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पनीर खाने के फायदे – Health Benefits of Eating Cheese in Hindi

पनीर खाने के फायदे

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपको एक ऐसे खाद्य पदार्थ के बारे में बतायेंगे जिसे श्रेष्ठ खाद्य पदार्थ कहा जाता है और जो मांसाहारियों के मांस के समान ही शाकाहारियों को बराबर प्रोटीन तथा खनिज प्रदान करता है। इसीलिये इसको मांस का पूरक (Supplement) कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पनीर की। छोटे बड़े किसी भी समारोह में जहां भोजन बनता है, सगाई, शादी व अन्य पर्टियों में पनीर की सब्जी का नाम सबसे पहले आता है विशेषकर शाही पनीर का। पकौड़े बनाने हों तो पनीर का नाम पहले आता है, शराब पीते समय जो लोग मांस, मछली नहीं खाते उनके लिये कच्चा पनीर या पनीर के पकौड़े आ जाते हैं। आखिर ऐसा क्या है पनीर में जो सबकी पहली पसंद है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पनीर खाने के फायदे”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको पनीर के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि पनीर खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पनीर क्या है और यह कितने प्रकार का होता है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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पनीर खाने के फायदे
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पनीर क्या है? – What is Cheese

पनीर एक डेयरी उत्पाद है जो दूध से बनाया जाता है। आमतौर पर यह गाय और भैंस के दूध से बनाया जाता है। सोया दूध और बकरी के दूध से भी पनीर बनाया जाता है। पनीर को अंग्रेजी में कॉटेज चीज़ (Cottage cheese) या सॉफ्ट चीज़ (Soft cheese) कहा जाता है। पनीर प्रोटीन का उत्तम श्रोत है। जो लोग मांस नहीं खाते ऐसे शाकाहरी लोगों के लिये पनीर प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, ज़िंक जैसे खनिज पदार्थों तथा विटामिन-ए और डी का अच्छा विकल्प है। पनीर में कैलोरी लगभग मांस के बराबर ही होती हैं।

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पनीर का उपयोग आमतौर पर सब्जी के रूप में किया जाता है परन्तु इसे कच्चा भी खाया जाता है तथा कुछ मिठाइयों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। ठंडे स्थान पर पनीर को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है इसीलिये यूरोप, अमरीका, अफ़गानिस्तान, मध्य एशिया, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में पनीर की खपत भारी मात्रा में होती है। गर्म देशों में इसकी खपत बहुत कम होती है। माना जाता है कि पनीर बनाने की कला पुर्तगालियों ने सिखाई थी। इससे पहले, चावल को उबालकर फिर उसे भाप पर पकाया जाता था। पुर्तगालियों का पनीर संदेश और रसगुल्ला बनाने वाले छैना की तुलना में थोड़ा खट्टा हुआ करता था।

पनीर के प्रकार – Types of Cheese

पनीर निम्नलिखित दो ही प्रकार का होता है – 

1. नम और मुलायम, इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

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2. दूसरे प्रकार का वह पनीर होता है जिसमें पानी की मात्रा बहुत कम होती है। यह सूखा अथवा सख्त होता है। 

पनीर बनाने का तरीका – How to Make Paneer

दोस्तो, वैसे तो, पनीर बाजार में बना बनाया, आसानी से मिल जाता है। फिर भी, यदि आप इसे घर पर बनाना चाहें तो निम्न प्रकार बना सकते हैं – 

1. पहले तो हम स्पष्ट कर दें कि एक किलो पनीर बनाने के लिये पांच किलो दूध की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप एक किलो दूध का पनीर बनाना चाहते हैं तो केवल 150 ग्राम पनीर बनेगा ना कि 200 ग्राम। 

2. पनीर बनाने के लिये फुल क्रीम दूध का इस्तेमाल किया जाये तो बेहतर है। जितना भी आप दूध लेना चाहें लें और इसे किसी बर्तन में डालकर गैस पर उबालने के लिये रख दें। ध्यान रखें कि दूध उबलना चाहिये, जलना नहीं चाहिये। 

3. दूध उबल जाने पर गैस बंद कर दें और एक मिनट के बाद इस गर्म दूध में नींबू निचोड़ दें। इससे पनीर में दाने नहीं पड़ेंगे, पनीर एक दम प्लेन बनेगा।

4. दूध में नींबू निचोड़ देने से दूध फट जायेगा और पानी अलग होकर दूध के ऊपर आ जायेगा। 

5. पानी को अलग कर दें और दूध के भाग को किसी साफ़ और सूती कपड़े में भरकर इस पर एक या दो गिलास पानी डालकर अच्छी तरह हिलायें। ऐसा करने से दूध से नींबू की खटास निकल जायेगी।

