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दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। कभी बॉलीवुड की एक हिन्दी मूवी का यह गाना बहुत हिट हुआ था “कहीं एक मासूम नाजुक सी लड़की, बहुत खूबसूरत मगर सांवली सी”। और इसी के साथ दकियानूसी लोगों का नजरिया भी बदला था। हमारे देश भारत में काले गोरे रंग को अहमित नहीं दी जाती। केवल व्यक्ति के गुणों को महत्वपूर्ण माना जाता है। परन्तु कुछ दशक से यह देखने में आया है कि वे महिलायें, पुरुष यहां तक कि बच्चे भी, जिनका रंग सांवला या काला है, उनमें अपने रंग को गोरा करने की होड़ लगी है। एक लालसा रहती है मन में कि मेरा रंग गोरा हो जाये जिससे कि मैं सुन्दर दिखूं। इसके लिये वे अनेक उपाय/प्रयोग करते रहते हैं। और परिणाम यह होता है कि फायदे की बजाय नुकसान होने लगता है, त्वचा के रोग होने लगते हैं क्योंकि बाजार में मिलने वाले सभी क्रीम, सौन्दर्य प्रसाधन उच्च क्वालिटी के नहीं होते, और ना ही महंगे प्रसाधनों को खरीदने की हर किसी की क्षमता होती है। त्वचा को गोरा करने के ऐसे उपाय होने चाहियें जो अधिकतर घर में ही उपलब्ध हों और जिनकी कीमत भी सामान्य हो। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गोरा होने के घरेलू उपाय”। दोस्तो, आज के लेख में हम आपको त्वचा के रंग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और कुछ देसी उपाय भी बतायेंगे जो आपकी त्वचा के रंग को गोरा करने में मदद करेंगे। सबसे पहले हम जानते हैं कि त्वचा के रंग के बारे में कि यह कैसे बनता है।
त्वचा का रंग कैसे बनता है? – How is Skin Color Formed?
मानव की त्वचा का रंग मेलानिन वर्णक (Melanin) नामक पदार्थ से बनता है। यह एक प्राकृतिक रंगद्रव्य (Pigment) होता है। इसका निर्माण त्वचा की असिताणु (Axoplasm) नामक कोशिकाओं के अन्दर होता है। मेलालिन ही मनुष्यों में बालों, त्वचा और आँखों को रंग देने के लिये जिम्मेदार है। मेलानिन सूरज की हानिकारक अल्ट्रा-वॉयलट किरणों से रक्षा करता है। यदि मेलानिन कम है तो आंखों का रंग हरा या नीला, बालों का सुनहरा और त्वचा का रंग सफेद (गोरा) हो जाता है।
त्वचा का कालापन क्या है? – What is Skin Darkening
जब शरीर के ऊतक (Tissues) मेलानिन (Melanin) का उत्पादन अधिक मात्रा में करने लगते हैं तो इसका प्रभाव त्वचा के रंग पर पड़ता है। चेहरा, गर्दन, बाजू, कोहनी, घुटने यानी पूरी त्वचा का रंग गहरा होने लगता है, पहले गेहुंआ, फिर सांवला होने लगता है। यही सांवलापन बहुत अधिक मेलानिन बनने की वजह से काले रंग में बदल जाता है। यही त्वचा का काला होना या कालापन कहलाता है।
त्वचा के कालेपन के कारण – Causes of Darkening of Skin
त्वचा के कालेपन के अनेक कारण हो सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं –
1. वैज्ञानिक आधार तो यही है कि शरीर में मेलानिन का अधिक बनना।
2. धूप में अधिक समय तक रहना जैसे किसान या मजदूरों, महिलाओं का खेत में काम करना।
3. मजदूरों, महिलाओं व अन्य का धूप में, धूल मिट्टी में ही कोई और काम करना जैसे, सड़क निर्माण, भवन निर्माण (Construction site) आदि।
