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व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान – Benefits of Side Effects of Whey Protein in Hindi

व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, हम सब अच्छी तरह जानते हैं, कि शारीरिक कार्य प्रणाली के लिये ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हर छोटे से लेकर बढ़े काम में ऊर्जा लगती है अर्थात् ऊर्जा शरीर की “आवश्यक आवश्यकता” है। इसके बिना हम जिन्दा नहीं रह सकते ठीक उसी प्रकार जैसे पानी और वायु के बिना जिन्दा नहीं रहा जा सकता। ये ऊर्जा आती कहां से है, तो सभी जानते हैं ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती है। इससे पहले कि हम आज के विषय पर कुछ बतायें, हम यह बताना जरूरी समझते हैं कि भोजन, ऊर्जा, वायु आदि किस का प्रतीक है। भोजन हुआ पृथ्वी तत्व जो धातुओं, अधातुओं, तत्वों से बनी है और इन्हीं से हमारे शरीर की रचना हुई है। ऊर्जा है अग्नि तत्व जो शरीर को शक्ति और ताप देती है। शरीर में रक्त, जल और अन्य तरल पदार्थ, जल तत्व हैं। सांस के माध्यम से ऑक्सीजन हमारे अंदर जाती है वह वायु तत्व है जिसे प्राण वायु कहा जाता है। हमारे मन की कोई सीमा नहीं, अनंत है, विशाल है मन की शक्तियां अपार हैं, अनंत हैं, आकाश के समान, तो हमारा मन है आकाश तत्व। मन के विषय में विस्तार से जानकारी के लिये हमारे पिछले आर्टिकल “चेतन और अवचेतन मन में अंतर” पढ़ें। दोस्तो, भोजन से हमें कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन स्थूल पोषक तत्व मिलते हैं। जब हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स और वसा से ऊर्जा नहीं मिल पाती तो इसका एक मात्र विकल्प प्रोटीन ही रह जाता है।  प्रोटीन, अमीनो एसिड से बना हुआ पदार्थ है और अमीनो एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं (Molecules) से बने कार्बनिक यौगिक हैं। सामान्य व्यक्ति को जितना प्रोटीन एक दिन में चाहिये, ऐथलीट्स, जिम में वर्कआउट करने वाले और गर्भवती महिलाओं को सामान्य से कहीं ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता पड़ती है। इस अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करता है प्रोटीन पाउडर जो कई प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से एक है व्हे प्रोटीन पाउडर जो उच्च गुणवत्ता वाला पूर्ण प्रोटीन है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको व्हे प्रोटीन के बारे विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसे खाने के क्या फायदे होते हैं और क्या नुकसान।  तो, सबसे पहले जानते हैं कि प्रोटीन क्यों जरूरी है, प्रोटीन पाउडर क्या है और प्रोटीन पाउडर कितने प्रकार का होता है। इसके बाद फिर अन्य बिन्दुओं (Points) की जानकारी देंगे। 

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व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान
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प्रोटीन क्यों जरूरी है? – Why is Protein Important?

दोस्तो, हमारे शरीर के निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिये अति आवश्यक है –

1. अनेक प्रकार के हार्मोन्स् और एंजाइम्स की, शरीर को अनेक क्रिया कलापों को सही से करने के लिये जरूरत होती है। प्रोटीन की, इनके निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका होती है।

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2. प्रोटीन, त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए जरूरी होते हैं और हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन को स्टोर करके शरीर में भेजते हैं। 

3. प्रोटीन रोग प्रतिरोधक क्षमता को निर्माण करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाये रखने का काम करते हैं और शरीर की एंटी-बॉडी के रूप में अनेक संक्रमणों और बैक्टीरिया से लड़कर हमारी रक्षा करते हैं। 

2. विभिन्न नाइट्रोजनयुक्त यौगिकों के निर्माण में भी प्रोटीन सहायता करता है। ये भी शरीर के लिये आवश्यक होते हैं।

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3. चोट, कटने, फटने, जलने आदि से शरीर के तन्तुओं और कोशिकाओं की क्षति की मरम्मत करते हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण भी करते हैं। 

4. प्रोटीन रक्त श्राव को रोकने में मदद करते हैं ताकि घाव जल्दी भर सके क्योंकि रक्त में पाये जाने वाले फाइब्रिन नामक प्रोटीन, रक्त का थक्का बनाते हैं जिससे रक्त श्राव रुकता है। 

5. प्रोटीन रक्त संगठन में संतुलन बनाये रखते हैं जिससे रक्त के प्रवाह सही ढंग से हो।

6. बच्चों, किशोरों गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के वृद्धि और विकास के लिये प्रोटीन की जरूरत होती है। प्रोटीन के बारे में विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछले आर्टिकल “प्रोटीन के फायदे” पढ़ें। 

प्रोटीन पाउडर क्या है? – What is Protein Powder?