6. अब दूध को कपड़े में अच्छी तरह निचोड़ कर, गोल घुमाकर कपड़े में गांठ बांध दें। फिर इसे किसी बर्तन में रखकर इसके ऊपर एक प्लेट रखकर किसी भारी वस्तु से ढक दें। 

7. कम से कम आधे घंटे तक भारी वस्तु से दबे होने के बाद, यह जम जायेगा और पनीर की शेप ले लेगा। आधा घंटा बाद ऊपर की वस्तु और प्लेट हटा दें, कपड़े में से पनीर निकाल लें। 

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पनीर के गुण – Properties of Cheese

1. पनीर की तासीर गर्म होती है, इसलिये इसका कम सेवन किया जाना चाहिये।

2. पनीर का स्वाद कुछ ऐसा होता है जिसे पूरी तरह मीठा नहीं कह सकते और फीका भी नहीं कह सकते यानि इसमें दूध की बहुत हल्की सी मिठास का आभास होता है। इसे स्वादहीन संज्ञा दी जाती है। 

3. पनीर एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है। 

4. पनीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व तथा थियामिन, रिबॉफ्लेविन, नियासिन आदि विटामिन पाये जाते हैं। 

पनीर के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Paneer (Quantity Per 100g)

ऊर्जा                             321 Kcal

प्रोटीन                            21.43 ग्राम

कोलेस्ट्रॉल                     89 मिलीग्राम

टोटल लिपिड (फैट)     25 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट             3.57 ग्राम

शुगर                             3.57 ग्राम

कैल्शियम                     714 मिलीग्राम

सोडियम                     18 मिलीग्राम

आयरन                           2.16 मिलीग्राम

विटामिन-ए आईयू     714 आईयू

फैटी एसिड, 

(टोटल सैचुरेटेड)             16.07 ग्राम

पनीर का उपयोग – Use of Cheese

1. मुख्यतः पनीर का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं जैसे शाही पनीर, कढ़ाई पनीर, पनीर लबाबदार, पालक पनीर, मटर पनीर, आलू पनीर आदि।

2. पनीर को कच्चा भी खाया जा सकता है।

3. पनीर की भुजिया भी बनाई जाती है।

4. पनीर को समोसे, कचौड़ी में भी भरा जाता है।

5. आलू की टिक्की में पनीर भरा जाता है, पनीर टिक्का, पनीर रोल भी बनाया जाता है। 

6. पनीर को सैंडविच में भी भरा जा सकता है। 

7. पनीर के पकौड़े बनाये जाते हैं। 

8. पनीर का गुलाब जामुन में भी इस्तेमाल किया जाता है।

पनीर को सुरक्षित रखने का तरीका – How to Preserve Cheese

1. पनीर को फ्रिज में एक सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिये किसी एयर टाइट डिब्बे में पनीर रखकर इतना पानी भर दें कि पनीर डूब जाये और ढक्कन बंद करके फ्रिज में रख दें। 

2. पनीर को फ्रिज के अंदर की तरफ रखें ताकि बार-बार फ्रिज खुलने पर तापमान के बदलाव का प्रभाव ना पड़े। 

3. यदि पनीर बाजार से खरीदा है तो उसकी एक्सपायरी तारीख याद रखें और पैकेट खोले बिना ही फ्रिज में रख दें उस एक्सपायरी तारीख तक पनीर का उपयोग कर सकते हैं उसके बाद नहीं। 

पनीर कब खा सकते हैं? – When Can I Eat Cheese?

पनीर सुबह के समय खाली पेट से लेकर दिन में, रात होने से पहले कभी भी खा सकते हैं।  

पनीर कब नहीं खाना चाहिए? – When should You not Eat Paneer?

1. दिन में एक्सरसाइज करने के पहले या एक्सरसाइज करने के बाद पनीर का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिये क्यों कि इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है।

2. रात को सोने से पहले पनीर का सेवन नहीं करना चाहिये, समस्या वही, पाचन वाली।  हां, सोने के एक से दो घंटे पहले इसका सेवन कर सकते हैं।  

पनीर कितना खाया जा सकता है? – How Much Cheese Can be Eaten?

यह व्यक्ति की आयु और शारीरिक स्वास्थ की स्थिति पर निर्भर करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति एक छोटी कटोरी यानि लगभग 100 ग्राम पनीर सब्जी के रूप में खा सकता है। कच्चा पनीर के 4-5 क्यूब खाये जा सकते हैं। बेहतर होगा यदि आहार विशेषज्ञ से सलाह ले ली जाये। 