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4. अधिक तापमान वाली फैक्ट्रियों, कारखानों में काम करना जैसे कांच का सामान बनाने वाली फैक्ट्रियां, लोहा, इस्पात के कारखाने आदि।
5. धूप में अधिक सफर करने से।
6. बाजार में मिलने वाले निम्न कोटि के सौन्दर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करने से।
7. किसी विशेष एलर्जी के कारण
8. किसी विशेष रोग के कारण।
9. उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा शुष्क और बेजान होने लगती है। त्वचा में नमी और कसावट की कमी होने लगती है, ऐसे में उचित देखभाल की कमी भी होती है, तो रंग का काला पड़ने की संभावना रहती है।
10. आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण रोग उत्पन्न होते हैं जिनसे त्वचा का रंग काला पड़ने की संभावना रहती है।
अलग-अलग स्थानों पर त्वचा का रंग अलग क्यों होता है ?:-
दोस्तो, पृथ्वी सात महाद्वीपों में बंटी हुई है। एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया। यह तो हम जान ही गये कि त्वचा का रंग मेलानिन पर निर्भर करता है। तो अब यह भी समझ लीजिये कि मेलानिन का कम बनना, ज्यादा बनना प्रकृति पर निर्भर करता है यानी स्थान विशेष की जलवायु पर। समुद्र तटिय देशों की जल वायु गर्म होती है। वहां भीषण गर्मी पड़ती है तो स्वाभाविक है कि शरीर के ऊतक मेलानिन बहुत अधिक मात्रा में बनायेंगे। परिणाम स्वरूप उस देश के लोगों की त्वचा का रंग काला होगा। इसी प्रकार, पर्वतीय और मैदानी क्षत्रों वाले देशों की जलवायु ठंडी या सामान्य होगी तो ऐसे देशों के लोगों का रंग काला या गेहुंआ होगा। आँखों और बालों का रंग भी मेलानिन की मात्रा पर निर्भर करता है। मेलानिन का स्तर स्थान विशेष की जलवायु और सूरज की धूप पर निर्भर करता है। तो दोस्तो, निष्कर्ष यह निकलता है कि अफ्रीका महाद्वीप और एशिया महाद्वीप के कुछ देशों जैसे श्रीलंका आदि के लोगों का रंग काला होता है और उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया ठंडी जलवायु वाले महाद्वीप को लोगों का रंग गोरा होता है।
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अंटार्कटिका महाद्वीप का जीवन – Antarctica Continent Life
यदि अंटार्कटिका की बात करें तो यह दुनियां का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। यहां का तापमान माइनस −89 °C (−129F°) रहता है। इतने तापमान में केवल शीतानुकूलित पौधे और पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, जैसे जीव और विभिन्न प्रकार के शैवाल तथा सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति ही जीवित रहते हैं। इसी लिये इस महाद्वीप का कोई स्थायी निवासी नहीं है परन्तु साल भर लगभग 1,000 से 5,000 वे लोग रहते हैं जो विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों से जुड़े हैं। ये अनुसंधान केन्द्र पूरे महाद्वीप पर फैले हुऐ हैं।
भारत के लोगों का रंग अलग-अलग क्यों है – Why do People of India Have Different Colours?