अनेक प्रकार के खाद्य/पेय पदार्थ जिनमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा हो, को मिलाकर जो पाउडर बना दिया जाता है उसे प्रोटीन पाउडर कहते हैं। इसमें बाद में शुगर, विटामिन और खनिज मिला दिये जाते हैं। यह पाउडर शरीर के लिये प्रोटीन सप्लीमेंट होता है। वैसे तो प्रोटीन सप्लीमेंट अनेक प्रकार के होते हैं लेकिन मुख्य रूप से दो ही प्रकार के होते हैं – व्हे और केसीन, जिनका जिक्र हम आगे करेंगे। 

प्रोटीन पाउडर क्यों जरूरी है? – Why is Protein Powder Necessary?

1. भोजन से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन ना मिल पाने की स्थिति में अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत पड़ती है जिसे प्रोटीन पाउडर पूरी करता है। 

2. शाकाहारियों को उच्च गुणवत्ता वाले वो प्रोटीन नहीं मिल पाते जो मांसाहार से मिलते हैं, विकल्प स्वरूप प्रोटीन पाउडर इसकी भरपाई करता है।

3. खिलाड़ियों को खेल के बाद धावकों को दौड़ने के बाद, पहलवानों को कुश्ती के बाद और जिम में एक्सरसाइज करने के बाद शरीर की खर्च हुई ऊर्जा को पाने के लिये प्रोटीन सप्लीमेंट की जरूरत पड़ती है।  

4. मजबूत मांशपेशियां बाइसेप्स बनाने के लिये सामान्य प्रोटीन से काम नहीं चलता, इसके लिये अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है।

5. चोट/घाव को जल्दी ठीक करने के लिये प्रोटीन पाउडर मदद करता है।

6. एक्सरसाइज करने के दौरान मांसपेशियां और ऊतक (Tissues) चोटिल/क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। प्रोटीन पाउडर  इनकी मरम्मत कर इनको ठीक करता है।

7. शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों, महिलाओं, युवा वर्ग को जो दुबले, पतले दीखते हैं डॉक्टर उनके लिये प्रोटीन पाउडर को सप्लीमेंट के रूप में लेने की सलाह देते हैं।

8. गर्भवती महिला के स्वास्थ और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिये अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। प्रोटीन पाउडर इस जरूरत को पूरा करता है। 

प्रोटीन पाउडर के प्रकार – Types of Protein Powder

दोस्तो, प्रोटीन पाउडर के बारे में पिछले आर्टिकल में विस्तार से जानकारी दी थी जिसमें हमने प्रोटीन पाउडर प्रकार विस्तार से बताये थे। फिर भी हम इनको संक्षेप में दोहरा देते हैं। विस्तृत जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “प्रोटीन पाउडर के फायदे” पढ़ें। प्रोटीन पाउडर के प्रकार निम्नलिखित हैं  –

1. व्हे प्रोटीन (Whey protein) – व्हे का अर्थ होता छाछ या मठ्ठा, यानी छाछ वाला प्रोटीन पाउडर। दही से भरे बर्तन में दही के ऊपर सफेद पानी देखा होगा, इसी को व्हे कहते हैं। इसमें दूध के प्रोटीन का केवल 20% अंश होता है परन्तु यह उच्च गुणवत्ता वाला पूर्ण प्रोटीन है। क्योंकि इसमें मानव शरीर के लिये सभी जरूरी अमीनो एसिड होते हैं जो पचने में भी आसान होते हैं।  व्हे प्रोटीन ल्यूसीन जैसे ब्रांचड् एमिनो एसिड (बीसीएएएस) का सबसे बेहतरीन स्रोत है, जो मांसपेशियों के संश्लेषण (Muscle synthesis) को उत्प्रेरित करता है। व्हे प्रोटीन कैसे बनाया जाता है इसका जिक्र हम आगे करेंगे। व्हे प्रोटीन भी तीन प्रकार का होता है, इसके बारे में हम आगे बतायेंगे। 

2. केसीन प्रोटीन (Casein Protein) – सभी नौ अमीनो एसिड युक्त यह फास्फो प्रोटीन है जो देर से पचने वाला होता है और गाय के दूध में 80% पाया जाता है। गायों के दूध से पनीर बनाया जाता है। पनीर में जो ठोस पदार्थ है उसी को केसीन कहते हैं। पनीर के ठोस पदार्थ को पास्च्युरीकृत (Posturised) करके पाउडर का रूप दे दिया जाता है। यह भी दो प्रकार का होता है, अल्फा केसीन और बीटा केसीन। अल्फा केसीन के भी दो रूप होते हैं अल्फा एस-1 और अल्फा एस-2 और बीटा केसीन के 12 रूप होते हैं लेकिन प्रमुख केवल दो ही होते हैं – बीटा केसीन A1 और A2। पूर्ण विवरण हमारे पिछले आर्टिकल “प्रोटीन पाउडर के फायदे” में मिल जायेगा। 

