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धातु रोग का घरेलू उपाय – Home Remedy of semen in Hindi

धातु रोग का घरेलू उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, अक्सर, कुछ नवयुवकों में यहां तक कि विवाहित युवक पुरुषों में एक समस्या हो जाया करती है कि जब चाहे जब उनका अंदर का कपड़ा यानी अंडरवियर आप ही आप गीला हो जाता है। मूत्रविसर्जन को गये या मल त्याग को गये तो पता चला कि उनका अंडरवियर पहले से ही गीला-गीला और चिपचिपा है। कहीं सफर पर जा रहे हैं तो गीला हो गया या बैठे-बैठे ही गीलापन आ गया। सुबह जब सोकर उठे तो अंडरवियर फिर गीला मिला जब कि कोई सपना भी नहीं देखा था। आखिर यह गीलापन है क्या और क्यों होता है। दोस्तो, हम स्वपनदोष की बात नहीं कर रहे, हमारा टारगेट कुछ और है। हम बात कर रहे हैं वीर्य के रिसाव की जो अपने आप ही मल-मूत्र के जरिये बाहर निकलता रहता है। इसे धातु या धात रोग यानी वीर्यपात (Spermatorrhea) कहा जाता है। आखिर इसके बेवजह रिसाव को कैसे रोका जाये। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “धातु रोग का घरेलू उपाय”।  देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको धातु रोग यानी धात रोग के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इससे राहत पाने के देसी उपाय क्या हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि धातु रोग क्या है। 

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धातु रोग का घरेलू उपाय
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धातु रोग क्या है? – What is Semen Disease

दोस्तो, आयुर्वेद इसे “शुक्राणुशोथ” (Spermatitis) कहता है। शरीर में “वात दोष” (वायु तत्व) और “पित्त दोष” (अग्नि तत्व) की गतिविधि में तीव्रता आ जाने पर यह शुक्राणुशोथ होता है। चिकित्सा विज्ञान इसे कोई रोग या विकार नहीं मानता। जब रोग नहीं तो उपचार भी नहीं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, वीर्य का शरीर से निकलना एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है। यदि वीर्य को सेक्स के द्वारा या हस्तमैथुन के द्वारा ना निकाला जाये और ना ही स्वपनदोष हो जिसके जरिये यह बाहर निकल सके, तो ऐसी स्थिति में वीर्य स्वयं ही बाहर निकलने का रास्ता/विकल्प ढूंड लेता है। ऐसी स्थिति में वीर्य मल-मूत्र में या मूत्र से पहले या रात को सोते समय अपने आप बिना किसी स्वपन के, निकल जाता है या रिसाव होता रहता है। इसी स्थिति को आम भाषा में अनावश्यक वीर्यपात (वीर्य रिसाव), धातुरोग या धात रोग कहा जाता है। 

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वीर्यपात होना क्यों जरूरी है – Why Ejaculation is Important

चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार जैसे शरीर से पसीना निकलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है उसे रोका नहीं जा सकता, मल-मूत्र को रोका नहीं जा सकता इनको बाहर निकलना ही होगा अन्यथा शरीर में बीमारियां बनेंगी, उसी प्रकार वीर्य का बाहर निकलना भी अति आवश्यक है जिसका माध्यम है सेक्स करना या हस्तमैथुन करना। यदि आप सेक्स नहीं करते और ना ही आपको स्वपनदोष होता है तो हस्तमैथुन ही एकमात्र उपाय है वीर्य को बाहर निकालने का। चिकित्सा वैज्ञानिक हस्तमैथुन को गलत या बुरा नहीं मानते बल्कि एक अच्छा और अनिवार्य विकल्प मानते हैं। इनके अनुसार यदि आप अपनी यौन इच्छाओं को दबाएंगे या यौन क्रिया नहीं करेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। तनाव, अवसाद (Depression) या कोई अन्य मानसिक या शारीरिक विकार हो सकता है। इसलिये वीर्यपात होना या करना आवश्यक है। 

धातु रोग के कारण – Cause of Semen Disease

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1. दोस्तो, वीर्यपात या रिसाव का मल-मूत्र के जरिये होने का सबसे बड़ा कारण है सेक्स ना करना, हस्तमैथुन ना करना या स्वपनदोष भी ना हो पाना। इसके अतिरिक्त ये भी कारण हो सकते हैं –

2. बहुत ज्यादा हस्तमैथुन या सेक्स करना। इससे दिमाग में यौन संबंधी विचार रहते हैं जो वीर्य को अपने आप बाहर निकलने को बाध्य करते हैं। 

3. मूत्र निकास मार्ग में कोई समस्या होना। 

4. मूत्र और जननांग से संबंधित समस्या।

5. पाचन-तंत्र की समस्या।

6. मलाशय संबंधी समस्या जैसे बवासीर, एनल फिशर आदि।

7. त्वचा में फोड़े-फुंसी आदि भी धातु रोग की वजह हो सकते हैं।

8. रात में ही अश्लील साहित्य पढ़ना, पोर्न वीडियो देखना, सेक्स चैटिंग करना या फोन पर सैक्स की बातें करना। 