भारत एक विशाल देश है जिसमें 28 राज्य और 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं। यहां के लोगों का रंग अधिकतर गेहुंआ है। काला और गोरा कम है। उत्तरी और पूर्वी पर्वतीय राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और काश्मीर, अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय आदि के लोगों का रंग गोरा मिलेगा क्योंकि इन प्रदेशों की जलवायु ठंडी है, यहां सूरज की गर्मी का कोई मतलब नहीं रहता इसलिये लोगों में मेलानिन भी बहुत कम बनता है। पश्चिमी भारत के राज्यों राजस्थान और गुजरात में बेहद गर्मी पड़ती है इसलिये वहां के लोगों का रंग काला या हल्का काला जिसे सांवला भी कहते हैं, मिलेगा। मध्य भारत के लोगों का रंग गोरा और गेहुंआ मिलेगा तो दक्षिण और पूर्वी भारत के समुद्र तटिय राज्यों केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा और आन्ध्र प्रदेश के लोगों का रंग काला होता है।
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यहां देसी हैल्थ क्लब स्पष्ट करता है कि अपवाद सभी जगह होते हैं जहां काले लोग होते हैं वहां गोरे लोग भी होते हैं इसी प्रकार गोरे लोग होते हैं वहां काले लोग भी होते हैं। हमारा तात्पर्य रंग की बहुत संख्या से है।
क्या रंग परिवर्तन संभव है ? – Is Color Change Possible
जी हां। यदि जो लोग पढ़ाई के लिये, नौकरी के लिये या किसी अन्य कारण से अपने देश, राज्य को छोड़कर दूसरे राज्य या विदेश में जाकर रहने लगते हैं तो उनका रंग कुछ महीनों/साल बाद नये स्थान के अनुसार बदलने लगता है उदहारण के लिये अफ्रीकी लोग जो भारत में रह रहे हैं उनका रंग गहरे काले से हल्का हुआ है। इसी प्रकार तमिलनाडू, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा और आन्ध्र प्रदेश के लोग जो उत्तरी भारत में रह रहे हैं उनका रंग गोरा हुआ है। परन्तु यह परिवर्तन प्राकृतिक तौर पर अस्थाई होता है, यदि ये वापस अपने स्थान पर चले जाते हैं तो फिर से इनकी त्वचा के रंग में बदलाव आ जायेगा।
गोरा होने के घरेलू उपाय – How to Get Fair Skin
दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि गोरा होने के जो देसी उपाय बताये जा रहे हैं उनसे आपकी त्वचा के रंग में परिवर्तन आकर, अस्थाई रूप से आपकी त्वचा रंग गोरा हो सकता है, परन्तु ये स्थाई उपाय नहीं हैं क्योंकि प्राकृतिक विधान (जलवायु और सूर्य का प्रकाश और गर्मी) और वैज्ञानिक आधार (मेलानिन के स्तर में उतार चढ़ाव) को नहीं बदला जा सकता।
1. विटामिन-सी (Vitamin C)- आहार में विटामिन-सी को शामिल करें – सबसे पहले तो यह समझिये कि त्वचा को केवल बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी निखारना है। इसके लिये आहार ऐसा होना चाहिये जो पौष्टिक हो, खनिज और विटामिन से भरपूर है। अपने भोजन में विटामिन-सी को शामिल कीजिये। इससे रक्त साफ होगा और रक्त संचार में सुधार भी। विटामिन-सी युक्त सब्जियों और खट्टे फलों का सेवन कीजिये। खट्टे फल विटामिन-सी से भरपूर होते हैं। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीने की आदत डालिये। विटामिन-सी त्वचा का रूखापन खत्म करके त्वचा में नमी बनाये रखता है यह अंदर से आपकी त्वचा को निखारता है और बाहर से सूरज की अल्ट्रा-वायलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। विटामिन-सी, त्वचा के रंग को हल्का करने की प्रक्रिया को बढ़ाकर प्राकृतिक रूप से निखारने का काम करता है।