पनीर खाने के फायदे – Benefits of Eating Cheese

अब बात करते हैं पनीर के फायदों की जो निम्न प्रकार हैं –

1.शरीर को प्रोटीन मिले (Body Gets Protein)- हमारे शरीर के लिये प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्व है। प्रोटीन हमारे शरीर को ऊर्जा देता है। त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा में जरूरत पड़ती है। प्रोटीन वजन को संतुलित रखने में भी मदद करता है। पनीर प्रोटीन का सबसे उत्तम श्रोत है, विशेषकर शाकाहारियों के लिये यह वरदान है। पनीर, प्रोटीन की दैनिक जरूरत का आपूर्ति करता है, यह पनीर खाने का सबसे बड़ा फायदा है। पनीर, डीएनए और आरएनए के चयापचय में भी सहायता करता है। इसे बच्चे, जवान, वृद्ध सभी खा सकते हैं। 

2. पाचन तंत्र को मजबूत करें (Strengthen the Digestive System)- पनीर में मौजूद फॉस्फोरस और फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं जिससे हमारा पेट ठीक रहता है। प्रोबायोटिक भी पाचन में मदद करते हैं, ये सूक्ष्मजीव होते हैं जो फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट्स के जरिये प्राप्त होते हैं। 

प्रोबायोटिक्स में लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया होता है जो पेट और पाचन के लिए अच्छा बैक्टीरिया माना जाता है। यह बैक्टीरिया हमें पनीर खाने से मिलता है। जिन लोगों को लैक्टोज इंटोलेरेंस अर्थात् लैक्टोज से एलर्जी है वे सोया दूध से बना टोफू का सेवन कर सकते हैं। यहां हम बताना चाहेंगे कि लैक्टोज दूध में उपस्थित शुगर होता है, जिससे कई लोगों को एलर्जी होती है। 

ये भी पढ़े- पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय

3. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- पनीर एक ऐसा खाद्य पदार्द है जिसे डायबिटीज के मरीज भी बिना किसी हिचकिचाहट के खा सकते हैं, यहां तक कि डॉक्टर भी डायबिटीज के मरीजों को पनीर खाने की सलाह देते हैं। क्योंकि पनीर डायबिटीज के स्तर को कम करने में मदद करता है। पनीर में मौजूद मैग्नीशियम एक उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में कार्य करते हुए बायोकैमिकल रीएक्शन को बढ़ावा देता है, शरीर में अनेक एंजाइम्स को एक्टिवेट करता है तथा ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।

4. ब्लड प्रेशर को कम करे (Reduce Blood Pressure)- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या एक आम समस्या है जिसे खानपान के जरिये नियन्त्रित किया जा सकता है। ऐसे में पनीर का सेवन बेहतरीन विकल्प है, इसे भोजन में शामिल करना चाहिये। लो फैट और कैल्शियम युक्त डेयरी उत्पाद ब्लड प्रेशर की समस्या में फायदेमंद होते हैं। पनीर में पाये जाने वाला पोटेशियम ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में मदद करता है और ब्लड प्रेशर को कम करते हुए मस्तिष्क स्ट्रोक के जोखिम को खत्म करता है। पोटेशियम मांसपेशियों और मस्तिष्क की तंत्रिका गतिविधियों के लिए एक आवश्यक घटक है जो पनीर के सेवन से मिल जाती है।

5. कैंसर से बचाव करे (Prevent Cancer)- पनीर को एक स्वस्थ आहार के रूप में भोजन में शामिल किया जाना चाहिये। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के बताती है कि पनीर को भोजन में शामिल करने से कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है। पनीर में मौजूद उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-डी ब्रेस्ट कैंसर को होने से रोकने में मदद करते हैं। पनीर में पाये जाने वाला संयुग्मित लिनॉलिक एसिड (Conjugated linoleic acid) कैंसर को खत्म करने मदद करता है। इसके अतिरिक्त पनीर में मौजूद सेलेनियम नामक तत्व होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट है और यह कोशिकाओं का, किसी भी क्षति से बचाव करता है। यह प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को कम कर देता है। 

ये भी पढ़े- ब्लड कैंसर से बचाव के उपाय

6. गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद (Beneficial for Pregnant Women)- गर्भवती महिलाओं को भोजन में अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है विशेषकर प्रोटीन और आयरन की। पनीर के सेवन से ये दोनों ही मिल जाते हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि गर्भवती महिलाओं के लिए पनीर पॉश्चरीकृत दूध से बना होना चाहिये ना कि अपॉश्चरीकृत दूध से बना।

क्योंकि अपॉश्चरीकृत दूध से बने पनीर में हानिकारक बैक्टीरिया गर्भपात का कारण बन सकते हैं। पनीर में पाये जाने कैल्शियम और फास्फोरस गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक होते हैं। गर्भवती महिलाएं आधा से एक कप तक पनीर का सेवन कर सकती हैं वैसे बेहतर होगा यदि पनीर का सेवन और मात्रा के बारे में डॉक्टर से सलाह ले ली जाये। 