धातु रोग का लक्षण – Symptom of Semen Disease

1. कमर में दर्द होना।

2. टांगों, विशेषकर पिण्डलियों में दर्द।

3. शरीर में कमजोरी, थकावट महसूस करना।

4. चक्कर आना।

5. हथेलियों और तलवों का गर्म और नम होना।

6. रात में पसीना आना या ठंड लगना।

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7. अवसाद (Depression)

8. सुस्त और उदासीन आंखें।

9. जननांग क्षेत्र के आसपास खुजली या जलन।

10. अंडकोष संबंधी परेशानी या दर्द।

धातु रोग का घरेलू उपाय – Home Remedy of semen 

मूल उपाय – Basic Treatment

जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव करें –

1. संतुलित और पौष्टिक आहार (Balanced and Nutritious Diet)- कहते हैं  आचार, विचार और व्यवहार का आधार है “आहार”। जैसा आपका भोजन होगा वैसे आपके विचार होंगे और विचारों के अनुरूप आपका स्वभाव और व्यवहार होगा और आपकी क्रियाऐं, प्रतिक्रियाएं होंगी। आपका भोजन अधिकतर सात्विक होना चाहिये और प्रोटीन, खनिज, विटामिन युक्त पौष्टिक भोजन होना चाहिये। अपने भोजन में ताजा फलों और ताजा सब्जियों को शामिल करें। रात का भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिये।

2. सुबह जल्दी उठें (Get up Early)- अक्सर वीर्य का निकलना सुबह के समय होता है इसलिये सुबह जल्दी उठकर, नित्यकर्म से निवृत होकर सुबह की सैर पर जायें। व्यायाम करें। वापस आकर, स्नान करने के बाद अपने धर्म के अनुसार पूजा आदि करें। इससे मन और मस्तिष्क शांत रहेंगे और विचार भी शुद्ध होंगे।

3. ध्यान, प्राणायाम, योगा करें (Do Meditation, Pranayama, Yoga)-  प्राणायाम में अनुलोम-विलोम और योगा में कपालभाति गोमुखासन, सर्वांगासन, भुजंगासन, उत्तानपादासन, सेतुबंधासन से लाभ होगा। 

4. अच्छी पुस्तकें पढ़ें (Read Good Books)- रात को सोने से पहली अच्छी पुस्तकें पढ़ें। यदि धार्मिक पुस्तकों में रुचि नहीं है तो अपने रुचि अनुसार पुस्तक पढ़ें। इनमें आपके व्यवसाय से जुड़ी  पुस्तकें हो सकती हैं इनसे आपकी जानकारी बढ़ेगी। महापुरुषों की जीवनी पढ़ें, महान वैज्ञानिकों, आविष्कारकों, अन्वेषणकर्ताओं, खिलाड़ियों के बारे में पढ़ें।   

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5. यौन क्रियाऐं करें (Have sex)- अपने जीवन साथी के साथ यौन क्रियाऐं करें, सेक्स करें। यदि सेक्स के लिये साथी नहीं है तो हस्तमैथुन करें। चिकित्सा विज्ञान इसे यह बुरा नहीं बल्कि अच्छा और जरूरी मानता है। इससे समय-समय पर वीर्य रिलीज़ होता रहेगा। इससे अनावश्यक रूप से अपने आप वीर्य का मल-मूत्र के जरिये रिसना बंद हो जायेगा। पर याद रहे कि हद से ज्यादा हस्तमैथुन करने से नुकसान भी हो सकता है।

अन्य उपाय – Others Treatment

1. ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits)- 11 किशमिश, 9 बादाम, 5 काजू ,  7 खजूर और 3 अखरोट, रात को पानी में भिगो दें ताकि सुबह तक इन सभी की गर्म तासीर ठंडी हो जाये। अगले दिन सुबह, खजूर की गुठली निकाल दें, बादाम का छिलका उतार इन सभी पांच वस्तुओं को मिक्सी में डालकर पीस लें। फिर इसमें एक गिलास दूध मिलाकर हल्का सा उबाल लें। थोड़ा ठंडा करके, गुनगुना रहना चाहिये, पी लें। इससे वीर्य गाढ़ा होगा और अपने आप इसका होने वाला रिसाव रुक जायेगा।

2. तुलसी के बीज (Seed of Tulsi)- दोपहर के भोजन के पश्चात, 3,4 ग्राम तुलसी के बीज और थोड़ी सी मिश्री इन दोनों को मिलाकर खायें। इससे अपने आप वीर्यपात की समस्या से राहत मिलेगी। 

3. आँवला (Amla)- धातु के रिसाव को रोकने के लिये रोजाना, सुबह खाली पेट दो चम्मच आँवला के जूस में आधा चम्मच शहद के मिलाकर पीयें। या आँवला के चूर्ण को सुबह और शाम दूध के साथ लें। इससे वीर्य गाढ़ा होगा और अपने आप निकलने पर भी रोक लग जायेगी। 