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2. भाप का उपयोग (Use of Steam)- त्वचा के रंग में परिवर्तन लाने के लिये भाप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, यह भी एक कारगर उपाय है। यदि आपका रंग पहले साफ था और अब काला पड़ने लगा है तो इसका कारण मृत कोशिकाएं हो सकती हैं। इन त्वचा की मृत कोशिकाओं के कारण भी रंग काला पड़ने लगता है। ये मृत कोशिकाओं त्वचा से चिपकी होती हैं। इसके लिए आप किसी बर्तन में पानी गर्म करें और रुई अपने साथ रखें। जब भाप निकलने लगे तो चेहरे पर भाप लगने दें और रुई से चेहरा बार बार साफ करते रहें। बाजुओं को भी इसी प्रकार भाप देकर रुई से साफ कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को भी आप रोजाना करें। आपकी त्वचा का रंग गोरा होने लगेगा। भाप लेते समय सावधान रहिये, अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखिये कि कहीं आप भाप या गर्म पानी से जल ना जाये।
3. भोजन के बाद खाएं डार्क चॉकलेट/गुड़ (Eat Dark Chocolate After Meal)- दोस्तो, दोपहर के भोजन के बाद डार्क चॉकलेट और रात के भोजन के बाद गुड़ खायें। रात को डार्क चॉकलेट खाने से इसमें कैफीन होने के कारण नींद ना आने की समस्या बन सकती है इसलिये इसे दोपहर के भोजन के बाद खाएं। डार्क चॉकलेट में पाये जाने वाले डायट्री फ्लेवोनोल्स त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाते हैं और ब्लड को साफ कर इसके सर्कुलेशन में भी सुधार करते हैं। डार्क चॉकलेट के बायोएक्टिव यौगिक और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की रंगत निखारने और गोरा करने में मदद करते हैं। जहां तक रात को गुड़ खाने की बात है, तो समझिये कि यह एक प्राकृतिक मिठाई है जो खनिज और विटामिन से भरपूर है। इसे रात को भोजन के बाद आपकी मीठा खाने की इच्छा भी पूरी हो जायेगी और अंदर से शरीर की सफाई भी। गुड़ शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकाल देता है जिससे रक्त और त्वचा की सफाई हो जाती है। गुड़ झुर्रियां, काले धब्बे आदि की भी रोकथाम के साथ-साथ त्वचा के रंग को भी निखारने में मदद करता है।
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4. संतरे के छिलके का पाउडर (Orange Peel Powder)- संतरे के छिलकों को पहले छाया में सुखा लें। धूप में सुखाने से इसके सारे तत्व खत्म हो जायेंगे। छाया में सुखाते समय इन पर कोई बारीक कपड़ा भी डाल दें ताकि इन पर धूल मिट्टी ना लगे। सूख जाने पर इनको मिक्सी में पीस लें और बारीक कपड़े में छान लें ताकि कोई कण शरीर पर ना चुभे। यह बेसन की तरह बारीक बन जायेगा। पानी में इस पाउडर के साथ हल्दी पाउडर और बेसन मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर, बाहों पर व अन्य जगह लगाकर अचछी तरह मालिश करें और इसे सूखने दें। सूखने पर पानी से धो लें। इस प्रक्रिया को रोजाना करें। कुछ दिनों बाद त्वचा के रंग में परिवर्तन आने लगेगा। आप संतरे के छिलके के पाउडर में ब्राउन शुगर मिलाकर कुछ बूंदे गुलाब जल की डालकर, अच्छे से मिक्स करके, त्वचा पर लगाकर मालिश कर सकते हैं। बाद में पानी से धो लें। त्वचा में निखार आने लगेगा।
5. गुलाब की पंखुड़ियां (Rose Petals)- गुलाब त्वचा के लिये बहुत उपयोगी और फायदेमंद होता है। बाजार में गुलाब जल भी मिलता है। गुलाब की पंखुड़ियों को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिला लें। फिर इस मिश्रण को त्वचा पर लगाकर अच्छी तरह मलिये। लगभग 10 मिनट मलने के बाद इसे सूखने के लिए छोड़ दीजिए। सूख जाने पर पानी से धो लें। कुछ दिनों बाद त्वचा के रंग में परिवर्तन नजर आने लगेगा।
6. चंदन (Sandal)- चंदन और गुलाब इनका उपयोग प्राचीन काल से ही सौन्दर्य के लिये किया जाता रहा है। आधुनिक युग में भी इनका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादन में किया जाता है, वजह साफ है त्वचा को चमकाना, उसकी रंगत निखारना। चंदन पाउडर में थोड़ी हल्दी पाउडर, दही और बेसन मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपनी त्वचा पर लगाकर छोड़ दें। सूखने पर पानी से धो लें। नियमित तौर पर करने से त्वचा का रंग गोरा होने लगेगा। चंदन पाउडर में आप बेसन और दही के स्थान पर हल्दी पाउडर के साथ 4 बूंद बादाम का तेल भी डालकर पेस्ट बना सकते हैं।