3. सोया प्रोटीन (Soy Protein) – सोया पौधे पर आधारित उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन है। सोयाबीन की दाल से आटा बनाकर इसमें से प्रोटीन को अलग कर प्रोटीन पाउडर बनाया जाता है। इसमें अमिनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है। यह उनके लिये बेहतर है जिनको डेयरी उत्पाद अच्छे नहीं लगते। 

4. ब्राउन राइस प्रोटीन पाउडर (Brown Rice Protein Powder)- डेयरी उत्पाद पसंद ना करने वालों के लिये ब्राउन राइस प्रोटीन पाउडर उत्तम विकल्प है। यह कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-बी और फाइबर का उत्तम स्रोत है जोकि मांसपेशियों के निर्माण में सहायक होता है। लाइसिन अमीनो एसिड बहुत कम मात्रा होने की वजह से इसे पूर्ण प्रोटीन पाउडर नहीं माना जाता। 

5. मटर प्रोटीन पाउडर (Pea Protein) – लैक्टोज इनटाॅलरेंट की समस्या वाले लोगों के लिये यानी जिनको डेयरी उत्पाद और सोयाबीन से एलर्जी है, बेहतरीन है ये मटर प्रोटीन पाउडर। मटर के दानों को सुखाकर, पीसकर, पानी की सहायता से पेस्ट बनाकर फाइबर और स्टार्च निकाल लिये जाते हैं ताकि इसमें केवल प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स ही बचें। फिर इस पेस्ट को दुबारा से सुखाकर पाउडर बना लेते हैं।

6. अंडा प्रोटीन पाउडर (Egg Protein Powder)- यह अंडे के सफ़ेद भाग से प्रोटीन निकालकर बनाया जाता है। उच्च वसा वाले योल्‍क (yolks) को हटा देते हैं। इस उच्च गुणवत्ता वाले पाउडर में सभी नौ अमीनो एसिड होते हैं और पचने में आसान होता है। 

7. मिक्स्ड प्लांट प्रोटीन पाउडर (Mixed Plant Protein Powder)- इसे दो या दो से अधिक पौधों से प्रोटीन प्राप्त करके उनको मिलाकर बनाया जाता है। यह धीमी गति से पचता है क्यों कि इसमें उच्च फाइबर होता है। ब्राउन राइस, मटर, हैम्प, अल्फाल्फा, आर्टिचोक, किनोआ, चिया के बीज, अलसी के बीज आदि इसके श्रोत होते हैं। 

8. हेम्प (भांग) प्रोटीन पाउडर (Hemp Protein Powder)-  यह कैनबिस पौधे (cannabis plant) के बीजों से बनाया जाता है। इस प्रोटीन पाउडर में नौ जरूरी अमीनो एसिड्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। लाइसिन और ल्यूसीन नामक अमीनो एसिड की मात्रा बहुत कम होने की वजह से इसे पूर्ण प्रोटीन पाउडर नहीं माना जाता। यह भी उन लोगों के लिये है जिनको डेयरी उत्पाद और सोया से एलर्जी है। 

व्हे प्रोटीन कैसे बनाया जाता है? – How is Whey Protein Made?

व्हे प्रोटीन का मुख्य श्रोत गाय का दूध है। गाय के दूध में दो महत्वपूर्ण प्रोटीन होते हैं – एक है कैसीन प्रोटीन जोकि दूध में 80 प्रतिशत होता है और दूसरा व्हे प्रोटीन जो 20 प्रतिशत पाया जाता है। दूध से पनीर या चीज़ बनाने की प्रक्रिया के समय ही व्हे प्रोटीन का उत्पादन किया जाता है। व्हे प्रोटीन को बनाने के लिये गाय के दूध में एंजाइम मिला दिये जाते हैं, फिर दूध से दही और दही से मशीनों द्वारा छाछ को अलग कर दिया जाता है। इस छाछ को पास्च्युरीकृत करके बैक्टीरिया रहित बना दिया जाता है। इसके बाद फिर माइक्रो फिल्टेशन एक्सचेंज प्रोसेस के माध्यम से लैक्टोज़ और फैट निकालकर इसे सुखाकर पाउडर का रूप दे दिया जाता है। यही व्हे प्रोटीन कहलाता है जो पचने में आसान होता है।

व्हे प्रोटीन के प्रकार – Types of Whey Protein 

1. व्हे प्रोटीन आइसोलेट (Whey Protein Lsolate)- इसे  WPI के नाम से ज्यादा जाना जाता है। यह अन्य प्रोटीन की तुलना में महंगा होता है। लैक्टोज इंटोलरेंस वाले व्यक्तियों यानी जिनको डेयरी उत्पाद अच्छा नहीं लगता, के लिये अच्छा विकल्प है। यह इन लोगों को सूट कर जाता है क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में अथवा कोई लैक्टोज नहीं पाया जाता और फैट में भी बहुत कम होता है। यह व्हे प्रोटीन में सबसे शुद्ध माना जाता है जिसमें 90 से 95 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है, मांसपेशियों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है।