7. दांत और हड्डियां मजबूत बनें (Strengthen Teeth and Bones)- पनीर को विटामिन-डी और विटामिन-के का बेहतरीन श्रोत माना जाता है जो कि दांत और हड्डियों के स्वास्थ के लिये आवश्यक पोषक तत्व माने जाते हैं।  विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और विटामिन-के शरीर में प्रोटीन बनाने में, ताकि हड्डियां और मांसपेशियां स्वस्थ बने रहें।  बढ़ती उम्र में कैल्शियम की कमी के कारण दांत और हड्डियां कमजोर होने लगते हैं ऐसे में पनीर के सेवन से जरूरी कैल्शियम, अन्य विटामिन और खनिज पदार्थ मिल जाते हैं। 

बढ़ती उम्र में हड्डियां कमजोर होने से ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग के होने की संभावना रहती है। ऐसे में पनीर का सेवन हड्डियों के स्वास्थ के लिये लाभदायक होता है। पनीर में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड भी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है तथा गठिया से होने वाली बीमारी को भी रोकता है। 

8. इम्यूनिटी बढ़ाये (Boost Immunity)- पनीर का एक और बेहतरीन फायदा यह है कि इसके सेवन से इम्युनिटी बढ़ती है क्योंकि इसके पोषक तत्व इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उनको तो अपने भोजन में पनीर को शामिल करना चाहिये। लैक्टोज इंटोलेरेंस वाले लोगों के लिये सोया दूध से बना टोफू बेहतरीन विकल्प है।

9. त्वचा स्वास्थ्य के लिये (Skin Health)- त्वचा स्वास्थ के लिये आवश्यक पोषक तत्वों में विटामिन-ए का नाम आता है जो पनीर से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। विटामिन-ए के उपयोग से त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षणों की गति को कम करने में मदद मिलती है जिससे उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और आप उम्र से पहले बूढ़े नज़र नहीं आते। पनीर के सेवन से त्वचा स्वास्थ में प्रभावकारी परिणाम मिलते हैँ।

 प्रोटीन त्वचा की नई कोशिकाओं के निर्माण और पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत की गती को तेज करने का काम करता है। पनीर में मौजूद लेक्टिक एसिड त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान करता है और ग्लो को बनाये रखता है। पनीर के सेवन से त्वचा की ड्राईनेस खत्म होती है, त्वचा में नमी बनी रहती है और त्वचा मुलायम रहती है। पनीर खाने के अतिरिक्त आप चाहें तो पनीर से त्वचा की मसाज भी कर सकते हैं, इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। 

10. बालों के स्वास्थ्य के लिए (Hair Health)- पनीर बालों के स्वास्थ के लिए भी लाभकारी होता है। आजकल झड़ते बालों की समस्या एक आम समस्या है। यह समस्या रजोनिवृत्ति के समय भी महिलाओं को हो सकती है। बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा पाने के लिये पनीर का सेवन करना चाहिये क्योंकि पनीर में एमिनो एसिड इस समस्या से राहत दिलाता है। इसके अतिरिक्त पनीर में मौजूद प्रोटीन भी बालों की समस्या से राहत दिलाने में सहायक होता है। 

ये भी पढ़े- बालों को सिल्की बनाने के घरेलू उपाय

पनीर खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Cheese

पनीर की तासीर गर्म होने और प्रोटीन की अधिकता होने के कारण यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन से निश्चित रूप से नुकसान होगा जोकि निम्न प्रकार हैं –

1. पेट में प्रोटीन अधिक जाने से दस्त लग सकते हैं।

2. माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

3. भूख में कमी, थकान, मितली, उल्टी की समस्या हो सकती है। 

4. लैक्टोज इंटॉलेरेंस समस्या वाले लोगों को एलर्जी हो सकती है। 

5. कील-मुंहासों की समस्या हो सकती है।

6. अपॉश्चरीकृत दूध से बना पनीर गर्भवती महिलाओं और भ्रूण के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है। 

7. पनीर में अधिक मात्रा में फैट कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है जो हृदय के लिये जोखिम बन सकता है। 

8. किडनी की समस्या से ग्रस्त मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर ही पनीर का सेवन करना चाहिए।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पनीर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पनीर क्या है?, पनीर के प्रकार, पनीर बनाने का तरीका, पनीर के गुण, पनीर के पोषक तत्व, पनीर का उपयोग, पनीर को सुरक्षित रखने का तरीका, पनीर कब खा सकते हैं, पनीर कब नहीं खाना चाहिये और पनीर कितना खाया जा सकता है, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से पनीर खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पनीर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पनीर क्या है?, पनीर के प्रकार, पनीर बनाने का तरीका, पनीर के गुण, पनीर के पोषक तत्व, पनीर का उपयोग, पनीर को सुरक्षित रखने का तरीका, पनीर कब खा सकते हैं, पनीर कब नहीं खाना चाहिये और पनीर कितना खाया जा सकता है, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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