय सफेद हो रहे हैं तो मुल्तानी मिट्टी पाउडर में आँवला का रस मिलाकर, पेस्ट बनाकर लगायें।
(iv) मुल्तानी मिट्टी पाउडर में नींबू का रस मिलाकर लगाने से बालों का चिपचिपापन दूर हो जायेगा।
त्वचा के लिये – For Skin
1. तैलीय त्वचा के लिये(Oily Skin) – मुल्तानी मिट्टी की तैलीय त्वचा के लिये बहुत बेहतरीन उपाय है। यह तेल उत्पादन को नियमित करने में मदद करती है। मुल्तानी मिट्टी पाउडर में गुलाब जल और थोड़ा चंदन पाउडर मिलाकर फेस पैक बना लें। इस पैक को आंखों और होंठों को बचाते हुऐ चेहरे पर लगा कर छोड़ दें। 15-20 मिनट बाद चेहरा गुनगुने पानी से धोलें।
2. शुष्क त्वचा के लिये (Dry Skin)- मुल्तानी मिट्टी का शुष्क और संवेदनशील त्वचा के लिये उपयोग ठीक नहीं माना जाता। इसके इस्तेमाल से त्वचा और ज्यादा रूखी और बेजान हो सकती है। परन्तु विकल्प के तौर पर मुल्तानी मिट्टी में बादाम का दूध या चार-पांच अंगूरों का रस और मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इनका फेस पैक बनाकर चेहरे पर लगायें। 20 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोलें। यह त्वचा को मॉइस्चराइज कर मॉइस्चर को लॉक कर देगी।
3. कील-मुंहासों के लिये (Pimples)- कील-मुंहासों से छुटकारा पाने के लिये मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक बेहतर उपाय है। थोड़ा सा मुल्तानी मिट्टी पाउडर (चेहरे पर लगाने के लिये जितनी आपको ठीक लगे) में आधा चम्मच हल्दी पाउडर और दो चम्मच शहद मिलाकर फेस पैक बनायें और चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। सूख जाने पर चेहरे को गुनगुने या ठंडे पानी से धो लें। हल्दी के एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और मुल्तानी मिट्टी के गुण कील-मुंहासों से राहत दिलाने में मदद करेंगे। या मुल्तानी मिट्टी पाउडर में नीम के पत्तों को पीसकर और गुलाब जल मिलाकर भी पैक तैयार करके इस्तेमाल कर सकते हैं।
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4. दाग-धब्बे कम करे (Reduce Stains) – मुल्तानी मिट्टी पाउडर में आलू का रस मिक्स करके पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगायें। सूख जाने पर गुनगुने पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में दो बार करें। दाग-धब्बे हल्के पड़ने लगेंगे और चेहरा भी चमक उठेगा।
5. जलने-कटने के निशान (Burns)– मुल्तानी मिट्टी जलने-कटने के निशानों को कम करने में मदद करती है। मुल्तानी मिट्टी में नींबू के रस और विटामिन-ई के साथ मिलाकर लगाने से इस प्रकार के निशान कुछ दिनों में हल्के पड़ने लग जायेंगे। आप मुल्तानी मिट्टी पाउडर में गाजर पल्प और जैतून का तेल मिलाकर भी पेस्ट बनाकर लगा सकते हैं। सूखने पर धो लें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार करें।
6. त्वचा बने चमकदार (Skin Becomes Shiny)- त्वचा में ग्लो बनाये रखने के लिये मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। एक-एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी पाउडर, चंदन पाउडर और एक चौथाई (1/4) चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर त्वचा पर लगायें। आँखें और मुंह बचाकर रखें। सूख जाने पर गुनगुने पानी से धो लें। इससे त्वचा के रोम छिद्र भी खुल जायेंगे और त्वचा निखर उठेगी।
स्वास्थ के लिये – For Health
1. दर्द/थकावट दूर करे(Pain / Tiredness) – आपको थकावट हो रही है या हाथ या पैर में चोट लगने से दर्द हो रहा है तो मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट बनाकर चोट वाली जगह पर लगायें। यह दर्द को खींच निकालेगी और दर्द में राहत मिलेगी। थकावट के लिये पेस्ट को पानी में मिलाकर अंगों पर मलें फिर थोड़ी देर बाद गुनगुने पानी से धोलें। इससे शरीर की थकावट खत्म हो जायेगी।
2. सिर दर्द/तनाव में फायदेमंद (Headache / Tension)- यदि आपको सिर में दर्द हो रहा है या तनाव महसूस कर रहे हैं तो मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट बनाकर माथे पर लगायें। यह चन्दन के समान शीतलता देगी और सिर दर्द और तनाव में राहत मिलेगी।
3. रक्त संचार/प्रवाह के लिये (Blood Circulation)- मुल्तानी मिट्टी त्वचा को उत्तेजित करके रक्त संचार में सुधार कर रक्त के प्रवाह को बेहतर करती है। मुल्तानी मिट्टी को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को शरीर पर लगायें। सूख जाने पर भीगे तौलिया/कपड़े से साफ कर लें।
4. गर्मी और घमौरियों से राहत दिलाये(Heat and heat Rash) – दोस्तो, यह हम बता ही चुके हैं कि मुल्तानी मिट्टी की तासीर ठंडी होती है। गर्मी के मौसम में सूरज की तेज किरणों से त्वचा झुलस जाती है। गर्मी में शरीर पर घमौरियां भी निकल आती हैं विशेषतौर पर बच्चों के। मुल्तानी मिट्टी एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है। ऐसे में मुल्तानी मिट्टी को पानी में मिलाकर सीना और गले को छोड़कर पूरे शरीर पर लगायें। आधा घंटा लगे रहने दें। बाद में साफ कर लें या नहा लें।
मुल्तानी मिट्टी के नुकसान/सावधानियां – Site Effects of Multani Mitti
दोस्तो, हम पहले ही बता चुके हैं कि मुल्तानी मिट्टी के कोई साइड इफैक्ट्स नहीं होते, बशर्ते कि इसको खाया ना जाये और थोड़ी सावधानी बरती जाये।
1. मुल्तानी मिट्टी खाने से किडनी में पथरी हो सकती है।
2. सर्दी के मौसम में इसका इस्तेमाल करने से सर्दी, जुकाम की समस्या हो सकती है क्यों कि इसकी तासीर ठंडी होती है। अतः सर्दी के मौसम में इसके इस्तेमाल से बचें।
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3. गर्मी के मौसम में भी मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट ध्यान सीने और गले पर न लगायें क्योंकि इससे सांस सम्बंधी समस्या हो सकती है।
4. शुष्क त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी का ज्यादा इस्तेमाल ना करें। यदि करना ही है तो बादाम के दूध के साथ या अंगूर के रस और शहद के साथ इस्तेमाल करें।
5. इसको लगाने के बाद मॉइस्चराइजर अवश्य लगायें।
6. मुल्तानी मिट्टी का उपयोग हफ्ते में दो बार से ज़्यादा ना करें।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको मुल्तानी मिट्टी के विषय में विस्तार से जानकारी दी। मुल्तानी मिट्टी क्या होती है, कहां मिलती है, इसके गुण क्या होते हैं इस बारे में विस्तार से बताया। इस लेख के माध्यम से मुल्तानी मिट्टी के फायदे और नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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