7. खीरा (Cucumber)- खीरा त्वचा का कालापन दूर करने में मदद करता है। इसे फेस पैक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और इसको उबालकर चेहरा भी धो सकते हैं। खीरा को निम्न प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं –
(i) इसका जूस बहुत अच्छे मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है। इसके जूस को स्क्रब में मिलाकर उपयोग कीजिये। चेहरे की सारी गंदगी दूर हो जाएगी। यह स्क्रब मृत कोशिकाओं को हटाकर रोमछिद्रों को साफ करता है। इससे त्वचा में निखार आ जाता है और सांवलापन धीरे-धीरे कम हो जायेगा।
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(ii) खीरा के टुकड़ों को पानी में डालकर उबालिये। उबलते-उबलते जब पानी आधा रह जाये तो इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर इस पानी से चेहरा धो लें।
(iii) खीरा का पेस्ट बनाकर इस्तेमाल करें। पेस्ट बनाने के लिये खीरा के जूस में बेसन मिलाएं और अच्छे से मिक्स करके पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगायें। लगभग 15 मिनट बाद हल्के-हल्के चेहरे की मालिश करें और पानी से धो लें।
(iv) खीरा को काटकर चेहरे पर 15-20 मिनट रगड़िये। यह प्रक्रिया प्रतिदिन कीजिये। चेहरे का रंग गोरा होने लगेगा।
8. टमाटर (Tomatoes)- टमाटर भी त्वचा की रंगत बदलने में उपयोगी है। टमाटर में मौजूद बीटा-कैरोटीन और लाइकोपीन त्वचा को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं और त्वचा की ग्लोइंग में भी मदद करते हैं। टमाटर में पाये जाने वाला लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है। त्वचा के लिये टमाटर का उपयोग निम्न प्रकार कर सकते हैं –
(i) टमाटर के जूस में शहद मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। 15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
(ii) टमाटर के पल्प को निकाल कर इसमें नींबू का रस अच्छे से मिला लें। फिर इस पैक को चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। सूखने के बाद पानी से चेहरा धो लें। बिना नींबू का रस मिलाये भी टमाटर के पल्प को चेहरे पर लगा सकते हैं। 15-20 मिनट बाद सूखने पर चेहरा धो लें।
(iii) टमाटर को काट कर ऐसे ही चेहरे पर 15-20 मिनट तक रगड़ते रहें।
(iv) प्रतिदिन सुबह खाली पेट कच्चे टमाटर के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर, इन पर काला नमक छिड़क कर खायें। कुछ ही दिनों बाद चेहरे पर गोरापन आ जायेगा।
9. दूध की मलाई (Milk Cream)- दोस्तो, दूध की उपयोगिता, इसके फायदे सभी जानते हैं। आयुर्वेद में भी दूध के महत्व को विशेष स्थान दिया गया है। त्वचा के लिये भी दूध अत्यंत फायदेमंद है। दूध को उबालने के बाद जब इसको ठंडा करते हैं तो इसके ऊपर मोटी और गाढ़ी मलाई आती है। यही मलाई त्वचा में निखार लाती है। इस मलाई को अपने चेहरे पर लगायें। नियमित रूप से लगाने पर कुछ ही दिनों में चेहरे के रंग में फर्क नज़र आयेगा।
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10. हल्दी (Turmeric)- हल्दी को औषधीय गुणों का खजाना कहा जाता है। यह त्वचा के लिये विशेष उपयोगी होती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक पदार्थ होता है, जो मेलेनिन के उत्पादन को कम कर देता है। इसी मेलेनिन की मात्रा बढ़ने के कारण त्वचा में कालापन आता है। रंग साफ करने के लिये हल्दी पाउडर में थोड़ा नींबू का रस मिलाएं। शुष्क त्वचा के लिए इसमें थोड़ा नारियल तेल भी मिलाएं। इसे अच्छी तरह मिक्स करके त्वचा पर लगायें। 15-20 मिनट बाद धो लें। रोजाना करने से त्वचा का रंग बदलने लगेगा।