4. गिलोय (Giloy)- प्रतिदिन दो चम्मच गिलोय के जूस में एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें। धातु पतन में जल्दी ही आराम लगेगा। 

5. सफ़ेद मुसली (Safed Musli)- 10 ग्राम सफ़ेद मुसली के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खायें और फिर गाय का दूध पी लें। इससे शारीरिक शक्ति, यौन क्षमता में इजाफा होगा और रोगों से लड़ने के लिये रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ेगी और साथ ही धातु संबंधी समस्या भी दूर हो जायेगी। 

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6. जामुन की गुठली (Berries Kernels)-  जामुन की गुठलियों को धूप में सुखा लें। सुखाने के लिये इनके ऊपर कोई बारीक कपड़ा  डाल दें ताकि इन पर धूल मिट्टी ना लगे।  जामुन की गुठलियों का पाउडर बना लें और उसे रोज दूध के साथ खायें। इसका सेवन करने पर कुछ हफ़्तों में ही धात गिरनी बंद हो जायेगी

7. उड़द की दाल (Urad Dal)- उड़द की दाल को, रात को पानी में भिगोकर रख दें, सुबह इसे पीसकर, इसमें खांड में मिलाकर भून लें। फिर इसका सेवन करें बहुत जल्दी धातु की समस्या में आराम लगेगा।

8. खजूर, दूध और गुड़ (Dates, Milk and Jaggery)- रोजाना खजूर दूध के साथ खायें और थोड़ा सा गुड़ भी खाये। यह बहुत छोटा सा और सरल उपाय है धातु की समस्या से हमेशा के लिये छुटकारा पाने का।

9. सौ ग्राम अदरक आधा लीटर दूध में डालकर धीमी आग पर अच्छे से उबालें।  फिर इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर पीयें।  धातु की समस्या में इसे एक अच्छा उपाय माना जाता है। 

10. बादाम (Almond)- बादाम को शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिये जाना जाता है परन्तु इसका उपयोग यौन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी किया जाता है। विशेषकर धातु के रिसाव की समस्या में इसका सेवन बेहद फायदेमंद है। रात को चार, पांच बादाम पानी में भिगो दें। सुबह इनको छीलकर, पीसकर गुनगुने दूध में मिला लें और एक चम्मच शहद भी दूध में मिलाकर पीयें। 

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11. अजमोद (Parsley)- अजमोद एक पौधा है जो देखने में धनिआ की तरह लगता है। इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसमें कैल्शियम, सोडियम, कॉपर, मैग्नीशियम,  आयरन, जिंक, पोटेशियम जैसे खनिज, फैटी एसिड और विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-डी, विटामिन-बी6, विटामिन-बी 12 और विटामिन-के जैसे विटामिन मौजूद होते हैं। इसके अतिरिक्त  इसमें थियामीन, रिबोफ़्लिविन, फोलिक एसिड और फाइबर भी होते हैं। रात को सोने से पहले अजमोद की पत्तियों का जूस निकाल कर पीयें। 

12. दही और फल (Yogurt and Fruit)- शरीरिक शक्ति बढ़ाने और धातु के, विशेषतौर पर स्वप्नदोष के माध्यम से निकलने से रोकने के लिये प्रतिदिन दो या तीन कप दही खायें और तरबूज, एवोकाडो, कीवी जैसे फलों का सेवन करें।

कुछ सावधानियां – Some Precautions

1. जननांगों की अच्छी तरह सफाई रखें।

2. बिस्तर बहुत मुलायम गद्देदार नहीं होना चाहिये। सख्त गद्दा हो तो ज्यादा अच्छा है।

3. सोने से पहले पानी ना पीयें।

4. सोने से पहले मूत्र विसर्जन कर लें।

5. सोते समय टाइट अंडरवियर या टाइट कपड़े न पहनें।

6. यदि कब्ज की समस्या है तो इसका उपचार करवायें।

7. तीखा, तेज मिर्च मसाले वाला भोजन करने से बचें।

8. अधिक शराब व कैफीन के सेवन से बचें।

9. धूम्रपान, गुटका, खैनी, ड्रग्स का सेवन ना करें।

10. अश्लील साहित्य ना पढ़ें।

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11. पोर्न ऑडियो, वीडियो से दूर रहें। ऐसे दोस्तों से भी दूर रहें जो इन सबके लिये उकसाते हैं।

12. रात को हल्का भोजन करें।  

13. ठंडे पानी से नहायें। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको धातु रोग का घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको विस्तारपूर्वक बताया कि धातु रोग क्या है, वीर्यपात होना क्यों जरूरी है, धातु रोग के कारण क्या होते हैं, इसके लक्षण क्या होते हैं और धातु रोग से राहत पाने के देसी उपाय क्या हैं। धातु रोग ना हो इसके लिये कुछ सावधानियां भी बताईं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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