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दस्त रोकने के घरेलू उपाय – How to Control Loose Motion in Hindi

दस्त रोकने के घरेलू उपाय

दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक एक ऐसा रोग है जिसमें हमें बहुत कमजोरी महसूस होती है लगता है जैसे टांगों की तो जान ही निकल जायेगी। घबराहट भी होने लगती है तो कभी उल्टी भी आ जाती है। इस रोग में हमें खाना कम पीना ज्यादा पड़ता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दस्त की। यही है हमारा आज का टॉपिक “दस्त”। दस्त हो जाने पर बार-बार शौच के लिये जाना पड़ता है। दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आपको दस्त रोकने के घरेलू उपाय के विषय में विस्तार से जानकारी देगा। सबसे पहले जानते हैं कि दस्त क्या होते हैं?

दस्त क्या होते हैं? – What are Loose Motion

सरल भाषा में कहा जाये तो, जब मल सामान्य ना रह कर यानि गाढ़ा और चिपचिपा ना रह कर, एकदम पानी की तरह पतला हो जाता है तो उसे दस्त कहते हैं। यह पाचन-तंत्र का विकार है। यह पेट से जुड़ी आम समस्या है जो कभी भी हो सकती है परन्तु ये समस्या गर्मी के दिनों में अधिक होती है। बार-बार शौच जाने से शरीर में पानी और ऊर्जा की हो जाती है इसके लिये पेय पदार्थ अधिक पीने पड़ते हैं। यदि दस्त एक या दो दिन में ठीक हो जायें तो इसे एक्यूट डायरिया कहा जाता है और ज्यादा दिन चले तो क्रोनिक डायरिया कहलाता है। यह स्थिती गंभीर हो सकती है। 

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दस्त रोकने के घरेलू उपाय
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दस्त के कारण – Cause OF Loose Motion

दोस्तो, दस्त के हो सकते हैं निम्नलिखित कारण –

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1. मेडिकल भाषा में कहें तो दस्त स्टैफिलोकोकस और एस्चेरिचिया कोलाई जैसे बैक्टीरिया और वायरस के कारण होते हैं।

2. फ्लू, नोरोवायरस या रोटावायरस के कारण। रोटावायरस बच्चों में एक्यूट दस्त का सबसे आम कारण होता है।

3. बहुत तीखा, तेज मसालेदार भोजन करने से भी पेट खराब हो जाता है।

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4. खराब, बासी भोजन।

5. जंक/फास्ट फूड से भी कभी-कभी दस्त हो जाते हैं।

6. कई बार शराब भी नुकसान कर जाती है।

7. खराब भोजन और खराब पानी में पाये जाने वाले पैरासाइट्स।

8. एंटीबायोटिक्स, कैंसर ड्रग्स और एंटासिड जैसी दवाऐं  जिनमें मैग्नीशियम हो।

दस्त के लक्षण – Symptoms of Loose Motion

1. पेट में दर्द, मरोड़ होना।

2. बार-बार शौच के लिये जाना।

3. मल पानी की तरह एकदम पतला आना।

4. मल में खून आना। ये खूनी दस्त का लक्षण है।

5. बुखार होना, ठंड लगना।

6. पेट पर सूजन आ जाना।

7. गला, जीभ सूखना, अधिक प्यास लगना। इससे पानी की कमी हो सकती है।

8. उल्टी लग जाना।

दस्त रोकने के घरेलू उपाय – How to Control Loose Motion

1. दही (Curd)- दस्त के उपचार में दही रामबाण उपाय है। और सबसे पहले इसी को इस्तेमाल किया जाता है। दही में प्रोबायोटिक्स लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (लैक्टोबैसिली) होते हैं जो उन कीटाणुओं से लड़ते हैं जिनकी वजह से दस्त लगते हैं। एक कटोरी दही में हल्की सी चीनी डालकर खा सकते हैं, चावल के साथ खा सकते हैं। मीठी नहीं तो थोड़ा नमक डालकर ऐसे ही खा सकते हैं। भुना हुआ जीरा (साबुत या पीसकर) डालकर खा सकते हैं। इससे रायते का स्वाद मिल जायेगा। तात्पर्य यह है कि दही को किसी भी रूप में खाइये, यह दस्त में फायदा ही करेगी।