11. केला (Banana)- केले के उपयोग भी त्वचा का रंग गोरा हो सकता है। इसके लिये पके हुऐ केले को अच्छे से मसल लें फिर इसमें दूध की मलाई और थोड़ा सा हल्दी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलायें। इस पेस्ट को त्वचा पर लगा कर 10-15 मिनट मालिश करें। ऐसा नियमित करने से त्वचा गोरा हो जायेगा।
12. कच्चा पपीता (Raw Papaya)- दोस्तो, पपीता का इस्तेमाल खाने के अतिरिक्त फेस पैक के रूप में भी किया जा सकता है जो त्वचा के रंग को निखारने में फायदेमंद है। पपीता में त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का भी गुण होता है। इसके फेस पैक से त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं और कील-मुंहासे, काले दाग धब्बों से भी छुटकारा मिल जाता है और त्वचा का रंग भी गोरा हो जायेगा। फेस पैक बनाने के लिये कच्चे पपीते के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर बारीक पीस लें, फिर इसे त्वचा पर लगायें।
13. बेसन, हल्दी और दही (Besan, Turmeric and Yogurt)- बेसन, हल्दी और दही इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर त्वचा पर लगाएं और स्क्रब करें और सूखने दें। इससे त्वचा के रोम छिद्र खुल जायेंगे। 15-20 मिनट बाद पानी से धो लें। त्वचा में निखार आ जायेगा और गोरी दिखने लगेगी।
14. मैदा (Maida)- मैदा त्वचा के अंदर जाकर रोम छिद्रों की सफाई करता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। इसका फेस पैक त्वचा के लिये बेहतरीन विकल्प है। मैदा का फेस पैक बनाने के लिये टमाटर, दही, शहद और मिल्क पाउडर या दूध का इस्तेमाल करें। इनको अच्छी तरह मिक्स कर लें और त्वचा पर लगायें। जब यह पूरी तरह सूख जाये तो पानी से धो लें।
15. मुलेठी (Muleti)- मुलेठी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सक्षम है। यह चेहरे के दाग, धब्बे, आंखों के आसपास के काली झाइयां आदि को दूर करती है और त्वचा को गोरा बनाने में मदद करती है। मुलेठी पाउडर बाजार से लेकर इसका पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाएं। सूखने पर त्वचा को पानी से धो लें। यह पेस्ट त्वचा में मेलानिन बनने की गति को कम करता है जिसके कारण त्वचा में सांवलापन आता है।
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16. मुल्तानी मिट्टी (Multani Mitti)- दोस्तो, मुल्तानी मिट्टी केवल मिट्टी ही नहीं बल्कि यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जो त्वचा के स्वास्थ के लिये सर्वोत्तम है। इसका उपयोग सदियों से होता चला आ रहा है। मुल्तानी मिट्टी त्वचा में ग्लो बनाये रखने के लिये बहुत कारगर है। इसकी मदद से त्वचा में निखार ला सकते हैं। पानी में मुल्तानी मिट्टी पाउडर के साथ एलोवेरा और बेसन मिला कर अपनी त्वचा पर लगायें। या मुल्तानी मिट्टी पाउडर में, चंदन पाउडर और एक चौथाई (1/4) चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर, पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगायें। पर ध्यान रहे, अपनी आँखें और मुंह को बचाकर रखें। इसके सूख जाने पर गुनगुने पानी से धो लें। इससे त्वचा के रोम छिद्र खुल जायेंगे, त्वचा निखर उठेगी और रंग भी बदलने लगेगा।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको गोरा होने के उपाय घरेलू उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी दी। त्वचा का रंग कैसे बनता है, त्वचा का कालापन क्या है, त्वचा के कालेपन के कारण क्या होते हैं, अलग-अलग स्थानों पर त्वचा का रंग अलग क्यों होता है, भारत के लोगों का रंग अलग-अलग क्यों है, इन सब के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से यह बताया कि क्या रंग परिवर्तन संभव है और गोरा होने के बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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