2. व्हे प्रोटीन हाइड्रोलिसेट (Whey Protein Hydrolysate)- यह आंत में तेजी से अवशोषित होता है और पचाने में आसान होता है। जब बड़े प्रोटीन पॉलीपेप्टाइड, जो व्हे प्रोटीन में होते हैं, बहुत छोटी श्रृंखलाओं में टूटता है तब व्हे प्रोटीन हाइड्रोलिसेट बनता है। इसे पानी या अन्य पेय पदार्थ में मिलाकर पीना होता है। शिशु फार्मूले या अन्य किसी विशेष औषधीय पोषण उत्पादों के लिये इस प्रकार के प्रोटीन का उपयोग किया जाता है। प्रोटीन की मात्रा इसमें 100% होने का दावा किया जाता है। यह अन्य दो प्रकार के व्हे प्रोटीन की तुलना में महंगा होता है।

3. प्रोटीन कंसन्ट्रेट (Protein Concentrate)-  व्हे प्रोटीन का यह प्रकार सबसे सामान्य और आसानी से उपलब्ध होने वाला व्हे प्रोटीन पॉऊडर सप्लिमेंट है। यह उन लोगों के लिये अच्छा है जिन्होंने नया-नया जिम जॉइन किया है क्योंकि इसके कार्ब्स और फैट आवश्यक पोषण देते हैं। इसका कोई विशेष स्वाद नहीं होता इसीलिये इसे कम पसंद किया जाता है। 60-80% प्रोटीन होता है बाकी कार्ब्स और वसा होते हैं। 

व्हे प्रोटीन के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम)-

कैलोरी                     – 359 kcal

पानी                             –  0.86 ग्राम

प्रोटीन                     –  58.14 ग्रा.

कार्बोहाइड्रेट             –  29.07 ग्रा.

शुगर, टोटल             –   1.16 ग्रा.

टोटल लिपिड (फैट)     –   1.16 ग्रा.            आयरन                          –   1.26 मि.ग्रा.

पोटैशियम                      –   872  मि.ग्रा.

सोडियम                        –   372  मि.ग्रा.

मैग्नीशियम                     –   233 मि.ग्रा.

फास्फोरस                      –   581 मि.ग्रा.

जिंक                             –    8.72 मि.ग्रा.

विटामिन-सी 

टोटल एस्कॉर्बिक एसिड    –    34.9 मि.ग्रा.

थाइमिन                         –   0.872 मि.ग्रा.

राइबोफ्लेविन              –    0.988 मि.ग्रा.

नियासिन                     –   11.628 मि.ग्रा.

विटामिन बी-6             –     1.163 मि.ग्रा.

विटामिन बी-12             –     3.49 µg

फोलेट DFE             –     395 µg

विटामिन-ए, RAE     –     872 µg

विटमिन-ए, ।U             –     2907.U

विटामिन-ई

(अल्फा-टोकोफ़ेरॉल)     –     7.85 मि.ग्रा.

विटामिन-के                    –      46.5 µg

कोलस्‍ट्रॉल                     –     12 मि.ग्रा.

फैटी एसिड, 

टोटल सैचुरेटेड             –      0.581 ग्रा.

फैटी एसिड, 

टोटल मोनोसैचुरेटेड     –     0.149 ग्रा.

फैटी एसिड, 

टोटल पॉलीसैचुरेटेड     –     0.021 ग्रा.

व्हे प्रोटीन पाउडर कैसे लेना चाहिये? – How to Take Whey Protein Powder?

1. दूध में मिलाकर (Mixed with Milk)- दूध में मिलाकर पीने से दूध की क्षमता बढ़ जाती है क्योंकि इसमें आपको प्राकृतिक रूप से प्रोटीन ओर कैल्शियम की अधिक मात्रा मिल जाती है। वजन बढ़ाने और मसल्स बनाने के लिये दूध में मिलाकर पीना अच्छा है।

2. पानी में मिलाकर (Mixed with Water)- इसे पानी में मिलाकर भी पीया जा सकता है, वर्कआउट के समय पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है। पानी में पीने से जल्दी पच जायेगा।

3. खाद्य पदार्थों में मिलाकर (Mixed with Foods)-  स्मूदी, दलिया, शेक आदि में मिलाकर खा सकते हैं। 

व्हे प्रोटीन पाउडर कब लेना चाहिये – When to Take Whey Protein Powder

1. इसे वर्कआउट से पहले और बाद में, दोनों समय लिया जा सकता है। बेहतर होगा, व्हे प्रोटीन पाउडर सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें। 