2. ईसबगोल (Isabgol)- दस्त के उपचार के लिये ईसबगोल का इस्तेमाल प्राचीनकाल से किया जाता रहा है। यह उत्तम विकल्प है। ईसबगोल को ईसबगोल भूसी के नाम से जाना जाता है। यह प्लांटगो ओवाटा (Plantago ovata) नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है। इसके पौधे के जो बीज होते हैं उन पर श्वेत झिल्ली होती है, इसी को  इसबगोल कहा जाता है। इसे दूध, पानी या दही के साथ इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु दस्तों में केवल दही के साथ इसका सेवन किया जाना चाहिये। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। यह एक प्रकार से लैक्सेटिव की तरह काम करती है। दस्त होने पर एक या दो चम्मच ईसबगोल मीठी या नमकीन दही में मिलाकर खायें। निश्चित रूप से फायदा होगा।

3. मेथी (Fenugreek)- मेथी के बीज भी दस्त बहुत लाभकारी होते हैं। इनका इस्तेमाल करने के लिये इनको थोड़ी देर पानी में भिगोना होगा ताकि यह नरम हो जाये और फूल जाये। फिर इन बीजों को पीस लें। इनको एक गिलास पानी में मिलाकर पीयें। दिन में दो या तीन बार पीयें। यदि पीना नहीं चाहते हैं तो दही में मिलाकर खा सकते हैं। मेथी के एंटीबैक्टीरियल गुण दस्त बनाने वाले बैक्टीरिया एस्चेरिचिया कोलाई से लड़ते हैं।

ये भी पढ़े – मेथी दाने के फायदे

4. केला (Banana)- केला दस्त रोकने में बहुत प्रभावकारी होता है। इसमें पाये जाने वाला पेक्टिन नामक फाइबर पेट में तरल द्रव्य को बांधने का काम करता है। दस्त हो जाने पर एक या दो पके हुए केले खाने चाहियें। यदि केले के साथ इमली के चूर्ण और चुटकी भर नमक को मिला कर खा लिया जाये तो दस्त बहुत जल्दी बंद हो जायेंगे। कच्चे केले की सब्जी भी खा सकते हैं यह जल्दी पचने वाली होती है। 

5. अनार (Pomegranate)- दस्त के उपचार में अनार को पारम्परिक उपाय माना जाता है जो अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है।  दस्त होने पर दिन में एक, दो गिलास अनार का जूस पीना चाहिये। सूखे अनार के छिलकों को उबालकर रख दें। 15-20 मिनट बाद इसे छानकर पीयें। दस्तों में आराम लगेगा। अनार में पाये जाने वाले एंटीवायरल, एस्ट्रिंजेंट और जीवाणुरोधी गुण हानिकारक बैक्टीरिया से लड़कर दस्त में आराम पहुंचाते हैं। अनार जूस से शारीरिक कमजोरी भी खत्म हो जायेगी।

6. पुदीना (Peppermint)- पेट से जुड़ी समस्याओं में पुदीना को रामबाण औषधी माना जाता है। पेट में दर्द, गैस, अफारा,  खट्टी डकारें, दस्त आदि में पुदीना अत्यन्त लाभकारी है। बाजार में “पुदीना हरा” के नाम से इसकी गोलियां भी मिलती हैं। पुदीना जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट गुणों से समृद्ध होता है। पुदीना की पत्तियों  को अच्छी तरह उबालकर, थोड़ा ठंडा करके चाय की तरह पीयें। दिन में दो, तीन बार पी सकते हैं। दस्त में आराम लगेगा। या एक-एक चम्मच पुदीने का रस,नींबू का रस और शहद एक कप गर्म पानी में मिलाकर धीरे-धीरे पीयें। दिन में  दो बार पी सकते हैं। 

7. अदरक (Ginger)- अदरक औषधीय गुणों से समपन्न होती है। दस्त रोकने में अत्यन्त लाभकारी। यह एंटीफंगल,   एंटीबैक्टीरियल और  एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़कर पाचन-तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं। साथ ही अदरक के बायोएक्टिव यौगिक एस्चेरिचिया कोलाई और हीट-लैबाइल नामक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं जो दस्त का कारण होते हैं। दस्तों में अदरक का उपयोग निम्न प्रकार कर सकते हैं :-

(i)  एक चम्मच सूखी अदरक पाउडर में थोड़ा जीरा पाउडर, दालचीनी पाउडर मिलाकर शहद के साथ दिन में तीन बार लें।

(ii) एक या दो चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार पीयें।

(iii) अदरक और नींबू का रस बराबर मात्रा में लेकर इसमें थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार पीयें।

8. जीरा (Cumin)- दस्त के उपचार में सबसे सरल घरेलू उपाय है जीरा। जीरा एंटीऑक्सिडेंट गुणों से समृद्ध होता है और पेट से जुड़ी समस्याओं में और पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने में बेहतर विकल्प। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है। दस्त लगने पर एक चम्मच जीरा चबा कर पानी पी लें। बहुत जल्दी आराम लग जायेगा। या एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबाल लें। अच्छी तरह उबल जाने के बाद, छानकर, ठंडा करके जीरे के पानी को पीलें। 

9. सौंफ (Anise)- सौंफ पाचन-तन्त्र के लिये और पेट के स्वास्थ के लिये बहुत ही फायदेमंद है। इसके एंटीस्पास्मोडिक, कार्मिनेटिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचन क्रिया को सही रखने के साथ-साथ कब्ज, पेट फूलना, पेट गैस, आंत में ऐंठन, दस्त आदि में फायदा पहुंचाते हैं। केवल एक चम्मच सौंफ का सेवन दस्त से निजात दिला सकता है। जीरे के साथ बराबर मात्रा में सौंफ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण पानी से लें। दस्त में जल्दी आराम लग जायेगा। 

ये भी पढ़े – सौंफ खाने के फायदे

10. ब्लैक टी और नींबू (Black tea and lemon)- ब्लैक टी यानि काली चाय का एंटीडायरिया के रूप में उल्लेख मिलता है और विश्व में प्रसिद्ध भी है। पानी में एक चम्मच चाय पत्ती डालकर उबाल लें, इसमें आधे नींबू का रस मिलाकर छान लें और पीयें। चाहें तो इसमें हल्की सी चीनी मिला सकते हैं। स्वाद अच्छा बन जायेगा। दिन में दो या तीन बार ब्लैक टी पीयें। दस्त में जल्दी ही आराम लग जायेगा। 

11. दालचीनी (Cinnamon)- दालचीनी का उपयोग भी दस्त के उपचार में एक अच्छा विकल्प है। इसके एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण उन बैक्टीरिया पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं जिनके कारण दस्त होते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिक्स करके पीयें। दिन में दो या तीन बार पी सकते हैं। 

कुछ पेय पदार्थ – Some Drinkable Item

दोस्तो, इन उपायों के अतिरिक्त दस्त होने पर, कुछ निम्नलिखित विशेष तरल पदार्थ भी लेना बहुत जरूरी होता है ताकि शरीर में पानी की कमी ना होने पाये और कमजोरी में भी आराम लगे –

1. जीवन रक्षक घोल (Oral Rehydration Solution –  ORS) – दोस्तो, दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी होने का खतरा रहता है और कमजोरी भी बहुत महसूस होती है। इसे पीने से दस्त, कमजोरी, शरीर में पानी की कमी, चक्कर आना, उल्टी होना, जीभ, मुंह का सूखना, बुखार में राहत मिलती है। बाजार से ORS का पैकेट मिलता है। इसका घोल बनाने के लिये पहले एक लीटर पानी को अच्छे से उबालना पड़ता है। फिर इसे ठंडा करके ORS मिला दें। कुछ और पदार्थ इसके साथ ना मिलायें। इस पानी को चार से छः घंटे के बीच पीकर खत्म कर लें। बाद में इसका प्रभाव कम हो जाता है। 

दोस्तो, ORS द्रव्य रूप (Liquid Form) में भी आता है ORSL Rehydrate Electrolyte Drink और ORSL PLUS के नाम से, जैसे पीने वाली Fruity होती है उसी तरह। दोस्तो, इसे पीने के तुरन्त बाद एनर्जी आती है। 

2. नारियल पानी (Coconut water)- दोस्तो, शरीर को हाइड्रेट रखने और ग्लुकोज़ स्तर बनाये रखने के लिये नारियल पानी सबसे  उत्तम उपाय है। नारियल पानी को ग्लूकोज इलेक्ट्रोलाइट ओरल रिहाइड्रेशन की वजह से हाइड्रेटिंग पेय के रूप में भी उपयोग किया जाता है। दस्त होने पर एक, दो गिलास नारियल पानी प्रतिदिन कम से कम आठ, दस दिन पीयें क्योंकि दस्त होने पर शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है। इसकी रिकवरी के लिये नारियल पानी बहुत फायदेमंद है।