1. वर्कआउट से 45 मिनट पहले सेवन करने से कड़ी मेहनत करने की क्षमता बढ़ जाती है।

2. इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन का मानना है कि वर्कआउट के दो घंटे बाद तक प्रोटीन पाउडर का सेवन मांसपेशियों के निर्माण के लिये उचित है।

3. व्हे प्रोटीन वर्कआउट से पहले या बाद में लेने से शरीर पर सामान प्रभाव पड़ता है। यद्यपि लोग वर्कआउट के बाद ही इसे लेना पसंद करते हैं। 

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4. सुबह और शाम वर्कआउट से पहले या बाद में आप इसे कब लेना चाहते हैं यह निर्णय आपका है। 

5. सोने से पहले यदि प्रोटीन पाउडर लिया जाये तो यह मांसपेशियों में अच्छी तरह से घुल जाता है, इनकी सही से वृद्धि होती है और ऊर्जा की भरपाई भी हो जाती है।

6. जो लोग वर्कआउट नहीं करते और गर्भवती महिलायें डॉक्टर/आहार विशेषज्ञ से सलाह ले लें कि उनको व्हे प्रोटीन पाउडर कब और कितना लेना है। 

प्रोटीन पाउडर कितना लेना चाहिये? – How Much Protein Powder Should I Take?

1. सामान्यतः प्रोटीन की मात्रा यानी अनुशंसित दैनिक भत्ता (Recommended Daily Allowance – RDA) 0।8 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर का वजन, है। परन्तु ये वर्कआउट करने वाले या खिलाड़ी, धावक, पहलवान, अधिक शारीरिक श्रम करने वाले, मसल्स बनाने के इच्छुक व्यक्ति, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिये यह मात्रा काफी नहीं है। इनको इससे अतिरिक्त प्रोटीन चाहिये जिसे प्रोटीन सप्लीमेंट पूरा करते हैं।

2. सामान्य नियम के अनुसार, बॉडी बिल्डिंग के लिये 1।2 से 1।8 ग्राम प्रति कि।ग्रा। शरीर के वजन के हिसाब से प्रोटीन पाउडर की जरूरत होती है। 

3. वजन में संतुलन बनाये रखने के लिये 1 ग्राम प्रति कि।ग्रा। शरीर के वजन के हिसाब से प्रोटीन पाउडर लेना चाहिये।

4. महिलाओं के लिये 1 ग्राम प्रति कि।ग्रा। शरीर के वजन के अनुसार।

5. गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ गर्भस्थ शिशु के विकास के लिये प्रतिदिन 75 ग्राम से 100 ग्राम तक प्रोटीन लेना चाहिये। 

6. प्रसव के पश्चात एक महिला को पहले 6 महीने तक 80 ग्राम और 6 से 12 महीने तक लगभग 70 ग्राम प्रोटीन अवश्य लेना चाहिये। 

व्हे प्रोटीन के फायदे  – Benefits of Whey Protein

1. मांसपेशियों की मजबूती के लिये (Muscle Strength)- 2018 की एक स्टडी में प्रोटीन पाउडर के सेवन को मांसपेशियों के विकास के लिए उचित बताया गया है। बढ़ती उम्र में मांसपेशियां भी कमजोर पड़ने लगती हैं। इनको मजबूती देने के लिये अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। व्हे प्रोटीन ऐसी स्थिति से निपटने के लिये तैयार रहता है। इसमें मौजूद ल्यूसिन नामक एमीनो एसिड इस समस्या को दूर करता है। इसके अतिरिक्त ऐथलीट्स, वर्कआउट करने वाले, बॉडी बिल्डर आदि को मांसपेशियों की मजबूती के लिये व्हे प्रोटीन अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता है। उन्हें मजबूती देता है। इससे मांसपेशियों की जल्दी ग्रोथ में मदद मिलती है। 

2. मांसपेशियों की मरम्मत के लिये (Muscle Repair)- एक्सरसाइज करते समय, मांसपेशियां खिंच जाती हैं, चोट लगती रहती है और इनके ऊतकों (Tissues) की भी क्षति होती है, ये टूट जाते हैं। व्हे प्रोटीन या अन्य प्रोटीन पाउडर मांसपेशियों की मरम्मत खूब अच्छी तरह करते हैं। 

3. चुस्ती स्फूर्ति बनाए रखें (Keep the Spirits Up)- जिम में या जिम से अलग भी एक्सरसाइज करने पर, ऐथलीट्स, धावकों आदि की अपनी गतिविधियों में ऊर्जा खर्च होती है, जिसकी भरपाई के लिये अतिरिक्त प्रोटीन चाहिये। व्हे प्रोटीन पाउडर खर्च हुई ऊर्जा की भरपाई बखूबी करता है। ऊर्जा की रिकवरी के सिलसिले से एक्सरसाइज करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। शरीर का फैट बर्न होता रहता है और आप आपको एकदम चुस्त दुरुस्त फिट पाते हैं। 