3. नींबू पानी (Lemon Water)- दस्त के उपचार में नींबू पानी बहुत कारगर है। विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण दस्त का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर दस्त में आराम पहुंचाते हैं। आप एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर, आधा चम्मच चीनी मिलाकर पी सकते हैं। यदि इसमें चुटकी भर नमक मिला दिया जाये तो ORS जैसा प्रभाव डाल सकता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करेगा और एनर्जी भी देगा।

ये भी पढ़े – नींबू पानी पिने के फायदे

4. सादा पानी (Simple Water)- दोस्तो, इन सब पेय पदार्थों के अतिरिक्त सादा पानी पीना भी सबसे जरूरी है क्योंकि पानी की प्यास तो सादा पानी से ही बुझती है। सादा पानी को अच्छी तरह उबाल कर ठंडा करलें और साफ बर्तन ढक कर रखें। बीच-बीच में यह पानी पीते रहें। 

दस्त होने पर क्या खाएं ?- What to eat when you have loose Motion

1. खिचड़ी (Polenta)- मूंग, मसूर की खिचड़ी पचने में आसान होती है और पेट भी भर जाता है।

2. केला खा सकते हैं(Banana) –  पेक्टिन नामक फाइबर पेट में तरल द्रव्य को बांधने का काम करता है जिससे दस्त में आराम मिलेगा।

3. ब्राउन राइस (Brown Rice)-  विटामिन-बी से समृद्ध होता है, दस्त में आराम मिलेगा। 

4. दलिया (Oatmeal)- दलिया भी पचने में आसान होता है और दस्त होने पर फायदेमंद। इसमें छाछ मिलाकर भी खा सकते हैं। 

5. दही चावल (Curd Rice)- दही चावल खाने से भी पेट भर जायेगा। दही दस्त में आराम पहुंचायेगी।

6. आलू (Potato)- आलू को उबाल कर या भूनकर खाइये। आलू स्टार्च होता है। दस्त होने पर डॉक्टर भी स्टार्च वाला भोजन लेने की सलाह देते हैं। दस्त में विटामिन-सी और विटामिन-बी6 की कमी हो जाती है। आलू इस कमी को पूरा करता है। यह एक हल्का भोजन बन जाता है और आसानी से पच जाता है। इसे आप ऐसे ही खा सकते हैं इसमें हल्का सा नमक मिलाकर या दही में डालकर। 

7. ब्रेड (Bread)- दस्त होने पर डॉक्टर भी ब्रेड खाने की सलाह देते हैं। यह खाने और पचने में आसान होती है। इसमें पाये जाने वाला घुलनशील फाइबर डायरिया में आराम देता है। 

8. कॉर्न फ्लेक्स (Corn flakes)- कॉर्न फ्लेक्स में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो दस्त के उपचार में फायदेमंद। यह स्वादिष्ट भी होते हैं और इनसे पेट भी भर जायेगा।

दस्त में क्या नहीं खाना चाहिए – What not to eat in loose Motion

1. जंक/फास्ट फूड

2. तीखा तेज मसालेदार भोजन

3. तले/भुने खाद्य पदार्थ

4. मीठे खाद्य पदार्थ – मिठाईयां, दूध, चाय, कॉफी, बेक्ड वस्तुऐं, मीठे फल आदि, केला छोड़कर।

5. क्रीम, वसा युक्त खाद्य पदार्थ।

6. मीठे पेय पदार्थ – कोल्ड ड्रिंक्स, फलों का जूस आदि। अनार का जूस छोड़कर।

7. डेयरी उत्पाद जैसे, दूध, पनीर, मक्खन आदि। दही, छाछ को छोड़कर।

Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको दस्त रोकने के घरेलू उपाय के विषय में विस्तार से जानकारी दी। दस्त क्या होते हैं, इसके क्या कारण होते हैं और क्या लक्षण होते हैं इसके बारे में विस्तार से बताया। इस लेख के माध्यम से दस्त रोकने के देसी उपाय बताये और यह भी बताया कि क्या खाना चाहिये और क्या नहीं खाना चाहिये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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