4. हड्डियों के लिये फायदेमंद (Beneficial for Bones)- हड्डियों के स्वास्थ के लिये कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है। व्हे प्रोटीन में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। यह मात्रा उस समय और बढ़ जाती है जब इसे दूध में मिलाकर पीया जाता है। इससे हड्डियों को प्राकृतिक रूप से मजबूती मिलती है और ऑस्टियोसोरायसिस नामक अस्थि रोग की संभावना नहीं रहती।

5. वजन कम करने के लिये (Lose Weight)- व्हे प्रोटीन का उपयोग बढ़ते वजन को कम करने के लिये किया जा सकता है। जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो कैलोरी बहुत तेजी से बर्न होती हैं। आपका फैट कम होता है। वर्कआउट के बाद व्हे प्रोटीन लेने से आपकी खर्च हुई ऊर्जा वापिस आती है ना कि फैट क्योंकि व्हे प्रोटीन में फैट की मात्रा बहुत कम होती है। व्हे प्रोटीन लेने के बाद आपका पेट भरा-भरा सा रहता है और यह जल्दी भूख नहीं लगने देता। इसके प्रोटीन भूख को शांत करते हैं जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। 

6. रोग प्रतिरोधक रक्षा प्रणाली के लिये (Immune Defense System)- व्हे प्रोटीन पाउडर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।  इसके अमीनो एसिड ग्लूटाथिऑन के स्तर को बढ़ाता है जो कि एक एंटीऑक्सिडेंट है और यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से हमारे शरीर की रक्षा करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली में बढ़ोत्तरी करता है। 

7. एनीमिया को दूर करे (Cure Anemia)- दोस्तो, शरीर में रक्त की कमी आयरन के कारण होती है जिसे एनीमिया कहा जाता है। यह अधिकतर महिलाओं में होता है। व्हे प्रोटीन में आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है जो अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलकर इस समस्या को दूर करते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिये तो यह विशेष रूप से फायदा करेगा उनमें एनीमिया की संभावना नहीं होगी। 

8. डायबिटीज के लिये (Diabetes)- व्हे प्रोटीन के फायदे टाइप-2 डाईबिटीज के मरीजों के लिये देखे जा सकते हैं। इंसुलिन की कमी और ब्लड शुगर हाई होने की वजह से टाइप-2 डायबिटीज बनती है। व्हे प्रोटीन इंसुलिन प्रक्रिया में सुधार कर ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और इसे नियन्त्रित भी करता है। अंडे और मछली की तुलना में टाइप-2 डाईबिटीज के मरीजों के लिये व्हे प्रोटीन लेना अधिक फायदेमंद होता है। उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन लेने से पहले यदि व्हे प्रोटीन ले लिया जाये तो डायबिटीज में अधिक फायदेमंद होता है। 

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9. हाई ब्लड प्रेशर कम करे (Reduce High Blood Pressure)- व्हे प्रोटीन में मौजूद बायो एक्टिव पेप्टाइड जो लैक्टोकाइनिन्स कहे जाते हैं, हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिये दवा के रूप काम करता है। एक स्टडी बताती है कि 6 हफ्ते तक कम से कम 22 ग्राम प्रतिदिन व्हे प्रोटीन का सेवन करने से ब्लड प्रेशर से जुड़ा रोग ठीक हो जाता है। एक स्टडी यह भी बताती है कि डेयरी उत्पाद का सेवन करने से हाई बल्ड प्रेशर की संभावना नहीं बनती। अतः यह स्पष्ट है कि व्हे प्रोटीन के सेवन से हाई बल्ड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है।

10. लिवर को स्वस्थ रखे (Keep Liver Healthy)-  व्हे प्रोटीन में पाये जाने वाले बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन और अल्फा-लैक्टलबुमिन (एक प्रकार का प्रोटीन), लिवर को खराब होने से बचाने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को खत्म करके लिवर की सूजन को भी कम करने में मदद करता  है। 

11. आंखों के लिये (For the Eyes)- व्हे प्रोटीन पाउडर में मौजूद ल्यूटिन नामक विटामिन रेटिना के ऑप्टिकल डेंसिटी को बढ़ाने में मदद करता है। बढ़ती उम्र की वजह से आंखों से संबंधित होने वाली बीमारियां जैसे मोतियाबिंद और आंखों की दृष्टि का कम हो जाना आदि की संभावना को कम करने में मदद करता है। अतः व्हे प्रोटीन का सेवन आंखों के लिये भी फायदेमंद है। 

12. अस्थमा में फायदेमंद (Beneficial in Asthma)- व्हे प्रोटीन के फायदे अस्थमा के उपचार में भी देखे जा सकते हैं। अस्थमा से पीड़ित 11 बच्चों पर की गई एक स्टडी से यह साबित हुई जिसमें  10 ग्राम व्हे प्रोटीन एक महीने तक दिन में दो बार दिये  जाने के परिणामस्वरूप उनकी इम्युनिटी में सुधार हुआ और अस्थमा के लक्षण स्वतः ही खत्म होने लगे। तात्पर्य यह है कि स्ट्रोंग इम्युनिटी के कारण फेफड़े भी स्वस्थ रहेंगे और सही से काम करेंगे। 

कुछ ब्रांडेड व्हे प्रोटीन – Some Branded Whey Protein

दोस्तो अब बताते हैं आपको कुछ ब्रांडेड व्हे प्रोटीन के नाम जो निम्नलिखित हैं – 

1. मसलटेक नाइट्रोटेक परफॉर्मेंस सीरीज व्हे प्रोटीन (Muscletech Nitrotech Performance Series Whey Protein) – तेजी से वजन बढ़ाने के लिये यह प्रोटीन उत्तम है। इसमें क्रिएटिन पहले से ही एड किया हुआ है जो दुबली और कमजोर मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। आसानी से और जल्दी पचने वाला यह प्रोटीन मांसपेशियों की कोशिकाओं की मरम्मत और उनके विकास में मदद करता है। एक सर्विंग यानी 46 ग्राम में 30 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम कार्ब्स, 2।5 ग्राम फैट और 1 ग्राम शुगर की मात्रा होती है। 

2. एएस-आईटी-आईएस पोषण मट्ठा प्रोटीन (AS-IT-IS Nutrition Whey Protein Lsolate) – यह एक ऐसा व्हे प्रोटीन है जिसने भारतीय बाजार का बहुत जल्दी अधिग्रहण किया है। कम बजट में प्रोटीन का उपयोग करने के लिये वालों के लिये यह अच्छा विकल्प है। भारत में सस्ते और अच्छे व्हे प्रोटीन की श्रेणी में से एक है। स्वाद की दृष्टि से स्वादहीन है, बासी दूध के समान और इसमें कोई पाचक एंजाइम नहीं है।  30 ग्राम पाउडर से 24 ग्राम प्रोटीन और 5।4 ग्राम बीसीएए (Branched Chain Amino Acids) मिल जाते हैं।

3. ऑप्टिमम न्यूट्रिशन (ऑन) गोल्ड स्टेन्डर्ड (Optimum Nutrition (ON) Gold Standard 100%) – लोकप्रिय ब्रांड ऑप्टिमम न्यूट्रिशन (ON) द्वारा उत्पादित, भारत में उपलब्ध, यह सबसे अच्छा प्रोटीन पाउडर माना जाता है। इस प्रोटीन पाउडर की 30।4 ग्राम मात्रा से 24 ग्राम प्रोटीन, 3 ग्राम कार्ब्स, 1 ग्राम फैट, 1 शुगर और 5।5 ग्राम बीसीएए मिल जाते हैं। 

4. अल्टीमेट न्यूट्रिशन प्रोस्टार 100% व्हे प्रोटीन (Ultimate Nutrition Prostar 100% Whey Protein) – यह प्रोटीन पाउडर उच्च गुणवत्ता आइसोलेट और व्हे प्रोटीन कंसन्ट्रेट का मिश्रण है। इसकी एक स्कूप में 25 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम बीसीएए, 2 ग्राम कार्ब्स, 1 ग्राम फैट और 1 ग्राम शुगर होते हैं।

5. मसलब्लेज़ बायोजिम (Muscleblaze Biozyme Whey Protein) – इस प्रोटीन पाउडर को विशेष तौर पर भारतीय शरीर पर परीक्षण कर उनके मांसपेशियों के लाभ की दृष्टि से अधिकतम करने के लिये बनाया गया है। वजन कम करने के लिये यह प्रोटीन पाउडर उपयुक्त है। यह प्रोटीन 50% तेजी से अवशोषण करता है और इसका स्वाद भी अच्छा है। इससे 25 ग्राम प्रोटीन और 5।51 ग्राम बीसीएए प्राप्त होते हैं। 

6. डायमटाइज न्यूट्रिशन एलीट व्हे प्रोटीन पाउडर (Dymatize Nutrition Elite Whey Protein Powder) – इस प्रोटीन पाउडर में असेंसिअल और नॉन-असेंसिअल अमीनो एसिड्स का अच्छा अनुपात है अतः शरीर द्वारा अच्छे से सिंथेसाइज ना किये जाने वाले अमीनो एसिड भी प्रदान किए जाते हैं। इस पाउडर के एक स्कूप यानी 36 ग्राम मात्रा में 25 ग्राम प्रोटीन, 5 ग्राम बीसीएए, 4 ग्राम कार्ब्स और 2 ग्राम फैट होता है। 

7. आइसोप्योर लो कार्ब व्हे प्रोटीन (Isopure Low Carb Whey Protein) – यह एक लो कार्ब और आइसोलेट व्हे प्रोटीन है जिसमें लैक्टोज, एस्पार्टेम और ग्लूटेन नहीं पाया जाता। और इसमें बीसीएएएस (ब्रांच्ड चेन एमिनो एसिड) और ग्लूटामाइन होता है। इसकी एक सर्विंग यानी 31 ग्राम मात्रा में 25 ग्राम प्रोटीन और 2 ग्राम फैट होता है।   

8. बीएसएन सिंटा 6 व्हे (मट्ठा) प्रोटीन (BSN Syntha BSN Syntha 6 Protein Powder) – पौष्टिकता और स्वादिष्टता इसकी विशेषताऐं हैं। प्रीमियम मट्ठा की चाह रखने वालों के लिये यह उत्तम है। दुबली मांसपेशियों को सही करने उनके विकास में तेजी लाने में यह पाउडर मदद करता है। स्वाद में उत्तम यह अल्ट्रा-प्रीमियम मट्ठा अतुलनीय है। एक सर्विंग में 22 ग्राम प्रोटीन, 5 ग्राम फाइबर और 10 ग्राम बीसीएए मिल जाते हैं। 

9. मायप्रोटीन व्हे प्रोटीन (Myprotein Impact Whey Protein) – यह भी प्रीमियम मट्ठा की श्रेणी में आता है जो आपको बेहतरीन परिणाम देगा। यह दुबली मांसपेशियों के लिये अत्यंत प्रभावी है जो पूर्ण वृद्धि और रखरखाव में मदद करता है। यह कई प्रकार के स्वाद में मिलता है। शरीर में आसानी से अबजोर्ब हो जाता है। एक सर्विंग में 20 ग्राम प्रोटीन, 4।5 ग्राम बीसीएए मिल जाते हैं।

10. आइसोप्रो व्हे जीरो कार्ब (मट्ठा) प्रोटीन (Isopure  Zero Carb 100% Whey Protein) – जैसा कि नाम से जाहिर है इसमें कार्ब की मात्रा शून्य है और साथ ही शुगर की मात्रा भी शून्य होती है और यह लैक्टोज रहित प्रोटीन पाउडर है, लस, या फिल्टर भी नहीं है। अर्थात् यह प्रोटीन अत्यंत शुद्ध है। दुबली मांसपेशियों के लिये प्रभावशाली है। यह पानी में आसानी से घुल जाने वाला, पीने में हल्का और आसान होता है। इसकी एक सर्विंग में 25 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है। 

व्हे प्रोटीन के नुकसान – Side Effects of Whey Protein

1. व्हे प्रोटीन में लैक्टोज होता है जो एक कार्बनिक यौगिक है और इसका स्वाद मीठा होता है। यह एक प्रकार की शुगर होती है जो दूध और दूध से बने पदार्थों में  होता है। कई लोगों को इससे परेशानी होती है वे इसे पचा नहीं पाते हैं। सामान्य व्यक्ति, जिसे इससे कोई एलर्जी नहीं है, को भी अधिक लैक्टोज नहीं लेना चाहिये। इससे पेट खराब हो सकता है। पाचन-तंत्र गड़बड़ा सकता है। 

2. पेट की ही भांति लिवर पर भी लैक्टोज का बुरा असर पड़ सकता है। 

3. किडनी में पथरी बनने की संभावना बन सकती है। 

4. अधिक मात्रा में लेने से जी (मन) खराब हो सकता है। मिचली आ सकती है, उल्टी लग सकती हैं।

5. मुंहासे होने की संभावना हो सकती है। 

6. एक्सरसाइज करने के बाद यदि आप इंसुलिन स्तर में बढ़ोतरी को नोटिस करते हैं यह लंबे समय में खतरनाक हो सकता है। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोटीन क्यों जरूरी है, प्रोटीन पाउडर क्या है, प्रोटीन पाउडर क्यों जरूरी है, प्रोटीन पाउडर के प्रकार, व्हे प्रोटीन कैसे बनाया जाता है, व्हे प्रोटीन के प्रकार, व्हे प्रोटीन के पोषक तत्व, व्हे प्रोटीन पाउडर कैसे लेना चाहिये, कब लेना चाहिये और प्रोटीन पाउडर कितना लेना चाहिये, इन सबके बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको व्हे प्रोटीन के फायदे बताये, कुछ ब्रांडेड व्हे प्रोटीन बताये और व्हे प्रोटीन के नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें ।

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व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान
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दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोटीन क्यों जरूरी है, प्रोटीन पाउडर क्या है, प्रोटीन पाउडर क्यों जरूरी है, प्रोटीन पाउडर के प्रकार, व्हे प्रोटीन कैसे बनाया जाता है।
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